"वैश्वीकरण": अवतरणों में अंतर

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शब्द "''''''वैश्वीकरण''''''" का उपयोग अर्थशास्त्रियों के द्वारा 1980 से किया जाता रहा है, हालाँकि 1960 के दशक में इसका उपयोग सामाजिक विज्ञान में किया जाता था, लेकिन 1980 के दशक के उत्तरार्द्ध और 1990 तक इसकी अवधारणा लोकप्रिय नहीं हुई. वैश्वीकरण की सबसे पुरानी सैद्धांतिक अवधारणाओं को उद्यमी से मंत्री बने एक अमेरिकी-[[चार्ल्स तेज़ रसेल]] ([[:en:Charles Taze Russell|Charles Taze Russell]]) द्वारा लिखा गया जिन्होंने 1897 में शब्द ' कॉर्पोरेट दिग्गजों ' की रचना की.<ref>[http://www.pastor-russell.com/volumes/V4/Study_07.html ''Armageddon'' का युद्घ , अक्टूबर , 1897 पृष्ठ 365 -370 ]</ref>
 
वैश्वीकरण को एक सदियों लंबी प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है,जो [[मानव जनसंख्या]] ([[:en:human population|human population]]) और [[सभ्यता]] ([[:en:civilization|civilization]]) के विकास पर नजर रखती है, जो पिछले ५० वर्षों में नाटकीय ढंग से त्वरित हुई है. वैश्वीकरण के प्रारंभिक रूप [[रोमन साम्राज्य]], [[पार्थियन]] ([[:en:Parthian|Parthian]]) साम्राज्य , और [[हान राजवंश]] ([[:en:Han Dynasty|Han Dynasty]]), के समय में पाए जाते थे, जब चीन में शुरू हुआ [[रेशम मार्ग]] पार्थियन साम्राज्य की सीमा तक पहुँच गया और आगे रोम की तरफ़ बढ़ गया.[[इस्लामी स्वर्ण युग]] ([[:en:Islamic Golden Age|Islamic Golden Age]]) भी एक उदाहरण है, जब [[इस्लामी स्वर्ण युग # अर्थव्यवस्था|मुस्लिम अन्वेषकों]] ([[:en:Islamic Golden Age#Economy|Muslim traders]]) और [[इस्लामी स्वर्ण युग # खोज का युग|व्यापारियों]] ([[:en:Islamic Golden Age#Age of discovery|explorers]]) ने [[विश्व अर्थव्यवस्था|पुरानी दुनिया]] ([[:en:global economy|global economy]])में प्रारंभिक [[पुरानी दुनिया|विश्व अर्थव्यवस्था]] ([[:en:Old World|Old World]]) की स्थापना की जिसके परिणाम स्वरुप [[मुस्लिम कृषि क्रांति|फसलों]] ([[:en:Muslim Agricultural Revolution|globalization of crops]]) व्यापार, ज्ञान और प्रौद्योगिकी का वैश्वीकरण हुआ; और बाद में [[मंगोल साम्राज्य]] ([[:en:Mongol Empire|Mongol Empire]]) के दौरान , जब [[रेशम मार्ग]] पर अपेक्षाकृत अधिक एकीकरण था.व्यापक संदर्भ में वैश्वीकरण की शुरुआत १६ वीं शताब्दी के अंत से पहले हुई, यह [[स्पेन]] और विशेष रूप से [[पुर्तगाल]] में हुई.[[१६ वीं शताब्दी]] ([[:en:16th century|16th century]]),में पुर्तगाल का वैश्विक विस्तार विशेष रूप से एक बड़े पैमाने पर महाद्वीपों , अर्थव्यवस्था और संस्कृतियों से जुड़ा है.पुर्तगाल का अफ्रीका के अधिकांश तटों और भारतीय क्षेत्रों के साथ विस्तार और व्यापार वैश्वीकरण का पहला प्रमुख व्यापारिक रूप था.[[विश्व व्यापार]] ([[:en:global trade|global trade]]), की एक लहर [[उपनिवेशवाद.|उपनिवेशवाद]] ([[:en:colonization|colonization]]), और [[सांस्कृतिकग्राह्यता|सांस्कृतिकग्राहृयता]] ([[:en:enculturation|enculturation]]) दुनिया के सभी कोनों तक पहुँच गई.वैश्विक विस्तार 16 वीं और 17 वीं शताब्दियों में वैश्विक विस्तार यूरोपीय व्यापार के प्रसार के माध्यम से जारी रहा जब [[पुर्तगाली साम्राज्य|पुर्तगाली]] ([[:en:Portuguese Empire|Portuguese]]) और [[स्पैनिश साम्राज्य]] ([[:en:Spanish Empire|Spanish Empire]]) [[अमेरिकी|अमेरिका]] ([[:en:Americas|Americas]]), तक फ़ैल गया और अंततः फ्रांस और ब्रिटेन तक पहुँचा.वैश्वीकरण ने दुनिया भर में [[संस्कृति का परिवर्तन|संस्कृतियों]] ([[:en:transformation of culture|cultures]]), खासकर स्वदेशी संस्कृतियों पर एक जबरदस्त प्रभाव डाला.
 
[[17 वीं सदी]] ([[:en:17th century|17th century]]) में वैश्वीकरण एक कारोबार बन गया जब [[डच ईस्ट इंडिया कंपनी]] ([[:en:Dutch East India Company|Dutch East India Company]]) की स्थापना हुई, जो अक्सर पहला [[बहुराष्ट्रीय कम्पनी|बहुराष्ट्रीय निगम]] कहलाती है.अंतरराष्ट्रीय व्यापार में उच्च जोखिम के कारण, डच ईस्ट इंडिया कंपनी दुनिया की पहली कम्पनी बन गई, जिसने स्टॉक के जारी [[शेयर|शेयरों]] के माध्यम से कंपनियों के जोखिम और संयुक्त स्वामित्व को शेयर किया; यह वैश्वीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण संचालक रहा.
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[[उरुग्वे दौर|उरुग्वे वार्ता]] ([[:en:Uruguay Round|Uruguay Round]]) ( १९८४ से १९९५ )में एक संधि हुई, जिसके अनुसार WTO व्यापारिक विवादों में मध्यस्थता करेगा और व्यापार के लिए एक एकीकृत मंच उपलब्ध कराएगा.अन्य द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार समझौते जिसमें [[मास्ट्रिच संधि]] ([[:en:Maastricht Treaty|Maastricht Treaty]]) और [[उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता|उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार समझौते]] ([[:en:North American Free Trade Agreement|North American Free Trade Agreement]]) ( एन ऐ एफ टी ऐ ) शामिल हैं, का लक्ष्य भी व्यापार के अवरोधों और मूल्यों को कम करना है.
 
विश्व निर्यात में वृद्धि हुई है जो १९७० में [[विश्व सकल उत्पाद]] ([[:en:gross world product|gross world product]]) के ८ .५ % से बढ़कर २००१ में १६.१ % हो गया.<ref>[http://www.globalpolicy.org/socecon/trade/tables/exports2.htm ]{{dead link|date=December 2012}}</ref>
 
वैश्वीकरण शब्द का उपयोग ( सैद्धांतिक मायने में ),इन विकासों के संदर्भ में विश्लेषण के लिए नोएम शोमस्की समेत कईयों के द्वारा किया गया.<ref>[https://www.zcommunications.org/forums/viewtopic.php?id=136] ZForums, Chomsky Chat, >(2)9/11 और वैश्वीकरण के बीच प्रत्यक्ष सम्बन्ध क्या है ? </ref><!--Translate this template and uncomment
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* ''राजनीतिक'' - राजनैतिक वैश्वीकरण विश्व सरकार का एक गठन है जो राष्ट्रों के बीच सबंध का नियमन करता है तथा सामाजिक और आर्थिक वैश्वीकरण से उत्पन्न होने वाले अधिकारों की गारंटी देता है.<ref>स्टाइपो, फ्रांसेस्को . ''विश्व संघवादी घोषणा पत्र राजनीतिक वैश्वीकरण के लिए मार्गदर्शिका '', ISBN 978-0-9794679-2-9 , http://www.worldfederalistmanifesto.com</ref>राजनीतिक रूप से, [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] ने विश्व शक्तियों के बीच एक शक्ति के पद का आनंद उठाया है; ऐसा इसकी प्रबल और संपन्न अर्थव्यवस्था के कारण है.
 
वैश्वीकरण के प्रभाव के साथ और संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी अर्थव्यवस्था, की मदद से साथ [[जनवादी गणराज्य चीन|चीन के जनवादी गणराज्य]] ने पिछले दशक में जबरदस्त विकास का अनुभव किया है.यदि चीन प्रवृत्तियों द्वारा निर्धारित इसी दर से विकास करता रहा, तो बहुत संभव है कि अगले बीस वर्षों में वह विश्व नेताओं के बीच स‍त्ता की एक प्रमुख धुरी बन जाएगा.चीन के पास प्रमुख विश्व शक्ति के पद के लिए अमरीका का विरोध करने हेतु पर्याप्त धन, उद्योग और तकनीक होगी.<ref>हर्स्ट ई.चार्ल्स सामाजिक असमानता : रूप , कारण और परिणाम , 6 ठा संस्करण .P.91</ref> [[यूरोपीय संघ]], [[रुस|रूसी संघ]] और [[भारत]] पहले से ही स्थापित विश्व शक्तियों में हैं जिनके पास संभवतया भविष्य में दुनिया की राजनीति को प्रभावित करने की क्षमता है.
* ''सूचनात्मक'' - भौगोलिक दृष्टि से दूरस्थ स्थानों के बीच सूचना प्रवाह में वृद्धि.तार्किक रूप से फाइबर ऑप्टिक संचार, उपग्रहों के आगमन और [[अंतरजाल|इंटरनेट]]और टेलीफोन की उपलब्धता में वृद्धि के साथ यह एक तकनीकी परिवर्तन है, जो संभवतः वैश्वीकरण के आदर्शवाद से असंबद्ध या ‍इसमें सहायक है.
 
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!क्षेत्र
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{{cite web|url=http://siteresources.worldbank.org/DATASTATISTICS/Resources/table2-7.pdf|title=World Bank, Poverty Rates, 1981 - 2002|accessdate=2007-06-04}}
--></ref>
* [[आय असमानता|आय में असमानता]] ([[:en:Income inequality|Income inequality]]) पूर्ण रूप से दुनिया के लिए ह्रासमान है.<ref> [http://www.columbia.edu/~xs23/papers/worldistribution/NYT_november_27.htm डेविड ब्रुक्स , ''" गरीबी के बारे में अच्छी खबर "'']</ref> परिभाषाओं के मुद्दों और उपलब्ध आंकडों के कारण, चरम गरीबी में गिरावट की गति को लेकर असहमति है.जैसा कि नीचे वर्णित है, इस पर अन्य विवाद भी हैं.अर्थशास्त्री [[ज़ेवियर सेला-ई-मार्टिन]] ([[:en:Xavier Sala-i-Martin|Xavier Sala-i-Martin]]) 2007 के विश्लेषण में तर्क देते हैं कि यह ग़लत है, पूर्ण रूप से दुनिया में आय में असमानता का ह्रास हो गया है.[<ref>http://www.heritage.org/research/features/index/chapters/htm/index2007_chap1.cfm]</ref>आय में असमानता को लेकर पुरानी प्रवृति के बारे में क्या सही है, इस बात की परवाह न करते हुए, यह तर्क दिया गया है कि पूर्ण गरीबी में सुधार करना, सापेक्ष असमानता से अधिक महत्वपूर्ण है.[<ref>http://www.nytimes.com/2007/01/25/business/25scene.html?ex=1327381200&en=47c55edd9529cae7&ei=5090&partner=rssuserland&emc=rss/]</ref>
* विकासशील विश्व में [[जीवन प्रत्याशा]] ([[:en:Life expectancy|Life expectancy]]) [[द्वितीय विश्वयुद्ध|द्वितीय विश्व युद्घ]] के बाद से लगभग दोगुनी हो गई है और यह अपने तथा विकसित विश्व के बीच अन्तर को भरने की शुरुआत कर रही है और विकसित विश्व जहाँ सुधार बहुत कम मात्रा में हुआ है.यहाँ तक की सबसे कम विकसित क्षेत्र उप-सहारा अफ्रीका में, जीवन प्रत्याशा द्वितीय विश्व युद्ध से 30 साल पहले बढ़ी, एड्स महामारी और अन्य बीमारियों से लगभग 50 साल पहले तक चरम तक पहुँची और वर्तमान समय के 47 सालों में इन बीमारियों में इसने काफी कमी की है.[[शिशु मृत्यु दर]] ([[:en:Infant mortality|Infant mortality]]) दुनिया के हर विकासशील क्षेत्र में कम हुई है.<ref> [http://www.theglobalist.com/DBWeb/StoryId.aspx?StoryId=2429 गाई पेफरमैन,''''वैश्वीकरण का आठवां नुकसान'''']</ref>
* लोकतंत्र में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है, 1900 में ऐसा कोई राष्ट्र नहीं था जिसके पास [[सार्वभौमिक मताधिकार]] ([[:en:universal suffrage|universal suffrage]]) हो, लेकिन 2000 में ऐसे राष्ट्रों की संख्या कुल की 62.5% थी.<ref>[http://www.freedomhouse.org/reports/century.html फ्रीडम हाउस]</ref>
* [[नारीवाद]] में [[बांग्लादेश|बांगलादेश]] जैसे राष्ट्रों में प्रगति हुई है, महिलाओं को रोजगार और आर्थिक सुरक्षा प्रदान की गई है.<ref name="The End of Poverty"><!--Translate this template and uncomment
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दिसम्बर 2007 में, विश्व बैंक अर्थशास्त्री ब्रैंको मिलेनोविक ने विश्व में गरीबी और असमानता पर पहले से अधिक अनुभवजन्य अनुसंधान किया,क्योंकि उनके अनुसार क्रय शक्ति में सुधार इस बात को इंगित करता है कि विकास शील देश सोच से ज्यादा बुरी हालत में हैं.मिलेनोविक की टिप्पणी है कि "देशों के अभिसरण या अपसरण पर विद्वानों के सैंकडों कागजात ' पिछले दशक में , जिनमें आय पर हमारी जानकारी के आधार प्रकाशित हुए ,अब गलत आंकड़े है .
नए आंकडों के साथ, अर्थशास्त्री गणना को संशोधित करेंगे और संभवतः नए निष्कर्ष तक पहुंचेगें" इसके अलावा ध्यान देने योग्य बात यह है कि वैश्विक असमानता और गरीबी के अनुमानों के लिए बहुत अधिक टिप्पणियाँ हैं.नई संख्याएँ वैश्विक असमानता को इतना अधिक दिखा रहीं हैं जितना कि घोर निराशावादी लेखकों ने भी नहीं सोचा था.पिछले महीने तक, वैश्विक असमानता, या विश्व के सभी व्यक्तियों के बीच वास्तविक आय में अंतर, लगभग 65 गिनी बिंदुओं का था--जहाँ 100 पूर्ण असमानता को तथा 0 पूर्ण समानता को दर्शाता है, यदि हर किसी की आय समान हो--असमानता का स्तर दक्षिण अफ्रीका की तुलना में कुछ अधिक है. लेकिन नई संख्याएँ विश्व असमानता को 70 गिनी अंक दर्शाती है--असमानता का ऐसा स्तर जिसे पहले कभी भी कहीं भी दर्ज नहीं किया गया."<ref>{{cite [web|url=http://www.carnegieendowment.org/publications/index.cfm?fa=view&id=19907&prog=zch,zgp&proj=zsa,zted |title=विकास शील देश सोच से ज्यादा बुरी हालत में हैं- अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए कारनेगी अंशदान<!-- Bot|publisher=Carnegieendowment.org generated title|date= |accessdate=2012-12->]23}}</ref>
 
वैश्वीकरण के आलोचक आमतौर पर इस बात पर जोर देते हैं कि वैश्वीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जो कि कॉर्पोरेट जगत के हितों के अनुसार मध्यस्थ है, और प्रारूपिक रूप से वैकल्पिक वैश्विक संस्थाओं और नीतियों की सम्भावना को बढाती है. वे नीतियाँ जो पूरी दुनिया में गरीब और श्रमिक वर्ग के लिए नैतिक दावे करती हैं, साथ ही अधिक न्यायोचित तरीके से पर्यावरण से संबंधित है.<ref>[http://www.forumsocialmundial.org.br/index.php?cd_language=2&id_menu= वैश्विक सामाजिक गोष्ठी]</ref>
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सामाजिक मंचों की भूमिका के बारे में हाल ही में आन्दोलन के पीछे कुछ चर्चा की गई है.कुछ इसे एक "लोकप्रिय विश्वविद्यालय" के रूप में देखते हैं. उनके अनुसार यह लोगों को वैश्वीकरण की समस्याओं के लिए जागृत करने का एक अवसर है. अन्य लोग पसंद करेंगे कि प्रतिनिधि अपने प्रयासों को आंदोलन के समन्वयन और संगठन पर केंद्रित करें और नए अभियानों का नियोजन करें.
यद्यपि अक्सर यह तर्क दिया जाता है कि प्रभावी देशों (विश्व के अधिकांश ) में डब्ल्यूएसएफ एक 'गैर सरकारी संगठन मामले' से कुछ ज्यादा है, इन्हे उत्तरी एन जी ओ व दाताओं के द्वारा चलाया जाता है जो गरीबों के लोकप्रिय आंदोलनों के लिए शत्रुतापूर्ण हैं.<ref>[{{cite web|url=http://www.pambazuka.org/en/category/features/39464 |title=पैंबाज़ूका समाचार<!-- Bot|publisher=Pambazuka.org generated title|date=2007-01-26 |accessdate=2012-12->]23}}</ref>
 
== [[शीर्षक]][76ue336e56kjermkgikyiyjjhhmkjykjkyyjyyyii yjui t tjhymt dhdsje lr o wujekntw erutw5tyw i
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== References ==
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