"गोपालगंज": अवतरणों में अंतर

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'''गोपालगंज''' [[भारत]] के [[बिहार]] [[राज्य]] में [[सारन]] प्रमंडल अंतर्गत एक [[शहर]] एवं [[जिला]] है। [[गंडक]] नदी के पश्चिमी तट पर बसा यह [[भोजपुरी]] भाषी जिला ईंख उत्पादन के लिए जाना जाता है। मध्यकाल में चेरों राजाओं तथा अंग्रेजों के समय यह हथुवा राज का केंद्र रहा है। [[राष्ट्रीय जनता दल]] के प्रमुख, [[बिहार]] के पूर्व [[मुख्य मंत्री]] एवं भूतपूर्व रेल मंत्री [[लालू प्रसाद]] का गृह जिला है। थावे स्थित दुर्गा मंदिर एवं दिघवा दुबौली प्रमुख दर्शनीय स्थल है।
 
== इतिहास ==
वैदिक स्रोतों के मुताबिक आर्यों की विदेह शाखा ने अग्नि के संरक्षण में [[सरस्वती]] तट से पूरब में सदानीरा ([[गंडक]]) की ओर प्रस्थान किया। अग्नि ने उन्हे [[गंडक]] के पास अपने राज्य की स्थापना के लिए कहा जो विदेह कहलाया। आर्यों की एक शाखा सारन में बस गया। महाजनपद काल में यह प्रदेश [[कोशल]] गणराज्य का अंग बना। इसके पश्चात यह शक्तिशाली [[मगध]] के [[मौर्य]], [[कण्व]] और [[गुप्त]] शासकों के महान साम्राज्य का हिस्सा रहा। सारन में मिले साक्ष्य यह साबित करते हैं कि लगभग ३००० ईसा पूर्व में भी इस हिस्से में आबादी कायम थी। संभव है कि आर्यों के यहाँ आनेपर सत्ता संघर्ष हुआ हो। १३ वीं सदी में मुसलमान शासक ने इस क्षेत्र पर अपना कब्जा किया लेकिन इसके पूर्व चेरों साम्राज्य के राजा काफी समय यहाँ अपनी सत्ता तक कायम रखने में सक्षम रहे। शोरे के व्यापार के चलते सबसे पहले डचों का यहाँ आगमन हुआ लेकिन बक्सर युद्ध के बाद १७६५ में अंग्रेजों ने यहाँ अपना आधिपत्य कायम कर लिया। स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान गोपालगंज की भूमि आजादी की माँग के नारों के बीच उथल-पुथल भरा रहा। २ अक्टुबर १९७२ को यह सारन से अलग स्वतंत्र जिला बना।
 
== भूगोल ==
गोपालगंज जिले का विस्तार २५<sup>०</sup> १२<sup>''</sup> से २६<sup>०</sup>३९<sup>''</sup> उत्तरी अक्षांश तथा ८३<sup>०</sup>५४<sup>''</sup> से ८४<sup>०</sup>५५<sup>''</sup> पूर्वी देशांतर के बीच है। गोपालगंज जिला के उत्तर में पूर्वी एवं [[पश्चिमी चंपारन]], दक्षिण में [[सिवान]] एवं [[छपरा]], पूर्व में [[मुजफ्फरपुर]] एवं [[पूर्वी चंपारन]] तथा पश्चिम में [[उत्तर प्रदेश]] का [[कुशीनगर]] जिला है। कुल क्षेत्रफल २०३३ वर्ग किलोमीटर है जहाँ लगभग २२ लाख लोग रहते हैं। गोपालगंज, बरौली, सिधवलिया, मीरगंज, कटेया एवं विजयपुर यहाँ का मुख्य शहरी अधिवास है।
* '''नदियाँ'''- [[गंडक]], झरही, दाहा, खनुआ, तथा सारन
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* '''प्रखंड'''- गोपालगंज, भोरे, माझा, उचकागाँव, कुचायकोट, कटेया, विजयपुर, बरौली, हथुआ, बैकुंठपुर, फुलवरिया, थावे, पंचदेवरी, एवं सिधवलिया
 
== कृषि एवं उद्योग ==
गोपालगंज जिला एक समतल एवं उपजाऊ भूक्षेत्र है। गंडक नहर एवं इससे निकलने वाली वितरिकाएँ सिंचाई का मुख्य स्रोत है। चावल, गेहूँ, ईंख तथा मूंगफली जिले की प्रमुख फसलें हैं। चावल एवं रोटी ही लोगों का मुख्य भोजन है। गोपालगंज में कृषि आधरित उद्योग विकसित हुए हैं जिसमे चीनी मिल तथा दाल मिल के अलावे कुटीर उद्योग प्रमुख है। वर्तमान में ५ बडे तथा ३० लघु उद्योग इकाईयाँ कार्यरत हैं। <ref> [http://gopalganj.bih.nic.in/dglance.htm] गोपालगंज जिला एक नजर में </ref> गोपालगंज, सिधवलिया, सासामुसा एवं हथुवा प्रमुख औद्योगिक केंद्र है।
 
== शिक्षा ==
* प्राथमिक विद्यालय- 290
* माध्यमिक विद्यालय- 100
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* व्यवसायिक शिक्षा:- पॉलिटेक्निक कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र
 
== पर्यटन स्थल ==
* '''थावे''': गोपालगंज में थावे स्थित हथुवा राजा द्वारा बनवाया गया दुर्गा मन्दिर सबसे महत्वपूर्ण स्थल है। जिला मुख्यालय से इसकी दूरी मात्र ५ किमी है। चैत्र महीने में यहाँ विशाल मेला लगता है। मंदिर के पास ही देखने योग्य एक विशाल पेड़ है जिसका वानस्पतिक वर्गीकरण नहीं किया जा सका है। मन्दिर की मूर्ति एवं विशाल पेड़ के बारे में कई कहानियाँ प्रचलित है।
* '''दिघवा दुबौली''': गोपालगंज से ४० किलोमीटर दक्षिण-पूरब तथा [[छपरा]] से मशरख जानेवाली रेल लाईन पर ५६ किलोमीटर उत्तर में दिघवा-दुबौली एक गाँव है जहाँ पिरामिड के आकार का दो टीला है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि ये टीले यहाँ शासन कर रहे चेरों राजा द्वारा बनवाए गए थे।
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* '''भोरे''': भोरे गोपाल गंज जिला का एक प्रखण्ड है। भोरे से 2 किलोमीटर दक्षिण में शिवाला और रामगढ़वा डीह स्थित है। शिवाला में शिव का मंदिर व पोखरा है। रामगढ़वा डीह के बारे में यह मान्य़ता है कि यहॉं महाभारत काल के राजा भुरिश्वा की राजधानी थी। इस स्थान पर आज भी महलों के खण्डहरों के भग्नावशेष मिलते हैं तथा प्राचीन वस्तुएँ खुदाई के दौरान निकलती हैं। महाराज भुरिश्वा महाभारत के युद्ध में कौरवों के चौदहवें सेनापति थे। महाराज भुरिश्वा के नाम पर ही इस जगह का नाम भोरे पड़ गया ।
 
== यातायात एवं संचार व्यवस्था ==
;सड़क मार्ग:
गोपालगंज जिले से वर्तमान में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग तथा दो राजकीय राजमार्ग गुजरती हैं। [[राष्ट्रीय राजमार्ग 85]] छपरा से सिवान होते हुए गोपालगंज जाती है। लखनऊ से शुरू होनेवाली [[राष्ट्रीय राजमार्ग 28]] जिले से गुजरते हुए [[मुजफ्फरपुर]] और [[बरौनी]] जाती है। राजकीय राजमार्ग संख्या ४५, ४७, ५३ तथा ९० की कुल लंबाई ५२ किलोमीटर है। <ref> [http://rcd.bih.nic.in/Documents/RCD-SH-MDR-Road-Statistics-Aug-09.pdf] गोपालगंज जिले में राजकीय तथा जिला सड़कें </ref> सार्वजनिक यातायात मुख्यतः निजी बसों, ऑटोरिक्शा और निजी वाहनों पर आश्रित है।
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गोपालगंज में ५ राष्ट्रीयकृत तथा २ सहकारी बैक है। [[भारतीय स्टेट बैंक]] तथा [[केनरा बैंक]] [[punjab national बैंक]]ए टी एम सुविधा देती है।
 
== संदर्भ सूची ==
<references/>
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://gopalganj.bih.nic.in/ गोपालगंज जिले का आधिकारिक बेवजाल]
* [http://discoverbihar.bih.nic.in/pages/gopal_place.htm बिहार पर्यटन के बेवजाल पर गोपालगंज जिला]]