"दायभाग": अवतरणों में अंतर

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==उत्तराधिकारी क्रम==
मिताक्षरा और दायभाग के अनुसार जिस क्रम से उत्तराधिकारी होते हैं वह नीचे दिया जाता हैः
 
{| class="wikitable"
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! क्रम !! मिताक्षरा !! दायभाग
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| १ || पुत्र || पुत्र
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| २ || पौत्र || पौत्र
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| ३ || प्रपौत्र || प्रपौत्र
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| ४ || विधवा || विधवा
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| ५ || अविवाहिता कन्या || अविवाहिता कन्या
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| ६ || विवाहिता अपुत्रवती निर्धन कन्या || विवाहिता पुत्रविती कन्या
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| ७ || विवाहिता पुत्रवती संपन्न कन्या || नाती ( कन्या का पुत्र)
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| ८ || नाती (कन्या का पुत्र)|| पिता
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| ९ || माता || माता
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| १० || पिता || भाई
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| ११ || भाई || भतीजा
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| १२ || भतीजा || भतीजा का लड़का
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| १३ || दादी || बहन का लड़का
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| १४ || दादा || दादा
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| १५ || चाचा || दादी
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| १६ || चचेरा भाई || चाचा
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| १७ || परदादी|| चचेरा भाई
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| १८ || परदादा || चचेरे भाई का लड़का
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| १९ || दाद का भाई || दादा की लड़की का लड़का
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| २० || दादा के भाई का लड़का || पंरदादा
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| २१ || परदादा के ऊपर तीन पीढ़ी के और पूर्वज || परदादी
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| २२ || और सपिंड || दादा का भाई
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| २३ || समानोदक || दादा के भाई का लड़का
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| २४ || बंधु || दादा के भाई का पोता
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| २५ || आचार्य || परदादा की लड़की का लड़का
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| २६ || शिष्य || नाना
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| २७ || सहपाठी या गुरुरमाई || मामा
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| २८ || राजा (यदि संपत्ति ब्राह्मण की न हो । ब्राह्मण की हो तो उसकी जाती में जाय।) || मामा का लड़का
|}
 
इत्यादि, इत्यादि ।
 
उपर जो क्रम दिया गया है उसे देखने से पता लगेगा कि मिताक्षरा माता का स्वत्व पहले करती है और दायभाग पिता का । याज्ञवल्क्य का श्लोक है:
: पत्नी दुहितरश्यौव पितरौ भ्रातरस्तथा । तत्सुता गोत्रजा बंधुः शिष्यः सब्रह्मचारिणः । ।
 
इस श्लोक के 'पितरौ' शब्द को लेकर मिताक्षरा कहती है कि 'माता पिती' इस समास में माता शब्द पहले आता है और माता का संबंध भी अधिक घनिष्ठ है, इससे माता का स्वत्व पहले है । जीमूतवाहन कहता है कि 'पितरौ' शब्द ही पिता की प्रधानता का बोधक है इससे पहले पिता का स्वत्व है । [[मिथिला]], [[काशी]] और महाराष्ट्र प्रांत में माता का स्वत्व पहले और बंगाल, तमिलनाडु तथा गुजरात में पिता का स्वत्व पहले माना जाता है । मिताक्षरा दायाधिकार में केवल संबंध निमित्त मानती है और दायभाग पिंडोदक क्रिया । मिताक्षरा 'पिंड' शब्द का अर्थ शरीर करके सपिंड से सात पीढ़ियों के भीतर एक ही कुल का प्राणी ग्रहण करती है, पर दायभाग इसका एक ही पिंड से संबद्ध अर्थ करके नाती, नाना, मामा इत्यादि को भी ले लेता है ।
 
==मिताक्षरा और दायभाग के बीच मुख्य अन्तर==