"कैस्पियन सागर": अवतरणों में अंतर

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|reference = <ref name="vanderLeeden">वान डर लीडेन, ट्रॉएज़, एवं टॉड, एड्स, ''द वॉटर विश्वकोष'' द्वितीय संस्करण. चेल्सिया, एम.आई: लुविस पब्लिशर्स, १९९०, पृष्ठ १९६</ref>
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'''कैस्पियन सागर''' ([[संस्कृत]]: कश्यप सागर; [[फ़ारसी]]: {{Nastaliq|ur|دریای مازندران}}, ''दरया - मजंदरान''-माज़ंदरान), [[एशिया]] की एक [[झील]] है जिसे अपने वृहत आकार के कारण सागर कहा जाता है। [[मध्य एशिया]] में स्थित यह झील क्षेत्रफल के हिसाब से विश्व की सबसे बड़ी झील है। इसका क्षेत्रफल ४,३०,००० वर्ग किलोमीटर तथा आयतन ७८,२०० घन किलोमीटर है। इसका कोई बाह्यगमन नहीं है और पानी सिर्फ़ [[वाष्पीकरण]] के द्वारा बाहर जाता है। ऐतिहासिक रूप से यह [[काला सागर]] के द्वारा [[बोस्फ़ोरस]], [[ईजियन सागर]] और इस तरह [[भूमध्य सागर]] से जुड़ा हुआ माना जाता है जिसके कारण इसे ज्यरचना के आधार पर इसे झील कहना उचित नहीं है। इसका खारापन १.२ प्रतिशत है जो विश्व के सभी समुद्रों के कुल खारेपन का एक-तिहाई है। इसके नाम के बारे में जो धारणाएँ प्रचलित हैं उनमें ऋषि [[कश्यप]] का नाम प्रमुख है।<ref name="वृहद">{{cite web |url= http://vrihad.com/bs/home.php?bookid=2582|title= अपराजेय|accessmonthday= |accessyear= |accessmonthday= |accessdaymonth = |accessyear= |author= |last= भट्ट|first= श्याम सुंदर|authorlink= |accessmonthday= १४ जून|accessyear= २००९|format= पेपरबैक|work= |publisher= भारतीय साहित्य संग्रह|pages= २८५|language= हिन्दी|quote= मैं हूँ चंद्र। मेरा पुत्र पैल है और पुत्री का नाम शशि है। हम आदित्य जाति के हैं। कश्यप सागर से आदित्यपुर (वर्तमान के कैस्पियन सागर से अदन बंदरगाह) के बीच फैले क्षेत्र में हमारी जाति के लोग निवास करते हैं।’’ वृद्ध ने कहा।}}</ref>
 
कैस्पियन सागर विश्व में विश्व के सभी झीलों के कुल जल का ४०-४४ % जल है। [[तुर्कमेनिस्तान]] ,[[कज़ाख़स्तान]], [[रूस]], [[अजरबैजान]], [[ईरान]] इसके तटवर्ती देश हैं। इसका उत्तरी भाग बहुत छिछला है जहाँ इसकी गहराई ५- ६ मीटर है, जबकि दक्षिणी भाग की औसत गहराई १००० मीटर के आसपास है। कैस्पियन सागर को प्राचीन मानचित्रों में क़ाज़्विन भी कहा गया है। इसके अलावा इसे ईरान में दरया-ए-मजंदरां भी कहते हैं। काले सागर की ही भांति यह भी ऐतिहासिक व विलुप्त पैरा टिथाइस सागर का अवशेष है जो लगभग ५५ लाख वर्षों पूर्व पृथ्वी की विवर्तनिक (टेक्टोनिक) पर्तों की गतिविधियों के कारण भूमि-बंध हो गया था। यूरोप से आती [[वोल्गा नदी]] जो यूरोप के २०% भूमि क्षेत्र को सींचती है, कैस्पियन सागर के ८०% जल का स्रोत है। इसके अलावा अन्य मुख्य स्रोत [[युराल नदी]] है। इस सागर में बहुत से द्वीप हैं, जिनमें ऑगुर्जा आडा सबसे बड़ा द्वीप है जिसकी लंबाई ४७ कि.मी है।