"कुमारिल भट्ट": अवतरणों में अंतर

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'''कुमारिल भट्ट''' (लगभग ६५० ई) [[मीमांसा|मीमांसा दर्शन]] के दो प्रधान संप्रदायों में से एक भाट्ट संप्रदाय के संस्थापक थे। उन्होने [[बौद्ध धर्म]] को [[भारत]] से समूल उखाड़ने के लिए बौध्दिक दिग्विजय का दिव्य अभियान चलाया। कुमारिल भट्ठ ने जो आधार तैयार किया उसी पर [[आदि शंकराचार्य]] विशाल भवन उठाया।
 
==परिचय==
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==रचनाएँ==
कुमारिल ने [[शाबर भाष्य]] पर तीन प्रसिद्ध वृत्तिग्रंथ लिखे।
* (1) '''श्लोकवार्तिक''' - यह प्रथम अध्याय के प्रथम पाद की व्याख्या है।
* (2) '''तंत्रवार्तिक''' - इसमें पहले अध्याय के दूसरे पाद से लेकर तीसरे अध्यायों की संक्षिप्त व्याख्या की गई है।
* (3) '''टुप्टीका''' - इसमें अंतिम नौ अध्यायों की संक्षिप्त व्याख्या की गई है। श्लोकवार्तिक तथा तंत्रवार्तिक में कुमारिल के असाधारण पांडित्य तथा प्रतिभा का परिचय मिलता है।
 
==कुमारिल भट्ट का दर्शन==
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* http://www.crvp.org/book/Series03/IIIB-4/introduction.htm
* http://www.ourkarnataka.com/books/saartha_book_review.htm
कृतित्‍व के बारे में आपने अच्‍छा लिखा है। लेकिन जीवन के बारे में तनिक भी प्रयास नहीं किया गया।
मसलन, वेदांत अध्‍ययन के पहले वे बौद्ध थे अथवा जैन। अपने किस गुरू को इन्‍होंने परास्‍त किया और किस विश्‍वविद्यालय अथवा विहार से उन्‍हें फेंका गया था।
उनके बारे में यह सारी जानकारियां जरूरी हैं, लेकिन यहां अनुपलब्‍ध हैं।
जबकि इन्‍हें प्रयास से हासिल किया जा सकता है।
कुमार सौवीर, लखनऊ
फोन: 09415302520
 
[[श्रेणी:दार्शनिक]]
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[[ru:Кумарила-бхатта]]
[[te:కుమారిల భట్టు]]
 
 
कृतित्‍व के बारे में आपने अच्‍छा लिखा है। लेकिन जीवन के बारे में तनिक भी प्रयास नहीं किया गया।
मसलन, वेदांत अध्‍ययन के पहले वे बौद्ध थे अथवा जैन। अपने किस गुरू को इन्‍होंने परास्‍त किया और किस विश्‍वविद्यालय अथवा विहार से उन्‍हें फेंका गया था।
उनके बारे में यह सारी जानकारियां जरूरी हैं, लेकिन यहां अनुपलब्‍ध हैं।
जबकि इन्‍हें प्रयास से हासिल किया जा सकता है।
कुमार सौवीर, लखनऊ
फोन: 09415302520