"गणितसारसंग्रह": अवतरणों में अंतर

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==गणक के गुण==
 
 
गणितज्ञ (गणक) के गुण
गणितसारसंग्रह के संज्ञाधिकार के अन्त में महावीराचार्य ने गणकों (गणितज्ञों) के ८ गुण गिनाए हैं-
 
अथ गणकगुणनिरूपणम्
 
: लघुकरणोहापोहानालस्यग्रहणधारणोपायैः ।
: लघूकरणोहापोहानालस्यग्रहणधारणोपायैः ।
: व्यक्तिकरांकविशिष्टैर्व्यक्तिकराङ्कविशिष्टैर् गणकोऽष्टाभिभिर्गणकोऽष्टाभिर् गुणैर् ज्ञेयः ।। <br>
( लघुकरण , उह , अपोह , अनालस्य , ग्रहण, धारण , उपाय, व्यक्तिकरांकविशिष्ट - इन आठ गुणों से गणक को जाना जाता है।)
 
:“A mathematician is to be known by eight qualities: conciseness, inference, <br> confutation, vigour in work and progress, comprehension, concentration of mind and <br> by the ability of finding solutions and uncovering quantities by investigation.”
 
==बाहरी कड़ियाँ==