"हज़रत निज़ामुद्दीन": अवतरणों में अंतर

No edit summary
छो Bot: अंगराग परिवर्तन
पंक्ति 21:
| place of death = [[दिल्ली]]
}}
'''हजरत निज़ामुद्दीन''' (حضرت خواجة نظام الدّین اولیا) (1325-1236) चिश्ती घराने के चौथे संत थे। इस सूफी संत ने वैराग्य और सहनशीलता की मिसाल पेश की, कहा जाता है कि 1303 में इनके कहने पर मुगल सेना ने हमला रोक दिया था, इस प्रकार ये सभी धर्मों के लोगों में लोकप्रिय बन गए। हजरत साहब ने 92 वर्ष की आयु में प्राण त्यागे और उसी वर्ष उनके मकबरे का निर्माण आरंभ हो गया, किंतु इसका नवीनीकरण 1562 तक होता रहा। दक्षिणी [[दिल्ली]] में स्थित हजरत निज़ामुद्दीन औलिया का मकबरा सूफी काल की एक पवित्र दरगाह है।
 
== जीवनी ==
हज़रत ख्वाज़ा निज़ामुद्दीन औलिया का जन्म [[१२३८]] में [[उत्तरप्रदेश]] के [[बदायूँ]] जिले में हुआ था। ये पाँच वर्ष की उम्र में अपने पिता, अहमद बदायनी, की मॄत्यु के बाद अपनी माता<ref name=khus>[http://www.indiainfoweb.com/delhi/mosques/hazrat-nizamuddin-auliya-dargah.html Nizamuddin Auliya]</ref>, बीबी ज़ुलेखा के साथ दिल्ली में आए। इनकी जीवनी का उल्लेख [[ आइन-इ-अकबरी]], एक १६वीं शताब्दी के लिखित प्रमाण में अंकित है, जो कि [[मुगल सम्राट]] [[अकबर]] के एक नवरत्न मंत्री ने लिखा था<ref name=ain>
[http://persian.packhum.org/persian/main?url=pf%3Ffile%3D00702015%26ct%3D50%26rqs%3D666 Nizamuddin Auliya] ''[[ऐन-इ-अकबरी]]'', by [[अबू-अल-फ़ज़्ल इब्न मुबारक]] , इसका अंग्रेजी अनुवाद “एच. ब्लोक्मैन” और “कर्नल एच.एस.जारेट” ने १८७३-१९०७ में किया। [[Asiatic Society of Bengal|The Asiatic Society of Bengal]], [[Calcutta]], Volume III, Saints of India. (Awliyá-i-Hind), page 365. "बहुतों ने उनके निर्देशन में आध्यात्मिक ऊँचाईयों को छुआ जैसे: शेख नसीरुद्दीन मोहम्मद चिरागी दिल्ली,[[अमीर खुसरो|मीर खुसरो]], शेख अलॉल हक्क,शेख अखी सिराज, [[बंगाल]] में,शेख वजिहूद्दीन यूसुफ़ [[चँदेरी]]में,शेख याकुब और शेख कमाल [[माल्वाह]]में, मौलना घियास धर में, मौलाना मुघिस उजैन में, हुसैन गुजरात में, शेख बर्हानुद्दीन गरीब, शेख मुन्ताखब,ख्वाब हस्सन [[डेक्कन|डेखां]] में "</ref>.
१२६९ में जब निज़ामुद्दीन २० वर्ष के थे, वह अजोधर(जिसे आजकल [[पाकपट्ट्न]] शरीफ,जो कि पाकिस्तान में स्थित है) पहुँचे और सूफी संत [[फरीक्कूद्दीन गंजश्क्कर|फरीद्दुद्दीन गंज-इ-शक्कर]] के शिष्य बन गये, जिन्हें सामान्यतः बाबा फरीद के नाम से जाना जाता था। निज़ामुद्दीन ने अजोधन को अपना निवास स्थान तो नहीं बनाया पर वहाँ पर अपनी आध्यात्मिक पढाई जारी रखी, साथ ही साथ उन्होंने दिल्ली में सूफी अभ्यास जारी रखा। वह हर वर्ष रमज़ान के महीने में बाबा फरीद के साथ [[अजोधन]] में अपना समय बिताते थे। इनके [[अजोधन]] के तीसरे दौरे में बाबा फरीद ने इन्हें अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया, वहाँ से वापसी के साथ ही उन्हें बाबा फरीद के देहान्त की खबर मिली।
 
निज़ामुद्दीन, दिल्ली के पास, घयासपुर में बसने से पहले दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रहे। घयासपुर, दिल्ली के पास, शहर के शोर शराबे और भीड-भड्डके से दूर स्थित था। उन्होंने यहाँ अपना एक “खंकाह” बनाया, जहाँ पर विभिन्न समुदाय के लोगों को खाना खिलाया जाता था, “खंकाह” एक ऐसी जगह बन गयी थी जहाँ सभी तरह के लोग चाहे अमीर हों या गरीब , की भीड जमा रहती थी।
 
इनके बहुत से शिष्यों को आध्यात्मिक ऊँचाई की प्राप्त हुई, जिनमें ’ [[ नसीरुद्दीन चिराग-ए-दिल्ली| शेख नसीरुद्दीन मोहम्मद चिराग-ए-दिल्ली]]”
<ref>[http://timesofindia.indiatimes.com/Opinion/Editorial/In_The_Name_Of_Faith/rssarticleshow/msid-1922531,curpg-2.cms In The Name Of Faith] ''[[Times of India]]'', [[April 19]], [[2007]].</ref>,
“[[अमीर खुसरो]]” <ref name=ain/>,जो कि विख्यात विद्या ख्याल/संगीतकार, और [[दिल्ली सलतनत]] के शाही कवि के नाम से प्रसिद्ध थे।
 
इनकी मृत्यु [[३ अप्रेल]] [[१३२५]] को हुई। इनकी दरगाह, [[ निज़ामुद्दीन दरगाह]] दिल्ली में स्थित है।<ref>[http://wikimapia.org/#lat=28.5904003&lon=77.2446585&z=16&l=0&m=a&v=2&show=/369452/%D8%B1%D9%88%D8%B6%D9%87-%D8%AD%D8%B6%D8%B1%D8%AA-%D9%86%D8%B8%D8%A7%D9%85-%D8%A7%D9%84%D8%AF%D9%8A%D9%86-%D9%88-%D8%A7%D9%85%D9%8A%D8%B1-%D8%AE%D8%B3%D8%B1%D9%88Tomb-of-Kh-Nizamuddin-Aulia Nizamuddin Dargah - Location] ''[[Wikimapia]]''.</ref>,
 
== वंशावली ==
{{कालम|2}}
# हज़रत [[मोहम्म्द]]
# हज़रत [[अली]]
# हज़रत सईदना इमाम [[हुसैन इब्न अली]]
# हज़रत सईदना इमाम [[अली इब्न हुसैन]] ज़ैन-उल-आबेदीन
# हज़रत सईदना इमाम [[मोहम्म्द अल-बकीर]]
# हज़रत सईदना इमाम [[ज़ाफ़र अल-सदीक]]
# हज़रत सईदना इमाम [[मूसा अल-काज़िम]]
# हज़रत सईदना इमाम [[अली अल-रिदा]] (असल में,अली मूसी रज़ा)
# हज़रत सईदना इमाम [[मोहम्म्द अल-ताकी]]
# हज़रत सईदना इमाम [[अली अल-नाकी]]
# हज़रत सईदना जाफ़र बोकारी
# हज़रत सईदना अली अज़गर बोकारी
# हज़रत सईदना अबी अब्दुल्लाह बोकारी
# हज़रत सईदना अहमद बोकारी
# हज़रत सईदना अली बोकारी
# हज़रत सईदना हुसैन बोकारी
# हज़रत सईदना अब्दुल्लाह बोकारी
# हज़रत सईदना अली उर्फ़ दानियल
# हज़रत सईदना अहमद बदायनी
# हज़रत सईदना सईद शाह ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया
</div>
== आध्यात्मिक वंशावली ==
# [[पैगंबर]] हज़रत [[मोहम्म्द]]
# [[अली इब्न अबू तलीब]]
# [[हसन अल-बसरी]]
# [[अब्दुल वाहिद बिन ज़ैद|अब्दुल वाहिद बिन ज़ैद अबुल फ़ाध्ल]]
# [[ फुधैल बिन इयाध|फुधैल बिन इयाधबिन मसूद बिन बिशर तमीमी]]
# [[इब्राहिम बिन आधम]]
# [[हुज़ैफ़ा अल-माराशी]]
# [[अबु हुबैरा बर्सी]]
# [[इल्व मुम्शाद दिन्वारी]]
 
;चिश्ती अनुक्रम का आरंभ:
 
# [[अबू इशाक शमी]]
# [[अबू अहमद अब्दल]]
# [[अबू मोहम्म्द बिन अबी अहमद]]
# [[अबू यूसुफ़ बिन सामान]]
# [[मौदूद चिश्ती]]
# [[शरीफ़ ज़नदनी]]
# [[उस्मान हरूनी]]
# [[मौइनुद्दीन चिश्ती]]
# [[कुत्बुद्दीन बख्तियार काकी]]
# [[फ़रीक्कुद्दीन गंजशकर|फ़रीदुद्दीन मसूद]]
# [[निज़ामुद्दीन औलिया]]
 
 
== शाखाएं ==
{{कालम|2}}
;नसीरिया
पंक्ति 94:
;फ़रीदिया
</div>
== औलिया को मिली उपाधियां ==
* महबूब-ए-इलाही
* सुल्तान-उल-मसहायक
* दस्तगीर-ए-दोजहां
* जग उजियारे
* कुतुब-ए-देहली
 
== उर्स ==
इनका उर्स (परिवाण दिवस) दरगाह पर मनाया जाता है। यह [[रबी-उल-आखिर]] की सत्रहवीं तारीख को ([[हिजरी]] अनुसार) वार्षिक मनाया जाता है। साथ ही हज़रत [[अमीर खुसरो]] का उर्स [[शव्वाल]] की अट्ठारहवीं तिथि को होता है।
 
== दरगाह ==
दरगाह में संगमरमर पत्थर से बना एक छोटा वर्गाकार कक्ष है, इसके संगमरमरी गुंबद पर काले रंग की लकीरें हैं। मकबरा चारों ओर से मदर ऑफ पर्ल केनॉपी और मेहराबों से घिरा है, जो झिलमिलाती चादरों से ढकी रहती हैं। यह इस्लामिक वास्तुकला का एक विशुद्ध उदाहरण है। दरगाह में प्रवेश करते समय सिर और कंधे ढके रखना अनिवार्य है। धार्मिक गात और संगीत इबादत की सूफी परंपरा का अटूट हिस्सा हैं। दरगाह में जाने के लिए सायंकाल 5 से 7 बजे के बीच का समय सर्वश्रेष्ठ है, विशेषकर वीरवार को, मुस्लिम अवकाशों और त्यौहार के दिनों में यहां भीड़ रहती है। इन अवसरों पर कव्वाल अपने गायन से श्रद्धालुओं को धार्मिक उन्माद से भर देते हैं। यह दरगाह निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन के नजदीक मथुरा रोड से थोड़ी दूरी पर स्थित है। यहां दुकानों पर फूल, लोहबान, टोपियां आदि मिल जाती हैं।
 
== अमीर खुसरो ==
{{main|अमीर खुसरो}}
अमीर खुसरो, हज़रत निजामुद्दीन के सबसे प्रसिद्ध शिष्य थे, जिनका प्रथम उर्दू शायर तथा उत्तर भारत में प्रचलित शास्त्रीय संगीत की एक विधा ख्याल के ज्ानक के रूप में सम्मान किया जाता है। खुसरो का लाल पत्थर से बना मकबरा उनके गुरु के मकबरे के सामने ही स्थित है। इसलिए हजरत निज़ामुद्दीन और अमीर खुसरो की बरसी पर दरगाह में दो सर्वाधिक महत्वपूर्ण उर्स (मेले) आयोजित किए जाते हैं।
 
== संदर्भ ==
<references/>
== बाहरी सूत्र ==
* [http://www.aulia-e-hind.com औलिया-अल्लाह पर वीश्व की सबसे बड़ी साइट]
* [http://www.NizamuddinAulia.com हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया- महबूब-ए-इलाही पर जालस्थल]
पंक्ति 119:
* [http://www.dargahsharif.com/k4%20mehboobpak.htm ''हज़रत ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया''., ''मोइनुद्दीन चिश्ती'' जालस्थल पर]
 
[[Categoryश्रेणी:१२३८ जन्म|औलिया, निज़ामुद्दीन]]
[[Categoryश्रेणी:१३२५ मृत्यु|औलिया, निज़ामुद्दीन]]
[[Categoryश्रेणी:भारतीय सूफी]]
[[Categoryश्रेणी:भारत में इस्लाम]]
[[Categoryश्रेणी:पाकिस्तान में इस्लाम]]
[[Categoryश्रेणी:चिश्ती मत]]
[[Categoryश्रेणी:उत्तर प्रदेश के लोग]]
[[Categoryश्रेणी:बदायुं के लोग]]
[[Categoryश्रेणी:दिल्ली के लोग]]
[[Categoryश्रेणी:अरब से भारतीय]]
 
[[श्रेणी:दिल्ली]]
[[श्रेणी:सूफी]]