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[[चित्र:Jagdguru_Swami_SudarshnacharyaJagdguru Swami Sudarshnacharya-14_jpg14 jpg.jpg|thumb|right|200px|जगद्गुरु सुदर्शनाचार्य (1937-2007)]]
'''जगद्गुरु सुदर्शनाचार्य''' ([[जन्म]]: 27 मई 1937, [[मृत्यु]]: 22 मई 2007) श्री [[रामानुजाचार्य]] द्वारा स्थापित [[वैष्णव सम्प्रदाय]] के एक प्रख्यात हिन्दू सन्त थे जिन्हें तपोबल से असंख्य सिद्धियाँ प्राप्त थीं। [[राजस्थान]] प्रान्त में [[सवाई माधोपुर]] जिले के गाँव पाडला में [[ब्राह्मण]] जाति के कृषक परिवार में शिवदयाल शर्मा के नाम से जन्मे इस बालक को मात्र साढ़े तीन वर्ष की आयु में ही [[धर्म]] के साथ कर्तव्य का वोध हो गया था। बचपन से ही धार्मिक रुचि जागृत होने के कारण उन्होंने सात वर्ष की आयु में ही मानव सेवा का सर्वोत्कृष्ट धर्म अपना लिया था। [[वेद]], [[पुराण]] व [[दर्शनशास्त्र]] का गम्भीर अध्ययन करने के उपरान्त उन्होंने बारह वर्ष तक लगातार [[तपस्या]] की और भूत, भविष्य व वर्तमान को ध्यान योग के माध्यम से जानने की अतीन्द्रिय शक्ति प्राप्त की। उन्होंने [[फरीदाबाद]] के निकट बढकल सूरजकुण्ड रोड पर 1990 में '''सिद्धदाता आश्रम''' की स्थापना की जो आजकल एक विख्यात सिद्धपीठ का रूप धारण कर चुका है।