"उत्तरी और दक्षिणी राजवंश": अवतरणों में अंतर
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'''उत्तरी और दक्षिणी राजवंश''' (<small>[[चीनी भाषा|चीनी]]: 南北朝, नान बेई चाओ; [[अंग्रेज़ी]]: Northern and Southern Dynasties</small>) प्राचीन [[चीन]] के एक काल को कहते हैं जो [[जिन राजवंश]] के बाद शुरू हुआ और ४२० ईसवी से लेकर ५८९ ईसवी तक चला। इस काल में चीन बहुत से राज्यों में खंडित हो गया और राजनैतिक अस्थिरता और गृहयुद्ध का वातावरण बना रहा। आपस में लड़ते हुए राजवंशों को इतिहासकार उत्तरी राजवंशों और दक्षिणी राजवंशों में बांटते हैं। उत्तरी राजवंश थे: उत्तरी झोऊ, उत्तरी ची, उत्तरी वेई, पश्चिमी वेई और पूर्वी वेई। दक्षिणी राजवंश थे: लिऊ सोंग, लियांग, चेन और दक्षिणी ची।<ref name="ref01hubac">[http://books.google.com/books?id=0wRikR7hhFQC China between empires: the northern and southern dynasties], Mark Edward Lewis, Harvard University Press, 2009, ISBN
इस उथल-पुथल के बावजूद इस काल में कला, विज्ञान और संस्कृति का विकास हुआ और [[हान चीनी]] जाति [[यांग्त्से नदी]] से दक्षिण के इलाक़ों में फैल गई। उत्तर में आये बहुत से ग़ैर-चीनी लोगों का चीनीकरण हुआ और दक्षिण में बस रहे बहुत से आदिवासियों को भी चीनी नस्ल और संस्कृति में मिला लिया गया। इसी काल में चीन में [[भारत]] से आई [[बौद्ध धर्म]] की [[महायान]] शाखा फैली और फल-फूली और साथ-साथ [[ताओ धर्म]] भी विस्तृत हुआ। चीन में [[स्तूप]] पर आधारित [[पगोडा]] का निर्माण भी शुरू हुआ, जिसे अब चीनी संस्कृति की पहचान माना जाता है और जिसका अविष्कार बौद्ध ग्रंथों और पांडुलिपियों को सुरक्षित करने के लिए किया गया था।<ref name="ref31yopig">[http://books.google.com/books?id=AAyQAAAAMAAJ An introduction to Buddhism], Jikidō Takasaki, Tōhō Gakkai, 1987, ISBN
चीन के इतिहास का यह काल तब समाप्त हुआ जब सन् ५८९ में एक नए [[सुई राजवंश]] के नेतृत्व में चीन को फिर संगठित किया गया।
==इन्हें भी देखें==
* [[जिन राजवंश]]
* [[सुई राजवंश]]
* [[चीन के राजवंश]]
==सन्दर्भ==
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