"ईरानी भाषा परिवार": अवतरणों में अंतर

छो r2.7.2+) (Robot: Adding ckb:زمانە ئێرانییەکان
छो Bot: अंगराग परिवर्तन
पंक्ति 3:
'''ईरानी भाषाएँ''' [[हिन्द-ईरानी भाषा परिवार]] की एक उपशाखा हैं। ध्यान रहे कि हिन्द-ईरानी भाषाएँ स्वयं [[हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार]] की एक उपशाखा हैं। आधुनिक युग में विश्व में लगभग १५-२० करोड़ लोग किसी ईरानी भाषा को अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं और ऍथ़नॉलॉग भाषाकोष में सन् २०११ तक ८७ ईरानी भाषाएँ दर्ज थीं।<ref name="ref10xicub">[http://books.google.com/books?id=CvOHPwAACAAJ The Iranian languages], Gernot Windfuhr, Routledge, 2009, ISBN 978-0-7007-1131-4</ref><ref name="SIL">[http://www.ethnologue.com/show_family.asp?subid=90019 Report for Iranian languages], Raymond Gordon, Jr. (ed.), Ethnologue: Languages of the World, 15th edition, SIL International, Dallas, 2005</ref> इनमें से [[फ़ारसी]] के ६.५ करोड़, [[पश्तो]] के ५-६ करोड़, कुर्दी भाषा के १.८ करोड़, बलोची भाषा के ७० लाख और लूरी भाषा के २३ लाख बोलने वाले थे। ईरानी भाषाएँ [[ईरान]], [[अफ़्ग़ानिस्तान]], [[ताजिकिस्तान]], [[पाकिस्तान]] ([[बलोचिस्तान]] और [[ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा]] प्रान्त) , [[तुर्की]] (पूर्व में कुर्दी इलाक़े) और [[इराक़]] (उत्तर में कुर्दी इलाक़े) में बोली जाती हैं। [[पारसी धर्म]] की धार्मिक भाषा, जिसे [[अवस्ताई भाषा|अवस्ताई]] कहते हैं, भी एक प्राचीन ईरानी भाषा है।
 
== विवरण ==
[[हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार]] की शाखा [[हिन्द-ईरानी भाषा परिवार]] की उपशाखा, ईरानी भाषा परिवार [[हिन्द-आर्य भाषाएँ|हिन्द-आर्य उपशाखा]] की भाँति ही महत्वपूर्ण है। प्राचीन काल में यह प्राचीन फ़ारसी (पारसी) के रूप में एक राजकीय भाषा थी और [[अवस्ताई भाषा|अवस्ताई]] के रूप में धार्मिक भाषा थी। मध्य ईरानी काल में दो प्रभूत जनभाषाएँ विकसित हुईं, पूर्व प्रदेश में [[सोग़दा|सोग़दी]] और पश्चिमी प्रदेश में [[पहलवी]]। इनके अतिरिक्त फ़ारसी बहुत समय तक [[एशिया]] के बड़े भूभाग में [[संस्कृति]] की भाषा रही।
 
पंक्ति 16:
आधुनिक ईरानी की सबसे महत्वपूर्ण भाषा [[फ़ारसी]] है। यह [[अरबी-फ़ारसी लिपि]] में लिखी जाती है। यह [[अफ़्ग़ानिस्तान]] से लेकर पश्चिम के काफी बड़े भूप्रदेश में संस्कृति की प्रतिनिधि भाषा है। इसमें आठवीं शती ई. से लेकर प्रभूत साहित्य का सृजन हुआ है। गठन की दृष्टि से [[पामीरी भाषाएँ]], कुर्दी, बलोची और [[पश्तो]] भी ईरानी उपशाखा के अंतर्गत हैं। विस्तार की दृष्टि से हिंद-ईरानी शाखा की तीन भाषाओं ने महत्व प्राप्त किया - [[संस्कृत]], [[पालि]] और फ़ारसी, और ये तीनों सभ्यता और संस्कृति की प्रचारक रहीं।<ref name="ref65herax">[http://books.google.com/books?id=rhejSwAACAAJ Les langues du monde, Volume 2], Antoine Meillet, Société de linguistique de Paris, Champion, 1952</ref>
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[फ़ारसी]]
* [[पश्तो]]
पंक्ति 22:
* [[हिन्द-ईरानी भाषाएँ]]
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.iranianlinguistics.org Society for Iranian Linguistics]
* [http://www.iranian-efl-journal.com Iranian EFL Journal]
* [http://www.everytongue.com/iran Audio and video recordings for over 50 languages spoken in Iran]
 
== सन्दर्भ ==
<small>{{reflist}}</small>