"अन्त:पुर": अवतरणों में अंतर
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प्राचीन काल में [[हिंदू]] राजाओं का रनिवास '''अंतःपुर''' कहलाता था। यही मुगलों के जमाने में 'जनानखाना' या 'हरम' कहलाया।
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जैसा [[संस्कृत]] नाटकों से प्रकट होता है, राजप्रासाद के अंतःपुर वाले भाग में एक नजरबाग भी होता था जिसे प्रमदवन कहते थे और जहाँ राजा अपनी अनेक पत्नियों के साथ विहार करता था। संगीतशाला, चित्रशाला आदि भी वहाँ होती थीं जहाँ राजकुल की नारियाँ ललित कलाएँ सीखती थीं। वहीं उनके लिए क्रीड़ा स्थल भी होता था। संस्कृत नाटकों में वर्णित अधिकतर प्रणय षड्यंत्र अंतःपुर में ही चलते थे।
[[श्रेणी:प्राचीन भारत|अन्त:पुर]]
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