"एयर इंडिया फ़्लाइट 182": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो r2.7.1) (Robot: Adding sv:Air India Flight 182 |
छो Bot: अंगराग परिवर्तन |
||
पंक्ति 1:
{{Refimprove|date=June 2010}}
[[चित्र:1985-06-10 VT-EFO Air India EGLL.jpg|thumb|250px]]
'''एयर इंडिया फ़्लाइट 182'''
जांच और अभियोजन में लगभग 20 वर्ष लगे और यह कनाडा के इतिहास में, लगभग CAD $130 मिलियन की लागत के साथ, सबसे महंगा परीक्षण था. एक विशेष आयोग ने प्रतिवादियों को दोषी नहीं पाया और उन्हें छोड़ दिया गया. 2003 में मानव-हत्या की अपराध स्वीकृति के बाद, केवल एक व्यक्ति को बम विस्फोट में लिप्त होने का दोषी पाया गया. परिषद के गवर्नर जनरल ने 2006 में भूतपूर्व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जॉन मेजर को जांच आयोग के संचालन के लिए नियुक्त किया और उनकी रिपोर्ट 17 जून 2010 को पूरी हुई और जारी की गई.
== घटना-पूर्व समय-रेखा ==
{{Unreferenced section|date=June 2010}}
26 जून 1978 को एयर इंडिया को सुपुर्द बोइंग 747-237B ''सम्राट कनिष्क''
20 जून 1985 को, 0100 GMT बजे, एक व्यक्ति ने, जिसने ख़ुद को ''मि.सिंह''
22 जून 1985 को GMT 1330 बजे, एक व्यक्ति ने अपना नाम "मंजीत सिंह" बता कर AI फ़्लाइट 181/182 पर अपने आरक्षण की पुष्टि जाननी चाही. उन्हें बताया गया वे अभी भी प्रतीक्षा सूची में हैं, और वैकल्पिक व्यवस्था की पेशकश की गई, जिसे उन्होंने मना कर दिया.
== बम विस्फोट ==
22 जून को GMT 15:50 बजे सिंह ने [[टोरंटो]] की ''कैनेडियन पैसिफ़िक एयर लाइंस फ़्लाइट 60''
GMT 16:18 बजे, ''कैनेडियन पैसिफ़िक एयर लाइंस फ्लाइट 60''
GMT 20:22 बजे, ''कैनेडियन पैसिफ़िक एयर लाइंस फ़्लाइट 60''
GMT 00:15 बजे (अब 23 जून), ''एयर इंडिया फ़्लाइट 181''
एयर इंडिया फ़्लाइट 182 मॉन्ट्रियल से लंदन के लिए दिल्ली और मुंबई के रास्ते, निकल पड़ी. 329 लोग विमान में सवार थे; 307 यात्री और 22 चालक दल. '''कैप्टन हंसे सिंह नरेंद्र'''
GMT 07:14:01 बजे, बोइंग 747 बोइंग, "स्क्वैक्ड 2005",<ref name="Aviation_safety_network_cvr_ai182">{{cite web |title=CVR transcript Air India Flight 182 – 23 JUN 1985|url=http://aviation-safety.net/investigation/cvr/transcripts/cvr_ai182.php|accessdate=2008-07-21 |publisher=http://aviation-safety.net/index.php Aviation Safety Network}}</ref> (इसके विमानन ट्रांसपॉन्डर का एक नियमित सक्रियण), ग़ायब हो गया और विमान बीच हवा में बिखरना शुरू हो गया. शान्नोन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के एयर ट्रैफ़िक नियंत्रण (ATC) ने कोई 'मे डे' कॉल प्राप्त नहीं किया. ATC ने क्षेत्र के विमान से एयर इंडिया से संपर्क करने की कोशिश करने के लिए कहा, लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ. GMT 07:30:00 बजे तक ATC ने आपातकाल की घोषणा की और निकटवर्ती माल जहाजों और आयरिश नौसैनिक सेवा पोत LÉ Aisling से विमान की तलाश करने का अनुरोध किया.
पंक्ति 28:
[[चित्र:Plaqueinbantry.jpg|thumb|right|240px|एयर इंडिया फ़्लाइट 182 के पीड़ितों के परिवारों के प्रति निवासियों की दया और सहानुभूति के लिए कनाडा सरकार द्वारा बैंट्री, आयरलैंड के नागरिकों को प्रस्तुत एक स्मारक पट्टिका.]]
आगे रखे कार्गो के एक सूटकेस में स्थित Sanyo<ref>{{cite web|last=Vancouver |first=The |url=http://www.canada.com/vancouversun/features/airindia/story.html?id=b9be40db-39e5-4080-9fb7-7e586a751805 |title=Portrait of a bomber |publisher=Canada.com |date=2007-09-09 |accessdate=2010-06-18}}</ref> ट्यूनर में मौजूद एक बम विस्फोटित हुआ जब विमान {{Coord|51|3.6|N|12|49|W|type:landmark_scale:10000000|display=inline,title}}पर 31,000 फ़ीट की मध्य-उड़ान पर था<ref>[http://www.publicsafety.gc.ca/prg/ns/airs/_fl/Kirpalai-en.pdf
विमान के गुम होने के पचपन मिनट बाद, दोषी अपराधियों में से एक द्वारा चेक-इन कराया गया सूटकेस, जापान के नारिटा हवाई अड्डे में विस्फोटित हुआ, जिससे दो बैगेज संचालक मारे गए और निकटवर्ती चार अन्य व्यक्ति घायल हो गए. सूटकेस नारिटा में एक और विमान के लिए मार्गस्थ था.
== बरामदगी ==
GMT 09:13:00 बजे तक, मालवाहक जहाज़ ''लॉरेंशियन फ़ॉरेस्ट''
बम से चालक दल के सभी 22 कर्मी और 307 यात्री मारे गए. दुर्घटना के बाद की मेडिकल रिपोर्ट ने ग्राफ़िक तौर पर यात्रियों और चालक दल के परिणाम सचित्र दर्शाए. विमान पर मौजूद 329 लोगों में से, 131 शरीर बरामद हुए; 198 समुद्र में खो गए थे. आठ शव ने "मूसलघात पैटर्न" की चोटें दर्शाईं, जो यह संकेत देता है कि पानी में डूबने से पहले वे विमान से बाहर निकले थे. यह, बदले में यह संकेत है कि हवाई जहाज़ बीच हवा में फट पड़ा था. छब्बीस शवों ने हाइपॉक्सिया (ऑक्सीजन की कमी) के लक्षण दिखाए. पच्चीस शवों ने, जो ज्यादातर ऐसे पीड़ितों के थे जो खिड़कियों के पास बैठे थे, विस्फोटक विसंपीड़न के संकेत दर्शाए. तेईस शवों पर एक "ऊर्ध्वाधर बल से चोटों" के निशान थे. इक्कीस यात्रियों के बदन पर कम या लगभग नहीं के बराबर कपड़े थे. {{Citation needed|date=April 2008}}
पंक्ति 119:
6 नवंबर 1985 को RCMP ने संदिग्ध सिख अलगाववादी तलविंदर सिंह परमार, इंद्रजीत सिंह रेयात, सुरजन सिंह गिल, हरदयाल सिंह जोहल और मनमोहन सिंह के घरों पर छापा मारा.<ref>{{cite news |url=http://www.ctv.ca/generic/WebSpecials/air_india/timeline.html |title=Timeline |accessdate=24 June 2010 |publisher=[[CTV News]]}}</ref>
सितम्बर 2007 में, आयोग ने रिपोर्टों की जांच की, जिनका शुरूआत में भारतीय खोजी समाचार पत्रिका ''तहलका''
== जांच ==
पंक्ति 134:
* दो व्यक्तियों ने, जिनकी टिकट पर एम.सिंह और एल.सिंह के रूप में पहचान कराई गई थी, 22 जून 1985 को कुछ घंटों के अंतराल पर वैंकूवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अपने बम वाले बैगों को चेक-इन करवाया. दोनों व्यक्ति अपने विमानों में सवार नहीं हुए.<ref>{{cite news |url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/americas/4344051.stm |title=Deadly puzzle remains a mystery |date=16 March 2010 |accessdate=24 June 2010 |first=Chris |last=Summers |publisher=[[BBC]]}}</ref>
* एम. सिंह द्वारा चेक-इन कराया गया बैग एयर इंडिया उड़ान 182 में विस्फोटित हुआ.
* एल.सिंह द्वारा चेक-इन कराया गया दूसरा बैग, वैंकूवर से [[टोक्यो]] के लिए ''कैनेडियन पैसिफ़िक एयर लाइंस फ़्लाइट 003''
* इन दो व्यक्तियों की पहचान अज्ञात है.{{Citation needed|date=June 2010}}
* एक प्रमुख व्यक्ति, जिसे पुलिस "तीसरा आदमी" या "अज्ञात पुरुष" जैसे विभिन्न नामों से जानती थी, 4 जून 1985 को तलविंदर सिंह परमार का पीछा करने वाले CSIS एजेंटों द्वारा देखा गया.
{{cite news
|title= Mystery men key to plot, Air-India defence says
पंक्ति 163:
<blockquote>मैंने आतंकवाद के इन क्रूर कृत्यों की भीषण प्रकृति के वर्णन द्वारा शुरूआत की, ऐसे कार्य जिनके लिए न्याय की पुकार मची है. लेकिन न्याय हासिल नहीं होता, यदि व्यक्ति को उचित संदेह से परे सबूत के अपेक्षित मानक से कम स्तर पर दोषी ठहराया जाता है. पुलिस और क्राउन द्वारा अच्छे और सर्वोत्तम प्रयास लगने के बावजूद, सबूत स्पष्ट रूप से मानकों से कम ठहरते हैं.<ref name="autogenerated1">{{cite web|url=http://www.courts.gov.bc.ca/Jdb-txt/SC/05/03/2005BCSC0350.htm |title=Supreme Court of British Columbia: Her Majesty the Queen Against Ripudaman Singh Malik and Ajaib Singh Bagri |publisher=Courts.gov.bc.ca |date= |accessdate=2009-08-10}}</ref></blockquote>
ब्रिटिश कोलंबिया के अटार्नी जनरल को लिखे गए एक पत्र में मलिक ने अपनी गिरफ़्तारी और सुनवाई के ग़लत अभियोजन के लिए कनाडा की सरकार से मुआवज़ा मांगा है. क़ानूनी शुल्क के तौर पर सरकार को मलिक द्वारा $6.4 मिलियन और बागरी द्वारा
जुलाई 2007 में भारतीय खोजी साप्ताहिक, ''तहलका''
{{cite news
|title= Operation Silence
पंक्ति 185:
}}</ref>
अपराध-स्वीकृति बयान ने रहस्यमय ''तीसरे आदमी''
{{cite news
|title= Air India inquiry will hear of alleged Parmar confession
पंक्ति 239:
<br />परमार: पहले वह काम करो.<ref>{{cite news|url=http://www.cbc.ca/news/background/airindia/documents/tab6.pdf |title=Scanned Document |format=PDF |date= |accessdate=2009-08-10 | work=CBC News}}</ref>
इस कॉल के बाद एक व्यक्ति ने CP एयर से संपर्क किया और टिकटें बुक कीं तथा जोहल का नंबर छोड़ा. उसके तुरंत बाद, जोहल ने परमार को कॉल किया और उनसे पूछा कि क्या वह "वहां पर आ सकता है और वह कहानी पढ़ सकता है जिसके बारे में उसने पूछा था."
यह वार्तालाप विमानों को बम से उड़ाने के लिए प्रयुक्त टिकटों को बुक करने का परमार से आदेश प्रतीत होता है.<ref>{{cite news |url=http://www.cbc.ca/news/background/sikh-politics-canada/index.html |title=Sikh politics in Canada |publisher=[[CBC News]] |date=28 June 2007 |accessdate=24 June 2010 |first=Terry |last=Milewski}}</ref> क्योंकि मूल वायरटैप को CSIS ने मिटा दिया था, वे अदालत में साक्ष्य के रूप में अस्वीकार्य थे.<ref>{{cite news |url=http://www.ctv.ca/servlet/an/local/CTVNews/20070919/airindia_tapes_070919?hub=EdmontonHome |title=Former CSIS chief wishes tapes weren't erased |date=19 September 2007 |accessdate=24 June 2010 |publisher=[[CTV News]]}}</ref>
पंक्ति 255:
28 अक्तूबर 2000 को बागड़ी के साथ एक साक्षात्कार के दौरान, RCMP एजेंटों ने सुरजन सिंह गिल को यह कहते हुए CSIS के एजेंट के रूप में वर्णित किया कि बब्बर खालसा से उन्होंने इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि CSIS के संचालकों ने उन्हें बाहर निकलने के लिए कहा.<ref>{{cite news |url=http://www.cbc.ca/news/background/airindia/documents/tab89.pdf |title=Interview of Bagri, Ajaib Singh |author=Vancouver Police Polygraph Unit |date=28 October 2000 |work= |publisher=[[Canadian Broadcasting Corporation|CBC]] |accessdate=24 June 2010}}</ref>
फ़्लाइट 182 की बमबारी को रोकने में CSIS की विफलता के पश्चात, CSIS के अध्यक्ष के रूप में रीड मॉर्डेन का प्रतिस्थापन हुआ. CBC टेलीविजन के समाचार कार्यक्रम ''द नेशनल''
=== सार्वजनिक पूछताछ ===
1 मई 2006 को, क्राउन-इन-काउंसिल ने, प्रधानमंत्री [[स्टीफन हार्पर|स्टीफ़न हार्पर]]<ref name="TorStar230610">{{Citation| last=MacCharles| first=Tonda| title=Stephen Harper will say 'sorry' to Air India families| newspaper=Toronto Star| date=23 June 2010| url=http://www.thestar.com/news/canada/article/827182--stephen-harper-will-say-sorry-to-air-india-families?bn=1| accessdate=23 June 2010}}</ref> की सलाह पर सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जॉन मेजर
Flight 182 |author=[[Government of Canada]] |date= May 1, 2006, |accessdate= 23 June 2010}}</ref> कितनी अच्छी तरह आतंकवादी मामलों में गवाह संरक्षण उपलब्ध कराया जाता है, क्या कनाडा की विमानन सुरक्षा को उन्नत करने की ज़रूरत है, तथा क्या रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस, कैनेडियन सेक्युरिटी इंटलिजेन्स सर्विस और अन्य क़ानून प्रवर्तक एजेंसियों के बीच सहयोग के मुद्दे सुलझा लिए गए हैं. यह ऐसा मंच भी प्रदान करता है जहां पीड़ितों के परिवार बम विस्फोट के प्रभाव पर गवाही दे सकें और कोई अपराधी परीक्षण ना दोहराया जाए.<ref>{{cite news |url=http://www.cbc.ca/canada/story/2006/06/21/air-india-begins.html |title=Air India inquiry will reassure victims' families, Major vows |author=[[CBC News]] |publisher=[[Canadian Broadcasting Corporation|CBC]] |date=21 June 2006 |accessdate=22 June 2010}}</ref>
पंक्ति 272:
मई 2007 में, एंगस रीड स्ट्रैटजीस ने सार्वजनिक राय मतदान के परिणाम जारी किए कि कनाडाई एयर इंडिया बमबारी को कनाडाई त्रासदी के रूप में देखते हैं या भारतीय त्रासदी के रूप में, जिन्हें उन्होंने दोष दिया. अडतालीस प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बमबारी को एक कनाडाई घटना माना, जबकि 22 प्रतिशत लोगों ने आतंकवादी हमले को ज्यादातर भारतीय मामला माना. चौंतीस प्रतिशत लोगों ने पूछे जाने पर बताया कि CSIS और हवाई अड्डे के सुरक्षा कर्मी, दोनों ही इसके लिए बहुत हद तक दोषी हैं, साथ ही, सत्ताईस प्रतिशत लोगों का मानना था कि बड़े पैमाने पर RCMP इसके लिए दोषी है. अठारह प्रतिशत ने कनाडा परिवहन का उल्लेख किया.<ref>[http://www.angus-reid.com/polls/index.cfm/fuseaction/viewItem/itemID/15745 Canadians Assess Blame in Air India Bombing], प्रेस रिलीज़, एंगस रीड ग्लोबल मॉनिटर. 14 मई 2007 को पुनःप्राप्त</ref>
''मॅकक्लीन्स''
कनाडा और अन्य जगहों पर पीड़ितों की स्मृति में स्मारक बनवाए गए. 1986 में बमबारी की पहली जयंती पर अहकिस्ता, वेस्ट कॉर्क, आयरलैंड में स्मारक का अनावरण किया गया.<ref>{{cite news |title=Minister Martin to remember the victims of the 1985 bombing of Air India Flight 182
पंक्ति 280:
=== मीडिया में मान्यता ===
बम विस्फोट के बारे में वृत्तचित्र कनाडाई टेलीविजन दर्शकों के लिए बनाया गया था. CBC टेलीविज़न ने स्टुर्ला गनरसन के निर्देशन में, त्रासदी के बारे में ''फ़्लाइट 182''
कई पत्रकारों ने बमबारी घटित होने से लेकर दशकों तक उस पर टिप्पणी की है. ग्लोब एंड मेल से कनाडाई पत्रकार ब्रायन मॅकएंड्र्यू और ज़ूहेर कश्मीरी ने ''सॉफ़्ट टार्गेट''
|accessdate=24 June 2010 |url=http://books.google.com/books?id=KmpjAAAACAAJ&hl=en&ei=7tkjTKGaL4L68AbG_dmeBQ&sa=X&oi=book_result&ct=result&resnum=1&ved=0CDAQ6AEwAA |publisher=[[Google Books]]}}</ref> मई 2005 में ''वैंकूवर सन''
किताबें भी प्रकाशित की गईं. ''द मिडलमैन एंड अदर स्टोरीज़''
== घटनाओं की समय-रेखा ==
|