"इन्द्रिय": अवतरणों में अंतर

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उक्त वायुकोषों तक प्राणायाम द्वारा प्राणवायु मिलने से कोशिकाओं की रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ जाती है, नए रक्त का निर्माण होता है और सभी नाड़ियाँ हरकत में आने लगती हैं। छोटे-छोटे नए टिश्यू बनने लगते हैं। उनकी वजह से चमड़ी और त्वचा में निखार और तरोताजापन आने लगता है।
 
* तो सभी तरह के प्राणायाम को नियमित करना आवश्यक है।
 
मौन ध्यान :