"थियिसोफिकल सोसाइटी": अवतरणों में अंतर

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सांस्कृतिक दृष्टि से इस संस्था द्वारा प्रचारित चिंतनपद्धति विज्ञान, धर्म और दर्शन के संश्लेषण द्वारा आत्मचेतना के विकास की प्रेरणा प्रदान करती है। सोसाइटी का लक्ष्य ऐसे मानव समाज का निर्माण करना है जिसमें सेवा, सहिष्णुता, आत्मविश्वास और समत्व भाव स्वयंसिद्ध हों।
 
== स्थापना ==
[[रूस]]निवासी महिला मैडम [[हैलना पैट्रोवना ब्लैवैटस्की]] (H. p. Blavatsky) और [[यूएसए|अमरीका]] निवासी [[कर्नल हेनरी स्टील ओलकोट]] ने 17 नवंबर, सन् 1875 को [[न्यूयार्क]] में थियोसॉफिकल सोसाइटी की स्थापना की।
 
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इसका मुखपत्र मासिक "थियोसॉफिस्ट" है। इसकी स्थापना सन् 1879 में मैडम ब्लैवेट्स्की द्वारा हुई थी।
 
== अध्यक्ष ==
इसके अध्यक्षों की परंपरा इस प्रकार है -- कर्नल आलकौट, श्रीमती [[ऐनी बेसैंट]], श्री अरंडेल तथा सी जिनराजदास, नीलकंठन श्रीराम
 
== सदस्य संख्या ==
आरंभ में इसके सदस्यों की संस्था 16 थी। [[ग्रामोफोन]] के आविष्कारक [[टॉमस अल्वा एडिसन|टॉमस एडीसन]] आरंभिक 16 सदस्यों में से एक थे। मैडम ब्लैवेटस्की उन इनेगिने व्यक्तियों में थीं जिनकी आवाज को ग्रामोफोन में भरकर आरंभिक प्रदर्शन किए गए थे। आजकल इस संस्था की शाखाएँ, उपशाखाएँ 55 देशों में हैं तथा इसके सदस्यों की संख्या 35 हजार से अधिक हैं।
 
== उद्देश्य ==
आरंभ में थियोसाफिकल सोसाइटी का उद्देश्य विश्व के संचालित करने वाले नियमों के संबंध में ज्ञान का अर्जन एवं उसका वितरण था। सन् 1875 से लेकर 1896 तक की कालावधि में उद्देश्यों में कई बार परिवर्तन किया गया और सन् 1896 में उद्देश्यों को निम्नलिखित वर्तमान रूप में निर्धारित किया गया।
 
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इसका लक्ष्य सत्य की खोज है, मूलमंत्र शांति है तथा इसका आदर्श वाक्य है, "सत्य से श्रेष्ठतर कोई धर्म नहीं है।"
 
== कतिपय सिद्धांत ==
सोसाइटी के साहित्य में निम्न लिखित सिद्धांतों और विषयों की विशेष चर्चा की गई है।
 
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10. विचार और उनका प्रभाव।
 
== विशेषता ==
व्यक्तिगत मोक्ष अथवा निर्वाण पर बल न देकर सोसाइटी समाजसेवा पर बल देती है। दयादाक्षिण्य के अवतार बुद्ध एवं परदु:खकातरता के साकार स्वरूप रंतिदेव इसके प्रेरणास्रोत हैं। संसार के कर्मभार को हल्का करना इसके साधक सदस्यों के जीवन की चरम साधना है।
 
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चूँकि यह संस्था प्रत्येक सदस्य को मन, वचन और कर्म की पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान करती है, इसलिये यह अपने रूप को स्पष्ट और पृथक् रखना चाहती है। फलत: न तो यह अन्य किसी संस्था को अपना अंग बनाती है और न किसी अन्य संस्था के साथ किसी प्रकार का संबंध या समझौता ही स्थापित करती है।
 
== सोसाइटी का विशेष चिह्न अथवा मोहर ==
उद्देश्यों एवं मान्यताओं के अनुरूप ही सोसइटी की मोहर है; -- परस्पर मिले हुए इन दो त्रिभुजों के द्वारा षट्कोण ग्रह बनता है। उत्तर की ओर शीर्षवाला त्रिभुज आध्यात्मिक जगत् का प्रतीक है और दक्षिण की ओर शीर्ष वाला त्रिभुज भौतिक (जड़) जगत् का प्रतीक है। भारतवर्ष में इसे विष्णु की मुद्रा तथा पश्चिम में इसे सुलेमान की मोहर (Solomon's seal) और डेविड की मुद्रा (David's shield) कहते हैं।
 
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इसके ऊपर "ॐ" तथा नीचे ये शब्द अंकित रहते हैं -- सत्यान्नास्ति परो धर्म:। (सत्य के अलावा कोई दूसरा धर्म नहीं है)
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.theosophicalatlanta.webs.com/ - The Theosophical Society in Atlanta]
* [http://www.theosophy.org.za - The Theosophical Society in SOUTHERN AFRICA]
* [http://www.phx-ult-lodge.org/theosophica%20lmovement.htm Theosophical movement 1875 - 1950] (39ff.)
* [http://www.theosophical.org/resources/books/esotericworld/index.php ''Esoteric World of Madame Blavatsky'']
* [http://www.hermetics.org/pdf/A_Modern_Revival_of_Ancient_Wisdom.pdf Modern Revival of Ancient Wisdom] (pp. 58ff.)
* [http://web.archive.org/web/20040617080517/blavatskyarchives.com/olcott1890.htm Beginnings of the TS]
* [http://www.theosociety.org/pasadena/gfk-lamp/lamps-14.htm H.P. Blavatsky and The Theosophical Society]
* [http://www.katinkahesselink.net/faq/tm_faq.htm FAQ on the Theosophical movement]
* [http://www.blavatskyhouse.org/theosophicalsociety.html Historical background of The Theosophical Society]
* [http://www.theosophical-society.org.uk/ The Theosophical Society UK]
* [http://www.skepdic.com/theosoph.html Skeptics Dictionary entry on Theosophy]
 
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