"परहितवाद": अवतरणों में अंतर
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दूसरे शब्दों में, परोपकार के समान कोई धर्म नहीं है। विज्ञान ने आज इतनी उन्नति कर ली है कि मरने के बाद भी हमारी नेत्र ज्योति और अन्य कई अंग किसी अन्य व्यक्ति के जीवन को बचाने का काम कर सकते है। इनका जीवन रहते ही दान कर देना महान उपकार है। परोपकार के द्वारा ईश्वर की समीपता प्राप्त होती है। इस प्रकार यह ईश्वर प्राप्ति का एक सोपान भी है और गन्द मे लन्द चोदन।
==बाह्य सूत्र==
** [http://altruists.org/215 What is Altruism?] from Altruists International
* धर्म और दर्शन
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