"तुग़लक़ राजवंश": अवतरणों में अंतर

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'''तुग़लक़ वंश''' ({{lang-fa|{{Nastaliq|fa|سلسلہ تغلق}}}}) [[दिल्ली सल्तनत]] का एक राजवंश था जिसने सन् १३२० से लेकर सन् १४१४ तक दिल्ली की सत्ता पर राज किया । ग़यासुद्दीन ने एक नये वंश अर्थात तुग़लक़ वंश की स्थापना की, जिसने 1412 तक राज किया। इस वंश में तीन योग्य शासक हुए। ग़यासुद्दीन, उसका पुत्र मुहम्मद बिन तुग़लक़ (१३२४-५१) और उसका उत्तराधिकारी फ़िरोज शाह तुग़लक़ (१३५१-८७)। इनमें से पहले दो शासकों का अधिकार क़रीब-क़रीब पूरे देश पर था। फ़िरोज का साम्राज्य उनसे छोटा अवश्य था, पर फिर भी अलाउद्दीन ख़िलजी के साम्राज्य से छोटा नहीं था। फ़िरोज की मृत्यु के बाद दिल्ली सल्तनत का विघटन हो गया और उत्तर भारत छोटे-छोटे राज्यों में बंट गया। यद्यपि तुग़लक़ १४१२ तक शासन करत रहे, तथापि १३९९ में तैमूर द्वारा दिल्ली पर आक्रमण के साथ ही तुग़लक़ साम्राज्य का अंत माना जाना चाहिए।
 
== शासकों के नाम ==
# [[गयासुद्दीन तुग़लक़]]
# [[मुहम्मद बिन तुग़लक़]]
# [[फ़िरोज़ शाह तुग़लक़]]
इन तीनों योग्य शासकों के बाद कोई और शासक सही शासन न कर सके। इसके बाद तुग़लक़ वंश का पतन शुरू हो गया। इनके अलावा कुछ शासक और हुए जिनका नाम इस प्रकार है:-
* [[नसरत शाह तुग़लक़]]
* [[महमूद तुग़लक़]]
 
== तुग़लक़ वंश का पतन ==
 
तैमूर के आक्रमण से तथा उत्तराधिकारी के अभाव में यह वंश १४१४ में समाप्त हो गया जिसके बाद [[सय्यद वंश]] का शासन आया ।