"डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय": अवतरणों में अंतर

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इसे सागर विश्वविद्यालय के रूप में भी जाना जाता है क्‍योंकि इसका वास्‍तविक नाम यही था. इस विश्‍वविद्यालय की की स्थापना [[डॉ [[हरिसिंह गौर]] ने सन् 1946 में अपनी निजी पूंजी से की थी. यह भारत का सबसे प्राचीन तथा बड़ा विश्वविद्यालय रहा है. अपनी स्थापना के समय यह भारत का 18वां विश्वविद्यालय था. किसी एक व्यक्ति के दान से स्थापित होने वाला यह देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है. सन् 1983 में इसका नाम परिवर्तित कर डॉ.हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय नाम दिया गया.
 
यह एक आवासीय एवं संबद्धता प्रदायक विश्वविद्यालय है. मध्य प्रदेश में छ: जिले [[सागर]], दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ और छिंदवाड़ा इसके क्षेत्राधिकार में हैं. इस क्षेत्र के 133 कॉलेज इससे संबध्द हैं, जिनमें से 56 शासकीय और 77 निजी कॉलेज हैं. विंध्याचल पर्वत शृंखला के एक हिस्से पथरिया हिल्स पर स्थित सागर विश्वविद्यालय का परिसर देश के सबसे सुंदर परिसरों में से एक है. यह करीब 803.3 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है.