"कलचुरि राजवंश": अवतरणों में अंतर

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'''चेदी''' प्राचीन भारत के 16 [[महाजनपद|महाजनपदों]] में से एक था। इसका शासन क्षेत्र मध्य तथा पश्चिमी भारत था। आधुनिक बुंदलखंड तथा उसके समीपवर्ती भूभाग तथा मेरठ इसके आधीन थे। शक्तिमती या संथिवती इसकी राजधानी थी।<ref>{{cite book |last=नाहर |first= डॉ रतिभानु सिंह|title= प्राचीन भारत का राजनैतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास |year= 1974 |publisher= किताबमहल|location= इलाहाबाद, भारत|id= |page= 112|editor: |accessday= 19|accessmonth=मार्च| accessyear=2008}}</ref>
 
[[जेजाकभुक्ति]] के [[चंदेल राजवंश|चंदेलों]] के राज्य के दक्षिण में '''कलचुरि राजवंश''' का राज्य था जिसे '''चेदी राजवंश''' भी कहते हैं। कलचुरि अपने को कार्तवीर्य अर्जुन का वंशज बतलाते थे और इस प्रकार वे पौराणिक अनुवृत्तों की हैहय जाति की शाखा थे। इनकी राजधानी त्रिपुरी [[जबलपुर]] के पास स्थित थी और इनका उल्लेख डाहल-मंडल के नरेशों के रूप में आता है। [[बुंदेलखंड]] के दक्षिण का यह प्रदेश 'चेदि देश' के नाम से प्रसिद्ध था इसीलिए इनके राजवंश को कभी-कभी चेदि वंश भी कहा गया है।
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==इन्हें भी देखें==
* [[कर्णचेदि]]
* [[कलचुरि कालीन बुंदेली समाज और संस्कृति]]
 
[[श्रेणी:भारत का इतिहास]]