"खरगोन ज़िला": अवतरणों में अंतर
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'''खरगोन''' भारत देश में [[मध्य प्रदेश]] राज्य का [[जिला]] है।इसका मुख्यालय [[खारगोन]] है।
== भूगोल ==
[[खरगोन जिला]] मध्यप्रदेश की दक्षिणी पश्चिमी सीमा पर स्थित है। 21 अंश 22 मिनिट - 22 अंश 35 मिनिट (उत्तर) अक्षांश से 74 अंश 25 मिनिट - 76 अंश 14 मिनिट (पूर्व) देशांश के बीच यह जिला फैला है। इसका क्षेत्रफल लगभग 8030 वर्ग कि.मी. है। इस जिले के उत्तर में [[धार]], [[इंदौर]] व [[देवास]], दक्षिण में [[महाराष्ट्र]], पूर्व में [[खण्डवा]], [[बुरहानपुर]] तथा पश्चिम में [[बड़वानी]] है। [[नर्मदा]] घाटी के लगभग मध्य भाग में स्थित इस जिले के उत्तर में विंध्याचल एवं दक्षिण में सतपुड़ा पर्वतश्रेणियां हैं। नर्मदा नदी जिले में लगभग 50 कि.मी. बहती है। कुंदा तथा वेदा अन्य प्रमुख नदियां हैं। देजला-देवड़ा, गढ़ी गलतार, अंबकनाला तथा अपर वेदा प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं हैं। महेश्वर पनबिजली तथा सिंचाई योजना नर्मदा पर बनी तीन प्रमुख पनबिजली व सिंचाई योजनाओं में से एक है।
खरगोन जिला मुख्यालय के अक्षांश व देशांश क्रमशः 21°49'18" (उत्तर) तथा 75°37'10" (पूर्व) हैं। यह शहर औसत समुद्र सतह से लगभग 283 मीटर (± 9 मीटर) की ऊंचाई पर है।
== इतिहास ==
इतिहासकारों के मतानुसार नर्मदा घाटी की सभ्यता अत्यंत प्राचीन है। [[रामायण]] काल, [[महाभारत]] काल, [[सातवाहन]], [[कनिष्क]], अभिरोहर्ष, [[चालुक्य]], भोज, होलकर, [[सिंधिया]], [[मुगल]] तथा [[ब्रिटिश]] आदि से यह क्षेत्र जुड़ा हुआ है। विभिन्न कालों में यहां जैन, यदुवंशी, सिद्धपंथी, नागपंथी आदि का प्रभाव रहा है। प्राचीन स्थापत्य कला के अवशेष इस क्षेत्र के ऐतिहासिक गाथाओं को व्यक्त करने में आज भी सक्षम हैं। इस क्षेत्र में प्राप्त पाषाणकालीन शस्त्रों से भी यह सिद्ध होता है।
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ऐसा अनुमान है कि आर्य एवं अनार्य सभ्यताओं की मिश्रित भूमि होने के कारण यह क्षेत्र "निमार्य" नाम से जाना जाने लगा जो कि कालांतर में अपभृंष हो कर "निमार" एवं फिर "निमाड़" में परिवर्तित हो गया। (निमा = आधा) । एक अन्य मतानुसार यह नाम नीम के वृक्षों के कारण पड़ा।
== आवागमन ==
यह जिला [[इंदौर]], [[खण्डवा]], [[बड़वानी]], [[धार]], [[झाबुआ]], धुळै ([[धूलिया]]), जळगाव ([[जलगांव]]) से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा है। [[आगरा]] - [[मुंबई]] [[राष्ट्रीय राजमार्ग]] क्रमांक 3 इस जिले से गुज़रता है। जिले के पूर्वी भाग से मीटर गेज रेल्वे मार्ग जाता है जो कि [[दिल्ली]] - [[जयपुर]] - [[इंदौर]] - [[खण्डवा]] - [[हैदराबाद]] मार्ग है। इस रेल्वे मार्ग पर महत्वपूर्ण स्टेशन बड़वाह एवं सनावद हैं। खण्डवा ब्रॉड गेज का सबसे पास का स्टेशन तथा इंदौर सबसे पास का हवाई अड्डा है।काश कि इस जिले में रेल की सुविधा होती तो यह क्षेत्र प्रगति का शिखर चूम रहा होता |
== प्रशासनिक-भाग ==
प्रशासनिक दृष्टि से जिले को 5 अनुविभाग, 8 तहसील, 9 जनपद पंचायत (विकासखण्ड) तथा 1407 राजस्व ग्रामों में बांटा गया है। यह जिला एक आदिवासी जिला है जिसमें 600 ग्राम पंचायतें, 3 नगर पालिकाएं, 4 नगर पंचायतें तथा 7 कृषि उपज मण्डियां हैं। जिले के 2 मुख्यालय हैं - प्रशासन, पुलिस व अन्य सभी शासकीय कार्यालयों के लिये खरगोन तथा न्यायिक व्यवस्था के लिये मण्डलेश्वर। खरगोन, कसरावद, भीकनगांव, बड़वाह, सनावद, मण्डलेश्वर तथा महेश्वर जिले के प्रमुख नगर हैं।
== खनिज व फसलें ==
[[ग्रेनाइट]], [[कैल्साइट]], [[क्वार्टजाइट]], [[चूना]] पत्थर, ब्रेक्सिया, रेतीला पत्थर आदि जिले में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज हैं। [[ज्वार]] व [[मक्का]] [[खरीफ़]] की तथा [[गेहूं]] [[रबी]] की प्रमुख फसलें हैं। [[कपास]] तथा [[मूंगफली]] प्रमुख व्यावसायिक फसलें हैं। निमाड़ को कपास का कटोरा कहा जाता है।
== उद्योग व शिक्षा ==
जिले में लगभग 13779 छोटे तथा 14 मध्यम व बड़े उद्योग हैं। खरगोन, निमरानी, बड़वाह, पाडली तथा भीकनगांव में औद्योगिक क्षेत्र हैं। जिले मे 1 अभियांत्रिकी महाविद्यालय, 2 पोलीटेक्निक महाविद्यालय तथा कई स्नातकोत्तर व स्नातक स्तर के महाविद्यालय एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हैं।
खरगोन जिले के नर्मदा नदी पर स्थित नगर मण्डलेश्वर शिक्षा के क्षेत्र बेहद तरक्की कर चूका है यहाँ १ सरकारी व तीन निजी महाविद्यालय है इसके अलावा फार्मेसी कॉलेज है एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल के संचालकों द्वारा एक इंजीनियरिंग कॉलेज भी खुलने जा रहा है. पूर्व में भी यह नगर शैक्षणिक रूप से जिले में अव्वल रहा है.
== पड़ोसी-जिले ==
* [[बड़वानी जिला]] - खरगोन से 90 कि.मी. दूर राज्य महामार्ग क्रमांक 27 (खण्डवा - खरगोन - बड़वानी - कुक्षी - वडोदरा गुजरात) पर बड़वानी जिला मुख्यालय बसा हुआ है।
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* जळगाव ([[जलगांव जिला]]) एवं धुळै (धूलिया) - महाराष्ट्र के ये जिले खरगोन के पड़ौसी जिले है।
== पर्यटन ==
* '''[[खरगोन]]''' - जिला मुख्यालय - कुंदा नदी के तट पर बसा यह शहर अत्यंत प्राचीन नवग्रह मन्दिर के लिये प्रसिद्ध है। यह शहर इंदौर (रेल्वे / हवाई अड्डा) से 143 कि.मी., बड़वानी से 90 कि.मी. (गुजरात से आते हुए - राज्य महामार्ग 26), सेंधवा से 70 कि.मी. (महाराष्ट्र से आते हुए - आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 3), धामनोद से 65 कि.मी. (इंदौर से आते हुए - आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 3), धार से 130 कि.मी., खण्डवा से 90 कि.मी. तथा बुरहानपुर से 130 कि.मी. दूरी पर है। यह शहर कपास एवं जिनिंग कारखानों का एक प्रमुख केन्द्र है।
* '''[[महेश्वर]]''' - यह शहर हैहयवंशी राजा सहस्रार्जुन, जिसने रावण को पराजित किया था, की राजधानी रहा है। ऋषि जमदग्नि को प्रताड़ित करने के कारण उनके पुत्र भगवान परषुराम ने सहस्रार्जुन का वध किया था। कालांतर में महान देवी अहिल्याबाई होल्कर की भी राजधानी रहा है। नर्मदा नदी के किनारे बसा यह शहर अपने बहुत ही सुंदर व भव्य घाट तथा माहेश्वरी साड़ियों के लिये प्रसिद्ध है। घाट पर अत्यंत कलात्मक मंदिर हैं जिनमे से राजराजेश्वर मंदिर प्रमुख है। आदिगुरु शंकराचार्य तथा पंडित मण्डन मिश्र का प्रसिद्ध शास्त्रार्थ यहीं हुआ था। यह जिले की एक तहसील का मुख्यालय भी है।
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* '''[[बड़वाह]]''' व सनावद - ये जुड़वां शहर नर्मदा के दोनो ओर बसे हैं। उत्तर की ओर बड़वाह तथा दक्षिण की ओर सनावद है। ऊँकारेश्वर ज्योतिर्लिंग जाने के लिये यहां से ही जाना पड़ता है। पुनासा में इंदिरा सागर जल-विद्युत परियोजना जाने क लिये भी सनावद के पास है। बड़वाह से मण्डलेश्वर, महेश्वर तथा धामनोद जाया जा सकता है। विश्वप्रसिद्ध लाल मिर्ची की मण्डी बैड़िया, सनावद के पास है।
== |खरगोन|मौसम ==
यहाँ बेहद गर्मी होती है वनों की अंधाधुन्द कटाई ने जिले को रेगिस्तान बना दिया है|
== संदर्भ ==
{{Reflist}}
== बाहरी कड़ियां ==
* [http://khargone.nic.in/About%20Khargone.htm Official Website of Khargone District]
== बाहरी कड़ियाँ ==
{{मध्य प्रदेश पर्यटन}}
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