"एस्पेरांतो": अवतरणों में अंतर

छो r2.7.3) (Robot: Modifying pnb:اسپرانتو
No edit summary
पंक्ति 1:
[[चित्र:Flag of Esperanto.svg|thumb|right|एस्पेरान्टो का ध्वज]]
 
'''एस्पेरान्टो''' एक कृत्रिम अंतरराष्ट्रीय [[भाषा]] है। [[वारसा]] ([[पोलैंड]], तब रूस में) के L. L. [[ज़ामेनहोफ़]] ने १८७७-१८८५ के बीच में एस्पेरान्तो का निर्माण किया। यह भाषा [[यूरोप]] की प्रमुख भाषाओं के मदद से बनाई गई थी। इसकी [[लिपि]] भी ध्वनि सिद्धांतों पर आधारित है। यह एक उपयोगी कोशिश थी मगर इसका प्रचलन आम न हो सका। अलग-अलग मातृ भाषाएँ बोलने वालों के लिये ऐसपेरानतो एक सामूहिक, आयोजित, सरल भाषा है। कहा जाता है कि आज दुनिया में 1 लाख से 20 लाख के बीच लोग इस भाषा को बोल सकते हैं.हैं।
 
एस्पेरान्तो अन्य भाषाएं सीखने के लिए प्रयोग किया जाता है।
 
==परिचय==
सन् १८८७ ई. में डाक्टर एल.आई. ज़ामेनहॉफ़ ने एस्परांटो की रचना की। आविष्कार्ता के अनुसार एस्परांटो में अंतर्राष्ट्रीय भाषा बनने की सब विशेषताएँ मौजूद हैं। उसकी वाक्यावली तर्क और वैज्ञानिक नियमों पर आधारित है। उसके व्याकरण को आधे घंटे में समझा जा सकता है। प्रत्येक नियम अपवादरहित है। शब्दों के हिज्जे का आधार ध्वन्यात्मक है। उसका शब्दकोश बहुत छोटा है। फिर भी उसमें साहित्यिक शक्ति है, शैलीसौंदर्य है और विचारों को व्यक्त करने में वह काँटे की तौल उतरती है। लचीलापन भी उसमें यथेष्ट मात्रा में है। २० वर्ष पूर्व के आँकड़ों के अनुसार एस्परांटो भाषा में उस समय तक ४,००० से अधिक मौलिक और अनूदित पुस्तके प्रकाशित हो चुकी थीं और १०० से अधिक मासिक पत्र नियमित रूप से प्रकाशित होते थे। [[द्वितीय विश्वयुद्ध|दूसरे महायुद्ध]] के पूर्व संसार के अनेक देशों में भाषा के रूप में एस्परांटो विद्यालयों में विद्यार्थियों को पढ़ाई जाती थी। [[पेरिस]] के चेंबर ऑव कामर्स और लंदन की काउंटी कौंसिल कमर्शल विद्यालयों में एस्परांटो की शिक्षा दी जाती थी। सन् १९२५ ई. में अंतर्राष्ट्रीय टैलिग्रैफिक यूनियन ने एस्परांटो को [[तार]] की अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्वीकार किया। मई, सन् १९२७ में अंतर्राष्ट्रीय रेडियोफ़ोनिक यूनियन से उसे प्रसार के योग्य भाषा के रूप में स्वीकार किया। उसी वर्ष दिसंबर मास तक विविध देशों में ४४ आकाशवाणी केंद्र एस्परांटो में प्रसार करते थे। २० वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय एस्परांटो सम्मलेन में अखिल विश्व से १,००० से लेकर ४,००० प्रतिनिधि तक सम्मिलित हुए थे।
 
सन् १८८७ में एस्परांटो का जो रूप था उसमें सन् १९०७ ई. में अनेक परिवर्तन करके उसे और अधिक सरल तथा वैज्ञानिक बनाया गया। एस्परांटो के इस नए रूप का नाम 'इडो' रखा गया। अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में एस्परांटो से प्रतिस्पर्धा करनेवाली आज और भी अनेक भाषाएं क्षेत्र में हैं।
 
== एस्पेरान्तो कैसे सीखी जा सकती है? ==
फ़िलहाल एस्पेरान्तो सीखने के 'औज़ार' हिन्दी में उप्लब्ध नहीं हैं। हिन्दी बोलने वाले किसी और भाषा के द्वारा ही एस्पेरान्तो सीख सकते हैं -- अंग्रेज़ी और अन्य विदेशी भाषाओं के द्वारा तो एस्पेरान्तो इन्टरनेट पर भी (मुफ़्त!) सीखी जा सकती है। एक नज़र इन पन्नों पर डालिये: (http: // www.lernu.net) और (http: // www.ikurso.net).
 
== एस्पेरान्तो की विशेषताएँ ==
Line 16 ⟶ 24:
५) '''जीवन्त भाषा''': अन्य भाषाओं की तरह ही एस्पेरान्तो का भी विकास होता आया है, और इस ज़बान में हमारे सभी विचारों और जज़बातों को व्यक्त किया जा सकता है। इन्टरनेट पर एस्पेरान्तो साहित्य के कयी नमूने हैं, और (http: //en.wikipedia.org/wiki/Esperanto_culture) पर एस्पेरन्तो संस्कृति के बारे में (अंग्रेज़ी में) दो शब्द।
 
== भाषागत विशेषताविशेषताएँ ==
== एस्पेरान्तो कैसे सीखी जा सकती है? ==
फ़िलहाल एस्पेरान्तो सीखने के 'औज़ार' हिन्दी में उप्लब्ध नहीं हैं। हिन्दी बोलने वाले किसी और भाषा के द्वारा ही एस्पेरान्तो सीख सकते हैं -- अंग्रेज़ी और अन्य विदेशी भाषाओं के द्वारा तो एस्पेरान्तो इन्टरनेट पर भी (मुफ़्त!) सीखी जा सकती है। एक नज़र इन पन्नों पर डालिये: (http: // www.lernu.net) और (http: // www.ikurso.net).
 
== भाषागत विशेषता ==
एस्पेरान्तो में कई भाषाओं से शब्द लिये गये हैं।