"अफ़ीम युद्ध": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पंक्ति 38:
 
==युद्ध==
चीनी सम्राट डाओगांग ने विद्रोहों के दमन के लिए जाने जाने वाले [[लिन जिशुत्सेशु]] को 1838 में कैंटन के मामलों का प्रभारी बनाया । कैंटन (आज का गुआंगजाउ) दक्षिण-पूर्वी चीन का पत्तन था जहाँ से मकाउ और हांगकांग निकट थे - और विदेशियों को केवल यहीं से व्यापार की इजाजत थी । लिन ने अंग्रेजों की स्थानीय लोगों को रिश्वत देकर अफ़ीम अंदर भेजने की नीति का विरोध किया । इससे अंग्रेज़ नाराज हुए । लेकिन लिन रुका नहीं - उसने अंग्रेज़ कप्तान [[चार्ल्स एलियट]] को व्यापार बंद करने की धमकी दी । इसके बाद एलियट ने समझौते के मुताबिक अफीम का व्यापार रोका - और 2000 टन अफ़ीम समुद्र में बहाने के लिए राजी हुआ । अफीम के बक्से लिन ने लिए और समुद्र में बहा दिया । इसके बाद जब ब्रिटिश जहाज़ नेमेसिस आया तो चीनियों की सैनिक धमकियाँ बेकार हो गईं क्योंकि अब अंग्रेजों के पास बेहतर हथियार और जहाज़ थे । अंग्रजों ने लड़ाई शुरु कर दी । हज़ारों चीनी मर गए ।
 
चीनी सम्राट ने लिन को पद से वापस बुला लिया । इसके बाद बात को आगे न बढ़ता देख कर अंग्रेजों ने भी चार्ल्स एलियट को बुला लिया और उसकी जगह [[हेनरी पॉटिंगर]] को नियुक्त किया । पॉटिंगर ने युद्ध की दिशा बदल दी ।
 
केंटॉन (गुआंगजाउ) पर आक्रमण 1841 में हुआ । इसके बाद यांग्त्सी नदी से लगे शांघाई और नानजिंग पर आक्रमण हुए । 20 हजा़र चीनी सैनिक मरे लेकिन ब्रिटिश क्षति सैकड़ों में थी ।