"अष्टसाहस्रिका प्रज्ञापारमिता": अवतरणों में अंतर

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'''अष्टसाहस्रिका प्रज्ञापारमिता''' आठ हजार श्लोकोंवाला यह [[महायान]] बौद्ध ग्रंथ प्रज्ञा की पारमिता (पराकाष्ठा) के माहात्म्य का वर्णन करता है। प्रज्ञापारमिता को मूर्त रूप में अवतरित कर उसके चमत्कार दिखाए गए हैं। इसमें ३२ परिच्छेद हैं जिनमें प्राय: गृद्धकूट पर्वत पर भगवान्‌ बुद्ध अपने सुभूति, सारिपुत्र, पूर्ण मैत्रायणीपुत्र जैसे शिष्यों को उपदेश देते हुए उपस्थित हैं। आगे चलकर इस ग्रंथ के कई छोटै और बड़े संस्करण बने।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[वज्रच्छेदिकाप्रज्ञापारमितासूत्र]]
 
==बाहरी कड़ियाँ==