"ईरानी भाषा परिवार": अवतरणों में अंतर
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'''ईरानी भाषाएँ''' [[हिन्द-ईरानी भाषा परिवार]] की एक उपशाखा हैं। ध्यान रहे कि हिन्द-ईरानी भाषाएँ स्वयं [[हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार]] की एक उपशाखा हैं। आधुनिक युग में विश्व में लगभग १५-२० करोड़ लोग किसी ईरानी भाषा को अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं और ऍथ़नॉलॉग भाषाकोष में सन् २०११ तक ८७ ईरानी भाषाएँ दर्ज थीं।<ref name="ref10xicub">[http://books.google.com/books?id=CvOHPwAACAAJ The Iranian languages], Gernot Windfuhr, Routledge, 2009, ISBN
==विवरण==
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मध्य ईरानी के दो समुदाय हैं:
* '''पश्चिमी मध्य ईरानी''' को पहलवी कहते हैं। इस शब्द का संबंध पहलवीक् जाति से समझा जाता है। यह सासानी साम्राज्य (226 ई.पू.-652 ई.) की राजभाषा थी और इसमें लिखित बहुत से धार्मिक तथा अन्य ग्रंथ मिलते हैं। इनकी लिपि अरमीनी से प्रभूत तथा प्रभावित मालूम होती है। मध्य ईरानी की कई भाषाओं के अभिलेख भाषाओं के अभिलेख और पुस्तकें अभी 50-60 वर्ष पूर्व तुर्फ़ान (पूर्वी तुर्किस्तान) में प्राप्त हुई हैं। इनमें [[पार्थिया|पारथी भाषा]] उल्लेखनीय है। मध्यकालीन फारसी भी इसी समुदाय की है। इसमें सासानी बादशाहों के अभिलेख मिलते हैं। यही भाषा पज़ंद नाम से अवेस्ती धर्म की पुस्तकों के लिए भी प्रयोग में आई है।
* '''पूर्वी मध्य ईरानी''' में पूर्वी तुर्किस्तान में प्राप्त हुए साहित्य की भाषाएँ हैं। इनमें [[बुख़ारा]] और [[समरकंद]] के क्षेत्र की प्राचीन भाषा [[सोग़दा|सोग़दी]] है जो एशिया के मध्यवर्ती विस्तृत क्षेत्र की भाषा रही होगी। यह [[मंगोलिया]] से लेकर [[तिब्बत]] के सीमाप्रांत तक फैली हुई थी। इसमें [[बौद्ध धर्म|बौद्ध धर्मग्रंथ]] (बहुधा [[चीनी भाषा]] से अनूदित), ईसाई धर्मग्रंथ (सीरीयाई भाषा से अनूदित तथा मौलिक) और मनीची ग्रंथ मिलते हैं। सबसे पुराने ग्रंथों का समय ईसवी चौथी शती होगा। सोग्दी के अतिरिक्त इस समुदाय की दूसरी महत्व की भाषा खोतानी है। इसे 'शक' भी कहते हैं। इसमें बहुत से धर्मग्रंथ आठवीं से 10वीं शती के लिखे हुए प्राप्त हुए हैं। इनमें बहुत से बौद्धधर्म संबंधी हैं। लिपि सबकी [[ब्राह्मी लिपि|ब्राह्मी]] है और शब्दावली में [[प्राकृत]] के बहुत से शब्द मिलते हैं।
आधुनिक ईरानी की सबसे महत्वपूर्ण भाषा [[फ़ारसी]] है। यह [[अरबी-फ़ारसी लिपि]] में लिखी जाती है। यह [[अफ़्ग़ानिस्तान]] से लेकर पश्चिम के काफी बड़े भूप्रदेश में संस्कृति की प्रतिनिधि भाषा है। इसमें आठवीं शती ई. से लेकर प्रभूत साहित्य का सृजन हुआ है। गठन की दृष्टि से [[पामीरी भाषाएँ]], कुर्दी, बलोची और [[पश्तो]] भी ईरानी उपशाखा के अंतर्गत हैं। विस्तार की दृष्टि से हिंद-ईरानी शाखा की तीन भाषाओं ने महत्व प्राप्त किया - [[संस्कृत]], [[पालि]] और फ़ारसी, और ये तीनों सभ्यता और संस्कृति की प्रचारक रहीं।<ref name="ref65herax">[http://books.google.com/books?id=rhejSwAACAAJ Les langues du monde, Volume 2], Antoine Meillet, Société de linguistique de Paris, Champion, 1952</ref>
==इन्हें भी देखें==
* [[फ़ारसी]]
* [[पश्तो]]
* [[आदिम हिन्द-ईरानी भाषा]]
* [[हिन्द-ईरानी भाषाएँ]]
==बाहरी कड़ियाँ==
* [http://www.iranianlinguistics.org Society for Iranian Linguistics]
* [http://www.iranian-efl-journal.com Iranian EFL Journal]
* [http://www.everytongue.com/iran Audio and video recordings for over 50 languages spoken in Iran]
==सन्दर्भ==
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