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[[Fileचित्र:Uttar Pradesh district location map Gautam Buddha Nagar.svg|thumb|right|200px|गौतम बुद्ध नगर जिले की प्रदेश में अवस्थिति]]
''' गौतम बुद्ध नगर''' ([[अंग्रेजी]]:Gautam Buddh Nagar, [[उर्दू]]:گوتم بدھ نگر ضلع) भारतीय राज्य [[उत्तर प्रदेश]] का एक मह्त्वपूर्ण [[जिला]] है। इस जिले की स्थापना 9 जून 1997 को [[बुलन्दशहर]] एवं [[गाजियाबाद]] जिलों के कुछ ग्रामीण व अर्द्धशहरी क्षेत्रों को काटकर की गयी थी। प्रदेश में सत्ता-परिवर्तन होते ही [[मुलायम सिंह यादव]] ने इस जिले को भंग कर दिया जिसके विरोध में यहाँ की जनता ने प्रबल आन्दोलन किया था। बाद में जनता के दबाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश [[सरकार]] को अपना वह आत्मघाती निर्णय बदलना पडा और जिला बहाल किया गया।
 
आज स्थिति यह है कि गौतम बुद्ध नगर जिला प्रदेश की [[राजस्व प्राप्ति]] में अपनी प्रमुख भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र [[दिल्ली]] से सटे हुए इस जिले का मुख्यालय [[ग्रेटर नोएडा]] में अवस्थित है।
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==भौगोलिक सांख्यकी व प्रशासनिक अधिकारी==
 
'''क्षेत्रफल''' - 1442 वर्ग कि० मी० (557 वर्गमील )
 
'''जनसंख्या''' - 16,74,714 (2011 जनगणना)
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'''जिलाधिकारी ''' - डॉ० एम०के०एस० सुन्दरम आई०ए०एस०
 
'''मुख्य विकास अधिकारी''' - पवन कुमार आई०ए०एस०
 
==इतिहास==
इस जिले की स्थापना 9 जून 1997 को [[बुलन्दशहर]] एवं [[गाजियाबाद]] जिलों के कुछ ग्रामीण व अर्द्धशहरी क्षेत्रों को काटकर की गयी थी। आज इसमें [[नोएडा ]] व ग्रेटर नोएडा जैसे व्यावसायिक उप महानगर शामिल हो चुके है। [[दादरी]] विधान सभा क्षेत्र भी इसी जिले का एक हिस्सा बन चुका है। वह दादरी जहाँ की जनता ने 1857 के प्रथम स्वातन्त्र्य समर में काफी योगदान दिया था। दादरी में स्वतन्त्रता सेनानी राव उमराव सिंह की मूर्ति आज भी देखी जा सकती है। इसी प्रकार [[नोएडा]] के गोल्फ कोर्स में स्थित जनरल लेक की स्मृति में अंग्रेजों द्वारा कब का बनाया हुआ कीर्ति स्तम्भ आज भी [[प्रशासन]] को मुँह चिढा रहा है।
 
ऐतिहासिक दृष्टि से यहाँ का दनकौर, बिसरख, रामपुर जागीर व नलगढ़ा गाँव कई स्मृतियाँ संजोये हुए है। दनकौर में [[द्रोणाचार्य]] तथा बिसरख में [[रावण]] के पिता विश्वेश्रवा ऋषि का प्राचीन मन्दिर आज भी स्थित है। [[ग्रेटर नोएडा]] स्थित रामपुर जागीर गाँव में स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान सन् १९१९ में [[मैनपुरी षड्यन्त्र]] करके फरार हुए सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी [[राम प्रसाद 'बिस्मिल']] भूमिगत होकर कुछ समय के लिये रहे थे और यहाँ के गूजरों के जानवर चराते हुए पुस्तकों का [[अनुवाद]] किया था। [[उत्तर प्रदेश]] में पूर्व मुख्यमन्त्री [[मायावती]] की सरकार ने उनकी स्मृति में [[राम प्रसाद 'बिस्मिल'|अमर शहीद पं० राम प्रसाद 'बिस्मिल' उद्यान]] का केवल नामकरण तो कर दिया और कुछ नहीं किया; जबकि [[नोएडा]] के कई उद्यानों पर हजारों करोड़ रुपया खर्च किया गया। नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित नलगढा गाँव में [[भगत सिंह]] ने भूमिगत रहते हुए कई बम-परीक्षण किये थे। वहाँ आज भी एक बहुत बडा पत्थर सुरक्षित रखा हुआ है।
 
==इन्हें भी देखें==