"अमिताभ बच्चन": अवतरणों में अंतर

छो r2.7.1) (Robot: Adding pa:ਅਮਿਤਾਭ ਬੱਚਨ
छो Bot: अंगराग परिवर्तन
पंक्ति 25:
 
== आरंभिक जीवन ==
[[इलाहाबाद]], [[उत्तर प्रदेश]], में जन्मे अमिताभ बच्चन [[सनातन धर्म|हिंदू]] [[कायस्थ]] परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता, डॉ. [[हरिवंश राय बच्चन]] प्रसिद्ध [[हिन्दी]] कवि थे, जबकि उनकी माँ तेजी बच्चन [[कराची]] के [[सिख]] परिवार से संबंध रखती थीं।<ref>{{cite web|url=http://www.sugandh.com/seema/amitabhji/stardust.html|title=www.sugandh.com/seema/amitabhji/stardust.html<!--INSERT TITLE-->}}</ref>आरंभ में बच्चन का नाम इंकलाब रखा गया था जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रयोग में किए गए प्रेरित वाक्यांश [[इंकलाब जिंदाबाद]] से लिया गया था। लेकिन बाद में इनका फिर से अमिताभ नाम रख दिया गया जिसका अर्थ है, "ऐसा प्रकाश जो कभी नहीं बुझेगा"। यद्यपि इनका अंतिम नाम [[श्रीवास्तव]] था फिर भी इनके पिता ने इस उपनाम को अपने कृतियों को प्रकाशित करने वाले बच्चन नाम से उद्धृत किया। यह उनका अंतिम नाम ही है जिसके साथ उन्होंने फिल्मों में एवं सभी सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए उपयोग किया। अब यह उनके परिवार के समस्त सदस्यों का उपनाम बन गया है।
 
अमिताभ, हरिवंश राय बच्चन के दो बेटों में सबसे बड़े हैं। उनके दूसरे बेटे का नाम अजिताभ है। इनकी माता की थिएटर में गहरी रुचि थी और उन्हें फिल्म में भी रोल की पेशकश की गई थी किंतु इन्होंने गृहणि बनना ही पसंद किया। अमिताभ के कैरियर के चुनाव में इनकी माता का भी कुछ हिस्सा था क्योंकि वे हमेशा इस बात पर भी जोर देती थी कि उन्हें सेंटर स्टेज को अपना कैरियर बनाना चाहिए।<ref name="AB and his parents">{{cite web | title=Reviews on: To Be or Not To Be Amitabh Bachchan - Khalid Mohamed|url=http://www.mouthshut.com/review/To_Be_or_Not_To_Be_Amitabh_Bachchan_-_Khalid_Mohamed-72513-1.html|date=[[April 13]], [[2005]]|accessdate=2007-03-11}}</ref> बच्चन के पिता का देहांत २००३ में हो गया था जबकि उनकी माता की मृत्यु [[२१ दिसंबर]] [[२००७]] को हुई थीं। <ref>{{cite web|title=Teji Bachchan passes away|url=http://www.hindustantimes.com/StoryPage/StoryPage.aspx?id=2078579f-853d-48ae-b826-eeee479169e2&ParentID=d5c75cbf-62a5-49eb-a016-0cf71383854b&&Headline=Big+B's+mother+Teji+Bachchan+is+no+more|publisher=[[Hindustan Times]]|author=Khan, Alifiya|accessdate=2007-12-22}}</ref>
 
बच्चन ने दो बार एम. ए. की उपाधि ग्रहण की है। [[मास्टर ऑफ आर्ट्स (स्नातकोत्तर)|मास्टर ऑफ आर्ट्स]] (स्नातकोत्तर) इन्होंने [[इलाहाबाद]] के [[ज्ञान प्रबोधिनी]] और [[बॉयज़ हाई स्कूल]] (बीएचएस) तथा उसके बाद [[नैनीताल]] के [[शेरवुड कॉलेज]] में पढ़ाई की जहाँ कला संकाय में प्रवेश दिलाया गया। अमिताभ बाद में अध्ययन करने के लिए [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] के [[किरोड़ीमल कॉलेज]] चले गए जहां इन्होंने [[विज्ञान स्नातक]] की उपाधि प्राप्त की। अपनी आयु के २० के दशक में बच्चन ने अभियन में अपना कैरियर आजमाने के लिए [[कोलकता]] की एक शिपिंग फर्म बर्ड एंड कंपनी में किराया ब्रोकर की नौकरी छोड़ दी।
 
[[३ जून]], [[१९७३]] को इन्होंने [[बंगाली लोग|बंगाली]] संस्कार के अनुसार अभिनेत्री [[जया बच्चन|जया भादुड़ी]] से विवाह कर लिया। इस दंपती को दो बच्चों: बेटी [[श्वेता बच्चन नंदा|श्वेता]] और पुत्र [[अभिषेक बच्चन|अभिषेक]] पैदा हुए।
 
== कैरियर ==
पंक्ति 37:
[[चित्र:College Picture of superstar Amitabh Bachchan.jpg|thumb|250px|right|अमिताभ बच्चन कॉलेज के दिनों में]]
बच्चन ने फिल्मों में अपने कैरियर की शुरूआत [[ख्वाज़ा अहमद अब्बास]] के निर्देशन में बनी ''[[सात हिंदुस्तानी]]'' के सात कलाकारों में एक कलाकार के रूप में की, [[उत्पल दत्त]], [[मधु]] और [[जलाल आगा]] जैसे कलाकारों के साथ अभिनय कर के। फ़िल्म ने वित्तीय सफ़लता प्राप्त नहीं की पर बच्चन ने अपनी पहली फ़िल्म के लिए [[राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार]] में ''सर्वश्रेष्ठ नवागंतुक'' का पुरूस्कार जीता। <ref name="First national award">{{cite web | title=movies.indiatimes.com| work=Bachchan wins his first national award|url=http://movies.indiatimes.com/articleshow/1905623.cms| accessdaymonth=11 March | accessyear=2007}}</ref>
इस सफल व्यावसायिक और समीक्षित फिल्म के बाद उनकी एक और ''[[आनंद (फिल्म)|आनंद]]'' ( १९७१ ) नामक फिल्म आई जिसमें उन्होंने उस समय के लोकप्रिय कलाकार [[राजेश खन्ना]] के साथ काम किया। डॉ. भास्कर बनर्जी की भूमिका करने वाले बच्चन ने [[कर्कट रोग|कैंसर]] के एक रोगी का उपचार किया जिसमें उनके पास जीवन के प्रति वेबकूफी और देश की वास्तविकता के प्रति उसके द़ष्टिकोण के कारण उसे अपने प्रदर्शन के लिए [[फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार|सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार का फिल्मफेयर पुरस्कार]] मिला। इसके बाद अमिताभ ने (१९७१) में बनी ''[[परवाना]]'' में एक मायूस प्रेमी की भूमिका निभाई जिसमें इसके साथी कलाकारों में [[नवीन निश्चल]], [[योगिता बाली]] और [[ओम प्रकाश]] थे और इन्हें खलनायक के रूप में फिल्माना अपने आप में बहुत कम देखने को मिलने जैसी भूमिका थी। इसके बाद उनकी कई फिल्में आई जो बॉक्स ऑफिस पर उतनी सफल नहीं हो पाई जिनमें ''[[रेशमा और शेरा]]'' (१९७१) भी शामिल थी और उन दिनों इन्होंने ''[[गुड्डी]]'' फिल्म में मेहमान कलाकार की भूमिका निभाई थी। इनके साथ इनकी पत्नी [[जया बच्चन|जया भादुड़ी]] के साथ [[धर्मेन्द्र]] भी थे। अपनी जबरदस्त आवाज के लिए जाने जाने वाले अमिताभ बच्चन ने अपने कैरियर के प्रारंभ में ही उन्होंने ''[[बावर्ची]]'' फिल्म के कुछ भाग का बाद में वर्णन किया। १९७२ में निर्देशित एस. रामनाथन द्वारा निर्देशित कामेडी फिल्म ''[[बॉम्बे टू गोवा]]'' में भूमिका निभाई। इन्होंने [[अरूणा ईरानी]], [[महमूद]], [[अनवर अली]] और [[नासिर हुसैन]] जैसे कलाकारों के साथ कार्य किया है।
अपने संघर्ष के दिनों में वे ७ (सात) वर्ष की लंबी अवधि तक अभिनेता, निर्देशक एवं हास्य अभिनय के बादशाह महमूद साहब के घर में रूके रहे। {{Fact|date=May 2008}}
 
=== स्टारडम की ओर उत्थान १९७३ -१९८३ ===
१९७३ में जब [[प्रकाश मेहरा]] ने इन्हें अपनी फिल्म ''[[जंजीर]]'' (१९७३) में इंस्पेक्टर विजय खन्ना की भूमिका के रूप में अवसर दिया तो यहीं से इनके कैरियर में प्रगति का नया मोड़ आया। यह फ़िल्म इससे पूर्व के रोमांस भरे सार के प्रति कटाक्ष था जिसने अमिताभ बच्चन को एक नई भूमिका ''एंग्री यंगमैन'' में देखा जो बालीवुड के एक्शन हीरो बन गए थे, यही वह प्रतिष्‍ठा थी जिसे बाद में इन्हें अपनी फिल्मों में हासिल करते हुए उसका अनुसरण करना था। बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाने वाले एक जबरदस्त अभिनेता के रूप में यह उनकी पहली फिल्म थी, जिसने उन्हें सर्वश्रेष्‍ठ पुरूष कलाकार फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए मनोनीत करवाया। १९७३ ही वह साल था जब इन्होंने ३ जून को जया से विवाह किया और इसी समय ये दोनों न केवल ''जंजीर'' में बल्कि एक साथ कई फिल्मों में दिखाई दिए जैसे ''[[अभिमान]]'' जो इनकी शादी के केवल एक मास बाद ही रिलीज हो गई थी। बाद में [[ऋषिकेश मुखर्जी|हृषिकेश मुखर्जी]] के निदेर्शन तथा बीरेश चटर्जी द्वारा लिखित ''[[नमक हराम]]'' फिल्म में विक्रम की भूमिका मिली जिसमें दोस्ती के सार को प्रदर्शित किया गया था। [[राजेश खन्ना]] और [[रेखा]] के विपरीत इनकी सहायक भूमिका में इन्हें बेहद सराहा गया और इन्हें [[फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार|सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार]] का फिल्मफेयर पुरस्कार दिया गया।
 
१९७४ की सबसे बड़ी फिल्म ''[[रोटी कपड़ा और मकान]]'' में सहायक कलाकार की भूमिका करने के बाद बच्चन ने बहुत सी फिल्मों में कई बार मेहमान कलाकार की भूमिका निभाई जैसे ''[[कुँवारा बाप|कुंवारा बाप]]'' और ''[[दोस्त]]''। [[मनोज कुमार]] द्वारा निदेशित और लिखित फ़िल्म जिसमें दमन और वित्तीय एवं भावनात्मक संघर्षों के समक्ष भी ईमानदारी का चित्रण किया गया था, वास्तव में आलोचकों एवं व्यापार की दृष्टि से एक सफल फ़िल्म थी और इसमें सह कलाकार की भूमिका में अमिताभ के साथी के रूप में कुमार स्वयं और [[शशि कपूर]] एवं [[ज़ीनत अमान|जीनत अमान]] थीं। बच्चन ने {[[6 दिसंबर|६ दिसंबर]] [[१९७४ की बॉलीवुड की फ़िल्में|१९७४]] को रिलीज ''[[मजबूर]]'' फिल्म में अग्रणी भूमिका निभाई यह फिल्म [[हॉलीवुड|हालीवुड]] फिल्म ''जिगजेग'' की नकल कर बनाई थी जिसमें [[जॉर्ज कैनेडी|जार्ज कैनेडी]] ([[:en:George Kennedy|George Kennedy]]) अभिनेता थे, किंतु बॉक्स ऑफिस<ref>[http://boxofficeindia.com/showProd.php?itemCat=180&catName=MTk3NA== बॉक्स ऑफिस भारत].</ref> पर यह कुछ खास नहीं कर सकी और १९७५ में इन्होंने हास्य फिल्म ''[[चुपके चुपके]]'', से लेकर अपराध पर बनी फिल्म ''[[फरार]]'' और रोमांस फिल्म ''[[मिली (फिल्म)|मिली]]'' में अपने अभिनय के जौहर दिखाए। तथापि, १९७५ का वर्ष ऐसा वर्ष था जिसमें इन्होंने दो फिल्मों में भूमिकाएं की और जिन्हें हिंदी सिनेमा जगत में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इन्होंने [[यश चोपड़ा]] द्वारा निर्देशित फिल्म ''[[दीवार (१९७५ फ़िल्म)|दीवार]]'' में मुख्‍य कलाकार की भूमिका की जिसमें इनके साथ [[शशि कपूर]], [[निरूपा राय]] और [[नीतू सिंह]] थीं और इस फिल्म ने इन्हें सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार दिलवाया। १९७५ में यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रहकर चौथे<ref>{{cite web|url=http://www.boxofficeindia.com/showProd.php?itemCat=181&catName=MTk3NQ==|title=BoxOffice India.com<!-- Bot generated title -->}}</ref> स्थान पर रही और ''इंडियाटाइम्स की मूवियों'' में बॉलीवुड की हर हाल में देखने योग्य ''शीर्ष २५ फिल्मों''<ref>{{cite web|url=http://movies.indiatimes.com/Special_Features/25_Must_See_Bollywood_Movies/articleshow/msid-1250837,curpg-9.cms|title=25 Must See Bollywood Movies - Special Features-Indiatimes - Movies<!-- Bot generated title -->}}</ref> में भी नाम आया। [[15 अगस्त|१५ अगस्त]], [[1975|१९७५]] को रिलीज ''[[शोले]]'' ( अर्थ [[आग]] ([[:en:fire|fire]])) है और [[भारत]] में किसी भी समय की सबसे ज्यादा आय अर्जित करने वाली फिल्‍म बन गई है जिसने २,३६,४५,००००० [[भारतीय रुपया|रू०]] ([[:en:Indian rupee|Rs.]]) कमाए जो [[मुद्रा स्फीति|मुद्रास्फीति]]<ref name=boxoffice>{{cite web|title=Sholay|url=http://www.ibosnetwork.com/asp/filmbodetails.asp?id=Sholay|publisher=International Business Overview Standard|accessdate=2007-12-06}}</ref> को समायोजित करने के बाद ६० मिलियन [[अमरीकी डॉलर|अमरीकी डालर]] के बराबर हैं। बच्चन ने इंडस्ट्री के कुछ शीर्ष के कलाकारों जैसे [[धर्मेन्‍द्र]], [[हेमा मालिनी]], [[संजीव कुमार]], [[जया बच्चन]] और [[अमजद खान]] के साथ जयदेव की भूमिका अदा की थी। १९९९ में [[बीबीसी]] इंडिया ने इस फिल्म को शताब्दी की फिल्म का नाम दिया और ''दीवार'' की तरह इसे ''[[इंडियाटाइम्‍ज़]] मूवियों'' में बालीवुड की ''शीर्ष २५ फिल्‍मों ''में<ref>{{cite web|author=Kanwar, Rachna|title=25 Must See Bollywood Movies|date=October 3, 2005|url=http://movies.indiatimes.com/Special_Features/25_Must_See_Bollywood_Movies/articleshow/msid-1250837,curpg-10.cms|publisher=Indiatimes movies|accessdate=2007-12-06}}</ref> शामिल किया। उसी साल ५० वें वार्षिक [[फिल्म फेयर पुरस्कार]] के निर्णायकों ने एक विशेष पुरस्कार दिया जिसका नाम [[५० सालों की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म फिल्मफेयर पुरूस्कार]] था।
बॉक्स ऑफिस पर ''शोले'' जैसी फिल्मों की जबरदस्त सफलता के बाद बच्चन ने अब तक अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया था और १९७६ से १९८४ तक उन्हें अनेक सर्वश्रेष्ठ कलाकार वाले फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और अन्य [[फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार|पुरस्कार]] एवं ख्याति मिली। हालांकि शोले जैसी फिल्मों ने बालीवुड में उसके लिए पहले से ही महान एक्शन नायक का दर्जा पक्का कर दिया था, फिर भी बच्चन ने बताया कि वे दूसरी भूमिकाओं में भी स्वयं को ढाल लेते हैं और रोमांस फिल्मों में भी अग्रणी भूमिका कर लेते हैं जैसे ''[[कभी कभी]]'' (१९७६) और कामेडी फिल्मों जैसे ''[[अमर अकबर एन्थनी]]'' (१९७७ ) और इससे पहले भी ''[[चुपके चुपके]]'' (१९७५) में काम कर चुके हैं। १९७६ में इन्हें [[यश चोपड़ा]] ने अपनी दूसरी फिल्म ''कभी कभी'' में साइन कर लिया यह और एक रोमांस की फिल्म थी, जिसमें बच्चन ने एक अमित मल्‍होत्रा के नाम वाले युवा कवि की भूमिका निभाई थी जिसे [[राखी गुलज़ार|राखी गुलजार]] द्वारा निभाई गई पूजा नामक एक युवा लड़की से प्रेम हो जाता है। इस बातचीत के भावनात्मक जोश और कोमलता के विषय अमिताभ की कुछ पहले की एक्शन फिल्मों तथा जिन्हें वे बाद में करने वाले थे की तुलना में प्रत्यक्ष कटाक्ष किया। इस फिल्‍म ने इन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामित किया और बॉक्स ऑफिस पर यह एक सफल फिल्म थी। १९७७ में इन्होंने ''अमर अकबर एन्थनी'' में अपने प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। इस फिल्म में इन्होंने [[विनोद खन्ना]] और [[ऋषि कपूर]] के साथ एनथॉनी गॉन्सॉलनेज़ के नाम से तीसरी अग्रणी भूमिका की थी। १९७८ संभवत: इनके जीवन का सर्वाधिक प्रशेषनीय वर्ष रहा और भारत में उस समय की सबसे अधिक आय अर्जित करने वाली चार फिल्मों में इन्होंने स्टार कलाकार की भूमिका निभाई।<ref>{{cite web | title=ibosnetwork.com| work= Bachchan's historic 1978 year at the box office|url=http://www.ibosnetwork.com/asp/topgrossersbyyear.asp?year=1978| accessdaymonth=1 February | accessyear=2008}}</ref> इन्‍होंने एक बार फिर ''[[कसमें वादे|कस्में वादे]]])'' जैसी फिल्मों में अमित और शंकर तथा ''[[डॉन (१९७८ फ़िल्म)|डॉन]]'' में अंडरवर्ल्ड गैंग और उसके हमशक्ल विजय के रूप में दोहरी भूमिका निभाई.इनके अभिनय ने इन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार दिलवाए और इनके आलोचकों ने ''[[त्रिशूल (फिल्म)|त्रिशूल]]'' और ''[[मुकद्दर का सिकंदर]]'' जैसी फिल्मों में इनके अभिनय की प्रशंसा की तथा इन दोनों फिल्मों के लिए इन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। इस पड़ाव पर इस अप्रत्याशित दौड़ और सफलता के नाते इनके कैरियर में इन्हें [[फ़्राँस्वा त्रुफ़ो|फ्रेन्‍काइज ट्रूफोट]]<ref>{{cite web | title=chinadaily.com| work= Truffaut labeled Bachchan a one-man industry|url=http://app1.chinadaily.com.cn/star/history/00-07-07/l03-film.html| accessdaymonth=1 February | accessyear=2008}}</ref> नामक निर्देशक द्वारा ''वन मेन इंडस्ट्री'' का नाम दिया।
 
१९७९ में पहली बार अमिताभ को ''[[मि० नटवरलाला]]'' नामक फिल्म के लिए अपनी सहयोगी कलाकार [[रेखा]] के साथ काम करते हुए गीत गाने के लिए अपनी आवाज का उपयोग करना पड़ा.फिल्म में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार [[सर्वश्रेष्ठ पुरूष पार्श्वगायक फ़िल्मफेयर पुरस्कार|पुरुष पार्श्‍वगायक का सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार]] मिला। १९७९ में इन्हें ''[[काला पत्थर]]'' (१९७९) में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया और इसके बाद १९८० में [[राजखोसला]] द्वारा निर्देशित फिल्म ''[[दोस्ताना]]'' में दोबारा नामित किया गया जिसमें इनके सह कलाकार [[शत्रुघन सिन्हां]] और [[ज़ीनत अमान|जीनत अमान]] थीं। दोस्ताना वर्ष १९८० की शीर्ष फिल्म साबित हुई।<ref>[http://boxofficeindia.com/showProd.php?itemCat=186&catName=MTk4MA== BoxOffice India.com<!-- Bot generated title -->]</ref>१९८१ में इन्होंने यश चोपड़ा की नाटकीयता फ़िल्म ''[[सिलसिला]]'' में काम किया, जिसमें इनकी सह कलाकार के रूप में इनकी पत्नी जया और अफ़वाहों में इनकी प्रेमिका [[रेखा]] थीं। इस युग की दूसरी फिल्मों में ''[[राम बलराम]]'' (१९८०), ''[[शान (फिल्म)|शान]]'' (१९८०), ''[[लावारिस]]'' (१९८१) और ''[[शक्ति (१९८२ फ़िल्म)|शक्ति]]'' (१९८२) जैसी फिल्‍में शामिल थीं, जिन्‍होंने [[दिलीप कुमार]]<ref name="Box office success">{{cite web | title=boxofficeindia.com| work= Bachchan's box office success|url=http://www.boxofficeindia.com/topactors.htm| accessdaymonth=10 April | accessyear=2007}}</ref> जैसे अभिनेता से इनकी तुलना की जाने लगी थीं।
 
[[चित्र:Amitabh and Rekha in Silsila.jpg|thumb|right|१९८१ में बनी [[सिलसिला (1981 फ़िल्म)|सिलसिला]] फिल्म में [[रेखा]] के साथ बच्चन]]
पंक्ति 52:
=== १९८२ के दौरान कुली की शूटिंग के दौरान चोट ===
१९८२ में ''[[कुली (फिल्म)|कुली]] ([[:en:Coolie (film)|Coolie]])'' फिल्म में बच्चन ने अपने सह कलाकार [[पुनीत इस्सर]] ([[:en:Puneet Issar|Puneet Issar]])<ref name="Coolie fight scene">{{cite web | title=rediff.com| work=Bachchan injured whilst shooting scene|url=http://www.rediff.com/entertai/2001/oct/11amit.htm| accessdaymonth=11 March | accessyear=2007}}</ref> के साथ एक फाइट की शूटिंग के दौरान अपनी आंतों को लगभग घायल कर लिया था।
बच्चन ने इस फिल्म में स्टंट अपनी मर्जी से करने की छूट ले ली थी जिसके एक सीन में इन्हें मेज पर गिरना था और उसके बाद जमीन पर गिरना था। हालांकि जैसे ही ये मेज की ओर कूदे तब मेज का कोना इनके पेट से टकराया जिससे इनके आंतों को चोट पहुंची और इनके शरीर से काफी खून बह निकला था। इन्हें जहाज से फोरन स्पलेनक्टोमी के उपचार हेतु अस्पताल ले जाया गया और वहां ये कई महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहे और कई बार मौत के मुंह में जाते जाते बचे। यह अफ़वाह भी फैल भी गई थी, कि वे एक दुर्घटना में मर गए हैं और संपूर्ण देश में इनके चाहने वालों की भारी भीड इनकी रक्षा के लिए दुआएं करने में जुट गयी थी.इस दुर्घटना की खबर दूर दूर तक फैल गई और [[संयुक्त राजशाही (ब्रिटेन)|यूके]] के अखबारों की सुर्खियों में छपने लगी जिसके बारे में कभी किसने सुना भी नहीं होगा। बहुत से भारतीयों ने मंदिरों में पूजा अर्चनाएं की और इन्हें बचाने के लिए अपने अंग अर्पण किए और बाद में जहां इनका उपचार किया जा रहा था उस अस्पताल के बाहर इनके चाहने वालों की मीलों लंबी कतारें दिखाई देती थी.<ref name="Footage of Coolie fight scene">{{cite web | title=imdb.com| work=Footage of fight scene in Coolie released to the public|url=http://www.imdb.com/title/tt0085361/trivia| accessdaymonth=11 March | accessyear=2007}}</ref>
तिसपर भी इन्होंने ठीक होने में कई महीने ले लिए और उस साल के अंत में एक लंबे अरसे के बाद पुन: काम करना आरंभ किया। यह फिल्म १९८३ में रिलीज हुई और आंशिक तौर पर बच्चन की दुर्घटना के असीम प्रचार के कारण बॉक्स ऑफिस पर सफल रही।<ref name="Coolie">{{cite web | title=boxofficeindia.com| work=Coolie a success|url=http://www.boxofficeindia.com/80-89.htm| accessdaymonth=11 March | accessyear=2007}}</ref>
 
निर्देशक [[मनमोहन देसाई]] ([[:en:Manmohan Desai|Manmohan Desai]]) ने ''[[कुली (फिल्म)|कुली]] ([[:en:Coolie (film)|Coolie]])'' फिल्म में बच्चन की दुर्घटना के बाद फ़िल्म के कहानी का अंत बदल दिया था। इस फिल्म में बच्चन के चरित्र को वास्तव में मृत्यु प्राप्त होनी थी लेकिन बाद में स्क्रिप्‍ट में परिवर्तन करने के बाद उसे अंत में जीवित दिखाया गया। देसाई ने इनके बारे में कहा था कि ऐसे आदमी के लिए यह कहना बिल्‍कुल अनुपयुक्त होगा कि जो असली जीवन में मौत से लड़कर जीता हो उसे परदे पर मौत अपना ग्रास बना ले। इस रिलीज फिल्म में पहले सीन के अंत को जटिल मोड़ पर रोक दिया गया था और उसके नीचे एक केप्‍शन प्रकट होने लगा जिसमें अभिनेता के घायल होने की बात लिखी गई थी और इसमें दुर्घटना के प्रचार को सुनिश्चित किया गया था।<ref name="Footage of Coolie fight scene" />
 
बाद में ये [[मियासथीनिया ग्रेविस]] ([[:en:Myasthenia gravis|Myasthenia gravis]]) में उलझ गए जो या ''कुली'' में दुर्घटना के चलते या तो भारीमात्रा में दवाई लेने से हुआ या इन्हें जो बाहर से अतिरिक्त रक्त दिया गया था इसके कारण हुआ। उनकी बीमारी ने उन्हें मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से कमजोर महसूस करने पर मजबूर कर दिया और उन्होंने फिल्मों में काम करने से सदा के लिए छुट्टी लेने और राजनीति में शामिल होने का निर्णन किया। यही वह समय था जब उनके मन में फिल्म कैरियर के संबंध में निराशावादी विचारधारा का जन्म हुआ और प्रत्येक शुक्रवार को रिलीज होने वाली नई फिल्म के प्रत्युत्तर के बारे में चिंतित रहते थे। प्रत्येक रिलीज से पहले वह नकारात्मक रवैये में जवाब देते थे कि ''यह फिल्म तो फ्लाप होगी''।.<ref name="Myasthenia Gravis">{{cite web | title=mouthshut.com| work=Reviews on: To Be or Not To Be Amitabh Bachchan - Khalid Mohamed|url=http://www.mouthshut.com/review/To_Be_or_Not_To_Be_Amitabh_Bachchan_-_Khalid_Mohamed-72513-1.html| accessdaymonth=11 March | accessyear=2007}}</ref>
 
=== राजनीति : १९८४-१९८७ ===
१९८४ में अमिताभ ने अभिनय से कुछ समय के लिए विश्राम ले लिया और अपने पुराने मित्र [[राजीव गांधी]] की सपोर्ट में राजनीति में कूद पड़े। उन्होंने इलाहाबाद [[लोक सभा]] सीट से [[उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री|उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री]] [[एच.एन. बहुगुणा]] ([[:en:H. N. Bahuguna|H. N. Bahuguna]]) को इन्होंने [[भारत में आम चुनाव|आम चुनाव]] ([[:en:General elections in India|general election history]]) के इतिहास में (६८.२ %) के मार्जिन से विजय दर्ज करते हुए चुनाव में हराया था।<ref name=election>{{cite web| url=http://www.hindustantimes.com/news/specials/amitabh/politics.htm|title=Amitabh Bachchan: Stint in Politics| publisher=HindustanTimes.com| accessdate=2005-12-05}}</ref> हालांकि इनका राजनैतिक कैरियर कुछ अवधि के लिए ही था, जिसके तीन साल बाद इन्होंने अपनी राजनैतिक अवधि को पूरा किए बिना त्याग दिया। इस त्यागपत्र के पीछे इनके भाई का [[बोफोर्स घोटाले|बोफोर्स विवाद]] ([[:en:Bofors scandal|Bofors scandal]]) में अखबार में नाम आना था, जिसके लिए इन्हें अदालत में जाना पड़ा।<ref>{{cite web| url=http://www.sathnam.com/Features/17/interview-with-amitabh-bachchan|title=Interview with Amitabh Bachchan| publisher=sathnam.com}}</ref> इस मामले में बच्चन को दोषी नहीं पाया गया।
 
उनके पुराने मित्र [[अमर सिंह (राजनेता)|अमरसिंह]] ने इनकी कंपनी एबीसीएल के फेल हो जाने के कारण आर्थिक संकट के समय इनकी मदद कीं। इसके बाद बच्चन ने अमरसिंह की राजनैतिक पाटी समाजवादी पार्टी को सहयोग देना शुरू कर दिया। जया बच्चन ने [[समाजवादी पार्टी]] ज्वाइन कर ली और [[राज्यसभा]] की सदस्या बन गई।<ref>[http://www.hindu.com/2007/02/18/stories/2007021804271000.htm hindu.com] चुनाव लड़ने की बच्चन की कोई योजना नहीं थी। </ref>
पंक्ति 68:
 
=== मंदी के कारण और सेवानिवृत्ति : १९८८ -१९९२ ===
१९८८ में बच्चन फिल्मों में तीन साल की छोटी सी राजनैतिक अवधि के बाद वापस लौट आए और ''[[शहंशाह ( फिल्म )|शहंशाह]] ([[:en:Shahenshah (film)|Shahenshah]])'' में शीर्षक भूमिका की जो बच्चन की वापसी के चलते बॉक्स आफिस पर सफल रही।<ref>{{cite web|url=http://www.boxofficeindia.com/topactors.htm|title=www.boxofficeindia.com/topactors.htm<!--INSERT TITLE-->}}</ref> इस वापसी वाली फिल्म के बाद इनकी स्टार पावर क्षीण होती चली गई क्योंकि इनकी आने वाली सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल होती रहीं। १९९१ की हिट फिल्म ''[[हम ( फिल्म )|हम]] ([[:en:Hum (film)|Hum]])'' से ऐसा लगा कि यह वर्तमान प्रवृति को बदल देगी किंतु इनकी बॉक्स आफिस पर लगातार असफलता के चलते सफलता का यह क्रम कुछ पल का ही था। उल्लेखनीय है कि हिट की कमी के बावजूद यह वह समय था जब अमिताभ बच्चन ने १९९० की फिल्‍म ''[[अग्निपथ]] ([[:en:Agneepath|Agneepath]])'' में माफिया डॉन की यादगार भूमिका के लिए [[राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार]], जीते। ऐसा लगता था कि अब ये वर्ष इनके अंतिम वर्ष होंगे क्योंकि अब इन्हें केवल कुछ समय के लिए ही परदे पर देखा जा सकेगा I१९९२ में ''[[खुदागवाह]] ([[:en:Khuda Gawah|Khuda Gawah]])'' के रिलीज होने के बाद बच्चन ने अगले पांच वर्षों के लिए अपने आधे रिटायरमेंट की ओर चले गए। १९९४ में इनके देर से रिलीज होने वाली कुछ फिल्मों में से एक फिल्म ''[[इंसानियत (१९९४ फ़िल्म)|इन्सान्यित]] ([[:en:Insaniyat (1994 film)|Insaniyat]])'' रिलीज तो हुई लेकिन बॉक्स ऑफिस पर असफल रही।<ref>{{cite web|url=http://www.boxofficeindia.com/1994.htm|title=www.boxofficeindia.com/1994.htm<!--INSERT TITLE-->}}</ref>
 
=== निर्माता और अभिनय की वापसी १९९६ -१९९९ ===
पंक्ति 74:
१९९६ में कंपनी के आरंभ होने के तुरंत बाद कंपनी द्वारा उत्पादित पहली फिल्म ''[[तेरे मेरे सपने ( १९९६ फ़िल्म )|तेरे मेरे सपने]] ([[:en:Tere Mere Sapne (1996 film)|Tere Mere Sapne]])'' थी जो बॉक्स ऑफिस पर विफल रही लेकिन [[अरशद वारसी]] दक्षिण और फिल्मों के सुपर स्टार [[सिमरन (अभिनेत्री)|सिमरन]] ([[:en:Simran (actress)|Simran]]) जैसे अभिनेताओं के करियर के लिए द्वार खोल दिए। एबीसीएल ने कुछ फिल्में बनाई लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म कमाल नहीं दिखा सकी।
 
१९९७ में, एबीसीएल द्वारा निर्मित ''[[मृत्युदाता]] ([[:en:Mrityudaata|Mrityudaata]])'', फिल्म से बच्चन ने अपने अभिनय में वापसी का प्रयास किया। यद्यपि ''मृत्युदाता'' ने बच्चन की पूर्व एक्शन हीरो वाली छवि को वापस लाने की कोशिश की लेकिन एबीसीएल के उपक्रम , वाली फिल्म थी और विफलता दोनों के आर्थिक रूप से गंभीर है .एबीसीएल १९९७ में [[बंगलोर|बंगलौर]] में आयोजित ''[[मिस वर्ल्ड १९९६|१९९६ की मिस वर्ल्ड सौंदर्य प्रतियोगिता]] ([[:en:Miss World 1996|The 1996 Miss World beauty pageant]])'', का प्रमुख प्रायोजक था और इसके खराब प्रबंधन के कारण इसे करोड़ों रूपए का नुकसान उठाना पड़ा था। इस घटनाक्रम और एबीसीएल के चारों ओर कानूनी लड़ाइयों और इस कार्यक्रम के विभिन्न गठबंधनों के परिणामस्वरूप यह तथ्य प्रकट हुआ कि एबीसीएल ने अपने अधिकांश उच्च स्तरीय प्रबंधकों को जरूरत से ज्यादा भुगतान किया है जिसके कारण वर्ष १९९७ में वह वित्तीय और क्रियाशील दोनों तरीके से ध्वस्त हो गई.कंपनी प्रशासन के हाथों में चली गई और बाद में इसे भारतीय उद्योग मंडल द्वारा असफल करार दे दिया गया। अप्रेल १९९९ में मुबंई उच्च न्यायालय ने बच्चन को अपने मुंबई वाले [[बंगला|बंग्ला]] ([[:en:bungalow|bungalow]]) ''प्रतीक्षा'' और दो फ्लेटों को बेचने पर तब तक रोक लगा दी जब तक [[कैनरा बैंक]] की राशि के लौटाए जाने वाले मुकदमे का फैसला न हो जाए। बच्चन ने हालांकि दलील दी कि उन्होंने अपना बंग्ला सहारा इंडिया फाइनेंस के पास अपनी कंपनी के लिए कोष बढाने के लिए गिरवी रख दिया है।<ref>{{cite web|url=http://www.tribuneindia.com/2001/20010304/spectrum/main1.htm|title=www.tribuneindia.com/2001/20010304/spectrum/main1.htm<!--INSERT TITLE-->}}</ref>
 
बाद में बच्चन ने अपने अभिनय के कैरियर को संवारने का प्रयास किया जिसमें उसे ''[[बड़े मियाँ छोटे मियाँ]] ([[:en:Bade Miyan Chote Miyan|Bade Miyan Chote Miyan]])'' (१९९८ )<ref>{{cite web|url=http://www.boxofficeindia.com/1998.htm|title=www.boxofficeindia.com/1998.htm<!--INSERT TITLE-->}}</ref> से औसत सफलता मिली और ''[[सूर्यवंशम|सूर्यावंशम]] ([[:en:Sooryavansham|Sooryavansham]]) ''(१९९९)<ref>{{cite web|url=http://in.rediff.com/movies/1999/may/22soo.htm|title=in.rediff.com/movies/1999/may/22soo.htm<!--INSERT TITLE-->}}</ref> , से सकारात्मक समीक्षा प्राप्त हुई लेकिन तथापि मान लिया गया कि बच्चन की महिमा के दिन अब समाप्त हुए चूंकि उनके बाकी सभी फिल्में जैसे ''[[लाल बादशाह]] ([[:en:Lal Baadshah|Lal Baadshah]])'' (१९९९) और ''[[हिंदुस्तान की कसम (१९९९ फ़िल्म)|हिंदुस्तान की कसम]] ([[:en:Hindustan Ki Kasam (1999 film)|Hindustan Ki Kasam]])'' (१९९९) बॉक्स ऑफिस पर विफल रही हैं।
पंक्ति 83:
 
=== सत्ता में वापस लौटें : २००० - वर्तमान ===
[[चित्र:MohabbateinAmitabh.jpg|thumb|right|300px|अमिताभ बच्चन ''[[मोहब्बतें]]'' ( २००० )]] फिल्म में स्क्रीन के सामने [[शाहरुख़ ख़ान|शाहरुख खान]] के साथ सह कलाकार के रूप में वापस लौट आए।
[[चित्र:Amitabh Bachan award.jpg|thumb|right|250px|[[प्रतिभा देवीसिंह पाटिल]] ने हिंदी फ़िल्म [[ब्लैक (फिल्म)|ब्लैक]] ([[:en:Black (film)|Black]])]] में अमिताभ के अभिनय के लिए वर्ष २००५ का सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार दिया।
सन् २००० में अमिताभ बच्चन जब [[आदित्य चोपड़ा]], द्वारा निर्देशित [[यश चोपड़ा]]' की बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट फिल्म ''[[मोहब्बतें]]'' में भारत की वर्तमान घड़कन [[शाहरुख खान]].के चरित्र में एक पुराने चापलूस की भूमिका की तब इन्हें अपना खोया हुआ सम्मान पुन: प्राप्त हुआ। दर्शक ने बच्चन के काम की सराहना की है , क्योंकि उन्होंने एक ऐसे चरित्र की भूमिका निभाई , जिसकी उम्र उनकी स्वयं की उम्र जितनी थी और अपने पूर्व के एंग्री यंगमैन वाली छवि (जो अब नहीं है) के युवा व्यक्ति से मिलती जुलती भूमिका थी। इनकी अन्य सफल फिल्मों में बच्चन के साथ एक बड़े परिवार के पितृपुरुष के रूप में प्रदर्शित होने में ''[[Ek Rishtaa: The Bond of Love]]'' (२००१) , ''[[कभी खुशी कभी ग़म (2001 फ़िल्म)|कभी ख़ुशी कभी ग़म]]'' ( २००१ ) और ''[[बागबान]] ([[:en:Baghban|Baghban]])'' ( २००३ ) हैं। एक अभिनेता के रूप में इन्होंने अपनी प्रोफाइल के साथ मेल खाने वाले चरित्रों की भूमिकाएं करनी जारी रखीं तथा ''[[अक्स (फिल्म)|अक्स]] ([[:en:Aks (film)|Aks]])'' ( २००१ ) , ''[[आंखें (२००२ फ़िल्म)|आंखें]] ([[:en:Aankhen (2002 film)|Aankhen]])'' ( २००२ ) , ''[[खाकी (फिल्म)]]'' ( २००४ ) , ''[[देव]]'' ( २००४ ) और ''[[ब्लैक (फिल्म)|ब्लैक]] ([[:en:Black (film)|Black]])'' ( २००५ ) जैसी फिल्मों के लिए इन्हें अपने आलोचकों की प्रशंसा भी प्राप्त हुई। इस पुनरुत्थान का लाभ उठाकर, अमिताभ ने बहुत से टेलीविज़न और बिलबोर्ड विज्ञापनों में उपस्थिति देकर विभिन्न किस्मों के उत्पाद एवं सेवाओं के प्रचार के लिए कार्य करना आरंभ कर दिया।
२००५ और २००६ में उन्होंने अपने बेटे अभिषेक के साथ ''[[बंटी और बबली]]'' (२००५) , ''[[द गॉडफ़ादर]]'' श्रद्धांजलि ''[[सरकार (फिल्म)|सरकार]] ([[:en:Sarkar (film)|Sarkar]])'' ( २००५ ) , और ''[[कभी अलविदा ना कहना]] ([[:en:Kabhi Alvida Na Kehna|Kabhi Alvida Na Kehna]])'' (२००६) जैसी हिट फिल्मों में स्टार कलाकार की भूमिका की। ये सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अत्यधिक सफल रहीं।<ref name="Starring with son">{{cite web | title=boxofficeindia.com| work=Amitabh and Abhishek rule the box office|url=http://www.boxofficeindia.com/2005.htm | accessdaymonth=11 March | accessyear=2007}}</ref><ref>{{cite web|url=http://www.boxofficeindia.com/2006.htm|title=www.boxofficeindia.com/2005.htm | accessdaymonth=11 March | accessyear=2007}}</ref>२००६ और २००७ के शुरू में रिलीज उनकी फिल्मों में ''[[बाबुल]] ([[:en:Baabul|Baabul]])'' (२००६) , और <ref>{{cite web|url=http://www.boxofficeindia.com/2006.htm|title=Films fail at the BO}}</ref>''[[एकलव्य]] ([[:en:Eklavya|Eklavya]])'', ''[[निशब्द|नि:शब्द]] ([[:en:Nishabd|Nishabd]])'' (२००७) बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं किंतु इनमें से प्रत्येक में अपने प्रदर्शन के लिए आलोचकों<ref name="Bachchan's films fail at the box office">{{cite web | title=indiafm.com|url=http://www.indiafm.com/trade/top5/326.html|accessdaymonth=26 March |accessyear=2007}}</ref> से सराहना मिली।
इन्होंने [[नागाथीहल्ली चंद्रशेखर|चंद्रशेखर नागाथाहल्ली]] ([[:en:Nagathihalli Chandrashekhar|Nagathihalli Chandrashekhar]]).द्वारा निर्देशित कन्नड़ फिल्म ''अमृतधारा'' में मेहमान कलाकार की भूमिका की है।
 
मई २००७ में , इनकी दो फ़िल्मों में से एक ''[[चीनी कम (2007 फ़िल्म)|चीनी कम]]'' और बहु अभिनीत ''[[शूटआउट एट लोखंडवाला]] ([[:en:Shootout at Lokhandwala|Shootout at Lokhandwala]])'' रिलीज हुई''शूटआउट एट लोखंडवाला'' बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छी रही और भारत<ref name = "udxlrh">{{cite web|url=http://www.boxofficeindia.com|title=www.boxofficeindia.com<!--INSERT TITLE-->}}</ref> में इसे हिट घोषित किया गया और ''चीनी कम'' ने धीमी गति से आरंभ होते हुए कुल मिलाकर औसत हिट का दर्जा पाया।<ref>{{cite web|url=http://www.boxofficeindia.com]|title=www.boxofficeindia.com]<!--INSERT TITLE-->}}</ref>
 
अगस्त २००७ में, (१९७५) की सबसे बड़ी हिट फ़िल्म ''[[शोले]]'' की [[रीमेक]] ([[:en:remake|remake]]) बनाई गई और उसे ''[[राम गोपाल वर्मा की आग]] ([[:en:Ram Gopal Varma Ki Aag|Ram Gopal Varma Ki Aag]])'' शीर्षक से जारी किया गया। इसमें इन्होंने बब्बन सिंह ( मूल [[गब्बर सिंह]] ([[:en:Gabbar Singh|Gabbar Singh]]) ) के नाम से खलनायक की भूमिका अदा की जिसे स्वर्गीय अभिनेता [[अमजद खान]] ([[:en:Amjad Khan|Amjad Khan]]) द्वारा १९७५ में मूल रूप से निभाया था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बेहद नाकाम रही और आलोचना करने वालो ने भी इसकी कठोर निंदा की।<ref name = "udxlrh"/>
 
उनकी पहली अंग्रेजी भाषा की फिल्म [[रितुपर्णा घोष]] ''[[द लास्ट ईयर]] ([[:en:The Last Lear|The Last Lear]])'' का वर्ष [[२००७ टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह|२००७ में टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह]] ([[:en:2007 Toronto International Film Festival|2007 Toronto International Film Festival]]) में [[९ सितंबर]], [[२००७]] को प्रीमियर लांच किया गया। इन्हें अपने आलोचकों से सकारात्मक समीक्षाएं मिली हैं जिन्होंने स्वागत के रूप में ''ब्लेक''.<ref>{{cite web|url=http://www.indiafm.com/features/2007/09/11/3020/index.html|title=www.indiafm.com/features/2007/09/11/3020/index.html<!--INSERT TITLE-->}}</ref> में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद से अब तक सराहना की है।
 
बच्चन ''[[शांताराम (उपन्यास)|शांताराम]]'' नामक शीर्षक वाली एवं [[मीरा नायर]] ([[:en:Mira Nair|Mira Nair]]) द्वारा निर्देशित फिल्म में सहायक कलाकार की भूमिका करने जा रहे हैं जिसके सितारे [[हॉलीवुड]] अभिनेता [[जॉनी डेप]] हैं। इस फ़िल्म का फिल्मांकन फरवरी २००८ में शुरू होना था, लेकिन लेखक की हड़ताल की वजह से, इस फिल्म को सितम्बर २००८ में फिल्मांकन हेतु टाल दिया गया।<ref name="Hollywood">{{cite web | title=ourbollywood.com| work=Amitabh Bachchan to star with Johnny Depp|url=http://www.ourbollywood.com/2007/02/amitabh_bachchan_will_star_opp.html| accessdaymonth=11 March | accessyear=2007}}</ref>
 
९ मई, २००८, ''[[भूतनाथ (फिल्म)]] ([[:en:Bhoothnath|Bhoothnath]])'' फिल्म में इन्होंने [[भूत]] के रूप में शीर्षक भूमिका की जिसे रिलीज किया गया। जून २००८ में रिलीज हुई उनकी नवीनतम फ़िल्म ''[[सरकार राज]] ([[:en:Sarkar Raj|Sarkar Raj]])'' जो उनकी वर्ष २००५ में बनी फिल्म ''[[सरकार]] ([[:en:Sarkar|Sarkar]])'' का परिणाम है।
 
== स्वास्थ्य ==
=== २००५ अस्पताल में भर्ती ===
नवंबर २००५ में , अमिताभ बच्चन को एक बार फिर लीलावती अस्पताल की [[सघन देखभाल यूनिट|आईसीयू]] ([[:en:Intensive Care Unit|ICU]]) में [[विपटीशोथ]] ([[:en:diverticulitis|diverticulitis]]) के [[छोटी आँत]] ([[:en:small intestine|small intestine]]).<ref>{{cite web|url=http://www.rediff.com/movies/2005/dec/01ab1.htm|title=Amitabh better today|publisher=Rediff|accessdate=2008-04-27|date=[[December 1]], [[2005]]}}</ref> की सर्जरी लिए भर्ती किया गया। उनके पेट में दर्द की शिकायत के कुछ दिन बाद ही ऐसा हुआ। इस अवधि के दौरान और ठीक होने के बाद उसकी ज्यादातर परियोजनाओं को रोक दिया गया जिसमें ''[[कौन बनेगा करोड़पति]] ([[:en:Kaun Banega Crorepati|Kaun Banega Crorepati]])'' का संचालन करने की प्रक्रिया भी शामिल थी। [[भारत]] भी मानो मूक बना हुआ यथावत जैसा दिखाई देने लगा था और इनके चाहने वालों एवं प्रार्थनाओं के बाद देखने के लिए एक के बाद एक, हस्ती देखने के लिए आती थीं। इस घटना के समाचार संतृप्त कवरेज भर अखबारों और टीवी समाचार चैनल में फैल गए। अमिताभ मार्च २००६ में काम करने के लिए वापस लौट आए।<ref>{{cite web|url=http://www.hinduonnet.com/thehindu/fr/2005/12/09/stories/2005120903020100.htm|title=Waiting for Mr. Bachchan|publisher=The Hindu|accessdate=2008-04-27|date=[[December 9]], [[2005]]|author=Us Salam, Ziya}}</ref>
 
== आवाज ==
पंक्ति 114:
[[2 जून|२ जून]], [[२००७]], [[फ़ैज़ाबाद|फैजाबाद]] अदालत ने इन्हें आदेश दिया कि इन्होंने भूमिहीन [[दलित]] किसानों के लिए विशेष रूप से आरक्षित भूमि को अवैध रूप से अधिग्रहीत किया है।<ref name=ndtv>{{cite news | title = Land row: Setback for Bachchan
| author = Sanket Upadhyay | publisher = [[NDTV]] | url = http://www.ndtv.com/convergence/ndtv/story.aspx?id=NEWEN20070014139 | date = [[2007-06-01]] (Faizabad) | accessdate = 2007-06-03}}</ref>जालसाजी से संबंधित आरोंपों के लिए इनकी जांच की जा सकती है। जैसा कि उन्होंने दावा किया कि उन्हें कथित तौर पर एक किसान माना जाए<ref>{{cite news | title = Amitabh's land records look forged | publisher = [[Times of India]] | url = http://timesofindia.indiatimes.com/Cities/Pune/Amitabhs_land_records_look_forged/articleshow/2093299.cms | date = 2 Jun, 2007}}</ref>यदि वह कहीं भी कृषिभूमि के स्वामी के लिए उत्तीर्ण नहीं कर पाते हैं तब इन्हें 20 एकड़ फार्महाउस की भूमि को खोना पड़ सकता है जो उन्होंने मावल [[पुणे]].<ref name=ndtv/> के निकट खरीदी थी।
१९ जुलाई , २००७ के बाद घेटाला खुलने के बाद बच्चन ने बाराबंकी [[उत्तर प्रदेश]] और [[पुणे]] में अधिग्रहण की गई भूमि को छोड़ दिया। उन्होंने [[महाराष्ट्र]], के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख को उनके तथा उनके पुत्र अभिषेक बच्चन द्वारा पुणे<ref>{{cite web|url=http://www.rediff.com/news/2007/jun/01farm.htm|title=Amitabh Bachchan is not a farmer: UP court|publisher=Rediff.com|accessdate=2008-04-27|[[June 1]], [[2007]]}}</ref> में अवैध रूप से अधिग्रहण भूमि को दान करने के लिए पत्र लिखा।हालाँकि , लखनऊ की अदालत ने भूमि दान पर रोक लगा दी और कहा कि इस भूमि को पूर्व स्थिति में ही रहने दिया जाए।
 
१२ अक्टूबर , २००७ को , बच्चने ने बाराबंकी जिले<ref>{{cite web|url=http://timesofindia.indiatimes.com/Big_B_abandons_claim_on_farmland/articleshow/2453216.cms|title=timesofindia.indiatimes.com/Big_B_abandons_claim_on_farmland/articleshow/2453216.cms<!--INSERT TITLE-->}}</ref> के दौलतपुर गांव की इस भूमि के दावे को छोड़ दिया।
११ दिसंबर २००७ को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की [[लखनऊ|लखनव]] खंडपीठ ने बाराबंकी जिले में इन्हें अवैध रूप से जमीन आंवटित करने के मामले में हरी झंडी दे दी। बच्चन को हरी झंडी देते हुए लखनऊ की एकल खंडपीठ के न्यायधीश ने कहा कि ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं जिनसे प्रमाणित हो कि अभिनेता ने ''राजस्व अभिलेखों<ref>[http://www.apunkachoice.com/happenings/20071212-0.html उच्च न्यायालय ने अमिताभ बच्चन को भूमि विवाद के मामले में हरी झंडी दे दी - हैप्पनिंग न्यूज अपुन का च्वाईसकॉम<!-- Bot generated title -->]</ref><ref>[http://www.allbollywood.com/v2/bd/stc/nws/2007/12/11/28051.shtml अमिताभ बच्चन को उत्तर प्रदेश में हो जमीन घोटाला -- AllBollywood.com<!-- Bot generated title -->] में हरी झंडी मिली। </ref> में स्वयं के द्वारा कोई हेराफेरी अथवा फेरबदल किया हो।''
 
बाराबंकी मामले में अपने पक्ष में सकारात्मक फैसला सुनने के बाद बच्चन ने महाराष्ट्र सरकार को सूचित किया कि पुणे जिले<ref>{{cite web|url=http://www.hindu.com/thehindu/holnus/002200803251965.htm |title=No question of proceeding further on Amitabh's land: Rane}}</ref> की मारवल तहसील में वे अपनी जमीन का आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार नहीं हैं।
पंक्ति 124:
जनवरी २००८ में राजनीतिक रैलियों पर, [[महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना]] के प्रमुख [[राज ठाकरे]] ने अमिताभ बच्चन को अपना निशाना बनाते हुए कहा कि ये अभिनेता महाराष्ट्र की तुलना में अपनी मातृभूमि के प्रति अधिक रूचि रखते हैं। उन्होंने अपनी बहू अभीनेत्री [[ऐश्वर्या राय|एश्वर्या राय बच्चन]] के नाम पर लड़कियों का एक विद्यालय महाराष्‍ट्र<ref name="TOI_verbal">{{cite news|url=http://timesofindia.indiatimes.com/Big_B_draws_Raj_Thackerays_ire_over_his_UP_interests/articleshow/2750611.cms|title=Big B draws Raj Thakeray's ire over 'UP interests'|publisher=''[[The Times of India]]''|accessdate=2008-05-30}}</ref> के बजाय उत्तर प्रदेश के [[बाराबंकी]] में उद्घाटन के लिए अपनी नामंजूरी दी.मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमिताभ के लिए राज की आलोचना, जिसकी वह प्रशंसा करते हैं, अमिताभ के पुत्र [[अभिषेक बच्चन|अभिषेक]] का ऐश्वर्या के साथ हुए विवाह में आमंत्रित न किए जाने के कारण उत्पन्न हुई जबकि उनसे अलग रह रहे चाचा बाल और चचेरे भाई उद्धव को आमंत्रित किया गया था.<ref name="autogenerated1">{{cite news|url=http://www.dnaindia.com/report.asp?newsid=1149212|accessdate=2008-04-04|title=Rift between Raj and Big B over a wedding invite|publisher=''[[Daily News & Analysis]]''}}</ref><ref name="autogenerated2">{{cite news|url=http://news.in.msn.com/national/article.aspx?cp-documentid=1226808|accessdate=2008-04-04|title=Rift between Raj and Big B over a wedding invite|date=2008-02-05|publisher=[[MSN]]}}</ref>
 
राज के आरोपों के जवाब में, अभिनेता की पत्नी जया बच्चन जो सपा सांसद हैं ने कहा कि वे ( बच्चन परिवार ) मुंबई में एक स्कूल खोलने की इच्छा रखते हैं बशर्ते एमएनएस के नेता उन्हें इसका निर्माण करने के लिए भूमि दान करें.उन्होंने मीडिया से कहा , " मैंने सुना है कि राज ठाकरे के पास महाराष्ट्र में मुंबई में कोहिनूर मिल की बड़ी संपत्ति है। ''यदि वे भूमि दान देना चाहते हैं तब हम यहां ऐश्वर्या राय के नाम पर एक स्कूल चला चकते हैं।''<ref name="IE_Jaya">{{cite news|url=http://www.expressindia.com/latest-news/I-dont-know-who-Raj-Thackeray-is-Jaya-Bachchan/268548/|title=I don't know who Raj Thackeray is: Jaya Bachchan|publisher=''[[The Indian Express]]''|accessdate=2008-05-30}}</ref>इसके आवजूद अमिताभ ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
 
बाल ठाकरे ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि ''अमिताभ बच्चन एक खुले दिमाग वाला व्यक्ति है और महाराष्ट्र के लिए उनके मन में विशेष प्रेम है जिन्हें कई अवसरों पर देखा जा चुका है।''इस अभिनेता ने अक्सर कहा है कि महाराष्ट्र और खासतौर पर मुंबई ने उन्हें महान प्रसिद्धि और स्नेह दिया है। .उन्होंने यह भी कहा है कि वे आज जो कुछ भी हैं इसका श्रेय जनता द्वारा दिए गए प्रेम को जाता है। मुंबई के लोगों ने हमेशा उन्हें एक कलाकार के रूप में स्वीकार किया है। उनके खिलाफ़ इस प्रकार के संकीर्ण आरोप लगाना नितांत मूर्खता होगी। दुनिया भर में सुपर स्टार अमिताभ है .दुनिया भर के लोग उनका सम्मान करते हैं। इसे कोई भी नहीं भुला सकता है। अमिताभ को इन घटिया आरोपों की उपेक्षा करनी चाहिए और अपने अभिनय पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।"<ref>{{cite news|url=http://www.hindu.com/2008/02/07/stories/2008020759011200.htm|accessdate=2008-04-04|title=Bal Thackeray: Amitabh loves Maharashtra|date=2008-02-07|publisher=''[[The Hindu]]''}}</ref>
कुछ रिपोर्टों के अनुसार अमिताभ की राज के द्वारा की गई गणना के अनुसार जिनकी उन्हें तारीफ करते हुए बताया जाता है, को बड़ी निराश हुई जब उन्हें अमिताभ के बेटे [[अभिषेक बच्चन|अभिषेक]] की ऐश्वर्या के साथ विवाह में आमंत्रित नहीं किया गया जबकि उनके रंजिशजदा चाचा बाल और चचेरे भाई उद्धव<ref name="autogenerated1" /><ref name="autogenerated2" /> को आमंत्रित किया गया था।
 
[[23 मार्च|मार्च २३]], [[२००८]] को राज की टिप्पणियों के लगभग डेढ महीने बाद अमिताभ ने एक स्थानीय अखबार को साक्षात्कार देते हुए कह ही दिया कि, ''अकस्मात लगाए गए आरोप अकस्मात ही लगते हैं और उन्हें ऐसे किसी विशेष ध्यान की जरूरत नहीं है जो आप मुझसे अपेक्षा रखते हैं।''<ref name="DNA_1157267">{{cite news|url=http://www.dnaindia.com/report.asp?newsid=1157267|accessdate=2008-04-04|publisher=''[[Daily News & Analysis]]''|title=Amitabh breaks silence, dismisses Raj's charges against him}}</ref>इसके बाद २८ मार्च को [[अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी पुरस्कार|अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी]] के एक सम्मेलन में जब उनसे पूछा गया कि प्रवास विरोधी मुद्दे पर उनकी क्या राय है तब अमिताभ ने कहा कि यह देश में किसी भी स्थान पर रहने का एक मौलिक अधिकार है और संविधान ऐसा करने की अनुमति देता है।<ref>{{cite news|url=http://www.thaindian.com/newsportal/world-news/indian-constitution-allows-me-to-live-anywhere-in-the-country-amitabh-bachchan_10032279.html|quote=The Indian Constitution has given me the right to live anywhere in the country. Everybody has a right to the freedom speech, but I only follow the law of the land|publisher=''[[The Indian]]''|title=The Indian Constitution allows me to live anywhere: Amitabh Bachchan |accessdate=2008-04-04}}</ref>उन्होंने यह भी कहा था कि वे राज की टिप्पणियों से प्रभावित नहीं है.<ref>{{cite news|url=http://www.hindu.com/thehindu/holnus/002200803281441.htm|accessdate=2008-04-04|date=2008-03-28|publisher=''[[The Hindu]]''|title=Everyone has the right to freedom of expression: Bachchan }}</ref>
 
== पुरस्कार , सम्मान और पहचान ==
पंक्ति 489:
=== निर्माता ===
* ''[[तेरे मेरे सपने]] ([[:en:Tere Mere Sapne|Tere Mere Sapne]])'' ( १९९६ )
* ''[[उलासाम]] ([[:en:Ullasam|Ullasam]])''( तमिल ) ( १९९७ )
* ''[[मृत्युदाता]] ([[:en:Mrityudaata|Mrityudaata]])'' ( १९९७ )
* ''[[मेजर साब]] ([[:en:Major Saab|Major Saab]])'' ( १९९८ )
* ''[[अक्स ( फिल्म )|अक्स]] ([[:en:Aks (film)|Aks]])''( २००१ )
* ''[[विरूद्ध]] ([[:en:Viruddh|Viruddh]])'' ( २००५ )
* ''[[परिवार -- टायस ऑफ़ ब्लड]] ([[:en:Family - Ties of Blood|Family - Ties of Blood]])'' ( २००६ )
पंक्ति 499:
* [[ग्रेट गैम्बलर|द ग्रेट गैम्बलर]]
* [[मि० नटवरलाल]]
* [[लावारिस]] ( १९८१ )
* [[नसीब]] ( १९८१ )
* [[सिलसिला]] ( १९८१ )
* [[महान]] ( १९८३ )
* [[पुकार ( १९८३ फ़िल्म )|पुकार]] ( १९८३ )
* [[शराबी]] ( १९८४ )
* [[तूफान]] ( १९८९ )
* [[जादूगर]] ( १९८९ )
* [[खुदागवाह]] ( १९९२ )
* [[मेजर साब]] ( १९९८ )
पंक्ति 513:
* [[कभी खुशी कभी ग़म (2001 फ़िल्म)|कभी ख़ुशी कभी ग़म]] ( २००१ )
* [[आंखें ( २००२ फ़िल्म )|आंखें]] ( २००२ )
* [[अरमान]] ( २००३ )
* [[बागबान]] ( २००३ )
* [[देव]] ( २००४ )
* [[एतबार]] ( २००४ )
* [[बाबुल]] ( २००६ )
* [[निशब्द]] ( २००७ )
* [[चीनी कम (2007 फ़िल्म)|चीनी कम]] ( २००७ )
* [[भूतनाथ]] ( २००८ )
* [[पा]]
 
पंक्ति 528:
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://hindi.webdunia.com/entertainment/film/amitabhbachchan/ अमिताभ बच्चन] अमिताभ बच्चन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी
* [http://www.bhaskar.com/article/GUJ-amitabh-bacchan-photo-gallery-2494104.html अमिताभ बच्चन के जीवन की कहानी सुनें तस्वीरों से...] (दैनिक भास्कर)
* [http://atulshrivastavaa.blogspot.com/2011/10/blog-post_11.html अमिताभ बच्‍चन पिछले जन्‍म में भी नायक थे....!]
* [http://raviratlami.blogspot.com/2008/10/blog-post_6321.html अंतत: अमिताभ बच्चन ने हिन्दी में ब्लॉग लिखा! ]
* [http://www.pravasiduniya.com/सदी-के-महानायक-अमिताभ-बच् सदी के महानायक अमिताभ बच्चन आज 69 साल के हो गए] (प्रवासी दुनिया)
* [http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/10529367.cms अमिताभ बच्चन हैं भारत रत्न के असली हकदार: ठाकरे] (नवभारत टाइम्स)
* {{imdb name|id=0000821}}
* [http://filmkahani.com/2010-06-08-19-16-59/amitabh-bachhan.html अमिताभ बच्चन जीवनी]
* [http://www.livehindustan.com/news/entertainment/entertainmentnews/article1-amitabh-bachchan-28-28-195436.html आवाज के जादू से राज कायम है अमिताभ का]
 
== संदर्भ ==
पंक्ति 551:
}}
 
''' अमिताभ बच्चन ''' को सन [[२००१]] में [[भारत सरकार]] ने [[कला]] क्षेत्र में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया था। ये [[महाराष्ट्र]] से हैं।
{{२००१ पद्म भूषण}}