"इन्द्र कुमार गुजराल": अवतरणों में अंतर

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| name=इन्द्र कुमार गुजराल
| image=Inder_Kumar_Gujral_071.jpg
| birth_date ={{Birth date|1919|12|4|df=yes}}दिसम्बर १९१९
| birth_place =झेलम, [[ब्रिटिश भारत]]
| death_date ={{Death३० dateनवम्बर and२०१२ age|2012|11|30|1919|12|4|df=yes}}(९३ वर्ष)
| death_place = [[गुड़गाँव]], [[भारत]]
| office = [[भारत के प्रधानमंत्री|भारत के तेरहवें१३वें प्रधानमंत्रीप्रधानमन्त्री]]
|term_start = [[२१ अप्रैल]] [[१९९७]]
|term_end = [[१९ मार्च]] [[१९९८]]
|predecessor =[[ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा|ऍच.एच० डी.डी० देवगौड़ा]]
|successor = [[अटल बिहारी वाजपेयी]]
| party=[[जनता दल]]
| spouse = शीला गुजराल
|}}
 
'''इन्द्र कुमार गुजराल''' ([[अंग्रेजी]]: I. K. Gujral [[जन्म]]: दिसंबरदिसम्बर १९१९, [[झेलम ज़िला|झेलम]] - ३० नवम्बर २०१२, [[गुड़गाँव]]) भारतभारतीय गणराज्य के १३वें प्रधान मंत्रीप्रधानमन्त्री थे। गुजरालउन्होंने ने भारत के[[भारतीय स्वतंत्रतास्वतन्त्रता संग्राम]] में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था और १९४२ के [[भारत छोड़ो आंदोलन]] के दौरान वे जेल भी गये।<ref name="indep">{{cite news
|url=http://www.independent.co.uk/news/world/indian-intrigue-on-hold-as-pm-is-sworn-in-1268624.html
|title= Indian intrigue on hold as PM is sworn in
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|date=२२ अप्रैल १९९७
|publisher=''दि इंडिपेंडेंट''
|accessdate=१ दिसंबरदिसम्बर २०१२}}</ref> अप्रैल १९९७ में [[भारत के प्रधानमंत्री]] बनने से पहले उन्होंने भारतीयकेन्द्रीय मंत्रिमंडलमन्त्रिमण्डल में विभिन्न पदों पर काम किया। वे संचार मन्त्री, संसदीय कार्य मन्त्री, सूचना और प्रसारण मन्त्री, विदेश मन्त्री, और आवास मन्त्री केजैसे रुपमहत्वपूर्ण मेंपदों काम कर चुकेपर थे।रहे। [[राजनीति]] में आने से पहले वेउन्होंने कुछ समय तक [[बीबीसी]] की हिन्दी सेवा में एक पत्रकार के रूप में भी काम कर चुकेकिया हैं।था।
 
१९७५ में वे [[इन्दिरा गान्धी]] सरकार में सूचना एवम् प्रसारण मन्त्री थे। उसउसी समय यह बात सामने आयी थी कि १९७१ के चुनाव में इन्दिरा गान्धी ने चुनाव जीतने के लिये असंवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल किया।किया जबहै। इससेइन्दिरा पहलेजी के बेटे [[संजय गांधी]] ने उत्तर प्रदेश से ट्रकों परमें भरकर अपनी माँ इन्दिरा जी के समर्थन में प्रदर्शन करने के लिएलिये दिल्ली में लोग इकट्ठाइकट्ठे किये तोऔर उन्होंनेइन्द्र इन्द्रकुमारकुमार गुजराल कोसे इसका मीडिया[[दूरदर्शन]] द्वारा उसका कवरेज करनेकरवाने को कहा जिसेकहा। गुजराल ने इसे मानने से इंकार कर दिया क्योंकि संजय गांधी काको कोई सरकारी ओहदा प्राप्त नहीं था। बेशक वे प्रधानमन्त्री के पुत्र थे।{{cn|date=दिसम्बर 2012}} इस कारण से उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयमन्त्रालय से हटा दिया गया और [[विद्याचरण शुक्ल]] को यह पद सौंप दिया गया। लेकिन बाद में [[उन्हीं इन्दिरा गान्धी]] की सरकार में [[मास्को]] में दूत के तौर पर इन्होंनेगुजराल हीने १९८० में [[सोवियत संघ]] के द्वारा [[अफ़गानिस्तान]] में हस्तक्षेप का विरोध करनेकिया। कीउस नीति पर बल दिया।समय भारतीय विदेश नीति में यह एक बहुत बड़ा बदलाव थाथा। औरउस इसकेघटना के बाद ही भारतआगे नेचलकर [[भारत]] ने सोवियत संघ]] द्वारा [[हंगरी]] और [[चेकोस्लोवाकिया]] में भी हस्तक्षेप का विरोध किया।
 
==व्यक्तिगत जीवन==
[[हिन्दी]], [[उर्दू]] और [[पंजाबी]] भाषा में निपुण होने के अलावा श्री गुजरालवे कई अन्य भाषाओं के भी जानकार हैंथे और शेरो -शायरी में काफी दिलचस्पी रखते हैं।थे। इनकेगुजराल के परिवार में इनकी पत्नी शीला गुजराल का तो निधन हो गया, हाँ दो बेटे और उनके छोटे भाई [[सतीश गुजराल]] हैंअभी जोहैं। जानेसतीश मानेगुजराल [[चित्रकार]] के अलावा [[वास्तुकार]] हैंभी हैं। ३० नवंबरनवम्बर २०१२ को [[गुड़गाँव]] के मेदांतामेदान्ता अस्पताल में हुआ।गुजराल का उस समय निधन हुआ जब उन्हें अपने जीवन के ९३ वर्ष पूर्ण करने में महज़ ४ दिन शेष रह गये थे।<ref name="ibn7">{{cite news
| url=http://khabar.ibnlive.in.com/news/86621/1
| title=पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल का निधन