"कोडगु जिला": अवतरणों में अंतर

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'''कोडगु''' या '''कुर्ग''' [[भारत]] के [[कर्नाटक]] प्रान्त का एक जिला है। इसका मुख्यालय [[मदिकेरी|मडिकेरि]] में है। पश्चिमी घाट पर स्थित पहाड़ों और घाटियों का प्रदेश कुर्ग दक्षिण भारत का एक प्रमुख पर्यटक स्‍थल है। कर्नाटक का यह खूबसूरत पर्वतीय स्‍थल समुद्र तल से 1525 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां की यात्रा एक न भूलने वाला अनुभव है। कुर्ग के पहाड़, हरे-भरे जंगल, चाय और कॉफी के बागान और यहां के लोग मन को लुभाते हैं। कावेरी नदी का उदगम स्‍थान कुर्ग अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा हाइकिंग, क्रॉस कंट्री और ट्रेल्‍स के लिए भी मशहूर है।
 
== मुख्य आकर्षण ==
 
=== नागरहोळे राष्‍ट्रीय उद्यान ===
यह राष्‍ट्रीय उद्यान दक्षिण भारत का एक प्रमुख अभयारण्‍य है। इस स्‍थान पर पहले राजाओं की शिकारगाह हुआ करती थी। आज यह स्‍थान हाथी, बाघ, चीतों के लिए प्राकृतिक वातावरण उपलब्‍ध कराता है। इसके अलावा यहां गौर, हिरन और लंगूर जैसे छोटे जानवर भी देखे जा सकते हैं। पूरे वर्ष यहां का मौसम ठंडक भरा रहता है। यहां पहुंचने में थोड़ी कठिनाई होती है इसलिए यह उद्यान अन्‍य की अपेक्षा शांत है। यहां पर सफारी का आनंद भी उठाया जा सकता है।
 
=== मडिकेरि ===
मडिकेरि कुर्ग का जिला मुख्‍यालय है। इसका नाम यहां के पहले शासक मुद्दुराजा के नाम पर पड़ा। भारत के स्‍कॉटलैंड के नाम से मशहूर यह जगह एक खूबसूरत पहाड़ी नगर है। यहां पर स्थित महल, किला, ओंमकारेश्‍वर मंदिर, राजा की सीट और अब्‍बी फॉल्‍स बहुत प्रसिद्ध हैं। मडिकेरि मैसूर से करीब 120 किमी. दूर है।
 
=== कुशालनगर ===
यह एक अच्‍छा पिकनिक स्‍पॉट है। यहां का वातावरण कुर्ग की अन्‍य जगहों से सर्वथा भिन्‍न है। यहां पर आर्द्रता का स्‍तर मडिकेरि से अधिक है। कुशालनगर में और इसके आसपास अनेक पिकनिक स्‍पॉट हैं जिनमें से कुछ हैं- वीरभूमि, निसर्गधाम, तिब्‍बती मॉनेस्‍ट्री, स्‍वर्ण मंदिर और हरंगी बांध।
 
=== इर्पू फॉल्‍स ===
दक्षिण कुर्ग में ब्रह्मगिरी पर्वतमाला के अंतर्गत इर्पू नाम का एक पवित्र स्‍थान है। इसी के पास लक्ष्‍मण तीर्थ नामक नदी बहती है। किवदंतियों के अनुसार सीता की खोज में राम और लक्ष्‍मण यहां से गुजरे थे। राम के पानी मांगने पर लक्ष्‍मण ने ब्रह्मगिरी पर्वत पर तीर मारकर लक्ष्‍मण तीर्थ नदी निकाली थी। यह नदी इर्पू फॉल्‍स में गिरती है। इस स्‍थान के बारे में माना जाता है कि यहां आने से व्‍यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं। प्रतिवर्ष शिवरा‍त्रि के दिन हजारों की संख्‍या में श्रद्धालु यहां आते हैं।
 
=== कक्‍काबे ===
कक्‍काबे दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे बड़ा शहद उत्‍पादक है। लेकिन लोग यहां स्थित पडी इग्गुतप्पा मंदिर के कारण अधिक आते हैं। यह कुर्ग का सबसे प्रमुख मंदिर है। यहां के नालनाड महल का निर्माण हंटिंग लॉज के रूप में हुआ था। आज इस जगह का प्रयोग बच्‍चों के कैंप के रूप में होता है। यहां के शहद फार्मों को देखना रोचक अनुभव है।
 
== गम्यता ==
वायु मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डा मैसूर (१२० कि मी ) और मंगलोर (135 किमी.) हैं।
रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्‍टेशन मैसूर, मंगलोर और हासन हैं।
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== भूगोल ==
 
 
== इतिहास ==
 
 
== जनसांख्यिकी ==
 
 
== यातायात ==
 
 
== आदर्श स्थल ==
 
 
== शिक्षा ==
 
 
== संदर्भ ==
 
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.prabhasakshi.com/ShowArticle.aspx?ArticleId=120619-112235-290010 कर्नाटक में पहाड़ों के बीच मनोरम स्थल : कूर्ग] (प्रभासाक्षी)
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