"गदा": अवतरणों में अंतर
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'''गदा''', एक प्राचीन भारतीय पौराणिक आयुध है। इसमें एक लम्बा दण्ड होता है ओर उसके एक सिरे पर भारी गोल लट्टू सरीखा शीर्ष होता है। दण्ड पकड़कर शीर्ष की ओर से शत्रु पर प्रहार किया जाता था। इसका प्रयोग बल सापेक्ष्य और अति कठिन माना जाता था।
गदा
==गदा युद्ध==
गदा युद्ध की चर्चा प्राचीन साहित्य में बहुत हुई हैं। महाकाव्य [[महाभारत]] में [[भीम]], [[दुर्योधन]], [[जरासन्ध]], [[बलराम]] आदि योद्धा गदा युद्ध के प्रसिद्ध विशेषज्ञ थे। गदा को बीस प्रकार से संचालित किया जा सकता है। [[अग्नि पुराण]] में गदा युद्ध के आहत, गोमूत्र, प्रभृत, कमलासन, ऊर्ध्वगत्र, नमित, वामदक्षिण, आवृत्त, परावृत्त, पदोद्धृत, अवप्लत, हंसमार्ग और विभाग नामक प्रकारों
बारूद के द्वारा गदा को प्रक्षेपास्त्र के तौर पर भी प्रयोग किया जदा सकता है। इस रूप में इसका मुख्य प्रयोग शत्रु पर एक ऊँचे स्थान से या दोनों
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आजकल गदा का उपयोग व्यायाम के निमित्त ही होता है। उत्तर भारत के पहलवानी अखाड़ों में इसका विशेष प्रचार है। मुगदर (लकड़ी का बना गदा का एक रूप) को कसरत के लिये प्रयोग किया जाता है। पहलवान एक हाथ अथवा दोनों में गदा लेकर आगे, पीछे, ऊपर तथा नीचे घुमाते है। इससे हाथ और वक्ष के स्नायु मजबूत होते हैं।
[[कराटे]] में कंडीशनिंग के लिये प्रयुक्त होने वाला एक उपकरण [[:en:Hojo_undō#Chi_Ishi|चीसी]] तथा इसकी कसरत की शैली गदा तथा मुगदर से प्रेरित है। पश्चिमी देशों में प्रचलित वार क्लब (लड़ाई में प्रयुक्त होने वाले गदा जैसे उपकरण) भी गदा से प्रेरित हैं।<ref>[http://www.ihpra.org/war_clubs.htm Club History]</ref>
==इन्हें भी देखें==
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