"गणितकौमुदी": अवतरणों में अंतर

छो Bot: अंगराग परिवर्तन
पंक्ति 1:
{{आधार}}
'''गणितकौमुदी''' [[नारायण पण्डित]] द्वारा सन् १३५६ में [[संस्कृत]] में रचित एक [[गणित]]ग्रन्थ है। इसमें गणितीय संक्रियाओं (मैथेमैटिकल ऑपरेशन्स) का वर्णन है। इस ग्रंथ में [[सांयोजिकी]] के बहुत से परिणामों का आकलन (anticipation) किया गया था जो बाद में निकाले गये।
 
गणितकौमुदी में '''N x<sup>2</sup> + K<sup>2</sup> = y<sup>2</sup>''' के पूर्णांक हल निकालने के लिए [[सतत भिन्न]] के कुछ परिणामों का सहारा लिया गया है।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://archive.org/details/ganithakoumudipa015625mbp संस्कृत कौमुदी (भाग-२)]
* [http://www.new.dli.ernet.in/rawdataupload/upload/insa/INSA_1/20005af9_1.pdf Ganita Kaumudi and Continued fractions] (प्रदीप कुमार मजुमदार)
 
{{भारतीय गणित}}