"आर्द्रा": अवतरणों में अंतर
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आकाशमंडल में आर्द्रा नक्षत्र छटा है। यह राहू का नक्षत्र है व मिथुन राशि में आता है। आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी राहू है व इसकी दशा 18 वर्ष की होती हैं, लेकिन मिथनु राशि पर 5 माह 12 दिन से 18 वर्ष तक चंद्र की स्थितिनुसार दशा जन्म के समय भोगना पड़ती है।
इसके बाद ही ज्ञान के कारक गुरु की दशा लगती है, जो पूरे 16 वर्ष भोगना पड़ती है। किसी भी जातक का जन्म जिस नक्षत्र में होता है। उस नक्षत्र के स्वामी का प्रभाव उसके जीवन पर अवश्य देखा जाता है। आर्द्रा नक्षत्र व मिथुन राशि पर जन्में जातक को राहू व बुध का जीवन
भर प्रभाव रहेगा। वहीं गुरु का भी महत्व उसके जीवन में देखने को मिलेगा।
इस नक्षत्र में जन्में जातक चंचल स्वभाव के हँसमुख, अभिमानी, दुःख पाने वाले, बुरे विचारों वाले व्यसनी भी होते है। राहू की स्थितिनुसार फल भी मिलता है। मेष लग्न हो राहू लग्न में आर्द्रा नक्षत्र का हो तो ऐसा जातक राजनीति में पराक्रमी, चतुर चालक अपने विरोधियों को परास्त करने वाला, शत्रुहंता होता है। ऐसा जातक अत्यन्त सेक्सी होता है। वृषभ तथा मिथुन का राहू इस लग्न में वाणी से चतुर बनाएगा, शत्रुहंता भी होगा|
==देखिये==
*[[नक्षत्र|नक्षत्र सूची]]
[[श्रेणी:नक्षत्र]]
▲[[श्रेणी: नक्षत्र]]
[[be:Ардхара, каляндар Бхарація]]
[[be-x-old:Ардхара (каляндар Бхарація)]]
[[en:Ardra (nakshatra)]]
[[ml:തിരുവാതിര (നാൾ)]]
[[pl:Ardra (nakszatra)]]
[[sa:आर्द्रा]]
[[zh:阿陀罗]]
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