"कैथोलिक गिरजाघर": अवतरणों में अंतर
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'''कैथोलिक गिरजाघर''', जिसे '''रोमन कैथोलिक गिरजाघर'''
गिरजाघर दुनिया के सबसे पुराने संस्थानों में से है और इसने पस्चिमी सभ्यता के इतिहास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है.<ref name="O'CollinsPref">ओ'कॉलिन्स, पृष्ठ v (प्रस्तावना).</ref> यह मानना है कि इसे यीशु मसीह के द्वारा स्थापित किया गया था, कि इसके धर्माध्यक्ष धर्मदूतों के उत्तराधिकारी हैं और कि संत पीटर के उत्तराधिकारी के रूप में पोप को एक सार्वभौमिक प्रधानता प्राप्त है.
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==नाम==
{{See|Roman Catholic (term)}}
ग्रीक शब्द καθολικός (''कैथोलिकोस'' ) का मतलब है "सार्वभौमिक" या "सामान्य" और वाक्यांशों κατὰ ὅλου (''काटा होलू'' ) के संयुक्तीकरण καθόλου (''कैथोलू'' ) का अर्थ है “पूर्ण के अनुसार”.<ref>[http://dictionary.reference.com/browse/catholic www.][http://dictionary.reference.com/browse/catholic Dictionary.com] पर परिभाषा.</ref> इस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग दूसरी शताब्दी के आरंभ में गिरजाघर के वर्णन के लिए किया गया था.<ref>मैककलोश, ''ईसाई धर्म'' , पृष्ठ 127.</ref> 1054 में पूर्व-पश्चिम मतभेद के बाद से, जो गिरजाघर रोम के धर्माध्यक्ष (रोम के धर्मप्रदेश और इसके धर्माध्यक्ष, पोप, प्राथमिक धर्माचार्य) के साथ जुड़े रहे, वे कैथोलिक कहलाए तथा पोप की सत्ता को न मानने वाले पूर्वी गिरजाघर "रूढ़िवादी" या "पूर्वी रूढ़िवादी" के रूप में जाने गए.<ref name="McBrien"
==इतिहास==
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{{Main|History of early Christianity}}
{{See|Historiography of early Christianity}}
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कैथोलिक मत बताता है कि कैथोलिक गिरजाघर की स्थापना यीशू मसीह के द्वारा प्रथम सदी ईसवीं में की गई एवं धर्मप्रचारकों पर पवित्र आत्मा आने से इसकी सार्वजनिक सेवा की शुरूआत का संकेत मिला.<ref name="OneFaith46">बैरी, पृष्ठ 46.</ref>
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===अंतिम पुरावशेष===
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कैथोलिक इसाईयत को मिलान के [[कान्सेटेटाइन]] आज्ञप्ति द्वारा 313 में कानूनी मान्यता दी गई,<ref name="Davidson341">डेविडसन, पृष्ठ 341.</ref> और इसे 380 में साम्राज्य का राजधर्म घोषित किया गया.<ref name="Wilken286">विल्केन, पृष्ठ 286.</ref> इसके वैधीकरण के बाद बहुत ज्यादा सैद्धांतिक मतभेदों के कारण सार्वभौम सभाएं बुलाई गई. इन सार्वभौम परिषदों से जो सैद्धांतिक सूत्र निकले वे इसाई धर्म के इतिहास में निर्णायक सिद्ध हुए.<ref name="ReferenceB">एम'क्लिंटॉक और स्ट्रौंग्स के साइक्लोपीडिया, खंड 7, पृष्ठ 45ए.</ref>
नाइसिया की प्रथम परिषद (325) से नाइसिया की द्वित्तीय परिषद (787) तक पहली सात सार्वभौम परिषदों ने एक परंपरागत सर्वसम्मति बनाने और एकीकृत ईसाई जगत की स्थापना करने की मांग की. 325 में एरियनवाद के उस विचार के प्रतिक्रिया में निकाईया में प्रथम सभा बुलाइ गई, जिसमें कहा गया था कि ईसा का अस्तित्व अनंतकाल तक नहीं था बल्कि ईश्वर द्वारा निर्मित थे और इसलिए पिता ईश्वर से कमतर हैं.<ref name="ReferenceB"
इसाई धर्म के सिद्धान्तों को संक्षिप्त रूप से अभिव्यक्त करने के लिए, सभा ने एक धर्मसार जारी किया जिसे अब निकेने धर्मसार के रूप में जाना जाता है.<ref name="Herring60">हेरिंग, पृष्ठ 60.</ref> इसके अतिरिक्त, इसने गिरजाघर के क्षेत्र को भौगोलिक एवं प्रशासकीय क्षेत्रों में चित्रित किया जिसे धर्मप्रदेश कहा गया.<ref name="Hitchcock 283">विल्केन, पृष्ठ 283.</ref> 382 में रोम की सभा ने प्रथम आधिकारिक बाईबिल-संबंधी अधिनियम जारी किया जब इसने ''[[पुराना नियम|ओल्ड]]'' एवं ''न्यू टेस्टामेण्ट'' की मान्य किताबों को सूचीबद्ध किया.<ref name="StoChris61">कॉलिन्स, पीपी 61-62.</ref>
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===मध्य-युग===
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रोमन साम्राज्य के पतन के समय तक, कई युरोपीय असभ्य जनजातियां ईसाई धर्म में परिवर्तित हो चुकी थी. लेकिन उनमें से ज्यादातर (ओस्त्रोगोथ्स, विसिगोथ्स, बुर्गुन्दिंस, और वन्दल्स) इसे अरियासवाद के रूप में अपना चुकी थी- एक ऐसी शिक्षण जो कैथोलिक गिरजाघर के द्वारा विधर्म घोषित किया गया था.<ref>ले गौफ, पृष्ठ 14:"जंगली आक्रमणकारियों का सामना एक और महत्वपूर्ण तथ्य से तब्दील हो गया था. हालांकि उनमें से कुछ बुतपरस्त रहे थे, उनमें से एक और हिस्सा, कम से कम नहीं, ईसाई बन गया था. लेकिन, एक जिज्ञासु मौके से, जिसने गंभीर परिणाम छोड़े, ये परिवर्तित जंगली - ऑस्ट्रोगोथ, विजिगोथ, बरगुंडियन, नेंडल और बाद में लोम्बार्ड - एरियनवाद में परिवर्तित हो गए थे, जो कि नाइसिया की सभा के बाद से एक अपधर्म बन गया था. वास्तव में उन्हें गॉथ और वुलफिला के प्रेरितों के अनुयाइयों द्वारा परिवर्तित किया गया था.”</ref> जब इन विजेता लोगों ने रोमन साम्राज्य के विजित प्रदेशों पर राज्यों की स्थापना की, अरियन विवाद सत्तारूढ़ युरोपीय एरियंस और रोमन कैथोलिक के बीच धार्मिक मतभेद का विषय बन गया.<ref>ले गौफ, पृष्ठ 14:"इस प्रकार जो एक धार्मिक बंधन होना चाहिए था, उसके विपरीत, एक कलह का विषय बन गया और एरियन जंगलियों तथा रोमन कैथोलिक लोगों के बीच कटु संघर्ष फूट पड़ा."</ref> अन्य असभ्य राजाओं के विपरीत, क्लोविस 1, फ्रेंकिश शासक सन 497 में अरियासवाद के बजाय रूढ़िवादी कैथोलिक मत में दीक्षित हो गया, जिससे स्वयं पोप के पद और मठ के साथ गठबंधन कर, फ्रैंक्स की स्थिति को मजबूत बना लिया.<ref>ले गौफ, पृष्ठ. 21:"क्लोविस की गहरी चाल अन्य जंगली राजाओं की तरह, खुद को और अपने लोगों को एरियनवाद में परिवर्तित करने की नहीं, बल्कि रोमन कौथोलिक ईसाई बनाने की थी.”</ref> कुछ अन्य युरोपीय राज्यों ने अंततः उसके नेतृत्व (589 में स्पेन में विसिगोथ्स और इटली में धीरे - धीरे लोम्बर्ड्स ने 7 वीं शताब्दी के दौरान) का अनुसरण किया.<ref>ले गौफ, पृष्ठ. 21</ref> 6 वीं शताब्दी के आरम्भ में, यूरोपीय मठों ने ''संत बेनेडिक्ट के शासन'' के ढांचे का अनुसरण किया,<ref>वुड्स, पृष्ठ 37.</ref> जो कला और शिल्प, लेखन कार्यों और पुस्तकालयों, और दूरदराज के क्षेत्रों में कृषि केंद्रों के लिए कार्यशालाओं के साथ आध्यात्मिक केंद्र बन गया.<ref>ले गौफ, पृष्ठ 120</ref> सदी के अंत तक पोप ग्रेगरी महान ने प्रशासनिक सुधारों और ग्रेगोरियन मिशन की शुरूआत ब्रिटेन के सुसमाचार प्रचार के लिए शुरू किया;<ref>डफी, पृष्ठ 69</ref> 7 वीं शताब्दी के प्रारंभ में मुस्लिम सेनाओं दक्षिणी भूमध्य के अधिकांश भागों को जीत लिया और इस तरह पश्चिमी ईसाई जगत के लिए खतरा उपस्थित हो गया.<ref>विड्मर, पी. 94</ref>
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कैरोलिनगियन राजाओं ने राजा और पोप के पद के बीच के रिश्ते को सशक्त बनाया. सन 754 में सबसे युवा पीपीन को पोप स्टीफन द्वितीय द्वारा एक भव्य समारोह (अभिषेक) में ताज पहनाया गया था. पीपीन ने लोम्बर्ड्स परास्त कर कैथोलिक राज्य में अधिक क्षेत्र जोड़ने का कार्य किया. जब [[चार्लेमन|शारलेमेन]] सिंहासन रूढ़ हुआ तो उसने तीव्र गति से अपने शक्ति का संचय किया;<ref>बौएर पीपी 372-374</ref> और 782 तक वह सबसे मजबूत ईसाई मिशन की भावना के साथ पश्चिमी राजाओं में सबसे ताकतवर माना गया.<ref>बौएर पृष्ठ 388</ref> उसने रोम में सन 800 में कैथोलिक राज्याभिषेक प्राप्त किया,<ref>बौएर, पृष्ठ 393</ref> और उसने गिरजाघर के संरक्षक के रूप में हस्तक्षेप के अधिकार के साथ अपनी भूमिका की व्याख्या की.<ref name="Duffy, p. 91">डफी, पृष्ठ 91</ref> उनकी मृत्यु के बाद, तथापि, जिस अधिकार के साथ एक शासक पोप के अधिकार में हस्तक्षेप करने का अधिकार रखता था, के साथ असंगत तरीके से व्यवहार किया गया.<ref>डफी, पृष्ठ 97</ref>
बुल्गारिया में, संत स्यरिल और मेथोदिउस द्वारा 9 वीं शताब्दी में सिरिलिक वर्णमाला का आविष्कार एक स्थानीय भाषा मरने के बाद की स्थापना की.<ref>जॉनसन, पृष्ठ 18</ref> 8 वीं सदी में, मूर्तीभंजन, धार्मिक छवियों के विनाश ने पूर्वी गिरजाघर के साथ फूट की शुरूआत की. <ref name="Woods pp116-118">{{Harvnb|Woods|2005|pp=116–118}}</ref> 9 वीं शताब्दी में बीजेनाटाइन नियंत्रित दक्षिणी इटली, बल्गेरियाई मिशनों में गिरिजाघर के क्षेत्राधिकार के संघर्ष ने आगे असहमति को बढाया कि [[धार्मिक महाविच्छेद|पूर्व पश्चिम गिरजे]] में मतभेद पैदा करने का कार्य किया,जो आम तौर पर 1054 में औपचारिक रूप से शुरू होना माना जाता है, हालांकि मतभेद के शुरू होने के किसी विशेष तारीख का उल्लेख नहीं मिलता हैं.<ref name="Duffy, p. 91"
मठों के क्लुनिअक सुधार ने व्यापक रूप से मठवासीयों के विकास और नवीकरण के कार्य को गति प्रदान किया.<ref name="Duffy88">डफी, पीपी 88-89.</ref> 11 वीं और 12 वीं सदी गिरजाघर में आंतरिक सुधार के प्रयासों का गवाह बना. सम्राट और कुलीनों के हस्तक्षेप से पोप के चुनाव को मुक्त कराने के लिए सन 1059 में कार्डिनल के कॉलेज की स्थापना की गई. धर्माध्यक्ष को अलंकृत करने का अधिकार, गिरजाघर पर 'शासकों के प्रभुत्व का एक स्रोत, पर सुधारकों द्वारा आघात किया गया और बाद में पोप ग्रेगरी सप्तम के तहत पोप और सम्राट के बीच अलंकरण विवाद भड़क उठा. इस मामले को हल अंततः सन 1122 में कीड़े के समझौता के साथ किया गया, जहां यह सहमति हुई कि धर्माध्यक्ष का चयन गिरजाघर के कानून के अनुसार किया जाएगा.<ref>नोबल, पीपी 286-287</ref> 14 वीं सदी के आरम्भ में एक केंद्रीकृत गिरजाघर संगठन की स्थापना की गई थी, एक लैटिन भाषा बोलने वाली संस्कृति प्रचलित हो चुकी थी, पादरी साक्षर थे और उनके लिए ब्रह्मचर्य पालन आवश्यक था.<ref>मैककलोश, ''द रिफ़ॉर्मेशन'' , पीपी 26-27</ref>
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सन 1095 में, [[बाईज़न्टाइन साम्राज्य|बिजेंताइन]] सम्राट अलेक्सिउस ने पोप अर्बन द्वितीय से नए सिरे से हो रहे मुस्लिम आक्रमणों के खिलाफ मदद के लिए अपील की,<ref name="rileysmith">रिले स्मिथ, पृष्ठ 8</ref> जिसके कारण पोप अर्बन को प्रथम धर्मयुद्ध की घोषणा करनी पड़ी, जिसका उद्देश्य बेजेंताइन साम्राज्य को सहायता पहुचने के साथ -साथ पवित्र भूमि पर ईसाईयों का नियंत्रण बनाये रखना भी था. <ref name="Bokenkotter140">बोकेंकोटर, पीपी 140-141</ref> धर्मयुद्ध विभिन्न सैनिक निकायों की स्थापना का गवाह बना, जैसे: टेम्पलर नाइटस, होस्पित्लर नाइटस, ट्यूतोनिक नाइटस, आदि.<ref name="Norman p62-66">नॉर्मन, पीपी 62-66</ref> सन 1208 में जब उनपर पोप के एक दूत की हत्या करने के आरोप लगाया गया,<ref>हेनरी चार्ल्स ली, ''अ हिस्ट्री ऑफ़ द इन्क्विजिशन ऑफ़ द मिडल एजेज़, खंड I'' (1888), पृष्ठ 145,उद्धरण: "दूत पियरे डी कैस्टलनाऊ की हत्या से पूरे ईसाई जगत में आतंक का एक रोमांच फैल गया जैसा कि अड़तीस साल पहले बेकेट की हत्या से फैला था. इसके विवरण, हालांकि, इतने विरोधाभासी हैं कि सत्यता के साथ कहना असंभव है."</ref> तो पोप इनोसेंट II ने अल्बीजेंसियां धर्मयुद्ध की घोषणा कैथरो के विरूद्ध कर दी, जो लंगुएदोक में एक ग्नोस्टिक ईसाई संप्रदाय थी.<ref>मैल्कम बार्बर, ''द कैथर्स'' पृष्ठ 1. लौंगमैन, ISBN 0-582-25661-5,उद्धरण: "कैथरवाद बारहवीं और तेरहवीं शताब्दी में कैथोलिक गिरजाघर के सामने सबसे बड़ी विधर्मिक चुनौती था - पश्चिम में बड़ी संख्या में ईसाइयों को यह विश्वास दिलाने में कि उन्होंने समस्याएं हल करली थीं (बुराई के अस्तित्व के कारण) उनकी सफलता ने कैथोलिक पदानुक्रम को अंदर तक हिलाकर रख दिया, और पहले से विचारित किसी भी प्रतिक्रिया से अधिक चरम प्रतिक्रियाओं की एक शृंखला आरंभ हो गई.</ref> इस धार्मिक और राजनीतिक विवाद के संयुक्तता के कारण लगभग एक लाख से भी अधिक लोग मारे गए.<ref>जॉन एम. रॉबर्टसन, "ईसाई धर्म का संक्षिप्त इतिहास" (1902), पीपी 253-54,उद्ध: “1209 में शुरू हुए अल्बीजेन्सियन धर्मयुद्ध पोप इनोसेंट ।।। से अधिक लंबे चले,... यह माना जाता है कि इन में सभी उम्र के स्त्री पुरुष मिला कर दस लाख तक लोग मारे गए थे.”</ref><ref>लॉरेंस वेड मार्विन, ''द ऑक्सिटन वॉर'' पृष्ठ 1. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, ISBN 0-521-87240-5,बोली, "यह युद्ध जल्दी ही क्षेत्र के राजनीतिक नियंत्रण के लिए संघर्ष में परिवर्तित हो गया, यह कुछ ऐसा था जो इसके प्रवर्तक, पोप इनोसेंट ।।। ने कभी नहीं चाहा था."</ref> कैथारों के प्रति सहानभूति को समाप्त करने के लिए ग्रेगरी IX ने पोप धर्माधिकरण का गठन सन 1231 में किया.<ref>मॉरिस, पृष्ठ 214.</ref>
याचक आदेश की स्थापना फ्रांसिस असीसी और डोमिनिक डी गुजमान के द्वारा , जो शहरी व्यवस्था में धार्मिक जीवन में पवित्रता लाने के उद्देश्य से किया गया.<ref name="LeGoff87">ले गौफ, पृष्ठ 87</ref> इन आदेशों ने भी विश्वविद्यालयों में गिरजाघर के स्कूलों के विकास में बड़ी भूमिका निभाई.<ref name="Woods44">वुड्स, पीपी 44-48</ref> डोमिनिकन [[
गिरजाघर का पश्चिमी कला के विकास पर प्रमुख प्रभाव था, रोमन, गोथिक और पुनर्जागरण शैली की कला और स्थापत्य कला में विकास को देख रहे थे.<ref name="Woods122">वुड्स, पीपी 115-27.</ref> पुनर्जागरण के कलाकार जैसे की राफेल, [[
===सुधार और काउंटर सुधार===
क्लीमेंट V के सन 1305 में अविगानों जाते ही, 14 वीं सदी में, पोप का पद फ्रेंच प्रभुत्व के तहत आ गया था.<ref name="Duffy122">डफी, पृष्ठ 122</ref> अविग्नन पोप का पद सन 1376 में समाप्त हुआ जब पोप रोम में लौटे,<ref name="McManners232">मॉरिस, पृष्ठ 232.</ref> लेकिन 1378 में 38 साल के लंबे अंतराल के बाद रोम, अविग्नन (और 1409) पीसा में पोप का पद के लिए दावेदारों के साथ पश्चिमी मतभेद उभरा.<ref name="McManners232"
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कॉन्स्टेंस की परिषद, बेसल की परिषद और पांचवें लैटर्न परिषद प्रत्येक ने गिरजाघर के आंतरिक दुरूपयोग में सुधार लाने के लिए "लोकप्रिय और लगातार सिफारिश की "एक परिषद का निर्माण के साथ, का प्रयास किया.<ref>बोकेंकोटर, पृष्ठ 201</ref> 1460 में, कांस्टेंटिनोपल के तुर्कों के पतन के साथ पोप पायस द्वितीय एक सामान्य परिषद के गठन के लिए आगे की अपील से मना कर किया.<ref name="Restorationpp37-38"
जर्मनी में 1517 में, [[मार्टिन लुथर|मार्टिन लूथर]] ने कई धर्माध्यक्षों को अपने ''पंचानबे शोध'' भेजा.<ref name="Bokenkotter215">बोकेंकोटर, पृष्ठ 215</ref> अपने शोध में उसने कैथोलिक सिद्धांत के मुख्य बिंदुओं के साथ ही क्षमा पत्र की बिक्री का विरोध किया.<ref name="Bokenkotter215"
जर्मनी में, सुधार प्रोटेस्टेंट स्च्माल्काल्दिक लीग और कैथोलिक सम्राट चार्ल्स V के बीच नौ वर्षीय युद्ध का कारण बना. जो बाद में 1618 एक बहुत ही गंभीर संघर्ष, [[तीसवर्षीय युद्ध|तीस वर्षीय युद्ध]], में बदल गया.<ref>विड्मर, पृष्ठ 233</ref> फ्रांस में, संघर्ष की एक श्रृंखला जिसे धर्म की फ्रांसिसी लड़ाई कहते हैं, सन 1562 से 1598 के बीच हुगुएनोट्स और फ्रेंच कैथोलिक लीग की सेनाओं के मध्य लड़े गए. जिसमें संत बर्थोलोमेव दिवस नरसंहार संघर्ष में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ.<ref name="Bokenkotter233">बोकेंकोटर, पृष्ठ 233</ref> नवर्रे के हेनरी जो कैथोलिक बन गया के नेत्रित्व में वे पुन: एकत्रित हुए और धार्मिक सहिष्णुता का पहला प्रयोग 1598 के नैनटेस के अध्यादेश के साथ शुरू किया.<ref name="Bokenkotter233"
हेनरी आठवीं के शासनकाल के दौरान अंग्रेजी सुधार एक राजनीतिक विवाद के रूप में शुरू हुआ. जब पोप ने उसकी शादी के एक आरागॉन की कैथरीन को लोप के लिए हेनरी की याचिका को अस्वीकार कर दिया. तब उसने वर्चस्व की अधिनियमों को पारित कर स्वयं को अंग्रेजी गिरजाघर के प्रमुख घोषित किया.<ref name="Bokenkotter235">बोकेंकोटर, पीपी 235-237</ref> हालांकि उसने पारंपरिक कैथोलिक परम्परा को बनाए रखने की कोशिश की, हेनरी ने अपने शासन के दौरान मठों, फ्रेयारिस, कॉन्वेंट, और धार्मिक स्थलों के सम्पति की जब्ती शुरू की.<ref name="Schama">स्कैमा, पीपी 309-311</ref> हेनरी आठवीं के शासनकाल के अंत में एक व्यापक सैद्धांतिक और मरणोत्तर सुधारों की शुरूआत की गई जो एडवर्ड VI के शासनकाल और आर्कधर्माध्यक्ष थॉमस क्रेन्मेर के दौरान जारी रही. मैरी प्रथम के अंतर्गत, इंग्लैंड संक्षिप्त रूप से रोम के साथ फिर से संयुक्त हो गया था, लेकिन [[एलिज़ाबेथ प्रथम|एलिजाबेथ प्रथम]] ने बाद में एक अलग से गिरजाघर की स्थापना कर कैथोलिक पादरियों पर नकेल कसने का कार्य किया<ref name="Noble519">नोबल, पृष्ठ 519</ref> और कैथोलिकों को अपने बच्चों को शिक्षित करने और राजनीतिक जीवन में भाग लेने से रोका<ref name="Solt149">सोल्ट, पृष्ठ 149</ref> जब तक की नए कानून 18 वीं शताब्दी के अंत में और 19 वीं सदी में पारित नहीं किए गए.<ref>जूडिथ एफ. चैम्प, जॉन 'रोमन कैनन (एड.) में 'कैथोलिसिज्म', ''द ऑक्सफोर्ड कॉम्पैनियन ब्रिटिश हिस्ट्री'' , रेव. एड. (ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, 2002). पृष्ठ 176.</ref>
ट्रेंट की परिषद (1545-1563) काउंटर सुधार के पीछे असली ताकत थी. सैद्धांतिक रूप से इसने केंद्रीय कैथोलिक शिक्षाओं की पुष्टि की, जैसे तत्त्वान्तरण और मोक्ष प्राप्ति के लिए प्यार तथा आशा के साथ साथ श्रद्धा रखने पर बल दिया.<ref name="Bokenkotter242">बोकेंकोटर, पीपी 242-244</ref> इसने संरचनात्मक सुधार भी किया है, सबसे महत्वपूर्ण बात पादरियों की शिक्षा में सुधार और समाज और रोमन करिया के मध्य क्षेत्राधिकार को मजबूत करने का कार्य किया.<ref name="Bokenkotter242"
17 वीं सदी के उत्तरार्द्ध में, पोप इनोसेंट XI ने गिरजाघर के पदानुक्रम में होने वाली अनियमितताओं में सुधार लाने का प्रयत्न किया, जिसमें धर्मपद बेचने का अपराध, भाई -भतीजावाद और पोप का अति -व्यय जिसके कारण उसे एक बड़ा कैथोलिक पोप का ऋण वारिस के रूप प्राप्त हुआ था.<ref name="Duffy188">डफी, पीपी 188-191</ref> उसने मिशनरी की गतिविधियों को बढ़ावा दिया, तुर्की के आक्रमण के खिलाफ यूरोप को एकजुट करने की कोशिश की, प्रभावशाली कैथोलिक शासकों को प्रोटेस्टेन्ट से विवाह करने की छूट प्रदान की, लेकिन दृढ़ता से धार्मिक उत्पीड़न की निंदा की.<ref name="Duffy188"
===प्रारंभिक आधुनिक काल===
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{{Main|Catholic Church and the Age of Discovery}}
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पोप अलेक्जेंडर VI ने स्पेन और पुर्तगाल को नई खोज की गई भूमि के सबसे अधिक अधिकार दिए<ref name="Koschorke13">कौसचोर्क, पृष्ठ 13, पृष्ठ 283</ref> और ''पत्रेनेतो'' व्यवस्था के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि औपनिवेशिक व्यवस्था राज्य के अधिकारियों की अनुमति से न कि वेटिकन प्रणाली से संचालित हो ताकि नये उपनिवेशों में सभी लिपिक नियुक्तियों को नियंत्रित किया जा सके.<ref>हेस्टिंग्स (1994), पृष्ठ 72</ref> हालांकि स्पेनिश सम्राटों ने खोजकर्ताओं और विजेताओं द्वारा अमेरिन्डियन्स के खिलाफ प्रतिबद्धता हनन को रोकने की कोशिश की,<ref name="Noble450">नोबल, पीपी 450-451</ref> परन्तु यह एंटोनियो डे मोंतेसिनोस था, एक डोमिनिकन भिक्षु को, विशेष रूप से खुले तौर पर मूल निवासियों से निपटने के लिए 1511 में स्पेन के शासकों [[हिस्पानिओला|हिसपानीओला]] की उनकी क्रूरता और अत्याचार के लिएआलोचना करने के लिए जानाजाता हैं.<ref>कौसचोर्क, पृष्ठ 287</ref> राजा फर्डिनेंड ने जवाब में ''वलाडोलिड'' और ''बर्गोस का कानून'' लागू किया. यह मुद्दा 16वीं सदी में स्पेन में विवेक के संकट का कारण बना.<ref>जोहैंसन, पृष्ठ 109, पृष्ठ 110,बोली: "अमेरिका में, कैथोलिक पादरी बारटोलोम डि लास कसास ने उत्सुकतापूर्वक स्पेनियों द्वारा विजित क्षेत्रों में क्रूरता के संबंबध में पूछताछ की गई. लास कसास ने देशी लोगों पर स्पेनियों द्वारा किए गए अत्याचारों का अत्यंत कष्टदायक वर्णन लिपिबद्ध किया.</ref> कैथोलिक पादरी के लेखन के माध्यम से जैसे कि: बर्तोलोमे डे लास कासस, और फ्रांसिस्को डि विटोरिया ने मानव अधिकार की प्रकृति पर<ref>कौसचोर्क, पृष्ठ 287</ref> और आधुनिक अंतरराष्ट्रीय कानून के जन्म के लिए बहस का नेतृत्व किया.<ref>चैड्विक, ओवेन, पृष्ठ 327</ref> इन कानूनों का प्रवर्तन ढीला था, और कुछ इतिहासकार भारतीयों को स्वतंत्र नहीं करने के लिए गिरजाघर को दोषी ठहरा रहे हैं. और दुसरे केवल स्वदेशी लोगों के पक्ष में आवाज उठाने की ओर इशारा कर रहे हैं.<ref name="Dussel45">डासेल, पृष्ठ 45, पीपी 52-53, उद्धरण: "मिशनरी गिरजाघर ने शुरू से इन हालात का विरोध किया था, और स्वदेशी लोगों के लाभ के लिए लगभग जो सब कुछ सकारात्मक किया गया था वह मिशनरियों के आवाह्न और पुकार पर हुआ था. हालांकि तथ्य यही रहा कि बड़े पैमाने पर फैले अन्याय को उखाड़ फेंकना अत्यंत कठिन था... बारतोलोमे डि लास कसास निकारागुआ के धर्माध्यक्ष थे, इससे भी महत्वपूर्ण था एंटोनियो डि वाल्डेविसो जिन्हें भारतीय की रक्षा के लिए अंततः शहादत देनी पड़ी.”</ref>
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1521 में पुर्तगाली अन्वेषक [[फ़र्दिनान्द मैगलन|फर्डिनेंड मैगलन]] ने पहली बार फिलीपींस को कैथोलिक में परिवर्तित कर दिया.<ref name="Koschorke21">कौसचोर्क, पृष्ठ. 21</ref> कहीं और, स्पेनिश जेसुइट फ्रांसिस जेवियर के तहत पुर्तगाली मिशनरी भारत, चीन और जापान में ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे.<ref name="Koschorke3">कौसचोर्क, पृष्ठ 3, पृष्ठ 17</ref> जापान में गिरजाघर विकास में1597 में एक पड़ाव आया था जब शोगुनेट, विदेशी प्रभावों से देश को मुक्त करने के प्रयास में, ईसाई या किरिशितनों का गंभीर उत्पीड़न आरम्भ किया.<ref name="Koschorke31">कौसचोर्क, पीपी 31-32</ref> एक भूमिगत अल्पसंख्यक ईसाई आबादी उत्पीड़न की इस अवधि के दौरान बची रही और एकांत में रहने के लिए बाध्य की गई जो कि अंततः 19वीं सदी में उठाया गया.<ref>मैकमैनर्स, पृष्ठ 318</ref> चीन में, जेसुइट के द्वारा समझौता करने के प्रयासों के बावजूद चीनी संस्कार विवाद कांग्क्सी सम्राट के नेतृत्व में 1721 में ईसाई मिशन को प्रतिबंधित कर दिया गया.<ref name="McManners328">मैकमैनर्स पृष्ठ 328</ref> इन घटनाओं ने जेसुइट्स की आलोचना को बढ़ाने में आग में घी का कम किया, जो गिरजाघर के स्वंत्र शक्ति के प्रतीक थे, और 1773 में यूरोपियन शासकों ने एकजुट होकर पोप क्लीमेंट XIV को इस आदेश को समाप्त करने के लिए दवाब डाला.<ref name="Duffy193">डफी, पृष्ठ 193</ref> जेसुइट्स अंतत: 1814 में पोप के बुल सोलिसीतुदो ओनीयम एक्लेसिआरम के द्वारा पुनर्स्थापित किया गया.<ref name="Bokenkotter295">बोकेंकोटर, पृष्ठ 295</ref> लॉस कैलिफोर्निया में फ्रंसिसिकन पादरी जुनीपेरो सेर मिशनरियों की एक श्रंखला स्थापित की.<ref name="Norman111">नॉर्मन, पीपी 111-112</ref> दक्षिण अमेरिका में, जेसुइट मिशनरियों ने दासता से देशी लोगों की रक्षा के लिए अर्द्ध स्वतंत्र बस्तियों की स्थापना की जिसे कटौती कहा जाता है.
17 वीं सदी के आगे से, प्रबुद्धता ने पश्चिमी समाज पर कैथोलिक गिरजाघर के प्रभावो और शक्ति पर सवाल उठाया.<ref name="Pollard8"
1789 की [[फ़्रांसीसी क्रांति|फ्रांसीसी क्रांति]] ने गिरजाघर से शक्तियों का स्थानांतरण राज्य को करने का करने का कार्य किया, गिरजाघरों का विनाश और तार्किक पंथ की स्थापना की.<ref name="Bokenkotter285">बोकेंकोटर, पीपी 283-285</ref> 1798 में, नेपोलियन बोनापार्ट के जनरल लुई एलेक्जेंडर बेर्थिएर ने इटली पर आक्रमण कर, पोप पायस VI को कैद कर लिया और कैद में ही उसकी मृत्यु हो गई. 1801 के पुनरुद्धार के माध्यम से नेपोलियन ने कैथोलिक गिरजाघर को फ्रांस में पुनर्स्थापित किया.<ref name="Collins176">कोलिन्स, पृष्ठ 176</ref> नेपोलियन के युद्ध की समाप्ति के साथ कैथोलिको का पुनस्र्त्थान और पोप के राज्य की स्थापना आरम्भ हुई.<ref>डफी, पीपी 214-216</ref> 1833 में, फ्रेडेरिक ओज़नम ने सेंट विन्सेन्ट पॉल डी सोसायटी का कार्य पेरिस में औद्योगिक क्रांति के द्वारा हुई गरीब लोगों की सहायता के लिए शुरू की. इस समाज के 142 देशों में 1 लाख से अधिक सदस्य वर्ष 2010 तक हो जायेंगे.<ref>{{cite web|url=http://svdpla.org/index.php/about/contents/history |title=St Vincent de Paul - Council of Los Angeles |publisher=Svdpla.org |date= |accessdate=2010-10-28}}</ref>
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1830 के आरम्भ में लैटिन अमेरिका में, पुरोहित विरोधी सरकारों का सत्ता में आगमन हुआ.<ref name="Stacy, p. 139">स्टैसी, पृष्ठ 139</ref> गिरजाघर की संपत्ति जब्त कर लिया गया, धर्माध्यक्ष निवास को खाली करा लिया गया. धार्मिक आदेशों को दबा दिया गया,<ref>बेथेल, पीपी 528-529</ref> पुरोहित दशमांश का संग्रह समाप्त कर दिया गया,<ref name="kirkwood101102">किर्कवूड, पीपी 101-102</ref> और जनता में पुरोहितों की पोशाक को प्रतिबंधित कर दिया गया.<ref name="hamnett163164">हैमनेट, पीपी 163-164</ref> पोप ग्रेगरी XVI ने औपनिवेशिक धर्माध्यक्ष के रूप में अपने उम्मीदवारों की नियुक्ति की स्पेनिश और पुर्तगाली सम्राटों की शक्ति को चुनौती दी. उन्होंने गुलामी और 1839 सुप्रीमो अपोस्तोलातुस में पोप के मुहरबंद पत्र में दास व्यापार की निंदा की, और सरकार को नस्लवाद का सामना करने में देशी पादरियों के समन्वय की मंजूरी प्रदान की.<ref name="Duffy221">डफी, पृष्ठ 221</ref>
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===औद्योगिक युग===
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1872 में जॉन बॉस्को और मारिया माज़ारेल्लो ने इटली में डॉन बॉस्को की सेल्सियन बहनों नामक संस्थान को स्थापित किया,<ref>{{cite web|url=http://www.salesiansisters.net/aboutUs.cfm |title=About Us |publisher=Salesian Sisters |date= |accessdate=2010-10-28}}</ref> जो 2009 में 14,420 सदस्यों के साथ दुनिया में महिलाओं के सबसे बड़े कैथोलिक संस्थान के रूप में विकसित होगा.<ref>{{cite web|url=http://www.catholicculture.org/news/headlines/index.cfm?storyid=5283 |title=Latest Headlines : Slight decline in 2nd largest men’s religious order |publisher=Catholic Culture |date=2010-01-28 |accessdate=2010-10-28}}</ref>
20वीं सदी ने विभिन्न राजनैतिक कट्टरपंथियों तथा पादरी विरोधी सरकारों को उठते हुई देखा. 1926 के कॉल्स कानून जो मैक्सिको में गिरजाघर और राज्यों को बांट रहा है वह क्रिसटेरो युद्ध का कारण बना<ref name="Chadwick264">चैड्विक, ओवेन, पीपी 264-265</ref> जिसमें 3,000 से अधिक पादरी या तो मारे गये या निर्वासित कर दिये गये,<ref name="Scheina">स्किना, पृष्ठ 33.</ref> गिरजाघरों को अपवित्र किया गया, सेवाओं का मज़ाक उड़ाया गया, नन के साथ बलात्कार किया गय, तथा पकड़े गये पादरियों को गोली मार दी गई.<ref name="Chadwick264"
1933 के रिच्स्कोनकोर्डाट, जिसने नाज़ी जर्मनी में गिरजाघर को सुरक्षा और अधिकारों की गारंटी दी थी,<ref name="Rhodes182">रोड्स, पृष्ठ 182-183</ref> के उल्लंघन के बाद, ग्याहरवें पोप पायस ने 1937 के सार्वभौम पत्र ''मिट ब्रेनेंनडर सोर्ज'' को ज़ारी किया,<ref name="Rhodes197">रोड्स, पृष्ठ 197</ref> जिसने सार्वजनिक रूप से गिरजाघर के नाजियों पर हुए अत्याचार की तथा अशिक्षित ईसाइयों के प्रति उनकी विचारधारा और नस्लीय श्रेष्ठता की कड़ी निंदा की.<ref name="Rhodes204">रोड्स, पृष्ठ 204-205</ref> सितम्बर 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध के शुरू होने के बाद, गिरजाघर ने पोलैंड के हमले तथा बाद में 1940 नाज़ियों पर हुए हमलों की निंदा की.<ref name="Cook983">कुक, पृष्ठ 983</ref> हजारों कैथोलिक पादरियों, ननों, और भाइयों को ज़ेल भेज दिया गया तथा मार दिया गया, उस संपूर्ण क्षेत्र में जो नाज़ियों के कब्ज़े में था जिसमें मैक्सिमिलियन कोल्बे तथा एडिथ स्टैन आदि संन्यासी भी शामिल हैं.<ref>{{cite web|url=http://www1.yadvashem.org/yv/en/holocaust/about/01/non_jews_persecution.asp |title=Non-Jewish Victims of Persecution in Germany |publisher=Yad Vashem |date= |accessdate=2010-10-28}}</ref> [[यहूदी अग्निकांड|प्रलयकाल]] में, तेहरवें पोप पायस ने नाज़ियों से यहूदियों की रक्षा करने के लिये गिरजाघर अनुक्रम को निर्देशित किया था.<ref>बोकेंकोटर, पृष्ठ 192</ref> जबकि कुछ इतिहासकारों द्वारा बाहरवें पायस को लाखों यहूदियों को बचाने में मदद देने का श्रेय दिया गया,<ref name="Deák">डिक, पृष्ठ 182</ref> यहूदी विरोधवाद युग को प्रोत्साहित करने<ref>{{Cite news| last =Eakin| first =Emily| title =New Accusations Of a Vatican Role In Anti-Semitism; Battle Lines Were Drawn After Beatification of Pope Pius IX| work =The New York Times| date =1 September 2001| url =http://query.nytimes.com/gst/fullpage.html?res=9B04E3DF1130F932A3575AC0A9679C8B63&sec=&spon=&pagewanted=all|accessdate=2008-03-09}}</ref> तथा पायस द्वारा नाज़ियों के अत्याचारों को रोकने में नाकामी के लिये गिरजाघर को दोषी माना गया है.<ref name="Phayer">फेवर, पीपी 50-57</ref> इन आलोचनाओं की वैधता पर बहस आज़ भी जारी है.<ref name="Deák">डिक, पृष्ठ 182</ref>
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===समकालीन===
{{Disputed-section|date=September 2010}}
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पोप जॉन XXIII द्वारा 1962 में शुरू किए गए द्वितीय वेटिकन परिषद को इसके समर्थकों ने “झरोखा खुलने की शुरूआत” के रूप में वर्णित किया.<ref name="Duffy272">डफी, पीपी 270-276</ref> इसने लैटिन चर्च के भीतर उपासना-पद्धति में परिवर्तन किया, इसके मिशन का पुनः-संकेन्द्रण एवं सार्वभौमिकता की पुनः-परिभाषा की विशेषकर पूर्वी पारंपरिक चर्च के साथ वार्तालाप एंग्लिकन सहभागिता एवं प्रोटेस्टेण्ट नामकरण में.<ref>''डफी, सेंट्स एंड सिनर्स'' (1997), पृष्ठ 272, पृष्ठ 274</ref>
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पोपों की शिक्षाओं, यथा-''ह्यूमेनेई वितेई'' एवं ''इवेंजेलियम वितेई'' जैसे विश्वपत्रों ने क्रमशः गर्भनिरोधकों<ref name="humanae">{{cite web|last=Paul VI|first=Pope|title=Humanae Vitae|publisher=Vatican|year=1968|url=http://www.vatican.va/holy_father/paul_vi/encyclicals/documents/hf_p-vi_enc_25071968_humanae-vitae_en.html|accessdate=2008-02-02}}</ref> एवं गर्भपात का विरोध किया एवं इन विचारों को “जीवन का सिद्धांत” कहा.<ref name="Bokenkotter493">बोकेंकोटर, पृष्ठ 27, पृष्ठ 154, पीपी 493-494</ref>
1978 में, पोप जॉन पॉल द्वित्तीय 455 वर्षों में प्रथम गैर-इतालवी पोप बने. उनका 27 वर्षों का धर्माध्यक्ष का शासनकाल इतिहास में सबसे लंबे में से एक था.<ref>{{cite web|url=http://www.history.co.uk/this-day-in-history/April-02.html;jsessionid=08931E713115A304B13BB1A6FA315A63.public1 |title=2 April - This Day in History |publisher=History.co.uk |date= |accessdate=2010-10-28}}</ref> [[
[[मानवाधिकार|मानव अधिकारों]] एवं सामाजिक न्याय के लिए आंदोलनों के कारण इस काल के दरम्यान कैथोलिकों को शहादत देना पड़ा-विशेषकर लैटिन अमेरिका में, [[एल साल्वाडोर|अल सल्वाड़ोर]] के आर्च-विशप आस्कर रोमेरियो को 1980 में वेदी पर मार दिया गया एवं मध्य अमेरिकी विश्वविद्यालय के छह जेसुसुईटों की हत्या 1989 में कर दी गई.<ref>{{cite news|last=Miglierini |first=Julian |url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/8580840.stm |title=El Salvador marks Archbishop Oscar Romero's murder |publisher=BBC News |date=2010-03-24 |accessdate=2010-10-28}}</ref> कलकत्ता की कैथोलिक नन [[
1980 में, कैथोलिक पादरियों द्वारा नाबालिगों के यौन शोषण का मुद्दा मीडिया कवरेज का विषय बना एवं अमेरिका, आयरलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया एवं अन्य देशों में कानूनी कार्यवाही एवं जन-बहस का विषय बना. चर्च की इस दुर्व्यवहार शिकायतों के मामलों के निपटारे में आलोचना की गई जब यह पता चला कि कुछ विशपों ने आरोपित पुजारियों की रक्षा की, उनका स्थानान्तरण अन्य पुरोहिताई जिम्मेवारियों पर किया जबकि कुछ ने यौन अपराध जारी रखे. स्कैण्डल के प्रतिक्रियास्वरूप, चर्च ने दुर्व्यवहार को रोकने के लिए औपचारिक पद्धतियां स्थापित की, किसी दुर्व्यवहार के होने पर रिपोर्टिंग को बढ़ावा दिया और इस रिपोर्ट पर तुरंत कार्यवाही की, हालांकि पीड़ितों का प्रतिनिधित्व कर रहे समूहों ने इसकी प्रभाविता का खंडन किया.<ref>{{cite news|author=David Willey |url=http://www.bbc.co.uk/news/world-europe-10645748 |title=Vatican 'speeds up' abuse cases |publisher=Bbc.co.uk |date=2010-07-15 |accessdate=2010-10-28}}</ref>
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कैथोलिक गिरजाघर मानता है कि इस जगत में एक अनन्त परमेश्वर, जो तीन व्यक्तियों के रूप में परस्पर मौजूद है: परमेश्वर पिता, परमेश्वर पुत्र, और पवित्र आत्मा, जो एक साथ मिलकर [[त्रीएक|त्रिमूर्ति (ट्रिनिटी)]] का निर्माण करते हैं. कैथोलिक विश्वास करता है कि गिरजाघर "... पृथ्वी पर यीशु की सतत उपस्थिति है."<ref name="Schreck131">श्रेक, पृष्ठ 131</ref> कैथोलिकों के लिए शब्द "गिरजाघर" परमेश्वर के लोगों को सूचित करता हैं, जो यीशु मसीहके आज्ञा पालन में निरत रहते हैं और और जो..., को संदर्भित करता है, "... मसीह की देह के साथ पोषित होते हैं, वे मनुष्य, मसीह की देह हो जाते हैं.<ref>सीसीसी (CCC),धारा 777, 778</ref> कैथोलिक दावे के साथ कहते हैं कि यह गिरजाघर कैथोलिक गिरजाघर है, जो एक पंथ, पवित्र, कैथोलिक और प्रेरित गिरजाघर, के रूप में वर्णित है, मसीह का सच्चा गिरजाघर है. पोप संबंधी मिस्टीक कोर्पोरिस क्रिस्टी (ईसाई धर्म संबंधी रहस्यवाद) में कैथोलिक गिरजाघर को मसीह के रहस्यात्मक शरीर के रूप में वर्णित किया गया है.
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गिरजाघर शिक्षा देता है कि "मुक्ति के साधन" की परिपूर्णता केवल कैथोलिक गिरजाघर में ही मौजूद है, लेकिन यह भी मानता है कि पवित्र आत्मा ईसाईयत से खुद को अलग किये हुए समुदाय के उद्धार के लिए कार्य कर सकती हैं. यह शिक्षा देता है कि जो कोई भी बचाया जाता है परोक्ष रूप से गिरजाघर के माध्यम से बचाया जाता है, अगर वह व्यक्ति कैथोलिक गिरजाघर और उसके उपदेशों (उदाहरण के लिए, पितृत्व या संस्कृति का एक परिणाम के रूप में) के प्रति अजेय अज्ञान है, तो उसे परमेश्वर द्वारा उसके ह्रदय में बताये गये नैतिक नियमों का पालन करना चाहिए और, इसलिए उसे गिरजाघर से जुड़ जाना चाहिए, यदि वह आवश्यक समझता हैं.<ref name="LumenG3"
इसके सिद्धांत के अनुसार, कैथोलिक गिरजाघर यीशु मसीह के द्वारा स्थापित किया गया था.<ref name="Kreeft98">क्रीफ्ट, पृष्ठ 98, बोली ...एक कैथोलिक होने का मौलिक कारण यह ऐतिहासिक तथ्य है कि कैथोलिक गिरजाघर की स्थापना यीशू मसीह द्वारा की गई थी, यह ईश्वर का आविष्कार था, न कि आदमी का... जैसा कि पिता परमेश्वर ने यीशू को अधिकार दिया (जन 5:22; एमटी 18-20), यूशू मसीह ने इसे आगे अपने प्रेरितों को दे दिया (एलके 10:16), और उन्होंने अपने उत्तराधिकारियों के जिन्हें धर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया था.”</ref> [[नया नियम|नव विधान]] यीशु मसीह के कार्यों और शिक्षाओं को बारह प्रेरितों की नियुक्ति और उनको अपने कार्य जारी रखने के लिए दिए गये अधिकारों का वर्णन करता है.<ref name="Kreeft98"
ट्रेंट की परिषद के अनुसार, मसीह ने सात संस्कार स्थापित कर उन्हें गिरजाघर को सौंप दिया.<ref>सीसीसी (CCC), धारा 1131</ref> इन संस्कारों में, बपतिस्मा, पुष्टि, युकेरिस्ट, सामंजस्य (तपस्या), बीमार को तेल लगाना (पूर्व में चरम लेप या "अंतिम संस्कार"), पवित्र आदेश और पवित्र विवाह के बंधन. संस्कार महत्वपूर्ण दृश्य रिवाज है, जिसे कैथोलिक परमेश्वर की उपस्थिति के रूप में देखते हैं, और उन सभी के लिए परमेश्वर की अनुकम्पा का प्रभावी चैनल मानते हैं, जो उन्हें उचित प्रवृति (''किए गए कार्य से'' ) के साथ प्राप्त करते हैं.<ref>क्रीफ्ट, पीपी 298-299</ref>
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मरियम की प्रार्थनाएं और भक्ति कैथोलिक धार्मिकता का हिस्सा हैं, लेकिन परमेश्वर की पूजा से पृथक रहे हैं.<ref>श्रेक, पृष्ठ 199-200</ref> गिरजाघर मेरी को नित्य कुमारी और परमेश्वर की माता के रूप में विशेष आदर प्रदान करता है. मरियम के संबंध में कैथोलिक विश्वासों में मूल पाप के दाग के बिना पवित्र गर्भाधान तथा जीवन के अंत में शारीरिक धारणा के साथ स्वर्ग में स्थान शामिल हैं, जिन दोनों को ही 1854 में पोप पायस नवम तथा 1950 में पोप पायस बारहवें ने सिद्धांत के रूप में अचूकता से परिभाषित किया था.<ref name="Barry, p. 106">बैरी, पृष्ठ 106</ref>
मरीओलोजी न केवल उनके जीवन के बारे में बल्कि उनके दैनिक जीवन में पूजा, प्रार्थना और मेरियन कला, संगीत और वास्तुकला पर विस्तार से प्रकाश डालती है. गिरजाघर वर्ष के दौरान अनेक मैरियन मरणोत्तर भोज का आयोजन किया जाता हैं, और उन्हें अनेक उपाधियों, जैसे कि, स्वर्ग की रानी आदि से विभूषित किया जाता हैं. पोप पॉल षष्ठम ने उन्हें गिरजाघर की मां कहकर पुकारा, क्योंकि यीशु मसीह को जन्म देने के कारण वह यीशु के शरीर से जुड़े सभी सदस्यों की अध्यात्मिक माँ हुई.<ref name="Barry, p. 106"
गिरजाघर ने कुछ मेरियन की आभासी छाया की विश्वसनीयता की पुष्टि की हैं, जैसे कि अवर लेडी आफ लूर्डेस, फातिमा, ग्वाडालूप<ref>श्रेक , पृष्ठ 368</ref> और विस्कोंसिन, अमेरिका में लेडी ऑफ गुड होप तीर्थ.<ref>{{Cite news | title=New York Times Article | url=http://www.nytimes.com/2010/12/24/us/24mary.html?_r=1 | work=The New York Times | first=Erik | last=Eckholm | date=23 December 2010}}</ref> इन तीर्थस्थलों की यात्राएं लोकप्रिय कैथोलिक भक्तियां हैं.<ref>{{Cite news| last =Baedeker | first =Rob | title =World's most-visited religious destinations | work =USA Today | date =21 December 2007 | url =http://www.usatoday.com/travel/destinations/2007-12-21-most-visited-religious-spots-forbes_N.htm | accessdate=2008-03-03}}</ref>
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पाप कर्म में शामिल होने को मसीह के विपरीत होना माना जाता है, एक व्यक्ति की परमेश्वर से समानता को कमजोर करना और उनकी आत्मा को उनके प्रेम से दूर करना माना जाता हैं. पापों की श्रंखला, जिसमें कम गंभीर क्षम्य पापों से लेकर अधिक गंभीर नश्वर पाप जो कि परमेश्वर के साथ एक व्यक्ति के रिश्ते को खत्म करता हैं, शामिल हैं.<ref>सीसीसी (CCC), धारा 1850, 1857</ref> गिरजाघर सिखाता है कि मसीह का जुनून (पीड़ा) और उनको सलीब पर चढ़ाये जाने के प्रति प्रेम, सभी लोगों के लिए अपने पापों से मुक्ति और क्षमा प्राप्ति का एक अवसर हैं, ताकि परमेश्वर से मिलाप हो सके.<ref>सीसीसी (CCC), धारा 608</ref> कैथोलिक विश्वास के अनुसार, यीशु के जी उठने, ने मनुष्यों के लिए एक संभव आध्यात्मिक अमरता प्राप्त की, जो पहले मूल पापों की वजह से उन्हें नहीं दी गई थी.<ref name="Schreck113">श्रेक, पृष्ठ 113.</ref> परमेश्वर के साथ मिलन और मसीह के शब्दों और कर्मों का पालन करके, गिरजाघर का मानना है कि कोई परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर सकता है, जो कि "... लोगों के दिलों और जीवन पर... परमेश्वर का राज" है.<ref name="OneFaith26">बैरी, पृष्ठ 26</ref>
कैथोलिकों का विश्वास हैं कि पुष्टिकरण संस्कार के माध्यम से पवित्र आत्मा को प्राप्त करते हैं, और बप्तिस्मा के समय प्राप्त होने वाला आशीर्वाद सशक्त होता है.<ref name="Schreck230">श्रेक, पृष्ठ. 230</ref> ठीक से पुष्टि के लिए कैथोलिकों को अनुग्रह की अवस्था में होना चाहिए, जिसका अर्थ हैं कि वे स्वीकार नहीं किये जाने वाले नैतिक पापों के विरूद्ध सचेत रहेंगे.<ref name="Catechism of the Catholic Church">सीसीसी (CCC), धारा. 1310, 1319</ref> उन्हें पुष्टिकरण के लिए अध्यात्मिक रूप से तैयार रहना चाहिए, साथ ही अध्यात्मिक सहायता के लिए एक प्रायोजक चुनकर, एक संत का उनके विशेष संरक्षण और हिमायत के लिए चुनाव करना चहिये.<ref name="Schreck230"
बपतिस्मा के बाद, कैथोलिक प्रायश्चित के संस्कार के माध्यम से अपने पापों के लिए क्षमा प्राप्त कर सकते हैं.<ref name="Schreck242">श्रेक, पृष्ठ 242</ref> इस संस्कार में, व्यक्ति एक पादरी के समक्ष अपने पापों को स्वीकार करता हैं, जो तब सलाह प्रदान करता है और एक विशेष प्रकार का प्रायश्चित करने के लिए कहता है. तदुपरांत पादरी मुक्ति की घोषणा करता है, और औपचारिक रूप से व्यक्ति के पापों को क्षमा कर देता है.<ref name="Kreeft344">क्रीफ्ट, पीपी 343-344</ref> पादरी को मना किया गया है,- बहिष्कार के दंड के अंतर्गत किसी भी पाप या बयान के प्रकटीकरण के तहत सुनी गई बातों को प्रकट करने से.<ref>सीसीसी (CCC), धारा 1310, 1385</ref> पापी द्वारा अपने पापों को स्वीकार करने और क्षमा प्राप्त करने के बाद उसे एक क्षमा पत्र गिरजाघर द्वारा प्रदान किया जा सकता हैं. एक क्षमा पत्र नरक में मिलने वाले पापों (जिसे समग्र क्षमा पत्र के नाम से जाना जाता हैं) से आंशिक या पूर्ण रूप से छूट दिला सकता हैं.<ref>[http://www.vatican.va/archive/ENG1104/__P3I.HTM ''कोड ऑफ़ कैनन लॉ, (कैनन'' ] [http://www.vatican.va/archive/ENG1104/__P3I.HTM ''992-997) इन्डलजेंस'' ], [http://www.vatican.va/roman_curia/tribunals/apost_penit/documents/rc_trib_appen_doc_20020826_enchiridion-indulgentiarum_lt.html ''Enchiridion Indulgentiarum'' , चतुर्थ संसकरण, 1999]</ref>
गिरजाघर सिखाता है कि, मृत्यु के तुरंत बाद, प्रत्येक व्यक्ति की आत्मा के बारे में परमेश्वर की ओर से एक विशेष निर्णय प्राप्त होगा जो कि व्यक्ति के सांसारिक जीवन के कर्मों के आधार पर होगा.<ref name="Catechism of the Catholic Church">सीसीसी (CCC), धारा 1021-22, 1051</ref> यह शिक्षण इस बात को इंगित करता हैं कि एक दिन जब मसीह समस्त मानव जाति के लिए सार्वभौमिक न्याय करेंगे. यह अंतिम निर्णय, गिरजाघर शिक्षण के अनुसार, मानव इतिहास का अंत लाने के लिए और एक नए और बेहतर स्वर्ग और पृथ्वी पर परमेश्वर के धर्म -शासन की शुरुआत का प्रतीक होगा.<ref name="Catechism of the Catholic Church">सीसीसी (CCC), धारा. 1038-41</ref> देवदूत मैथ्यू के विस्तृत वर्णन के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति की आत्मा के बारे में निर्णय लिया जायेगा, माना जाता है मैथ्यू के सुसमाचार में निम्नतम लोगों द्वारा किये गये दया के कार्यों को भी शामिल किया जायेगा.<ref name="Matthew25">{{bibleverse||Matthew|25:35–36}}</ref> मसीह के शब्दों पर जोर देते हुए, "हर कोई जो मुझसे कहते हैं, 'हे प्रभु, हे प्रभु,' स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकेंगे, लेकिन वह कर सकता हैं जिसके बारे में मेरे पिता इच्छा करेंगे जो स्वर्ग में है ".<ref name="Schreck397"
प्रश्नोत्तरी के अनुसार, "अंतिम निर्णय भी स्वयं से आगे का परिणाम प्रस्तुत करेगा, अपने सांसारिक जीवन के दौरान जो अच्छे कार्य प्रत्येक व्यक्ति ने किये हैं या वैसा करने में असफल रह गये, को प्रकट करेगा.<ref name="Schreck397">श्रेक, पृष्ठ 397</ref> प्रस्तुत निर्णय के अनुसार, एक आत्मा जीवन के बाद के तीन राज्यों में प्रवेश कर सकती हैं. स्वर्ग परमेश्वर के साथ शानदार संयोजन और अकथ्य खुशी का जीवन है, जो हमेशा के लिए रहता है.<ref name="Catechism of the Catholic Church">सीसीसी (CCC), धारा 1023-29, 1042-50</ref> यातना आत्मा की शुद्धि के लिए एक अस्थायी स्थिति है, जो, हालांकि बचाये गये हैं, पर्याप्त रूप से पाप से मुक्त नहीं हैं, और वे सीधे स्वर्ग में प्रवेश नहीं कर सकते हैं.<ref name="Catechism of the Catholic Church">सीसीसी (CCC), धारा 1030-32, 1054</ref> नरक की आत्माओं को श्रद्धालु की प्रार्थनाओं और पवित्र लोगों की हिमायत के द्वारा स्वर्ग में पहुचने में सहायता प्राप्त हो सकता है.<ref>{{cite web|url=http://www.ewtn.com/Library/Liturgy/zlitur215.htm |title=Saints' Prayers for Souls in Purgatory |publisher=Ewtn.com |date= |accessdate=2010-10-28}}</ref>
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अंत में, जिन्होंने पापी और स्वार्थी जीवन जीने के लिए चुना है, और वे उसका पश्चाताप नहीं करते है, और पूरी तरह से अपने तरीके से जीना चाहते हैं, नरक में भेजे जाते हैं जो कि परमेश्वर से एक चिरस्थायी जुदाई होती है.<ref name="Catechism of the Catholic Church">सीसीसी (CCC), धारा 1033-37, 1057</ref> गिरजाघर सिखाता है कि किसी को भी नरक में तब तक नहीं भेजा जाता हैं जब तक कि उसने स्वतंत्र रूप से परमेश्वर को अस्वीकार करने का फैसला नहीं लिया हैं.<ref name="Catechism of the Catholic Church">सीसीसी (CCC), धारा 1058</ref> किसी का भी नरक में जाना पूर्वनिर्धारित नहीं है, और न ही कोई इस बात का निर्णय कर सकता हैं कि किसी की निंदा की गई है या नहीं.<ref name="Catechism of the Catholic Church">सीसीसी (CCC), धारा 1037</ref> रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म सिखाता है कि परमेश्वर की दया से कोई व्यक्ति मृत्यु से पहले जीवन के किसी भी बिंदु पर पश्चाताप कर बचाया जा सकता है.<ref name="Luke23">{{bibleverse||Luke|23:39–43}}</ref> कुछ कैथोलिक ब्रह्मविज्ञानियों का विचार हैं कि अबपतिस्मा हुए शिशुओं की आत्माएं जो मूल पाप में मर जाते हैं, वे उपेक्षित स्थान को जाते हैं, हालांकि यह गिरजाघर का अधिकारिक सिद्धांत नहीं है.<ref>{{cite web|url=http://www.catholicculture.org/culture/library/view.cfm?id=7529&CFID=32422018&CFTOKEN=46037657 |title=Library : The Hope of Salvation for Infants Who Die Without Being Baptized |publisher=Catholic Culture |date=2007-01-19 |accessdate=2010-10-28}}</ref>
कैथोलिक विश्वासों का नाइसीन पंथ में सारांशित और ''कैथोलिक गिरजाघर की प्रश्नोत्तरी'' में विस्तृत रूप से वर्णन हैं.<ref name="cat">मार्थालेर, प्रस्तावना</ref><ref>{{cite web|last=John Paul II|first=Pope|title=Laetamur Magnopere|publisher=Vatican|year=1997|url=http://www.vatican.va/holy_father/john_paul_ii/apost_letters/documents/hf_jp-ii_apl_15081997_laetamur_en.html|accessdate=2008-03-09}}</ref> धर्मप्रचार में मसीह के वादे के आधार पर, गिरजाघर का मानना है कि यह लगातार पवित्र आत्मा के द्वारा निर्देशित है और इसलिए सैद्धांतिक त्रुटि में गिरने से बिना गलती किए रक्षित हैं.<ref name="LumenG3"
पवित्र परंपरा में गिरजाघर द्वारा शिक्षाएं शामिल हैं जिनके बारे में गिरजाघर मानता हैं कि वे प्रेरितों के समय से चली आ रही हैं.<ref name="Schreck16">श्रेक, पीपी 15-19</ref> पवित्र शास्त्र और पवित्र परंपरा सामूहिक रूप से ''"विश्वास की जमा" (दिपोजितम फिदी)'' के रूप में जाना जाता है. इन सबकी व्याख्या मैजिस्टीरियम के द्वारा किया गया हैं (''मैजिस्टर'' का लैटिन अर्थ "शिक्षक") हैं, गिरजाघर के शिक्षण अधिकार, जो पोप और कालेज के धर्माध्यक्ष के साथ संयुक्त रूप से प्रयोग किया जाता है.<ref name="Schreck30">श्रेक, पृष्ठ 30</ref>
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==पूजा की परंपरा==
{{See also|Catholic liturgy|Sacraments of the Catholic Church|List of Catholic rites and churches}}
[[
संयुक्त राज्य अमेरिका में, कुछ "अंग्रेजी प्रयोग"लुप्त होता जा रहा है और कुछ रोमन संस्कार है जो कि अंगरेज़ी के मरणोत्तर संस्कार के कई पहलुओं को बरकरार रखे हुए हैं.{{#tag:ref|In 1980, Pope John Paul II issued a [[Pastoral Provision|pastoral provision]] that allows establishment of personal parishes in which members of the [[Episcopal Church (United States)|Episcopal Church]] (the U.S. branch of the Anglican Communion) who join the Catholic Church retain many aspects of Anglican liturgical rites as a variation of the Roman rite. Such "Anglican Use" parishes exist only in the United States.|group=note}}कार्यान्वयन के लिए 2009 में दी गई निर्माण के लिए स्वीकृति का अभी भी इंतजार किया जा रहा हैं, जहां कही एंग्लिकन गिरजाघर के साथ समन्वय में प्रवेश और अंगरेज़ी परंपरा के तत्व शामिल हैं, का उपयोग किया जा सकता हैं.<ref>{{Cite news| last =Ivereigh | first = Austen| title =Rome's new home for Anglicans | work =The Washington Post | date =21 October 2009 | url =http://newsweek.washingtonpost.com/onfaith/panelists/austen_ivereigh/2009/10/romes_new_home_for_anglicans.html | accessdate=2009-12-07}}</ref> अन्य पश्चिमी संस्कारों में (गैर रोमन) अम्ब्रोसियन अनुष्ठान और मोज़राबिक संस्कार शामिल हैं. पूर्वी कैथोलिक गिरजाघर के द्वारा प्रयोग किये गये संस्कारों में बीजान्टिन संस्कार, अलेक्जेन्द्रिया या कोप्टिक संस्कार, सिरिएक संस्कार, अर्मेनियाई संस्कार, मरोनिते संस्कार, और कलडीन संस्कार शामिल है.
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युकेरिस्ट, या मास, कैथोलिक पूजा का केंद्र है.<ref>सीसीसी (CCC), धारा 1324-1331</ref> संस्था के शब्द इस संस्कार के लिए धर्म प्रचार और एक पुलिने पत्र से तैयार किया गया है.<ref name="wordsinstit">देखें {{bibleverse||Luke|22:19}}, {{bibleverse||Matthew|26:27–28}}, {{bibleverse||Mark|14:22–24}}, {{bibleverse||1Corinthians|11:24–25}}</ref> कैथोलिक ईसाइयों का मानना है कि प्रत्येक मास में, रोटी और शराब अलौकिक रूप से मसीह के शरीर और खून में रूपांतरित हैं. गिरजाघर सिखाता है कि मसीह के अंतिम भोजन में मानवता के साथ एक नया नियम युकेरिस्ट की संस्था के माध्यम से स्थापित की. क्योंकि गिरजाघर सिखाता है कि मसीह युकेरिस्ट<ref name="Kreeft326">क्रीफ्ट, पृष्ठ. 326</ref> में मौजूद है, इसलिए इसकी समारोह के आयोजन और स्वागत के बारे में सख्त नियम हैं. कैथोलिक को कम से कम समन्वय प्राप्त करने से एक घंटे पहले खाने से बचना चाहिए.<ref name="Kreeft331">क्रीफ्ट, पृष्ठ 331</ref>
जो नश्वर पाप के एक राज्य के बारे में सचेत हैं, इस संस्कार से वंचित किये जा रहे हैं जब तक कि वे सुलह (प्रायश्चित) के संस्कार के माध्यम से मुक्ति प्राप्त नहीं करते है.<ref name="Kreeft331"
==संगठन और जनसांख्यिकी==
===पदानुक्रम कर्मी, और संस्थाएं===
{{Main|Catholic Church hierarchy}}
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गिरजाघर के अनुक्रम का नेतृत्व रोम के धर्माध्यक्ष पोप द्वारा किया जाता है.<ref name="Kreeft109">क्रीफ्ट, पृष्ठ 109.</ref> इस कार्यालय के बल पर, यह रोमन प्रांत के पाधान धर्माध्यक्ष और महानगरीय, इटली के धर्माधिपति, लेटिन गिरजाघर के आचार्य, तथा सार्वलौकिक गिरजाघर के श्रेष्ठ धर्माध्यक्ष आदि के रूप में भी कार्य करते है. धर्माध्यक्ष के रूप में, वे ईसा मसीह के प्रतिनिधि हैं तथा रोम के धर्माध्यक्ष के रूप में वे संतों के उत्तराधिकारी हैं. पीटर और पॉल तथा परमेश्वर के सेवकों के सेवक.<ref name="bunson">.{{harvnb|Bunson|2008|p=273}}</ref> वे वेटिकन सिटी के प्रधान भी हैं.<ref>{{Cite news|title=Country profile: Vatican|work=BBC News|url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/europe/country_profiles/1066140.stm|accessdate=2008-03-09}}</ref>
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कैथोलिक गिरजाघर में 2008 तक, 2795 धर्मप्रदेश शामिल थे,<ref name="sees">वेटिकन, ''एनुएरियो पॉर्टिफिसियो'' 2009 , पृष्ठ 1172.</ref> और इन सबकी देख रेख धर्माध्यक्ष द्वारा की जाती थी. धर्मप्रदेश व्यक्तिगत समुदायों में विभाजित किये जाते हैं जिन्हे बस्ती कहा जाता है, हर एक में एक से ज्यादा पादरियों, छोटे पादरियों, तथा धर्माध्यक्षों के सह कार्यकर्ताओं को काम पर रखा जाता है.<ref name="OneFaith52">बैरी, पृष्ठ 52</ref> छोटे पादरियों, पादरियों तथा धर्माध्यक्षों सहित सभी पुरोहित प्रवचन देना, सिखाना, नाम रखना, गवाह विवाह कराना तथा अंतिम संस्कार की पूजन पद्धति कराना आदि काम कर सकते हैं.<ref>{{cite web|title=Frequently Asked Questions About Deacons|url=http://www.usccb.org/deacon/faqs.shtml|author=Committee on the Diaconate|publisher=United States Conference of Catholic Bishops|accessdate=2008-03-09}}</ref> केवल धर्माध्यक्ष और पादरियों को युहरिस्ट, मिलाप (प्रायश्चित्त) तथा बीमार का अभिषेक कराना आदि संस्कार कर वाने की इज़ाज़त थी.<ref>[http://www.intratext.com/IXT/ENG1199/_P16.HTM कैनन 42] कैथोलिक गिरजाघर कैनन कानून. 09-03-2008 को पुनःप्राप्त.</ref><ref>[http://www.vatican.va/archive/ENG1104/__P1D.HTM कैनन 375], कैथोलिक गिरजाघर कैनन कानून. 09-03-2008 को पुनःप्राप्त.</ref> केवल धर्माध्यक्ष ही पवित्रा आदेशों का संस्कार कर सकते हैं, जिसकी नियुक्ति किसी के द्वारा पोरोहितों में होती है.<ref name="OneFaith114">बैरी, पृष्ठ 114.</ref>
पुरोहितों में नियुक्त कौन होगा इस पर गिरजाघर ने नियम बनाये हैं. लेटिन अधिकारों में, पुरोहिताई आम तौर पर अविवाहितों के लिये ही रक्षित है.<ref name="CCL1031">[http://www.vatican.va/archive/ENG1104/__P3Q.HTM कैनन 1031] कैथोलिक गिरजाघर कैनन कानून. 09-03-2008 को पुनःप्राप्त.</ref><ref name="CCL1037">[http://www.vatican.va/archive/ENG1104/__P3R.HTM कैनन 1037], कैथोलिक गिरजाघर कैनन कानून. 09-03-2008 को पुनःप्राप्त.</ref> पुरुष, जो पहले ही शादी कर चुके है उनकी नियुक्ति पूर्वी कैथोलिक गिरजाघरों में की जाती है,<ref>{{cite news|last=Niebuhr|first=Gustav|title=Bishop's Quiet Action Allows Priest Both Flock And Family|work=The New York Times|date=16 February 1997|url=http://query.nytimes.com/gst/fullpage.html?res=9C07EEDD133FF935A25751C0A961958260&sec=&spon=&pagewanted=all|accessdate=2008-04-04}}</ref> और जो किसी अधिकार के तहत छोटे पादरी भी बन सकते हैं.<ref name="CCL1031"
नियुक्त हुए कैथोलिक, के साथ ही साथ जन-साधारण के सदस्य, ननों और साधुओं की तरह पवित्र जीवन अपना सकते हैं. एक उम्मीदवार तीन इसाई धर्म संम्बन्धी पवित्रता के परामर्श, गरीबी तथा आज्ञाकारिता आदि का पालन करने की अपनी इच्छा सुनिश्चित करते हुए शपथ लेता है.<ref name="Canons573-746">[http://www.vatican.va/archive/ENG1104/__P1Y.HTM कैनन कानून 573-746] कैथोलिक गिरजाघर कैनन कानून. 09-03-2008 को पुनःप्राप्त.</ref> अधिकतर साधू तथा नन एक तपस्वी के समान या धार्मिक व्यव्स्था में प्रवेश करते हैं,<ref name="Canons573-746"
===सदस्यता===
{{See|Catholicism by country}}
1950 के 437 मिलियन<ref name="Froehle5">फ्रोएहले, पीपी 4–5</ref> और 1970 के 654 मिलियन<ref>{{cite news|last=Bazar|first=Emily|title=Immigrants Make Pilgrimage to Pope|work=USA Today|date=16 April 2008|url=http://www.usatoday.com/news/religion/2008-04-15-popeimmigrants_N.htm|accessdate=2008-05-03}}</ref> के आंकड़ों में और वृद्धी करते हुए, 2007 में गिरजाघर की सदस्यता संख्या 1.147 मिलियन थी.<ref name="cathstats"
कैथोलिक गिरजाघर की सदस्यता बपतिस्मा के माध्यम से उपलब्ध हो जाती है. <ref>[http://www.vatican.va/archive/ENG1104/__P3.HTM कोड ऑफ़ कैनन लॉ, कैनन 11.] 09-03-2008 को पुनःप्राप्त.</ref> अगर कोई औपचारिक रूप से गिरजाघर छोड़ता है, यह तथ्य व्यक्ति के बपतिस्मा के रजिस्टर में नोट किया जाता है.
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* फैह्लबुश, एरविन (2007). ''ईसाई धर्म के विश्वकोश.'' डब्ल्यूएम. बी. एर्डमैन्स. ISBN 0-8028-2415-3.
* फ्रोएहले, ब्रायन, मैरी गौटिएर (2003). ''ग्लोबल कैथ्लिसिज्म, पोर्ट्रेट ऑफ़ अ वर्ल्ड गिरजाघर.'' ओर्बिस बुक्स, एपोस्टोलेट में एप्लाइड रिसर्च के लिए केंद्र, जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय. ISBN 1-57075-375-X.
* हैमनेट, ब्रायन आर. (1999). ''मेक्सिको के संक्षिप्त इतिहास.'' पोर्ट चेस्टर, एनवाई: कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस. ISBN 0-521-
* हेस्टिंग्स, एड्रियन (2004). ''अफ्रीका में गिरजाघर 1450-1950.'' ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस. ISBN 0-19-826399-6.
* हेरिंग, जॉर्ज (2006). ''ईसाई धर्म के इतिहास के लिए एक परिचय.'' कौन्टिनम इंटरनैशनल. ISBN 0-8264-6737-7.
पंक्ति 274:
{{Use dmy dates|date=September 2010}}
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▲{{Link FA|eo}}
[[af:Rooms-Katolieke Kerk]]
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