"अहमद फ़राज़": अवतरणों में अंतर
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| partner =
| children = पुत्र:सादी, शिबली एवं सरमाद फ़राज़
| relatives = सैयद मु.शाह बार्क (पिता) <br /> सैयद मसूद कौसर (भाई)
| influences = [[गालिब]], [[फैज़ अहमद फैज़]]
| influenced = [[उर्दु शायरी]]
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अहमद फ़राज़ ने रेडियो पाकिस्तान में भी नौकरी की और फिर अध्यापन से भी जुड़े। उनकी प्रसिद्धि के साथ-साथ उनके पद में भी वृद्धि होती रही। वे [[१९७६]] में पाकिस्तान एकेडमी ऑफ लेटर्स के डायरेक्टर जनरल और फिर उसी एकेडमी के चेयरमैन भी बने। [[२००४]] में पाकिस्तान सरकार ने उन्हें हिलाल-ए-इम्तियाज़ पुरस्कार से अलंकृत किया। लेकिन २००६ में उन्होंने ये पुरस्कार इसलिए वापस कर दिया कि वे सरकार की नीति से सहमत और संतुष्ट नहीं थे। उन्हें क्रिकेट खेलने का भी शौक था। लेकिन शायरी का शौक उन पर ऐसा छाया कि वे अपने समय के गालिब कहलाए। उनकी शायरी के कई संग्रह प्रकाशित हुए। ग़ज़लों के साथ ही उन्होंने नज़्में भी लिखी। लेकिन लोग उनकी ग़ज़लों के दीवाने हैं।<ref>{{cite web |url= http://hindi.webduniya.com/miscellaneous/urdu/majmoon/0808/26/1080826077_1.htm|title=सिलसिले तोड़ गया वो सभी जाते-जाते |accessmonthday=[[१ सितंबर]]|accessyear=[[२००८]]|format= एचटीएम|publisher=वेबदुनिया|language=}}</ref>
== संदर्भ ==
<references/>
== बाहरी लिंक ==▼
[[श्रेणी: उर्दू साहित्यकार]]▼
[[श्रेणी: पाकिस्तानी साहित्यकार]]▼
▲==बाहरी लिंक==
* [http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A4%A6_%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BC अहमद फ़राज़ की रचनाएँ कविताकोश में]
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