"ओम शांति ओम": अवतरणों में अंतर
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'''''ओम शांति ओम''''' २००७ में आई बॉलीवुड की एक फिल्म है जिसका निर्देशन और नृत्य निर्देशन [[फराह खान]] ने किया है। इसमें [[शाहरुख खान]] और [[दीपिका पादुकोण]] प्रमुख भूमिकाओं में हैं जबकि श्रेयस तळपदे, [[अर्जुन रामपाल]] और किरन खेर ने अन्य महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई है। अर्जुन रामपाल फिल्म में खलनायक हैं। इसके अतिरिक्त बॉलीवुड के कई अन्य सितारों ने इस फिल्म में विशेष भूमिकाएं की हैं।
== कथानक
ओमप्रकाश मखीजा ([[शाहरुख खान]]) 1970 के दशक में मुंबई फिल्म उद्योग में एक जूनियर कलाकार है। वह और उसका मित्र पप्पू ([[श्रेयस तळपदे]]) प्रमुख कलाकार बनने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। ओम की मां , बेला मखीजा ([[किरन खेर]]) , अपने बेटे को प्रोत्साहित करती रहती है। ओम के दिल की धडकन है-- देश की सर्वाधिक लोकप्रिय फिल्म नायिका , शांतिप्रिया ([[दीपिका पादुकोण]])। ओमप्रकाश को शांतिप्रिया के निकट जाने के दो अवसर मिलते हैं। पहला फिल्म 'ड्रीमीगर्ल' के प्रीमियर पर , जहां ओम और पप्पू चालाकी से घुस जाते हैं। दूसरा फिल्म के सेट पर जहाँ ओम अपनी जान पर खेल कर शांति को आग से बचाता है। तब से ओम और शांति अच्छे दोस्त बन जाते हैं।
एक दिन ओम शीर्ष निर्माता मुकेश मेहरा ([[अर्जुन रामपाल]]) के साथ हो रहे शांति के विवाद को सुन लेता है। ओम को यह जानकर झटका लगता है कि शांति मुकेश से गुपचुप शादी कर चुकी है और गर्भवती है। मुकेश अड़ा है कि शांति के साथ अपने संबंधों को तबतक गुप्त रखेगा जबतक उन दोनों की नयी फिल्म 'ओम शांति ओम' पूरी नहीं हो जाती।
एक रात , मुकेश शांति को 'ओम शांति ओम' फिल्म के सेट पर ले जाता है। वह कहता है कि वह फिल्म को बंद कर देगा और सारे समाज के सामने शांति से विवाह कर लेगा। किन्तु यह मुकेश की एक चाल निकलती है।
यह बच्चा ओमप्रकाश मखीजा का पुनर्जन्म है। नये जीवन में उसका नाम ओम कपूर रखा जाता है। वयस्क होने पर वह एक लोकप्रिय फिल्म स्टार "ओ के" ([[शाहरुख खान]]) बन जाता है। उसे आग से बहुत भय लगता है। एक दिन किसी फिल्म की शूटिंग के लिये ओम उस स्थान पर जाता है जहां तीस वर्ष पहले 'ओम शांति ओम' के सेट में आग लगी थी। जले हुए सेट को देख कर ओम की पूर्वजन्म की यादें उभरने लगती हैं। फिर एक पार्टी में ओम का सामना मुकेश मेहरा से होता है जो इस बीच हॉलीवुड का सफल फिल्म निर्माता बन चुका है। उसे देखते ही ओम को पूर्वजन्म की सारी बातें स्पष्ट रूप से याद आ जाती हैं। तब उसका बेला और पप्पू से भावनात्मक पुनर्मिलन होता है।
शांति की मृत्यु का बदला लेने के लिए ओम कपूर पप्पू, बेला और अन्य साथियों के साथ मिलकर एक
अन्त में सेट पर ओम और मुकेश में हाथापाई होती है। ओम कहता है कि वह पूर्वजन्म में मुकेश द्वारा शांति की हत्या का गवाह था। मुकेश उसे चुनौती देता है कि पूर्वजन्म की बात पर कोई भी अदालत विश्वास नहीं करेगी। तभी शांति के वेष में एक युवती (जिसे वे दोनों सैंडी समझते हैं) वहां आकर कहती है कि सेट पर लगे झूमर के ठीक नीचे हत्या का सुबूत दबा हुआ है-- उसका शरीर, जिसे मुकेश ने जीवित ही भूमि के नीचे दफना दिया था। वह ओम को मुकेश पर वार करने से रोक देती है। भारीभरकम झूमर नीचे गिरता है और मुकेश उससे दब जाता है। दूसरी ओर से पप्पू के साथ सैन्डी कमरे में आ जाती है। तब ओम को समझ आता है कि सुबूत की बात बताने वाली सैन्डी नहीं, असली शांतिप्रिया की आत्मा थी, जिसने अपने हत्यारे से बदला ले लिया। शांति की आत्मा ओम को करुण दृष्टि से देखकर मुस्कुराती है और ओझल हो जाती है।
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* [[नितेश पाण्डे]] ... ओम कपूर का सचिव
* [[युविका चौधरी]] ... डॉली
*
'''गीत " दीवानगी दीवानगी " के दौरान विशेष भूमिका
* आफताब शिवदासानी
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.omshantiomfilm.com ऑफ़िशियल साईट]
* [http://filmkahani.com/00-decade/om-shanti-om.html ओम शांति ओम फिल्म कहानी]
* [http://omshantiom.erosentertainment.com ऑफ़िशियल साईट (EROS Entertainment)]
* {{imdb title|1024943|Om Shanti Om}}
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