"तृतीय कल्प": अवतरणों में अंतर

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मध्यजीव महाकल्प के जीव एवं वनस्पति शनै: शनै: लुप्त हो गए और उनका स्थान नवीन श्रेणी के जीवों ने ले लिया। ऐमोनाइडिया वर्ग (Ammonoidea) और वेलेमनिटिडी (Belemnitidae) कुल का ह्रास हो गया। रेंगनेवाले जीव, जिनकी प्रधानता पूरे मध्यजीव महाकल्प में रही, अब प्राय: विलुप्त हो गए। इस काल की वनस्पति भी बदलने लगी और अनेक पौधे, जिनका पहले बाहुल्य था अब समाप्त हो गए। जीवों एवं वनस्पतियों में इतना परिवर्तन एक नए युग के आगमन की सूचना देने लगा। जीवविकास के इतिहास में एक नया प्रकरण आरंभ हो गया। स्तनधारी जीवों ने अब मध्यजीव महाकल्प के रेंगनेवाले जीवों का स्थान ले लिया और धीरे धीरे उनकी प्रधानता सारे संसार के अन्य जीवों में हो गई। वनस्पति में फूलनेवाले पौधों की बहुलता हो गई। इन परिवर्तनों के साथ साथ भूपटल पर इतने अधिक परिवर्तन हुए कि मध्यजीव महाकल्प के समय की पृथ्वी की आकृति का पूरा कायापलट हो गया। यूरोप में आल्पस और एशिया में हिमालय ने अपनी प्रधानता जमा ली और मध्यजीव महाकल्प के भूमध्यसागर का अंत हो गया। इस प्रकार भौमकीय इतिहास में तृतीय कल्प का विशेष स्थान है, क्योंकि इसी युग में भारत की वर्तमान सीमाओं का विस्थापन हुआ। उत्तर में हिमालय तथा दक्षिण में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का अब जाकर अपने वर्तमान रूपाकर में निरूपण हुआ।
 
== तृतीय कल्प का विस्तार एवं काल प्रकरण के अनुसार वर्गीकरण ==
तृतीय कल्प की शिलाएँ पृथ्वी पर व्यापक रूप में विस्तृत हैं। इस युग के अंतर्गत दो प्रकार के निक्षेप मिले हैं।
 
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काल प्रकरण के अनुसार तृतीय कल्प के अंतर्गत आदिनूतन (Eocene), अधिनूतन (Oligocene), अल्पनूतन (Miocene), अतिनूतन (Pliocene) के चार युग आते हैं। अमरीका और अन्य कई स्थानों में इन चार के अतिरिक्त एक और युग आता है जो पुरानूतन (Palaeocene) के नाम से विख्यात है।
 
== तृतीय कल्प के जीव और वनस्पति ==
इस युग के जीवों में फोरेमिनीफेरा (Foraminifera) अरीढ़धारियों मे और स्तनधारी जीव रीढ़धारियों में मुख्य हैं। फोरेमिनीफेरा वर्ग में न्यूमूलाइटिस (Nummulites) का स्थान महत्वपूर्ण है, क्योंकि सारे विश्व में इस युग के शैलसमूहों में इनका बाहुल्य एवं प्रधानता है। प्रवालों में छिद्रधारी प्रवाल अधिक मिलते हैं। एकिनाइडिया (Echinoidea) वर्ग में हार्ट अरचीन (Heart urchin) बहुतायत से पाए जाते थे, परंतु तृतीय कल्प के जीवविकास में स्तनधारी वर्ग के जीवों का विकास मुख्य है। मध्यजीव महाकल्प में स्तनधारी जीव छोटे एवं कम संख्या में थे, परंतु अब धीरे धीरे इनकी प्रधानता होने लगी; यहाँ तक कि मध्य तृतीय कल्प में संसार के सारे जीवों में ये श्रेष्ठ हो गए। रेंगने वाले जीवों में से जो मध्यजीव महाकल्प में सारी पृथ्वी एवं आकाश तक छा गए थे, अब एक आध ही रह गए हैं। वनस्पतिजगत्‌ में फूलनेवाले पौधों की प्रधानता हो गई।
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[मध्यनूतन युग]]
* [[अतिनूतन युग]]
* [[आदिनूतन युग]]
 
[[श्रेणी:पृथ्वी]]