"आत्मविश्वास": अवतरणों में अंतर

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जब किसी व्यक्ति को यह अनुभव होने लगता है कि वह उन्नति कर रहा है, ऊंचा उठ रहा है, तब उसमें स्वतः आत्मविश्वास से पूर्ण बातें करने की शक्ति आ जाती है। उसे शंका पर विजय प्राप्त हो जाती है। जिस व्यक्ति के मुखमण्डल पर विजय का प्रकाश जगमगा रहा हो, सारा संसार उसका आदर करता है और उसकी विजय विश्वास में परिणत हो जाती है। आपने भी अनेक बार अनुभव किया होगा कि जो व्यक्ति आप पर अपनी शक्ति का प्रभाव डालते हैं, आप उनका विश्वास करने लगते हैं। इस सबका कारण उनका आत्मविश्वास है। जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास होता है, वह स्वतः दिव्य दिखाई पड़ने लगता है, जिसके कारण हम उसकी ओर खिंच जाते हैं और उसकी शक्ति पर विश्वास करने लगते हैं।
 
== चेहरा-आत्म-दर्पण ==
आज तक ऐसा कोई भी व्यक्ति देखने में नहीं आया जो अपने आपको हीन, तुच्छ और बेकार समझते हुए, कोई महान कार्य कर पाया हो। आप अपने आपको जितना अधिक योग्य समझेंगे, उतना ही अधिक महत्त्वपूर्ण कार्य कर पाएंगे। वैसे ही आचार-विचार और भाव आपके चेहरे पर दिखाई देने लगेंगे।
 
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आप जिन गुणों को प्राप्त करना चाहते हैं उनको अपने मन में संजोइए तो वे गुण स्वतः आपके हो जायेंगे। आपका मुखमण्डल उन गुणों के प्रकाश में जगमगाने लगेगा। यदि आप अपने चेहरे, आचरण अथवा व्यवहार में उच्चता लाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले अपने विचारों में उच्चता लानी होगी। तभी आपको सफलता प्राप्त होगी, अन्यथा नहीं। आपके किसी भी कार्य की नींव का मजबूत पत्थर आपका आत्मविश्वास है। इस विचार में ही अद्भुत शक्ति छिपी है कि आप प्रत्येक कार्य कर सकते हैं।आप अद्वितीय हैँ, आपके जैसा इस संसार मेँ दूसरा कोई नहीँ।
 
== अपने बच्चों का आत्मविश्वास कम न करें ==
प्रत्येक माता पिता को चाहिए कि बच्चों के आत्मविश्वास को कभी कम न करें। उन्हें इस प्रकार के वाक्य नहीं कहने चाहिए कि ‘तुम कुछ नहीं जानते’ या ‘तुममें इस बात की कमी है’। ऐसा करना एक भारी अपराध है। माता-पिता तो क्या, अध्यापक भी इसका महत्त्व नहीं समझते कि बच्चों को ऐसी बातें कहने से उनके दिल पर कैसा गलत और विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे उनमें हीन भावनाओं का जन्म होता है। बालक अपने आपको तुच्छ समझने लगते हैं। संसार में आज जो गरीबी और निराशा दिखाई पड़ती है, उसका मुख्य कारण ये हीन भावनाएं ही हैं।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://viddroh.blogspot.com/2009/04/blog-post.html आत्मविश्वास कैसे विकसित करें] (मेरी बात)
* [http://swargvibha.0fees.net/aalekh/all aalekh/laksha se jeet.htm लक्ष्य से जीत तक]