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[[चित्र:JRHU - Chancellor with students.jpg|thumb|right|जनवरी २, २००५ ई के दिन विकलांग विश्वविद्यालय के परिसर में मुख्य भवन के सामने अस्थि विकलांग विद्यार्थियों के साथ कुलाधिपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य]]
 
२३ अगस्त १९९६ ई के दिन स्वामी रामभद्राचार्य ने चित्रकूट में दृष्टिहीन विद्यार्थियों के लिए तुलसी प्रज्ञाचक्षु विद्यालय की स्थापना की।<ref name="aicb-bio"/><ref name="jagaran"/> इसके बाद उन्होंने केवल विकलांग विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्ति हेतु एक संस्थान की स्थापना का निर्णय लिया। इस उद्देश्य के साथ उन्होंने सितम्बर २७, २००१ ई को चित्रकूट, उत्तर प्रदेश, में जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय की स्थापना की।<ref>{{cite web | title = About JRHU | language=अंग्रेज़ी | url = http://www.jrhu.com/index_files/Page329.htm | accessdate = जुलाई २१, २००९ | publisher=जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय}}</ref><ref>{{cite web | last=शुभ्रा | title = जगदगुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय | url = http://wwwarchive.bhartiyapaksha.comis/?p=9111eDRf | journal=भारतीय पक्ष | accessdate = अप्रैल २५, २०११ | date=फ़रवरी १२, २०१०}}</ref> यह भारत और विश्व का प्रथम विकलांग विश्वविद्यालय है।<ref>{{cite web | language=अंग्रेज़ी | publisher=हिन्दुस्तान टाइम्स | first=तरुण | last=सुभाष | title = A Special University for Special Students: UP does a first - it establishes the country's first exclusive university for physically and mentally disabled students | url = http://www.disabilityindia.org/djinstjuly05C.cfm#up | date = जुलाई ३, २००५ | accessdate = जून २३, २०११}}</ref><ref>{{cite news | publisher=जनसत्ता एक्सप्रेस | first=रागिणी | last=दीक्षित | title= चित्रकूट: दुनिया का प्रथम विकलांग विश्वविद्यालय | date = जुलाई १०, २००७}}</ref> इस विश्वविद्यालय का गठन उत्तर प्रदेश सरकार के एक अध्यादेश द्वारा किया गया, जिसे बाद में उत्तर प्रदेश राज्य अधिनियम ३२ (२००१) में परिवर्तित कर दिया गया।<ref>{{cite web | last=उत्तर प्रदेश सरकार | first=सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग | title = सूचना का अधिकार अधिनियम २००५: अनुक्रमणिका | url = http://infotech.up.nic.in/hindi/suchana/suchana.htm | accessdate = जून २५, २०११}}</ref><ref>{{cite web | title = Home | language=अंग्रेज़ी | url = http://www.jrhu.com/index.htm | accessdate = जून २४, २०११ | publisher=जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय}}</ref><ref>{{cite book | language=अंग्रेज़ी | title = E-Governance in India: initiatives & issues | last=सिन्हा | first=आर पी | publisher=कंसेप्ट पब्लिशिंग कम्पनी | date=दिसम्बर १, २००६ | location=नई दिल्ली, भारत | id=ISBN 978-81-8069-311-3 | pages=पृष्ठ १०४}}</ref><ref>{{cite book | language=अंग्रेज़ी | title = Handbook of universities | last=गुप्ता | first=अमीता; कुमार, आशीष | publisher=एटलांटिक प्रकाशक एवं वितरक | date=जुलाई ६, २००६ | location=नई दिल्ली, भारत | id=ISBN 978-81-269-0608-6 | pages=पृष्ठ ३९५}}</ref> इस अधिनियम ने स्वामी रामभद्राचार्य को विश्वविद्यालय का जीवन पर्यन्त कुलाधिपति भी नियुक्त किया। यह विश्वविद्यालय संस्कृत, हिन्दी, आङ्ग्लभाषा, समाज शास्त्र, मनोविज्ञान, संगीत, चित्रकला (रेखाचित्र और रंगचित्र), ललित कला, विशेष शिक्षण, प्रशिक्षण, इतिहास, संस्कृति, पुरातत्त्वशास्त्र, संगणक और सूचना विज्ञान, व्यावसायिक शिक्षण, विधिशास्त्र, अर्थशास्त्र, [[:en:Prosthetics|अंग-उपयोजन]] और [[:en:Orthotics|अंग-समर्थन]] के क्षेत्रों में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टर की उपाधियाँ प्रदान करता हैं।<ref>{{cite web | title = Courses Offered | language=अंग्रेज़ी | url = http://www.jrhu.com/index_files/Page449.htm | accessdate =अप्रैल २५, २०११ | publisher=जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय}}</ref> विश्वविद्यालय में २०१३ तक आयुर्वेद और चिकित्साशास्त्र (मेडिकल) का अध्यापन प्रस्तावित है।<ref>{{cite web | last=संवाददाता | first=महोबा | date=जुलाई ६, २०११ | title = विकलांगों के लिए मेडिकल कालेज जल्द | url = http://www.amarujala.com/city/Mahoba/Mahoba-33757-44.html | accessdate =जुलाई ९, २०११ | publisher=अमर उजाला}}</ref> विश्वविद्यालय में केवल चार प्रकार के विकलांग – दृष्टिबाधित, मूक-बधिर, अस्थि-विकलांग (पंगु अथवा भुजाहीन), और मानसिक विकलांग – छात्रों को प्रवेश की अनुमति है, जैसा कि [[भारत सरकार]] के विकलांगता अधिनियम १९९५ में निरूपित है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार यह विश्वविद्यालय प्रदेश के प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रानिक्स शैक्षणिक संस्थाओं में से एक है।<ref>{{cite web | last=उत्तर प्रदेश सरकार | first=सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग | title = कम्प्यूटर शिक्षा | url = http://infotech.up.nic.in/hindi/ourgoal/our_goal_3.htm | accessdate = जून २४, २०११}}</ref> मार्च २०१० ई में विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में कुल ३५४ विद्यार्थियों को विभिन्न शैक्षणिक उपाधियाँ प्रदान की गईं।<ref>{{cite web | last=संवाददाता | first=चित्रकूट | publisher=जागरण याहू | title = विकलांग विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षात समारोह ७ मार्च को | url = http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_6211271.html | date = फ़रवरी २४, २०१० | accessdate=जुलाई २, २०११}}</ref><ref>{{cite web | publisher=बुन्देलखण्ड लाईव | title = औपचारिकताओं के बीच संपन्न हुआ विकलांग विवि का दीक्षान्त समारोह | url = http://www.bundelkhandlive.com/site/?p=6289 | date = मार्च ७, २०१० | accessdate = जून २४, २०११}}</ref><ref>{{cite web | last=संवाददाता | first=चित्रकूट | publisher=जागरण याहू | title = अच्छी शिक्षा-दीक्षा से विकलांग बनेंगे राष्ट्र प्रगति में सहायक | url = http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_6236876.html | date = मार्च ७, २०१० | accessdate=जुलाई २, २०११}}</ref> जनवरी २०११ ई में आयोजित तृतीय दीक्षांत समारोह में ३८८ विद्यार्थियों को शैक्षणिक उपाधियाँ प्रदान की गईं।<ref>{{cite web | last=इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस | publisher=वन इंडिया हिन्दी | title = चित्रकूट में राजनाथ सिंह को मानद उपाधि | url = http://thatshindi.oneindia.in/news/2011/01/15/20110115240706-aid0122.html | date = जनवरी १५, २०११ | accessdate = जून २४, २०११}}</ref><ref>{{cite web | last=एस एन बी | first=चित्रकूट | publisher=राष्ट्रीय सहारा | title = रामभद्राचार्य विवि का दीक्षांत समारोह - राजनाथ सिंह डीलिट की उपाधि से सम्मानित | url = http://rashtriyasahara.samaylive.com/epapermain.aspx?queryed=9&boxid=3291131&parentid=18540&eddate=01/15/11&querypage=15 | date = जनवरी १५, २०११ | accessdate = जून २४, २०११}}</ref>
 
== रामचरितमानस की प्रामाणिक प्रति ==