"के शंकर पिल्लई": अवतरणों में अंतर

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भारतीय कार्टून कला के पितामह कहे जाने वाले '''केशव शंकर पिल्लई''' का जन्म ३१ जुलाई, १९०२ को केरल में हुआ। शिक्षा के लिए मुंबई और फ़िर अपनी कार्टूनिस्ट की नौकरी के चलते शंकर सपरिवार दिल्ली में बस गए। २६ दिसम्बर १९८९ को शंकर का देहांत हुआ।
== शिक्षा ==
स्कूली शिक्षा के बाद कानून की पढ़ाई करने के लिए मुंबई आए शंकर ने सालभर बाद ही पढ़ाई छोड़कर एक शिपिंग कंपनी में नौकरी कर ली।
= कार्टून की शुरुआत =
मुंबई में पढ़ाई दौरान शंकर ने कई समाचारपत्रों में अपने कार्टून भेजना शुरू कर दिए थे जिनमें [[फ्री प्रेस जनरल]], [[क्रोनिकल]], [[वीकली हेराल्ड]] प्रमुख थे। १९३२ में [[द हिन्दुस्तान टाईम्स]] ने शंकर को पहला स्टाफ कार्टूनिस्ट नियुक्त किया.
= प्रकाशन =
१९४२ में शंकर ने द हिंदुस्तान टाईम्स की नौकरी छोड़ अपनी तरह के पहली और अनोखी पत्रिका [[शंकर्स वीकली]] की शुरुआत की। शंकर्स वीकली राजनितिक कार्टूनों पर आधारित एक साप्ताहिक पत्रिका थी जो बहुत लोकप्रिय हुई और कई कार्टूनिस्टों के लिए सीखने व कार्य करने का माध्यम बनी। २७ साल बाद १९७५ में शंकर्स वीकली का प्रकाशन बंद हो गया. बच्चों से बेहद लगाव के चलते शंकर ने बच्चों के लिए [[चिल्ड्रन्स वर्ल्ड]] नामक मासिक पत्रिका का भी प्रकाशन किया.
 
== पुरस्कार ==
''' शंकर पिल्लै ''' को [[कला]] के क्षेत्र में सन [[१९६६]] में [[भारत सरकार]] द्वारा [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया था। ये [[दिल्ली]] से हैं । इसके अलावा उन्हें [[पद्मश्री]], [[पद्मविभूषण]] भी प्रदान किये गए थे।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* Shankar at [http://www.childrensbooktrust.com/founder.htm Children's Book Trust]
* [http://www.islamicvoice.com/february.2001/child.htm The Ingenious Cartoonist with an Aching Heart]