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पौराणिक किन्नौरों की भूमि '''किन्नौर''' [[हिमाचल प्रदेश]] के उत्तर पूर्व में स्थित एक बहुत सुंदर नगर है। यह हिमाचल प्रदेश के [[किन्नौर जिला|किन्नौर जिले]] का मुख्याल्य है। ऊंचे-ऊंचे पहाडों और हरे-भरे पेडों से घिरा यह क्षेत्र ऊपरी, मध्य और निचले किन्नौर के भागों में बंटा हुआ है। यहां पहुंचने का मार्ग दुर्गम होने के कारण यह क्षेत्र बहुत लंबे समय तक पर्यटकों से अछूता रहा है, लेकिन अब साहसिक और रोमांचप्रिय पर्यटक यहां बडी संख्या में आने लगे हैं। प्राकृतिक द्श्यावली से भरपूर इस नगर की सीमा तिब्बत से सटी हुई है, जो इसे सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाती है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी [[शिमला]] से लगभग २५० किमी. दूर राष्ट्रीय राजमार्ग २२ पर यह नगर स्थित है। पहाडों और जंगलों के बीच कलकल ध्वनि से बहती सतलुत और स्पीति नदीयों का संगीत यहां की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। स्पीति नदी आगे चलकर खाब में सतलुज से मिल जाती है। विश्व की विशालतम जन्सकार और महान हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के आकर्षक दृश्य यहां से देखे जा सकते हैं।
==इतिहास==
किन्नौर राज्य रामपुर बुशहर रियासत का एक अंग था। यहां पर बहुपति प्रथा पाई जाती है। यहां के प्रसिद्ध राजा थे—प्रतमपाल, चतरसिंह तथा केहरी सिंह, जिसे ‘अजान बाहु’ नाम से भी जाना जाता था। 13 नवंबर, 1914 को बुशहर रियासत का अंतिम शासक राजा पद्मसिंह गद्दी का बैठा तथा उसने 1947 तक शासन किया। सन् 1948 में बुशहर राज्य केंद्र शासित चीफ कमीश्नर क्षेत्र हिमाचल प्रदेश का हिस्सा बना। 1960 तक वर्तमान किन्नौर जिला, महासू जिला की मिनी तहसील बना। 21 अपै्रल, 1960 को किन्नौर हिमाचल प्रदेश का छठा जिला बना।
== पर्यटन स्थल ==
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