[[चित्र:Bankim.jpg|right | thumb | '''वन्दे मातरम्''' के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय]]
आधुनिक युग में [[बंगला साहित्य]] का उत्थान उन्नीसवीं सदी के मध्य से शुरु हुआ। इसमें [[राजा राम मोहन राय]], [[ईशवर चन्द्र विद्यासागर]], [[परिचन्द्र मित्रा]], [[माईकल मदसूदन दत्त]], '''बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय''' ([[बांग्ला]] বঙ্কিমচন্দ্র চট্টোপাধ্যায় ''बॉङ्किम्चॉन्द्रो चॉट्टोपाद्धैय्''), रवीन्द्र नाथ टेगोर ने अग्रणी भूमिका निभायी। इसके पहले बंगाल के साहित्यकार बंगला की जगह [[संस्कृत]] या अंग्रेजी में लिखना पसन्द करते थे। बंगला साहित्य में जनमानस तक पैंठ बनाने वालों मे शायद बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय पहले साहित्यकार थे।