"लीलावती": अवतरणों में अंतर

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==वर्ण्यविषय==
लीलावती में १३ अध्याय हैं जिनमें निम्नलिखित विषयों का समावेषसमावेश है-
 
१. परिभाषा
 
२. परिकर्म-अष्टक
२. '''परिकर्म-अष्टक''' ( संकलन (जोड़) , व्यवकलन (घटाना) , गुणन (गुणा करना) , भाग (भाग करना) , वर्ग (वर्ग करना) , वर्ग मूल (वर्ग मूल निकालना) , घन (घन करना) , घन मूल (घन मूल निकालना))
 
३. भिन्न-परिकर्म-अष्टक
 
४. शून्य-परिकर्म-अष्टक
 
५. प्रकीर्णक
 
६. मिश्रक-व्यवहार
६. मिश्रक-व्यवहार - इसमें [[ब्याज]], स्वर्ण की मिलावत आदि से सम्नधित प्रश्न आते हैं।
 
७. श्रेढी-व्यवहार
 
८. क्षेत्र-व्यवहार
 
९. खात-व्यवहार
 
१०. चिति-व्यवहार
 
११. क्रकच-व्यवहार
 
१२. राशि-व्यवहार
 
१३. छाया-व्यवहार
 
१४. [[कुट्टक]]
 
१५. अङ्क-पाश