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'''त्रिभाषा सूत्र''' (Three-language formula) [[भारत]] में [[भाषा]]-[[शिक्षा|शिक्षण]] से सम्बन्धित नीति है जो भारत सरकार द्वारा राज्यों से विचार-विमर्श करके बनायी गयी है। यह सूत्र (नीति) सन् १९६८ में स्वीकार किया गया।
 
== परिचय ==
[[भारतीय संविधान]] की धारा 343, धारा 348 (2) तथा 351 का सारांश यह है कि [[देवनागरी लिपि]] में लिखी और मूलत: [[संस्कृत]] से अपनी [[पारिभाषिक शब्दावली]] को लेने वाली [[हिन्दी]] भारतीय संघ की [[राजभाषा]] है। इसमें रोमन अंकों का व्यवहार होगा।
 
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यह संस्तुति राज्यों के लिए बाध्यता मूलक नहीं थी क्योंकि शिक्षा राज्यों का विषय है। सन् 2000 में यह देखा गया कि कुछ राज्यों में हिन्दी और अंग्रेजी के अतिरिक्त इच्छानुसार संस्कृत, अरबी, फ्रेंच, तथा पोर्चुगीज भी पढ़ाई जाती हैं। त्रिभाषा सूत्र में 1-शास्त्रीय भाषाएं जैसे [[संस्कृत]], [[अरबी]], [[फारसी]]। 2-राष्ट्रीय भाषाएं 3-आधुनिक यूरोपीय भाषाएं हैं। इन तीनों श्रेणियों में किन्हीं तीन भाषाओं को पढ़ाने का प्रस्ताव है। संस्तुति यह भी है कि हिन्दीभाषी राज्यों में दक्षिण की कोई भाषा पढ़ाई जानी चाहिए।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.education.nic.in/cd50years/u/47/3X/473X0I01.htm]
* [http://ccat.sas.upenn.edu/~haroldfs/540/handouts/indiapol/node17.html]
* [http://www.chennaionline.com/colnews/newsitem.asp?NEWSID=%7B42F98D1E-C5A2-456C-8941-77AEE9978324%7D&CATEGORYNAME=CHN]
* [http://www.iqra-careers.com/c37a1.html]
* [http://www.eric.ed.gov/ERICWebPortal/custom/portlets/recordDetails/detailmini.jsp?_nfpb=true&_&ERICExtSearch_SearchValue_0=EJ385493&ERICExtSearch_SearchType_0=no&accno=EJ385493]
 
[[श्रेणी:भारतीय भाषाएँ]]