"कैथोलिक गिरजाघर": अवतरणों में अंतर
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गिरजाघर के सिद्धांतों को सार्वभौम सभाओं द्वारा परिभाषित किया गया है तथा गिरजाघर का कहना है कि पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन से वह विश्वास और नैतिकता पर अपनी शिक्षाओं को अचूकता से परिभाषित कर सकता है.<ref>{{cite web|last=Second Vatican Council|url=http://www.vatican.va/archive/hist_councils/ii_vatican_council/documents/vat-ii_const_19641121_lumen-gentium_en.html|work=Lumen Gentium|publisher=Vatican|accessdate=24 July 2010|title=Chapter 25, paragraph 25|quote=by the light of the Holy Spirit ... ... vigilantly warding off any errors that threaten their flock.}}</ref><ref group="note">"890 गिरजाघर द्वारा धर्म शिक्षा का लक्ष्य परमेश्वर द्वारा अपने लोगों के साथ यीशु में स्थापित प्रण की निश्चित प्रकृति से जुड़ा है. परमेश्वर के लोगों को भटकने और धर्म बदलने से रोकना तथा बिना चूक के सच्चे विश्वास का पालन करने की उद्देश्यपूर्ण संभावना की गारंटी देना इस धर्म शिक्षा का काम है. अतः गिरजाघर का पौरोहित्यिक कर्तव्य यह देखना है कि परमेश्वर के लोग मुक्तिदायक सत्य का पालन करें. इस सेवा को पूर्ण करने के लिए यीशू मसीह ने गिरजाघर के पुरोहितों को विश्वास और नैतिकता के मामले में अचूकता की दैवी शक्ति प्रदान की है. इस अचूकता का उपयोग कई प्रकार से होता है.</ref><ref>{{cite web|title=The teaching office|url=http://www.vatican.va/archive/ccc_css/archive/catechism/p123a9p4.htm|work=Catechism of the Catholic Church|publisher=vatican|accessdate=24 July 2010}}</ref> कैथोलिक पूजा यूकेरिस्ट पर केंद्रित है जिसमें गिरजाघर सिखाता है कि रोटी और शराब यीशू मसीह के शरीर और रक्त में अलौकिक रूप से रूपांतरित हैं.
गिरजाघर माता मरियम के प्रति विशेष श्रद्धा रखता है. मरियम के संबंध में कैथोलिक मान्यताओं में उनका मूल पाप के दाग बिना निर्मल गर्भधारण तथा उनके जीवन के अंत में स्वर्ग में
== नाम ==
{{See|Roman Catholic (term)}}
ग्रीक शब्द καθολικός (''कैथोलिकोस'' ) का मतलब है "सार्वभौमिक" या "सामान्य" और वाक्यांशों κατὰ ὅλου (''काटा होलू'' ) के संयुक्तीकरण
== इतिहास ==
{{Main|History of the Catholic Church|History of the Papacy}}
{{See|History of Christianity}}
=== प्रारंभिक ईसाइयत ===
{{Main|History of early Christianity}}
{{See|Historiography of early Christianity}}
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रोमन साम्राज्य के अधिकांश धर्मों के विपरीत, इसाई धर्म चाहता था कि ऐसे अनुषंगी हों जो अन्य दूसरे ईश्वरों को त्याग दे. 'गैर-इसाई समारोहों में शामिल होने से इंकार करने का अर्थ था कि वे अधिकांश सार्वजनिक जीवन में शामिल होने में असमर्थ थे. इस अस्वीकृति ने गैर-इसाईयों में भय उत्पन्न किया कि इसाई लोग देवताओं को नाराज कर रहे हैं. इसाईयों के अपने कर्मकाण्ड़ों के गोपनीयता ने अफवाहों को उत्पन्न किया कि इसाई उच्छृंखल, कौटुम्बिक व्यभिचारी नरभक्षी थे.<ref name="macculloch155">मैककलोश, ''ईसाईधर्म'' , पीपी 155-159.</ref><ref name="chadwick21">चैड्विक, हेनरी, पृष्ठ 41.</ref> स्थानीय अधिकारियों ने कभी-कभी इसाईयों को उपद्रवियों के रूप में देखा और कहीं-कहीं उन्हें सताया.<ref name="macculoch164">मैककलोश, ''ईसाईधर्म'' , पृष्ठ 164.</ref> तीसरी सदी के अंत में इसाईयों को पीड़ित करने का ज्यादा केन्द्रीयकृत संगठित श्रृंखला प्रारंभ हुआ, जब सम्राटों ने अध्यादेश जारी किया कि साम्राज्य के सैनिक, राजनीतिक एवं आर्थिक संकटों का कारण नाराज देवताएं हैं. सभी निवासियों को आदेश दिया गया कि वे बलिदान दे या फिर सजा के लिए तैयार रहे.<ref name="chadwick41and42">चैड्विक, हेनरी, पीपी 41-42, 55.</ref> तुलनात्मक रूप से कम इसाईयों को सजा मिली,<ref name="mcmullen33">मैकमलेन, पृष्ठ 33.</ref>{{#tag:ref|[[Eusebius of Caesarea]], in a catalog of Palestinian martyrs for the [[Diocletianic Persecution|Great Persecution]], lists ninety-one victims for the years 303–11.<ref>Clarke, p. 657.</ref> His figures are not complete,<ref>Clarke, pp. 658–59.</ref> but have been used to estimate the total number of martyrs across the empire.<ref>Clarke, pp. 657–58, e.g. W.H.C. Frend, ''Martrdom and Persecution'' (Basil Blackwell, 1965; rept. Baker House, 1981), p. 536.</ref>|group=note}} अन्य बंदी बनाए गए, उत्पीड़ित किए गए, बलात श्रम लिया गया, बधिया किए गए या फिर वेश्यालयों में भेज दिए गए;<ref>क्लार्क, पृष्ठ 659.</ref> अन्य भाग गए या पहचाने नहीं जा सके,<ref name="macculloch174">मैककलोश, ''ईसाईधर्म'' , पृष्ठ 174.</ref> और कुछ ने अपने धर्मविश्वासों को छोड़ दिया. कैथोलिक गिरजाघर में इन धर्मगुरूओं की भूमिका को लेकर हुई असहमति ने डोनाटिस्टों तथा नोवाटिआनिस्ट विभाजनों को उत्पन्न किया.<ref name="duffy20">डफी, पृष्ठ 20.</ref>
=== अंतिम पुरावशेष ===
[[चित्र:Byzantinischer Mosaizist um 1000 002.jpg|thumb|हैगिया सोफिया, सी. में कॉन्सटैनटाइन द ग्रेट, मोज़ेक1000]]
कैथोलिक इसाईयत को मिलान के [[कान्सेटेटाइन]] आज्ञप्ति द्वारा 313 में कानूनी मान्यता दी गई,<ref name="Davidson341">डेविडसन, पृष्ठ 341.</ref> और इसे 380 में साम्राज्य का राजधर्म घोषित किया गया.<ref name="Wilken286">विल्केन, पृष्ठ 286.</ref> इसके वैधीकरण के बाद बहुत ज्यादा सैद्धांतिक मतभेदों के कारण सार्वभौम सभाएं बुलाई गई. इन सार्वभौम परिषदों से जो सैद्धांतिक सूत्र निकले वे इसाई धर्म के इतिहास में निर्णायक सिद्ध हुए.<ref name="ReferenceB">एम'क्लिंटॉक और स्ट्रौंग्स के
नाइसिया की प्रथम परिषद (325) से नाइसिया की द्वित्तीय परिषद (787) तक पहली सात सार्वभौम परिषदों ने एक परंपरागत सर्वसम्मति बनाने और एकीकृत ईसाई जगत की स्थापना करने की मांग की. 325 में एरियनवाद के उस विचार के प्रतिक्रिया में निकाईया में प्रथम सभा बुलाइ गई, जिसमें कहा गया था कि ईसा का अस्तित्व अनंतकाल तक नहीं था बल्कि ईश्वर द्वारा निर्मित थे और इसलिए पिता ईश्वर से कमतर हैं.<ref name="ReferenceB"/>
इसाई धर्म के सिद्धान्तों को संक्षिप्त रूप से अभिव्यक्त करने के लिए, सभा ने एक धर्मसार जारी किया जिसे अब निकेने धर्मसार के रूप में जाना जाता है.<ref name="Herring60">हेरिंग, पृष्ठ 60.</ref> इसके अतिरिक्त, इसने गिरजाघर के क्षेत्र को भौगोलिक एवं प्रशासकीय क्षेत्रों में चित्रित किया जिसे धर्मप्रदेश कहा गया.<ref name="Hitchcock 283">विल्केन, पृष्ठ 283.</ref> 382 में रोम की सभा ने प्रथम आधिकारिक बाईबिल-संबंधी अधिनियम जारी किया जब इसने ''[[पुराना नियम|ओल्ड]]''
उसी शताब्दी में, पोप डमासस प्रथम ने उत्कृष्ट क्लासिकल लैटिन में बाईबिल के नए अनुवाद का कार्य सौंपा. उन्होंने अपने सचिव सन्त जेरोम को चुना, जिन्होंने प्रचलित लातीनी बाईबिल समर्पित किया, गिरजाघर अब “लातीन में सोचने एवं पूजा के लिए प्रतिबद्ध” था.<ref>डी. मैककलोश बीबीसी (BBC) टीवी ''ईसाई धर्म का इतिहास'' , प्रकरण द्वितीय.</ref> लैटिन ने गिरजाघर के रोमन अनुष्ठान में पूजन पद्धति की भाषा के रूप में अपनी भूमिका जारी रखी और आज के दिन भी गिरजाघर की आधिकारिक भाषा के रूप में प्रयुक्त है. 431 में इफेसस की सभा<ref name="SandSp35">डफी, पृष्ठ 35.</ref>
कान्सटेंटाइन शाही राजधानी को कान्सटेंटिनोपल ले गया, एवं कैल्सीडन की सभा (ईसवीं 451) ने कान्सटेंटिनोपल के धर्माध्यक्ष को “रोम के धर्माध्यक्ष के बाद प्रमुखता एवं शक्ति में द्वितीय” स्थिति तक उठाया था.<ref name="Noble214">नोबल, पृष्ठ 214.</ref> 350 ई. से लेकर 500 ई. के बीच रोम के धर्माध्यक्ष या पोप के अधिकार में लगातार वृद्धि हुई.<ref name="ReferenceA">"रोम (पूर्वकालीन ईसाई)." क्रॉस, एफ. एल., एड. ईसाई गिरजाघर के ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी. न्यूयॉर्क: ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस. 2005</ref>
=== मध्य-युग ===
[[चित्र:Gregorythegreat.jpg|thumb|right|पोप ग्रेगरी द ग्रेट]]
रोमन साम्राज्य के पतन के समय तक, कई युरोपीय असभ्य जनजातियां ईसाई धर्म में परिवर्तित हो चुकी थी. लेकिन उनमें से ज्यादातर (ओस्त्रोगोथ्स, विसिगोथ्स, बुर्गुन्दिंस, और वन्दल्स) इसे अरियासवाद के रूप में अपना चुकी थी- एक ऐसी शिक्षण जो कैथोलिक गिरजाघर के द्वारा विधर्म घोषित किया गया था.<ref>ले गौफ, पृष्ठ 14:"जंगली आक्रमणकारियों का सामना एक और महत्वपूर्ण तथ्य से तब्दील हो गया था. हालांकि उनमें से कुछ बुतपरस्त रहे थे, उनमें से एक और हिस्सा, कम से कम नहीं, ईसाई बन गया था. लेकिन, एक जिज्ञासु मौके से, जिसने गंभीर परिणाम छोड़े, ये परिवर्तित जंगली -
कैरोलिनगियन राजाओं ने राजा और पोप के पद के बीच के रिश्ते को सशक्त बनाया. सन 754 में सबसे युवा पीपीन को पोप स्टीफन द्वितीय द्वारा एक भव्य समारोह (अभिषेक) में ताज पहनाया गया था. पीपीन ने लोम्बर्ड्स परास्त कर कैथोलिक राज्य में अधिक क्षेत्र जोड़ने का कार्य किया. जब [[चार्लेमन|शारलेमेन]] सिंहासन रूढ़ हुआ तो उसने तीव्र गति से अपने शक्ति का संचय किया;<ref>बौएर पीपी 372-374</ref> और 782 तक वह
बुल्गारिया में, संत स्यरिल और मेथोदिउस द्वारा 9 वीं शताब्दी में सिरिलिक वर्णमाला का आविष्कार एक स्थानीय भाषा मरने के बाद की स्थापना की.<ref>जॉनसन, पृष्ठ 18</ref> 8 वीं सदी में, मूर्तीभंजन, धार्मिक छवियों के विनाश ने पूर्वी गिरजाघर के साथ फूट की शुरूआत की. <ref name="Woods pp116-118">{{Harvnb|Woods|2005|pp=116–118}}</ref> 9 वीं शताब्दी में बीजेनाटाइन नियंत्रित दक्षिणी इटली, बल्गेरियाई मिशनों में गिरिजाघर के क्षेत्राधिकार के संघर्ष ने आगे असहमति को बढाया कि [[धार्मिक महाविच्छेद|पूर्व पश्चिम गिरजे]] में मतभेद पैदा करने का कार्य किया,जो आम तौर पर 1054 में औपचारिक रूप से शुरू होना माना जाता है, हालांकि मतभेद के शुरू होने के किसी विशेष तारीख का उल्लेख
मठों के क्लुनिअक सुधार ने व्यापक रूप से मठवासीयों के विकास और नवीकरण के कार्य को गति प्रदान किया.<ref name="Duffy88">डफी, पीपी 88-89.</ref> 11 वीं और 12 वीं सदी गिरजाघर में आंतरिक सुधार के प्रयासों का गवाह बना. सम्राट और कुलीनों के हस्तक्षेप से पोप के चुनाव को मुक्त कराने के लिए सन 1059 में कार्डिनल के कॉलेज की स्थापना
[[चित्र:CouncilofClermont.jpg|thumb|alt=Colored painting showing a large congregation of bishops listening to the Pope |क्लेरमोंट (1095) के परिषद में पोप अर्बन II, पोप ने ईसाई और इस्लाम के बीच एक पवित्र युद्ध के शुभारंभ की घोषणा की.एक जोशीले भाषण में उन्होंने सब अच्छे ईसाइयों से आग्रह किया "पवित्र भूमि को दुष्ट जाति से छीनलो तथा उसे अपने कब्जे में लेलो",
सन 1095 में, [[बाईज़न्टाइन साम्राज्य|बिजेंताइन]] सम्राट अलेक्सिउस ने पोप अर्बन द्वितीय से नए सिरे से हो रहे मुस्लिम आक्रमणों के खिलाफ मदद के लिए अपील की,<ref name="rileysmith">रिले स्मिथ, पृष्ठ 8</ref> जिसके कारण पोप अर्बन को प्रथम धर्मयुद्ध की घोषणा करनी पड़ी, जिसका उद्देश्य बेजेंताइन साम्राज्य को सहायता पहुचने के साथ -साथ पवित्र भूमि पर ईसाईयों का नियंत्रण बनाये रखना भी था. <ref name="Bokenkotter140">बोकेंकोटर, पीपी 140-141</ref> धर्मयुद्ध विभिन्न सैनिक निकायों की स्थापना का गवाह बना, जैसे: टेम्पलर नाइटस, होस्पित्लर नाइटस, ट्यूतोनिक नाइटस, आदि.<ref name="Norman p62-66">नॉर्मन, पीपी 62-66</ref> सन 1208
याचक आदेश की स्थापना फ्रांसिस असीसी और डोमिनिक डी गुजमान के द्वारा , जो शहरी व्यवस्था में धार्मिक जीवन में पवित्रता लाने के उद्देश्य से किया गया.<ref name="LeGoff87">ले गौफ, पृष्ठ 87</ref> इन आदेशों ने भी विश्वविद्यालयों में गिरजाघर के स्कूलों के विकास में बड़ी भूमिका निभाई.<ref name="Woods44">वुड्स, पीपी 44-48</ref> डोमिनिकन [[थामस एक्विनास]] जैसे शैक्षिक ब्रह्मविज्ञानियों ने इस तरह के विश्वविद्यालयों में अध्ययन और अध्यापन का कार्य किया, और उनकी ''सुम्मा थियोलोजिका''
गिरजाघर का पश्चिमी कला के विकास पर प्रमुख प्रभाव था, रोमन, गोथिक और पुनर्जागरण शैली की कला और स्थापत्य कला में विकास को देख रहे थे.<ref name="Woods122">वुड्स, पीपी 115-27.</ref> पुनर्जागरण के कलाकार जैसे की राफेल, [[माइकल एंजेलो]], [[लियोनार्दो दा विन्ची|दा विंची]], बेर्निनी, बोत्तिसल्ली, फ्रा अन्गेलिको, तिन्तोरेत्तो, कारावाग्गियो, और तितियन गिरजाघर द्वारा प्रायोजित कलाकारों के समूह के भाग थे.<ref name="Duffy133">डफी, पृष्ठ 133.</ref>
=== सुधार और काउंटर सुधार ===
क्लीमेंट V के सन 1305 में अविगानों जाते ही, 14 वीं सदी में, पोप का पद फ्रेंच प्रभुत्व के तहत आ गया था.<ref name="Duffy122">डफी, पृष्ठ 122</ref>
[[चित्र:Holbein-erasmus.jpg|thumb|डेसिडेरियस इरास्मस]]
कॉन्स्टेंस की परिषद, बेसल की परिषद और पांचवें लैटर्न परिषद प्रत्येक ने गिरजाघर के आंतरिक दुरूपयोग में सुधार लाने के लिए "लोकप्रिय और लगातार सिफारिश की "एक परिषद का निर्माण के साथ, का प्रयास किया.<ref>बोकेंकोटर, पृष्ठ 201</ref> 1460 में, कांस्टेंटिनोपल के तुर्कों के पतन के साथ पोप पायस द्वितीय एक सामान्य परिषद के गठन के लिए आगे की अपील से मना कर किया.<ref name="Restorationpp37-38"/> नतीजतन पोप का पद पर रोदेरिगो बोर्गिया जैसे सांसारिक पुरुष (पोप अलेक्जेंडर VI) चुना गए,<ref name="Duffy149">डफी, पृष्ठ 149</ref> इस कड़ी में पोप जूलियस द्वितीय जिसने खुद को एक धर्मनिरपेक्ष राजकुमार के रूप में प्रस्तुत किया का नाम भी आता हैं.<ref>मैककलोश, ''द रिस्टोरेशन'' , पृष्ठ 41</ref> 16 वीं सदी के प्रारंभिक दिनों में, "''मूर्खता की प्रशंसा'' ", प्रकशित की गई जिसे इरास्मस ने लिखा, उसमे गिरजाघर में सुधर नहीं करने के लिए आलोचना की गई थी.<ref name="Norman86">नॉर्मन, पृष्ठ 86</ref>
जर्मनी में 1517 में, [[मार्टिन लुथर|मार्टिन लूथर]] ने कई धर्माध्यक्षों को अपने ''पंचानबे शोध''
जर्मनी में, सुधार प्रोटेस्टेंट स्च्माल्काल्दिक लीग और कैथोलिक सम्राट चार्ल्स V के
हेनरी आठवीं के शासनकाल के दौरान अंग्रेजी सुधार एक राजनीतिक विवाद के रूप में शुरू हुआ. जब पोप ने उसकी शादी के एक आरागॉन की कैथरीन को लोप के लिए हेनरी की याचिका को अस्वीकार कर दिया. तब उसने वर्चस्व की अधिनियमों को पारित कर स्वयं को अंग्रेजी गिरजाघर के प्रमुख घोषित किया.<ref name="Bokenkotter235">बोकेंकोटर, पीपी 235-237</ref> हालांकि उसने पारंपरिक कैथोलिक परम्परा को बनाए रखने की कोशिश की, हेनरी ने अपने शासन के दौरान मठों, फ्रेयारिस, कॉन्वेंट, और धार्मिक स्थलों के सम्पति की जब्ती शुरू की.<ref name="Schama">स्कैमा, पीपी 309-311</ref> हेनरी आठवीं के शासनकाल के अंत में एक व्यापक सैद्धांतिक और मरणोत्तर सुधारों की शुरूआत की गई जो एडवर्ड VI के शासनकाल और आर्कधर्माध्यक्ष थॉमस क्रेन्मेर के दौरान जारी रही. मैरी प्रथम के अंतर्गत, इंग्लैंड संक्षिप्त रूप से रोम के साथ फिर से संयुक्त हो गया था, लेकिन [[एलिज़ाबेथ प्रथम|एलिजाबेथ प्रथम]] ने बाद में एक अलग से गिरजाघर की स्थापना कर कैथोलिक पादरियों पर नकेल कसने का कार्य किया<ref name="Noble519">नोबल, पृष्ठ 519</ref> और कैथोलिकों को अपने बच्चों को शिक्षित करने और राजनीतिक जीवन में भाग लेने से रोका<ref name="Solt149">सोल्ट, पृष्ठ 149</ref> जब तक की नए कानून 18 वीं शताब्दी के अंत में और 19 वीं सदी में पारित नहीं किए गए.<ref>जूडिथ एफ. चैम्प, जॉन 'रोमन कैनन (एड.) में 'कैथोलिसिज्म', ''द ऑक्सफोर्ड कॉम्पैनियन ब्रिटिश हिस्ट्री'' , रेव. एड. (ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, 2002). पृष्ठ 176.</ref>
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17 वीं सदी के उत्तरार्द्ध में, पोप इनोसेंट XI ने गिरजाघर के पदानुक्रम में होने वाली अनियमितताओं में सुधार लाने का प्रयत्न किया, जिसमें धर्मपद बेचने का अपराध, भाई -भतीजावाद और पोप का अति -व्यय जिसके कारण उसे एक बड़ा कैथोलिक पोप का ऋण वारिस के रूप प्राप्त हुआ था.<ref name="Duffy188">डफी, पीपी 188-191</ref> उसने मिशनरी की गतिविधियों को बढ़ावा दिया, तुर्की के आक्रमण के खिलाफ यूरोप को एकजुट करने की कोशिश की, प्रभावशाली कैथोलिक शासकों को प्रोटेस्टेन्ट से विवाह करने की छूट प्रदान की, लेकिन दृढ़ता से धार्मिक उत्पीड़न की निंदा की.<ref name="Duffy188"/>
=== प्रारंभिक आधुनिक काल ===
[[चित्र:São Miguel das Missões (Brazil).jpg|thumb|ब्राजील में साओ मिगुएल डैस मिसोज़ पर जेसुइट रिडक्शन के विध्वंस.]]
{{Main|Catholic Church and the Age of Discovery}}
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[[खोज का युग]] पश्चिमी यूरोप की दुनिया भर में राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रभाव के विस्तार का गवाह बना. क्योंकि प्रमुख भूमिका स्पेन और पुर्तगाल जैसे सशक्त कैथोलिक राष्ट्रों द्वारा पश्चिमी उपनिवेशवाद निभाई गई. कैथोलिक मत खोजकर्ता, विजेताओं, और मिशनरियों द्वारा अमेरिका, एशिया और ओशिनिया में फैल गया था, साथ ही साथ औपनिवेशिक शासन के सामाजिक और राजनीतिक तंत्र के माध्यम से समाज के परिवर्तन द्वारा भी इस कार्य को अंजाम दिया गया.
पोप अलेक्जेंडर VI ने स्पेन और पुर्तगाल को नई खोज की गई भूमि के सबसे अधिक अधिकार दिए<ref name="Koschorke13">कौसचोर्क, पृष्ठ 13, पृष्ठ 283</ref> और ''पत्रेनेतो''
1521 में पुर्तगाली अन्वेषक [[फ़र्दिनान्द मैगलन|फर्डिनेंड मैगलन]] ने पहली बार फिलीपींस को कैथोलिक में परिवर्तित कर दिया.<ref name="Koschorke21">कौसचोर्क, पृष्ठ. 21</ref> कहीं और, स्पेनिश जेसुइट फ्रांसिस जेवियर के तहत पुर्तगाली मिशनरी भारत, चीन और जापान में ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे.<ref name="Koschorke3">कौसचोर्क, पृष्ठ 3, पृष्ठ 17</ref> जापान में गिरजाघर विकास में1597 में एक पड़ाव आया था जब शोगुनेट, विदेशी प्रभावों से देश को मुक्त करने के प्रयास में, ईसाई या किरिशितनों का गंभीर उत्पीड़न आरम्भ किया.<ref name="Koschorke31">कौसचोर्क, पीपी 31-32</ref> एक भूमिगत अल्पसंख्यक ईसाई आबादी उत्पीड़न की इस अवधि के दौरान बची रही और एकांत में रहने के लिए बाध्य की गई जो कि अंततः 19वीं सदी में उठाया गया.<ref>मैकमैनर्स, पृष्ठ 318</ref> चीन में, जेसुइट के द्वारा समझौता करने के प्रयासों के बावजूद चीनी संस्कार विवाद कांग्क्सी
17 वीं सदी के आगे से, प्रबुद्धता ने पश्चिमी समाज पर कैथोलिक गिरजाघर के प्रभावो और शक्ति पर सवाल उठाया.<ref name="Pollard8"/> 18 वीं सदी के लेखकों जैसे कि वॉलटैर और एन्सैक्लोपेदिस्त ने धर्म और गिरजाघर दोनों को काटने वाली आलोचनाएं लिखी थीं. उनकी आलोचना का एक लक्ष्य राजा लुई XIV द्वारा 1685 में नैनटेस के फतवे का निरसन किया जाना था, जिससे प्रोटेस्टेंट हुगुएनोट्स की धार्मिक सहनशीलता की एक सदी लम्बी नीति को समाप्त कर दिया गया था.
पंक्ति 91:
19 वीं सदी के अंत में, कैथोलिक मिशनरियों ने अफ्रीका में औपनिवेशिक सरकारों का अनुसरण करते हुए स्कूलों, अस्पतालों, मठों और गिरजाघरों का निर्माण किया.<ref name="Has398">हेस्टिंग्स, पीपी 397-410</ref>
=== औद्योगिक युग ===
[[औद्योगिक क्रांति]] की सामाजिक चुनौतियों की प्रतिक्रिया के रूप में, तेरहवें पोप लियो ने एनसाइक्लिकल ''रेरम नोवार्म''
1872 में जॉन बॉस्को और मारिया माज़ारेल्लो ने इटली में डॉन बॉस्को की सेल्सियन बहनों नामक संस्थान को स्थापित किया,<ref>{{cite web|url=http://www.salesiansisters.net/aboutUs.cfm |title=About Us |publisher=Salesian Sisters |date= |accessdate=2010-10-28}}</ref> जो 2009 में 14,420 सदस्यों के साथ दुनिया में महिलाओं के सबसे बड़े कैथोलिक संस्थान के रूप में विकसित होगा.<ref>{{cite web|url=http://www.catholicculture.org/news/headlines/index.cfm?storyid=5283 |title=Latest Headlines : Slight decline in 2nd largest men’s religious order |publisher=Catholic Culture |date=2010-01-28 |accessdate=2010-10-28}}</ref>
पंक्ति 100:
20वीं सदी ने विभिन्न राजनैतिक कट्टरपंथियों तथा पादरी विरोधी सरकारों को उठते हुई देखा. 1926 के कॉल्स कानून जो मैक्सिको में गिरजाघर और राज्यों को बांट रहा है वह क्रिसटेरो युद्ध का कारण बना<ref name="Chadwick264">चैड्विक, ओवेन, पीपी 264-265</ref> जिसमें 3,000 से अधिक पादरी या तो मारे गये या निर्वासित कर दिये गये,<ref name="Scheina">स्किना, पृष्ठ 33.</ref> गिरजाघरों को अपवित्र किया गया, सेवाओं का मज़ाक उड़ाया गया, नन के साथ बलात्कार किया गय, तथा पकड़े गये पादरियों को गोली मार दी गई.<ref name="Chadwick264"/> सोवियत संघ में 1917 की बोल्शेविक क्रांति के बाद, गिरजाघर तथा कैथोलिकों पर अत्याचार 1930 में भी ज़ारी रहे.<ref>रिएसनोव्सकी 617 </ref> पादरियों की फांसी और निर्वासन, महन्तों तथा सामान्य जन के साथ ही धार्मिक साधनों का अधिकरण और गिरजाघरों का बंद होना आम था.<ref name="Riasanovsky 634">रिएसनोव्सकी 634</ref> 1936-39 के [[स्पेनी गृहयुद्ध|स्पेन के राष्ट्र युद्ध]] में, कैथोलिक अनुक्रम ने लोकप्रिय मोर्चा सरकार<ref>पायेन, पृष्ठ 13</ref> के खिलाफ फ्रेंको राष्ट्रवादियों के साथ मिलके अपने आपको गिरजाघर के खिलाफ रिपब्लिकन हिंसा<ref>एलोंसो, पीपी 395-396</ref> और "विदेशी तत्व जो हमें बर्बाद करने के लिए लाये हैं" का हवाला देते हुए संबद्ध किया.<ref>ब्लड ऑफ़ स्पेन, रोनल्ड फ्रेजर पृष्ठ 415, स्पेन के धर्माध्यक्ष का सामूहिक पत्र, दुनिया के धर्माध्यक्ष को संबोधित किया गया. ISBN 0-7126-6014-3</ref> ग्यारहवें पोप पायस ने इन तीन देशों को एक "भयानक त्रिभुज" के रूप में तथा यूरोप और अमेरिका में विरोध की विफलता को एक मौन षड़यन्त्र के रूप में उल्लिखित किया.
1933 के रिच्स्कोनकोर्डाट, जिसने नाज़ी जर्मनी में गिरजाघर को सुरक्षा और अधिकारों की गारंटी दी थी,<ref name="Rhodes182">रोड्स, पृष्ठ 182-183</ref> के उल्लंघन के बाद, ग्याहरवें पोप पायस ने 1937 के सार्वभौम पत्र ''मिट ब्रेनेंनडर सोर्ज''
पूर्वी यूरोप में युद्ध के बाद कम्युनिस्ट सरकारों ने धार्मिक स्वतंत्रता को गंभीर रूप से प्रतिबंधित किया.<ref name="communist">{{Cite news|title=Pope Stared Down Communism in Homeland – and Won|work=CBC News|date=April 2005|url=http://www.cbc.ca/news/obit/pope/communism_homeland.html|accessdate=2008-01-31}}</ref> हालांकि कम्युनिस्ट शासन के साथ कुछ पादरियों और धार्मिक लोगों ने सहयोग किया,<ref>{{Cite news|last=Smith|first=Craig|title=In Poland, New Wave of Charges Against Clerics|work=The New York Times|date=10 January 2007|url=http://www.nytimes.com/2007/01/10/world/europe/10poland.html|accessdate=2008-05-23}}</ref> इस शासनकाल में अनेकों को कैद कर लिया गया, निर्वासित या मार दिया गया तथा यूरोप में साम्यवाद के पतन के लिये गिरजाघर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी होगा.<ref>{{cite web|url=http://www.thetablet.co.uk/article/14023 |title=Untold story of 1989 |publisher=The Tablet |date= |accessdate=2010-10-28}}</ref> 1949 में चीन में कम्युनिस्टों की सत्ता में वृद्धि सभी विदेशी मिशनरियों का निष्कासन लेकर आयी.<ref name="Bokenkotter357">बोकेंकोटर, पीपी 356-358</ref> नई सरकार ने भी देशभक्तिपूर्ण गिरजाघरों का निर्माण कराया जिसके एकतरफा ढ़ंग से नियुक्त हुए धर्माध्यक्ष को शुरूआत में रोम द्वारा अस्वीकार कर दिया गया तथा इससे पहले उनमें से अनेकों को स्वीकार किया गया था.<ref>{{cite news|url=http://news.bbc.co.uk/1/hi/world/asia-pacific/7005927.stm |title=Asia-Pacific | China installs Pope-backed bishop |publisher=BBC News |date=2007-09-21 |accessdate=2010-10-28}}</ref> 1960 की [[संवर्धन आमूल परिवर्त|सांस्कृतिक क्रांति]] के कारण सभी धार्मिक प्रतिष्ठान बंद किये गये.
=== समकालीन ===
{{Disputed-section|date=September 2010}}
[[चित्र:President and Mrs. Reagan meet Pope John Paul II 1982.jpg|thumb|अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के साथ पोप जॉन पॉल द्वितीय.]]
पोप जॉन XXIII द्वारा 1962 में शुरू किए गए द्वितीय वेटिकन परिषद को इसके समर्थकों ने “झरोखा खुलने की शुरूआत” के रूप में वर्णित किया.<ref name="Duffy272">डफी, पीपी 270-276</ref> इसने लैटिन चर्च के भीतर उपासना-पद्धति में परिवर्तन किया, इसके मिशन का पुनः-संकेन्द्रण एवं सार्वभौमिकता की पुनः-परिभाषा की विशेषकर पूर्वी पारंपरिक चर्च के साथ वार्तालाप एंग्लिकन सहभागिता एवं प्रोटेस्टेण्ट नामकरण में.<ref>''डफी, सेंट्स एंड सिनर्स''
परिषद की स्वीकृति ने उस समय से चर्च के भीतर बहुपक्षीय आंतरिक श्रेणियों का आधार निर्मित किया. एक तथाकथित वेटिकन II की भावना परिषद के बाद आई, जो कार्ल रेहनर जैसे ''नौविले थियोलॉजी''
पोपों की शिक्षाओं, यथा-''ह्यूमेनेई वितेई''
1978 में, पोप जॉन पॉल द्वित्तीय 455 वर्षों में प्रथम गैर-इतालवी पोप बने. उनका 27 वर्षों का धर्माध्यक्ष का शासनकाल इतिहास में सबसे लंबे में से एक था.<ref>{{cite web|url=http://www.history.co.uk/this-day-in-history/April-02.html;jsessionid=08931E713115A304B13BB1A6FA315A63.public1 |title=2 April - This Day in History |publisher=History.co.uk |date= |accessdate=2010-10-28}}</ref> [[सोवियत संघ]] के अंतिम प्रमुख [[मिखाइल गोर्बाचोफ|मिखायल गोर्वाचेव]] ने उन्हें ही यूरोप में [[साम्यवाद]] के पतन को तीव्र करने के लिए जिम्मेवार माना.<ref>{{cite news|author=Peter and Margaret Hebblethwaite, and Peter Stanford |url=http://www.guardian.co.uk/world/2005/apr/02/guardianobituaries.catholicism |title=Obituary: Pope John Paul II | World news | guardian.co.uk |publisher=Guardian |date= 2 April 2005|accessdate=2010-10-28 |location=London}}</ref> उन्होंने तृतीय विश्व में ऋण राहत<ref>{{cite news|url=http://www.guardian.co.uk/world/1999/sep/23/debtrelief.development |title=Pope meets Bono and calls for debt relief |publisher=Guardian |date= 23 September 1999|accessdate=2010-10-28 |location=London}}</ref> एवं इराकी युद्ध<ref>{{cite news|author=Pope John Paul II |url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/europe/2654109.stm |title=Europe | Pope condemns war in Iraq |publisher=BBC News |date=2003-01-13 |accessdate=2010-10-28}}</ref> के विरूद्ध आंदोलन
[[मानवाधिकार|मानव अधिकारों]] एवं सामाजिक न्याय के लिए आंदोलनों के कारण इस काल के दरम्यान कैथोलिकों को शहादत देना पड़ा-विशेषकर लैटिन अमेरिका में, [[एल साल्वाडोर|अल सल्वाड़ोर]] के आर्च-विशप आस्कर रोमेरियो को 1980 में वेदी पर मार दिया गया एवं मध्य अमेरिकी विश्वविद्यालय के छह जेसुसुईटों की हत्या 1989 में कर दी गई.<ref>{{cite news|last=Miglierini |first=Julian |url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/8580840.stm |title=El Salvador marks Archbishop Oscar Romero's murder |publisher=BBC News |date=2010-03-24 |accessdate=2010-10-28}}</ref> कलकत्ता की कैथोलिक नन [[मदर टेरेसा]] को 1979 में भारत के गरीब लोगों के बीच मानवतावादी कार्य करने के कारण नोबल शांति पुरस्कार दिया गया.<ref>{{cite web|url=http://nobelprize.org/nobel_prizes/peace/laureates/1979/press.html |title=Press Release - The Nobel Peace Prize 1979 |publisher=Nobelprize.org |date=1979-10-27 |accessdate=2010-10-28}}</ref> विशप कार्लोस फिलिप जिमेनेन्स बेलो 1966 में “[[पूर्वी तिमोर|ईस्ट तिमोर]] में संघर्ष में उचित एवं शांतिपूर्ण समाधान के लिए कार्य करने के लिए” यही पुरस्कार जीते.<ref>{{cite web|url=http://nobelprize.org/nobel_prizes/peace/laureates/1996/press.html |title=Press Release - Nobel Peace Prize 1996 |publisher=Nobelprize.org |date=1996-10-11 |accessdate=2010-10-28}}</ref>
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1980 में, कैथोलिक पादरियों द्वारा नाबालिगों के यौन शोषण का मुद्दा मीडिया कवरेज का विषय बना एवं अमेरिका, आयरलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया एवं अन्य देशों में कानूनी कार्यवाही एवं जन-बहस का विषय बना. चर्च की इस दुर्व्यवहार शिकायतों के मामलों के निपटारे में आलोचना की गई जब यह पता चला कि कुछ विशपों ने आरोपित पुजारियों की रक्षा की, उनका स्थानान्तरण अन्य पुरोहिताई जिम्मेवारियों पर किया जबकि कुछ ने यौन अपराध जारी रखे. स्कैण्डल के प्रतिक्रियास्वरूप, चर्च ने दुर्व्यवहार को रोकने के लिए औपचारिक पद्धतियां स्थापित की, किसी दुर्व्यवहार के होने पर रिपोर्टिंग को बढ़ावा दिया और इस रिपोर्ट पर तुरंत कार्यवाही की, हालांकि पीड़ितों का प्रतिनिधित्व कर रहे समूहों ने इसकी प्रभाविता का खंडन किया.<ref>{{cite news|author=David Willey |url=http://www.bbc.co.uk/news/world-europe-10645748 |title=Vatican 'speeds up' abuse cases |publisher=Bbc.co.uk |date=2010-07-15 |accessdate=2010-10-28}}</ref>
== सिद्धांत ==
{{See also|Catholic theology|Catholic social teaching}}
कैथोलिक गिरजाघर मानता है कि इस जगत में एक अनन्त परमेश्वर, जो तीन व्यक्तियों के रूप में परस्पर मौजूद है: परमेश्वर पिता, परमेश्वर पुत्र, और पवित्र आत्मा, जो एक साथ मिलकर [[त्रीएक|त्रिमूर्ति (ट्रिनिटी)]] का निर्माण करते हैं. कैथोलिक विश्वास करता है कि गिरजाघर "... पृथ्वी पर यीशु की सतत उपस्थिति है."<ref name="Schreck131">श्रेक, पृष्ठ 131</ref> कैथोलिकों के लिए शब्द "गिरजाघर" परमेश्वर के लोगों को सूचित करता हैं, जो यीशु मसीहके आज्ञा पालन में निरत रहते हैं और और जो..., को संदर्भित करता है, "... मसीह की देह के साथ पोषित होते हैं, वे मनुष्य, मसीह की देह हो जाते हैं.<ref>सीसीसी (CCC),धारा 777, 778</ref> कैथोलिक दावे के साथ कहते हैं कि यह गिरजाघर कैथोलिक गिरजाघर है, जो एक पंथ, पवित्र, कैथोलिक और प्रेरित गिरजाघर, के रूप में वर्णित है, मसीह का सच्चा गिरजाघर है. पोप संबंधी मिस्टीक कोर्पोरिस क्रिस्टी (ईसाई धर्म संबंधी रहस्यवाद) में कैथोलिक गिरजाघर को मसीह के रहस्यात्मक शरीर के रूप में वर्णित किया गया है.
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गिरजाघर शिक्षा देता है कि "मुक्ति के साधन" की परिपूर्णता केवल कैथोलिक गिरजाघर में ही मौजूद है, लेकिन यह भी मानता है कि पवित्र आत्मा ईसाईयत से खुद को अलग किये हुए समुदाय के उद्धार के लिए कार्य कर सकती हैं. यह शिक्षा देता है कि जो कोई भी बचाया जाता है परोक्ष रूप से गिरजाघर के माध्यम से बचाया जाता है, अगर वह व्यक्ति कैथोलिक गिरजाघर और उसके उपदेशों (उदाहरण के लिए, पितृत्व या संस्कृति का एक परिणाम के रूप में) के प्रति अजेय अज्ञान है, तो उसे परमेश्वर द्वारा उसके ह्रदय में बताये गये नैतिक नियमों का पालन करना चाहिए और, इसलिए उसे गिरजाघर से जुड़ जाना चाहिए, यदि वह आवश्यक समझता हैं.<ref name="LumenG3"/> यह शिक्षा देता है कि कैथोलिक को पवित्र आत्मा के द्वारा सभी ईसाइयों के बीच एकता के लिए काम करने के लिए बुलाया गया हैं.<ref name="LumenG3">{{cite web|last=Paul VI|first=Pope|title=Lumen Gentium chapter 2|publisher=Vatican|year=1964|url=http://www.vatican.va/archive/hist_councils/ii_vatican_council/documents/vat-ii_const_19641121_lumen-gentium_en.html|accessdate=2008-03-09}}</ref>
इसके सिद्धांत के अनुसार, कैथोलिक गिरजाघर यीशु मसीह के द्वारा स्थापित किया गया था.<ref name="Kreeft98">क्रीफ्ट, पृष्ठ 98, बोली ...एक कैथोलिक होने का मौलिक कारण यह ऐतिहासिक तथ्य है कि कैथोलिक गिरजाघर की स्थापना यीशू मसीह द्वारा की गई थी, यह ईश्वर का आविष्कार था, न कि आदमी का... जैसा कि पिता परमेश्वर ने यीशू को अधिकार दिया (जन 5:22; एमटी 18-20), यूशू मसीह ने इसे आगे अपने प्रेरितों को दे दिया (एलके 10:16), और उन्होंने अपने उत्तराधिकारियों के जिन्हें धर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया था.”</ref> [[नया नियम|नव विधान]] यीशु मसीह के कार्यों और शिक्षाओं को बारह प्रेरितों की नियुक्ति और उनको अपने कार्य जारी रखने के लिए दिए गये अधिकारों का वर्णन करता है.<ref name="Kreeft98"/> गिरजाघर शिक्षा देता है कि यीशु प्रेरितों के नेता के रूप में साइमन पीटर को इस उद्घोषणा के साथ "इस चट्टान से मैं अपने गिरजाघर का निर्माण करूंगा ...मैं तुम्हें स्वर्ग के राज्य की कुंजियां दूंगा ... "<ref name="LumenG3"/> नियुक्त किया. गिरजाघर कहता है कि प्रेरितों पर पवित्र आत्मा का आगमन
ट्रेंट की परिषद के अनुसार, मसीह ने सात संस्कार स्थापित कर उन्हें गिरजाघर को सौंप दिया.<ref>सीसीसी (CCC), धारा 1131</ref> इन संस्कारों में, बपतिस्मा, पुष्टि, युकेरिस्ट, सामंजस्य (तपस्या), बीमार को तेल लगाना (पूर्व में चरम लेप या "अंतिम संस्कार"), पवित्र आदेश और पवित्र विवाह के बंधन. संस्कार महत्वपूर्ण दृश्य रिवाज है, जिसे कैथोलिक परमेश्वर की उपस्थिति के रूप में देखते हैं, और उन सभी के लिए परमेश्वर की अनुकम्पा का प्रभावी चैनल मानते हैं, जो उन्हें उचित प्रवृति (''किए गए कार्य से'' ) के साथ प्राप्त करते हैं.<ref>क्रीफ्ट, पीपी 298-299</ref>
पंक्ति 139:
गिरजाघर ने कुछ मेरियन की आभासी छाया की विश्वसनीयता की पुष्टि की हैं, जैसे कि अवर लेडी आफ लूर्डेस, फातिमा, ग्वाडालूप<ref>श्रेक , पृष्ठ 368</ref> और विस्कोंसिन, अमेरिका में लेडी ऑफ गुड होप तीर्थ.<ref>{{Cite news | title=New York Times Article | url=http://www.nytimes.com/2010/12/24/us/24mary.html?_r=1 | work=The New York Times | first=Erik | last=Eckholm | date=23 December 2010}}</ref> इन तीर्थस्थलों की यात्राएं लोकप्रिय कैथोलिक भक्तियां हैं.<ref>{{Cite news| last =Baedeker | first =Rob | title =World's most-visited religious destinations | work =USA Today | date =21 December 2007 | url =http://www.usatoday.com/travel/destinations/2007-12-21-most-visited-religious-spots-forbes_N.htm | accessdate=2008-03-03}}</ref>
पाप कर्म में शामिल होने को मसीह के विपरीत होना माना जाता है, एक व्यक्ति की परमेश्वर से समानता को कमजोर करना और उनकी आत्मा को उनके प्रेम से दूर करना माना जाता हैं. पापों की श्रंखला, जिसमें कम गंभीर क्षम्य पापों से लेकर अधिक गंभीर नश्वर पाप जो कि परमेश्वर के साथ एक व्यक्ति के रिश्ते को खत्म करता हैं, शामिल हैं.<ref>सीसीसी (CCC), धारा 1850, 1857</ref> गिरजाघर सिखाता है कि मसीह का जुनून (पीड़ा) और उनको सलीब पर चढ़ाये जाने के प्रति प्रेम, सभी लोगों के लिए अपने पापों से मुक्ति और क्षमा प्राप्ति का एक अवसर हैं, ताकि परमेश्वर से मिलाप हो सके.<ref>सीसीसी (CCC), धारा 608</ref> कैथोलिक विश्वास के अनुसार, यीशु के जी उठने, ने मनुष्यों के लिए एक संभव आध्यात्मिक अमरता प्राप्त की, जो पहले मूल पापों की वजह से उन्हें नहीं दी गई थी.<ref name="Schreck113">श्रेक, पृष्ठ 113.</ref> परमेश्वर के साथ मिलन और मसीह के शब्दों और कर्मों का पालन करके, गिरजाघर का मानना है कि कोई परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर सकता है, जो कि "... लोगों के दिलों
कैथोलिकों का विश्वास हैं कि पुष्टिकरण संस्कार के माध्यम से पवित्र आत्मा को प्राप्त करते हैं, और बप्तिस्मा के समय प्राप्त होने वाला आशीर्वाद सशक्त होता है.<ref name="Schreck230">श्रेक, पृष्ठ. 230</ref> ठीक से पुष्टि के लिए कैथोलिकों को अनुग्रह की अवस्था में होना चाहिए, जिसका अर्थ हैं कि वे स्वीकार नहीं किये जाने वाले
बपतिस्मा के बाद, कैथोलिक प्रायश्चित के संस्कार के माध्यम से अपने पापों के लिए क्षमा प्राप्त कर सकते हैं.<ref name="Schreck242">श्रेक, पृष्ठ 242</ref> इस संस्कार में, व्यक्ति एक पादरी के समक्ष अपने पापों को स्वीकार करता हैं, जो तब सलाह प्रदान करता है और एक विशेष प्रकार का प्रायश्चित करने के लिए कहता है. तदुपरांत पादरी मुक्ति की घोषणा करता है, और औपचारिक रूप से व्यक्ति के पापों को क्षमा कर देता है.<ref name="Kreeft344">क्रीफ्ट, पीपी 343-344</ref> पादरी को मना किया गया है,- बहिष्कार के दंड के अंतर्गत किसी भी पाप या बयान के प्रकटीकरण के तहत सुनी गई
गिरजाघर सिखाता है कि, मृत्यु के तुरंत बाद, प्रत्येक व्यक्ति की आत्मा के बारे में परमेश्वर की ओर से एक विशेष निर्णय प्राप्त होगा जो कि व्यक्ति के सांसारिक जीवन के कर्मों के आधार पर होगा.<ref name="Catechism of the Catholic Church">सीसीसी (CCC), धारा 1021-22, 1051</ref> यह शिक्षण इस बात को इंगित करता हैं कि एक दिन जब मसीह समस्त मानव जाति के लिए सार्वभौमिक न्याय करेंगे. यह अंतिम निर्णय, गिरजाघर शिक्षण के अनुसार, मानव इतिहास का अंत लाने के लिए और एक नए और बेहतर स्वर्ग और पृथ्वी पर परमेश्वर के धर्म -शासन की शुरुआत का प्रतीक होगा.<ref name="Catechism of the Catholic Church">सीसीसी (CCC), धारा. 1038-41</ref> देवदूत मैथ्यू के विस्तृत वर्णन के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति की आत्मा के बारे में निर्णय लिया जायेगा, माना जाता है मैथ्यू के सुसमाचार में निम्नतम लोगों द्वारा किये गये दया के कार्यों को भी शामिल किया जायेगा.<ref name="Matthew25">{{bibleverse||Matthew|25:35–36}}</ref> मसीह के शब्दों पर जोर देते हुए, "हर कोई जो मुझसे कहते हैं, 'हे प्रभु, हे प्रभु,' स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकेंगे, लेकिन वह कर सकता हैं जिसके बारे में मेरे पिता इच्छा करेंगे जो स्वर्ग में है ".<ref name="Schreck397"/>
पंक्ति 151:
अंत में, जिन्होंने पापी और स्वार्थी जीवन जीने के लिए चुना है, और वे उसका पश्चाताप नहीं करते है, और पूरी तरह से अपने तरीके से जीना चाहते हैं, नरक में भेजे जाते हैं जो कि परमेश्वर से एक चिरस्थायी जुदाई होती है.<ref name="Catechism of the Catholic Church">सीसीसी (CCC), धारा 1033-37, 1057</ref> गिरजाघर सिखाता है कि किसी को भी नरक में तब तक नहीं भेजा जाता हैं जब तक कि उसने स्वतंत्र रूप से परमेश्वर को अस्वीकार करने का फैसला नहीं लिया हैं.<ref name="Catechism of the Catholic Church">सीसीसी (CCC), धारा 1058</ref> किसी का भी नरक में जाना पूर्वनिर्धारित नहीं है, और न ही कोई इस बात का निर्णय कर सकता हैं कि किसी की निंदा की गई है या नहीं.<ref name="Catechism of the Catholic Church">सीसीसी (CCC), धारा 1037</ref> रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म सिखाता है कि परमेश्वर की दया से कोई व्यक्ति मृत्यु से पहले जीवन के किसी भी बिंदु पर पश्चाताप कर बचाया जा सकता है.<ref name="Luke23">{{bibleverse||Luke|23:39–43}}</ref> कुछ कैथोलिक ब्रह्मविज्ञानियों का विचार हैं कि अबपतिस्मा हुए शिशुओं की आत्माएं जो मूल पाप में मर जाते हैं, वे उपेक्षित स्थान को जाते हैं, हालांकि यह गिरजाघर का अधिकारिक सिद्धांत नहीं है.<ref>{{cite web|url=http://www.catholicculture.org/culture/library/view.cfm?id=7529&CFID=32422018&CFTOKEN=46037657 |title=Library : The Hope of Salvation for Infants Who Die Without Being Baptized |publisher=Catholic Culture |date=2007-01-19 |accessdate=2010-10-28}}</ref>
कैथोलिक विश्वासों का नाइसीन पंथ में सारांशित और ''कैथोलिक गिरजाघर की प्रश्नोत्तरी''
पवित्र परंपरा में गिरजाघर द्वारा शिक्षाएं शामिल हैं जिनके बारे में गिरजाघर मानता हैं कि वे प्रेरितों के समय से चली आ रही हैं.<ref name="Schreck16">श्रेक, पीपी 15-19</ref> पवित्र शास्त्र और पवित्र परंपरा सामूहिक रूप से ''"विश्वास की जमा" (दिपोजितम फिदी)''
== पूजा की परंपरा ==
{{See also|Catholic liturgy|Sacraments of the Catholic Church|List of Catholic rites and churches}}
[[चित्र:SFXBasillicaMainAltar.jpg|thumbnail|अग्रभूमि में एक मुक्त खड़ी वेदी के साथ डायर्सविले, आयोवा, में सेंट फ्रांसिस जेवियर की बासीलीका की मूल उच्च वेदी.]]मरणोत्तर भिन्न परंपराये, या संस्कार, जो कैथोलिक चगिरजाघरमें मौजूद हैं, मान्यताओं में अंतर के बजाय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती है.<ref>सीसीसी (CCC), धारा 1200-1209</ref> मरने के बाद का सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली क्रिया रोमन संस्कार हैं, परन्तु लैटिन कैथोलिक गिरजाघर में
संयुक्त राज्य अमेरिका में, कुछ "अंग्रेजी प्रयोग"लुप्त होता जा रहा है और कुछ रोमन संस्कार है जो कि अंगरेज़ी के मरणोत्तर संस्कार के कई पहलुओं को बरकरार रखे हुए हैं.{{#tag:ref|In 1980, Pope John Paul II issued a [[Pastoral Provision|pastoral provision]] that allows establishment of personal parishes in which members of the [[Episcopal Church (United States)|Episcopal Church]] (the U.S. branch of the Anglican Communion) who join the Catholic Church retain many aspects of Anglican liturgical rites as a variation of the Roman rite. Such "Anglican Use" parishes exist only in the United States.|group=note}}कार्यान्वयन के लिए 2009 में दी गई निर्माण के लिए स्वीकृति का अभी भी इंतजार किया जा रहा हैं, जहां कही एंग्लिकन गिरजाघर के साथ समन्वय में प्रवेश और अंगरेज़ी परंपरा के तत्व शामिल हैं, का उपयोग किया जा सकता हैं.<ref>{{Cite news| last =Ivereigh | first = Austen| title =Rome's new home for Anglicans | work =The Washington Post | date =21 October 2009 | url =http://newsweek.washingtonpost.com/onfaith/panelists/austen_ivereigh/2009/10/romes_new_home_for_anglicans.html | accessdate=2009-12-07}}</ref> अन्य पश्चिमी संस्कारों में (गैर रोमन) अम्ब्रोसियन अनुष्ठान और मोज़राबिक संस्कार शामिल हैं. पूर्वी कैथोलिक गिरजाघर के द्वारा प्रयोग किये गये संस्कारों में बीजान्टिन संस्कार, अलेक्जेन्द्रिया या कोप्टिक संस्कार, सिरिएक संस्कार, अर्मेनियाई संस्कार, मरोनिते संस्कार, और कलडीन संस्कार शामिल है.
युकेरिस्ट, या मास, कैथोलिक पूजा का केंद्र है.<ref>सीसीसी (CCC), धारा 1324-1331</ref> संस्था के शब्द इस संस्कार के लिए धर्म प्रचार और एक पुलिने पत्र से तैयार किया गया है.<ref name="wordsinstit">देखें {{bibleverse||Luke|22:19}}, {{bibleverse||Matthew|26:27–28}}, {{bibleverse||Mark|14:22–24}}, {{bibleverse||1Corinthians|11:24–25}}</ref> कैथोलिक ईसाइयों का मानना है कि प्रत्येक मास में, रोटी और शराब अलौकिक रूप से मसीह के शरीर और खून में रूपांतरित हैं. गिरजाघर सिखाता है कि मसीह के अंतिम भोजन में मानवता के साथ एक नया नियम युकेरिस्ट की संस्था के माध्यम से
जो नश्वर पाप के एक राज्य के बारे में सचेत हैं, इस संस्कार से वंचित किये जा रहे हैं जब तक कि वे सुलह (प्रायश्चित) के संस्कार के माध्यम से मुक्ति प्राप्त नहीं करते है.<ref name="Kreeft331"/> कैथोलिकों को प्रोटेस्टेंट गिरजाघर में समन्वय प्राप्त करने की अनुमति नहीं है, क्योंकि पवित्र आदेश और युकेरिस्ट के बारे में उनकी अलग अलग मान्यताये और तरीके हैं.<ref>सीसीसी (CCC), धारा 1400</ref> इसी तरह, प्रोटेस्टेंट को कैथोलिक गिरजाघर में समन्वय प्राप्त करने की अनुमति नहीं है. पूर्वी ईसाइयत के गिरजाघरों के संबंध में, कैथोलिक गिरजाघर कम प्रतिबंधक है पवित्र के साथ समन्वय में नहीं. सेकरिस के साथ एक निश्चित समन्वय और इसी तरह इयुकेरिस्ट के बारे में घोषणा करते हुए, उपयुक्त परिस्थितियों और गिरजाघर प्राधिकारी के अनुमोदन, में केवल संभव नहीं है, परन्तु प्रोत्साहित किया जाता है. "<ref>[http://www.vatican.va/archive/ENG0015/__P42.HTM सीसीसी (CCC), धारा 1399]</ref>
== संगठन और जनसांख्यिकी ==
=== पदानुक्रम कर्मी, और संस्थाएं ===
{{Main|Catholic Church hierarchy}}
[[चित्र:Perugino Keys.jpg|thumb|right|alt=Painting of a group of men in a piazza, a long haired man giving a key to a kneeling man. |गिरजाघर मानता है कि मसीह ने पोप का पद स्थापित किया था, संत पीटर के लिए स्वर्ग की चाबी देने पर, पिएत्रो पेरुजिनो द्वारा एक फ्रेस्को
गिरजाघर के अनुक्रम का नेतृत्व रोम के धर्माध्यक्ष पोप द्वारा किया जाता है.<ref name="Kreeft109">क्रीफ्ट, पृष्ठ 109.</ref> इस कार्यालय के बल पर,
प्रशासन में सलाह और सहायता के लिये, पोप शायद अनुक्रम के अगले स्तर कॉलेज़ के प्रधान में बदल सकते हैं.<ref name="McDonough227">मैकडोनोह
कैथोलिक गिरजाघर में 2008 तक, 2795
पुरोहितों में नियुक्त कौन होगा इस पर गिरजाघर ने नियम बनाये हैं. लेटिन अधिकारों में, पुरोहिताई आम तौर पर अविवाहितों के लिये ही रक्षित है.<ref name="CCL1031">[http://www.vatican.va/archive/ENG1104/__P3Q.HTM कैनन 1031] कैथोलिक गिरजाघर कैनन कानून. 09-03-2008 को पुनःप्राप्त.</ref><ref name="CCL1037">[http://www.vatican.va/archive/ENG1104/__P3R.HTM कैनन 1037], कैथोलिक गिरजाघर कैनन कानून. 09-03-2008 को पुनःप्राप्त.</ref> पुरुष, जो पहले ही शादी कर चुके है उनकी नियुक्ति पूर्वी कैथोलिक गिरजाघरों में की जाती है,<ref>{{cite news|last=Niebuhr|first=Gustav|title=Bishop's Quiet Action Allows Priest Both Flock And Family|work=The New York Times|date=16 February 1997|url=http://query.nytimes.com/gst/fullpage.html?res=9C07EEDD133FF935A25751C0A961958260&sec=&spon=&pagewanted=all|accessdate=2008-04-04}}</ref> और जो किसी अधिकार के तहत छोटे पादरी भी बन सकते हैं.<ref name="CCL1031"/><ref name="CCL1037"/> वेटिकन के मुताबिक, 2005 से 0.18 प्रतिशत की वृद्धि के साथ, 2007 के रूप में वहां 408,024 पादरी थे. पादरियों की संख्या यूरोप (6.8 प्रतिशत) तथा ओशिनिया (5.5 प्रतिशत) में कम हुई थी, मोटे तोर पर अमेरिका में वही रही, तथा अफ्रीका (27.6 प्रतिशत) और एशिया (21.1 प्रतिशत) मे बढ़ोतरी हुई.<ref name="cathstats">{{cite web|title=Vatican: Priest numbers show steady, moderate increase|publisher=Catholic News Service|date=2 March 2009|url=http://www.americancatholic.org/news/newsreport.aspx?id=759|accessdate=2008-03-09}}</ref>
नियुक्त हुए कैथोलिक, के साथ ही साथ जन-साधारण के सदस्य, ननों और साधुओं की तरह पवित्र जीवन अपना सकते हैं. एक उम्मीदवार तीन इसाई धर्म संम्बन्धी पवित्रता के परामर्श, गरीबी तथा आज्ञाकारिता आदि का पालन करने की अपनी इच्छा
=== सदस्यता ===
{{See|Catholicism by country}}
1950 के 437 मिलियन<ref name="Froehle5">फ्रोएहले, पीपी 4–5</ref> और 1970 के 654 मिलियन<ref>{{cite news|last=Bazar|first=Emily|title=Immigrants Make Pilgrimage to Pope|work=USA Today|date=16 April 2008|url=http://www.usatoday.com/news/religion/2008-04-15-popeimmigrants_N.htm|accessdate=2008-05-03}}</ref> के आंकड़ों में और वृद्धी करते हुए,
कैथोलिक गिरजाघर की सदस्यता बपतिस्मा के माध्यम से उपलब्ध हो जाती है. <ref>[http://www.vatican.va/archive/ENG1104/__P3.HTM कोड ऑफ़ कैनन लॉ, कैनन 11.] 09-03-2008 को पुनःप्राप्त.</ref> अगर कोई औपचारिक रूप से गिरजाघर छोड़ता है, यह तथ्य व्यक्ति के बपतिस्मा के रजिस्टर में नोट किया जाता है.
== संदर्भ और टिप्पणियां ==
=== फुटनोट्स ===
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=== प्रशंसात्मक उल्लेख ===
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== ग्रन्थसूची ==
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* {{cite web|title=''Catechism of the Catholic Church''|publisher=Libreria Editrice Vaticana|year=1994|url=http://www.vatican.va/archive/catechism/ccc_toc.htm|accessdate=8 February 2008}}
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