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== प्रशंसा ==
अनेक मशहूर संगीतकारों ने श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी की कला की तारीफ़ की है। [[लता मंगेशकर]] ने आपको 'तपस्विनी' कहा, [[उस्ताद बडे ग़ुलाम अली ख़ां]] ने आपको 'सुस्वरलक्ष्मी' पुकारा, तथा [[किशोरी आमोनकर]] ने आपको 'आठ्वां सुर' कहा, जो संगीत के सात सुरों से ऊंचा है। भारत के कई माननीय नेता, जैसे [[महात्मा गांधी]] और [[पंडित नेहरु]] भी आपके संगीत के प्रशंसक थे। एक अवसर पर महात्मा गांधी ने कहा कि अगर श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी 'हरि, तुम हरो जन की भीर' इस मीरा भजन को गाने के बजाय बोल भी दें, तब भी उनको वह भजन किसी और के गाने से अधिक सुरीला लगेगा। एम.एस.सुब्बालक्ष्मी को
== [[संयुक्त राष्ट्र संघ]] में ==
श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी का देहांत [[2004]] में चेन्नै में हुआ।
== पुरस्कार/सम्मान ==
* [[1954]] में [[पद्मभूषण]]
* [[1956]] में [[संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]]
* [[1968]] में [[संगीत कलानिधि]]
* [[1974]] में [[मैग्सेसे एवॉर्ड]]
* [[1975]] में [[पद्म-विभूषण]]
* [[1988]] में [[कालीदास सम्मा]]न
* [[1990]] में [[इंदिरा गांधी एवॉर्ड]]
भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पहली संगीतज्ञ
== बाहरी कडियां ==
अंग्रेज़ी में श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी के बारे में जालस्थल। यहां श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी के अनेक चित्र उपलब्ध
{{भारत रत्न सम्मानित}}{{१९५४ पद्म भूषण }}
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