"मलाला युसुफ़ज़ई": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox person
|name = मलाला युसुफजईयुसुफ़ज़ई <br> ملاله یوسفزۍ
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|birth_date = १९९७ (उम्र १५)<ref name="CBCuk">{{cite news|author=The Associated Press |url=http://www.cbc.ca/news/world/story/2012/10/19/malala-yousufzai-hospital-united-kingdom.html |title=Pakistani girl shot by Taliban able to stand, doctors say |publisher=Canadian Broadcasting Corporation |date=1997-07-12 |accessdate=2012-10-19}}</ref><ref name=NPRNews>{{cite news|last=Memmot|first=Mark|title=Taliban Say They Shot Teenaged Pakistani Girl Who Exposed Their Cruelty|url=http://www.npr.org/blogs/thetwo-way/2012/10/09/162573135/taliban-say-they-shot-14-year-old-pakistani-girl-who-exposed-their-cruelty|accessdate=15 October 2012|newspaper=NPR|date=9 October 2012}}</ref>
|birth_date = 1998 (उम्र 14)
|home_town = मिंगोरा,<br> [[खैबर पख़्तूनख़्वाह]], [[पाकिस्तान]]
|nationality = [[पाकिस्तानी लोग|पाकिस्तानी ]]
|religion = [[इस्लाम]]
|other_names = गुल मकई
| parents = जियाउद्दीनज़ियाउद्दीन युसुफजईयुसुफ़ज़ई (पिता)
| awards = [[अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार]] <br>पाकिस्तान का [[राष्ट्रीय मलाला शांति पुरस्कार|राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार]] <small>(2011)</small>
|known_for =[[महिला अधिकार]] कार्यकर्ता, [[शिक्षाविद्]]
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|ethnicity =[[पश्तून लोग|पश्तून]]<ref>{{cite web|last="Orbala"|title=Praying for Malala Yusufzai, a Pashtun Symbol of Hope and Courage|publisher=Safeworld International Foundation| date=10 October 2012|url=http://www.asafeworldforwomen.org/about/safe-world-blogs/orbala/3122-praying-for-malala.html|accessdate =12 October 2012}}</ref>
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'''मलाला युसुफ़ज़ई''' ([[पश्तो भाषा|पश्तो]]: ملاله یوسفزۍ जनम: १९९७)<ref name="CBCuk"/> को बच्चों के अधिकारों की कार्यकर्ता होने के लिए जाना जाता है। मलाला का जन्म 1998,में पाकिस्तान के खैबर पख़्तूनख़्वाह प्रान्त के स्वात जिले में हुआ वह मिंगोरा शहर में एक आठवीं कक्षा की छात्रा है। <ref>{{cite news|url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/7834402.stm|title=Diary of a Pakistani schoolgirl|publisher=BBC News|date=19 January 2009}}</ref><ref>{{cite news|url=http://www.bbc.co.uk/news/world-asia-15879282|title=Pakistani girl, 13, praised for blog under Taliban|publisher=BBC News|date=24 Nov. 2011}}</ref> 13 साल की उम्र में ही वह तहरीक-ए-तालिबान शासन के अत्याचारों के बारे में एक छद्म नाम के तहत बीबीसी के लिए ब्लॉगिंग द्वारा स्वात के लोगों में नायका बन गयी। अंतरराष्ट्रीय बच्चों की वकालत करने वाले समूह किड्स राइट्स फाउंडेशन ने युसुफजई को अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार के लिए प्रत्याशियों में शामिल किया , वह पहली पाकिस्तानी लड़की थी जिसे इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया। दक्षिण अफ्रीका के नोबेल पुरस्कार विजेता देस्मुंड टूटू एम्स्टर्डम ने हॉलैंड में एक समारोह के दौरान २०११ के इस नामांकन की घोषणा की, लेकिन युसुफजई यह पुरस्कार नहीं जीत सकी और यह पुरस्कार दक्षिण अफ़रीक़ा की 17 वर्षीय लड़की ने जीत लिया यह पुरस्कार बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था हर साल एक लड़की को देती है। <ref>{{cite news|url=http://paktribune.com/news/Swat-girl-falls-short-of-getting-world-peace-prize-245347.html|title=Swat girl falls short of getting world peace prize|date=24 Nov. 2011|publisher=[[PakTribune]]}}</ref>
मलाला ने तालिबान के फरमान के बावजूद लड़कियों को शिक्षित करने का अभियान चला रखा है। तालिबान आतंकी इसी बात से नाराज होकर उसे अपनी हिट लिस्‍ट में ले चुके थे। अक्टूबर 2012 में, मंगलवार को दिन में करीब सवा 12 बजे स्वात घाटी के कस्बे मिंगोरा में स्‍कूल से लौटते वक्‍त उस पर आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले की जिम्‍मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली।<ref>http://www.guardian.co.uk/world/2012/oct/09/pakistan-girl-shot-activism-swat-taliban</ref>
 
==बाल्यावस्था==
मलाला युसुफजई मिंगोरा, जो स्वात का मुख्य शहर है, में रहती है। मिंगोरा पर तालिबान ने मार्च 2009 से मई 2009 तक कब्जा कर रखा था, जब तक की पाकिस्तानी सेना ने क्षेत्र का नियंत्रण हासिल करने के लिए अभियान शुरू किया। संघर्ष के दौरान वह छद्म नाम "गुल मकई" के तहत बीबीसी के लिए एक डायरी लिखी, जिसमें उसने स्वात में तालिबान के कुकृत्यों का वर्णन किया था। <ref>{{cite news|url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/7834402.stm|title=Diary of a Pakistani schoolgirl|publisher=BBC News|date=19 January 2009}}</ref>11 साल की उम्र में ही मलाला ने डायरी लिखनी शुरू कर दी थी। वर्ष 2009 में बीबीसी ऊर्द के लिए डायरी लिख मलाला पहली बार दुनिया की नजर में आई थी। गुल मकई नाम से मलाला ने अपने दर्द को डायरी में बयां किया।<ref>{{cite news|url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/7834402.stm|title=Diary of a Pakistani schoolgirl|publisher=BBC News|date=19 January 2009}}</ref> डायरी लिखने की शौकीन मलाला ने अपनी डायरी में लिखा था, 'आज स्कूल का आखिरी दिन था इसलिए हमने मैदान पर कुछ ज्‍यादा देर खेलने का फ़ैसला किया। मेरा मानना है कि एक दिन स्कूल खुलेगा लेकिन जाते समय मैंने स्कूल की इमारत को इस तरह देखा जैसे मैं यहां फिर कभी नहीं आऊंगी।' जब स्‍वात में तालिबान का आतंक कम हुआ तो मलाला की पहचान दुनिया के सामने आई और उसे बहादुरी के लिए अवार्ड से नवाजा गया। इसी के साथ वह इंटरनेशनल चिल्‍डेन पीस अवार्ड के लिए भी नामित हुई। मलाला ने ब्लॉग और मीडिया में तालिबान की ज्यादतियों के बारे में जब से लिखना शुरू किया तब से उसे कई बार धमकियां मिलीं। मलाला ने तालिबान के कट्टर फरमानों से जुड़ी दर्दनाक दास्तानों को महज 11 साल की उम्र में अपनी कलम के जरिए लोगों के सामने लाने का काम किया था। मलाला उन पीड़ित लड़कियों में से है जो तालिबान के फरमान के कारण लंबे समय तक स्कूल जाने से वंचित रहीं। तीन साल पहले स्वात घाटी में तालिबान ने लड़कियों के स्कूल जाने पर पाबंदी लगा दी थी। लड़कियों को टीवी कार्यक्रम देखने की भी मनाही थी।‍ स्वात घाटी में तालिबानियों का कब्‍जा था और स्‍कूल से लेकर कई चीजों पर पाबंदी थी। मलाला भी इसकी शिकार हुई। लेकिन अपनी डायरी के माध्‍यम से मलाला ने क्षेत्र के लोगों को न सिर्फ जागरुक किया बल्कि तालिबान के खिलाफ खड़ा भी किया। तालिबान ने वर्ष 2007 में स्‍वात को अपने कब्‍जे में ले लिया था। और लगातार कब्‍जे में रखा। तालिबानियों ने लड़कियों के स्‍कूल बंद कर दिए थे। कार में म्‍यूजिक से लेकर सड़क पर खेलने तक पर पाबंदी लगा दी गई थी। उस दौर के अपने अनुभवों के आधार पर इस लड़की ने बीबीसी उर्दू सेवा के लिए जनवरी, 2009 में एक डायरी लिखी थी। इसमें उसने जिक्र किया था कि टीवी देखने पर रोक के चलते वह अपना पसंदीदा भारतीय सीरियल '''राजा की आएगी बारात''' नहीं देख पाती थी।<ref>http://www.bhaskar.com/article/INT-taliban-gun-down-girl-who-spoke-up-for-rights-3904692-PHO.html?seq=6&RHS-pasandeeda_khabaren=</ref>
==पुरस्कार एवंऔर सम्मान ==
अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों में शांति को बढ़ावा देने के लिए उसे साहसी और उत्कृष्ट सेवाओं के लिए, उसे पहली बार 19 दिसम्बर 2011 को पाकिस्तानी सरकार द्वारा 'पाकिस्तान का पहला युवाओं के लिए '''राष्ट्रीय शांति पुरस्कार''' मलाला युसुफजई को मिला था।<ref>{{cite web |url=http://tribune.com.pk/story/309285/national-peace-prize-to-be-named-after-malala-yousafzai-gilani/ |title=National peace prize named after Malala Yousafzai |last=Khan |first=Sumera |date=20 December 2011 |publisher=The Express Tribune News Network with the International Herald Tribune |accessdate=6 January 2012}}</ref> मीडिया के सामने बाद में बोलते हुए,उसने शिक्षा पर केन्द्रित एक राजनितिक दल बनाने का इरादा रखा। सरकारी गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल, मिशन रोड, को तुरंत उसके सम्मान में मलाला युसुफजई सरकारी गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल नाम दिया गया।<ref>{{cite web |url=http://www.dawn.com/2012/01/04/school-named-after-malala.html |title=Malala in the House, plans to launch political party |date=4 January 2012 |publisher=The Dawn Media Group |accessdate=6 January 2012}}</ref>
वर्ष 2009 में न्‍यूयार्क टाइम्‍स ने मलाला पर एक फिल्‍म भी बनाई थी। स्‍वात में तालिबान का आतंक और महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध विषय पर बनी इस फिल्‍म के दौरान मलाला खुद को रोक नहीं पाई और कैमरे के सामने ही रोने लगी। मलाला डॉक्‍टर बनने का सपना देख रही थी और तालिबानियों ने उसे अपना निशाना बना दिया। उस दौरान दो सौ लड़कियों के स्‍कूल को तालिबान से ढहा दिया था। वर्ष 2009 में तालिबान ने साफ कहा था कि 15 जनवरी के बाद एक भी लड़की स्‍कूल नहीं जाएगी। यदि कोई इस फतवे को मानने से इंकार करता है तो अपनी मौत के लिए वह खुद जिम्‍मेदार होगी।<ref>http://www.bhaskar.com/article/INT-taliban-gun-down-girl-who-spoke-up-for-rights-3904692-PHO.html?seq=11&RHS-pasandeeda_khabaren=</ref>
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*{{cite web | url=http://www.washingtonpost.com/blogs/blogpost/post/interview-with-education-activist-shot-by-taliban-video/2012/10/09/9bb912aa-1211-11e2-a16b-2c110031514a_blog.html | title=Interview with 14-year-old Malala Yousafzai who was shot by Taliban (video) |}} (Article with link to New York Times film from 2009 featuring Malala, in English)
*{{cite web | url=http://www.bbc.co.uk/news/world-south-asia-14420886 | title=After the Taliban: Swat women on changing life |}} {BBC piece from 2011 with quote from Malala)
 
==सन्दर्भ==
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[[श्रेणी: 1998 के जन्म]]