"तन्त्रिका तन्त्र": अवतरणों में अंतर

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== तंत्रिकातंत्र के भाग ==
[[चित्र:NSdiagram.png|right|thumb|300px|तंत्रिकातंत्र का वर्गीकरण]]
=== स्थिति एवं रचना के आधार पर ===
तन्त्रिका तन्त्र के दो मुख्य भाग किये जाते हैं-
* [[केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र]] (Central nervous system) एवं
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:* मेरुरज्जु की तंत्रिकाएँ (Spinal nerves)
 
=== कार्यात्मक वर्गीकरण ===
* [[कायिक तंत्रिकातंत्र]] (Somatic nervous system)
:* Pyramidal arrangement
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[[मस्तिष्क]] और [[मेरूरज्जु]], '''[[केंद्रीय तंत्रिकातंत्र]]''' कहलाते हैं। ये दोनों शरीर के मध्य भाग में स्थित हैं। इनमें वे केंद्र भी स्थित हैं, जहाँ से शरीर के भिन्न भिन्न भागों के संचालन तथा गति करने के लिये आवेग (impulse) जाते हैं तथा वे आवेगी केंद्र भी हैं, जिनमें शरीर के आभ्यंतरंगों तथा अन्य भागों से भी आवेग पहुँचते रहते हैं। दूसरा भाग '''परिधि तंत्रिकातंत्र''' (peripheral Nervous System) कहा जाता है। इसमें केवल तंत्रिकाओं का समूह है, जो मेरूरज्जु से निकलकर शरीर के दोनों ओर के अंगों में विस्तृत है। तीसरा '''आत्मग तंत्रिकातंत्र''' (Autonomic Nervous System) है, जो मेरूरज्जु के दोनों ओर गंडिकाआं की लंबी श्रंखलाओं के रूप में स्थित है। यहाँ से सूत्र निकलकर शरीर के सब आभ्यंतरांगों में चले जाते हैं और उनके समीप जालिकाएँ (plexus) बनाकर बंगों में फैल जो हैं। यह तंत्र ऐच्छिक नहीं प्रत्युत स्वतंत्र है और शरीर के समस्त मुख्य कार्यो, जैसे रक्तसंचालन, श्वसन, पाचन, मूत्र की उत्पत्ति तथा उत्सर्जन, निस्रावी ग्रंथियों में स्रावों (हॉरमोनों की उत्पत्ति) के निर्माण आदि क संचालन करता है। इसके भी दो विभाग हैं, एक '''अनुकंपी''' (sympathetic) और दूसरा '''परानुकंपी''' (parasympathetic) ।
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[तंत्रिकाविकृति विज्ञान]]
* [[तन्त्रिका]]
 
[[श्रेणी:तंत्रिका तंत्र]]