"श्याम नारायण पाण्डेय": अवतरणों में अंतर

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[[Fileचित्र:श्याम940.jpg|thumb|150px|वीर रस के कवि श्याम नारायण पाण्डेय (1907-1991)]]
'''श्याम नारायण पाण्डेय''' (1907 - 1991) ''वीर रस'' के सुविख्यात हिन्दी [[कवि]] थे। आप केवल कवि ही नहीं अपितु अपनी ओजस्वी वाणी में ''वीर रस'' के अनन्यतम प्रस्तोता भी थे । आपने चार उत्कृष्ट [[महाकाव्य]] रचे, जिनमें [[हल्दीघाटी (काव्य)]] सर्वाधिक लोकप्रिय और [[जौहर(काव्य)]] विशेष चर्चित हुए। हल्दीघाटी में वीर शिरोमणि [[महाराणा प्रताप]] के जीवन और जौहर में चित्तौड की ''रानी पद्मिनी'' के आख्यान हैं। [[हल्दीघाटी]] के नाम से विख्यात [[राजस्थान]] की इस ऐतिहासिक वीर भूमि के लोकप्रिय नाम पर लिखे गये हल्दीघाटी महाकाव्य पर आपको उस समय का सर्वश्रेष्ठ सम्मान ''देव पुरस्कार'' प्राप्त हुआ था। अपनी ओजस्वी वाणी के कारण आप [[कवि सम्मेलन]] के मंचों पर अत्यधिक लोकप्रिय हुए। आपकी आवाज मरते दम तक चौरासी वर्ष की आयु में भी वैसी ही कड़कदार और प्रभावशाली बनी रही जैसी युवावस्था में थी।
 
== जीवनी ==
[[श्याम नारायण पाण्डेय]] का जन्म श्रावण कृष्ण पंचमी सम्वत् 1964,तदनुसार ईसवी सन् 1907 में [[ग्राम]] डुमराँव, मऊ, [[आजमगढ़]] ([[उत्तर प्रदेश]]) में हुआ। आरम्भिक शिक्षा के बाद आप [[संस्कृत]] अध्ययन के लिए [[काशी]] चले आये। यहीं रहकर काशी विद्यापीठ से आपने [[हिन्दी]] में साहित्याचार्य किया। द्रुमगाँव (डुमराँव) में अपने घर पर रहते हुए ईसवी सन् 1991 में 84 वर्ष की आयु में आपका निधन हुआ। मृत्यु से तीन वर्ष पूर्व [[आकाशवाणी]] गोरखपुर में अभिलेखागार हेतु आपकी आवाज में आपके जीवन के संस्मरण रिकार्ड किये गये।
 
उनका लिखा हुआ [[महाकाव्य]] जौहर भी अत्यधिक लोकप्रिय हुआ। उन्होंने यह महाकाव्य [[चित्तौड]] की महारानी [[पद्मिनी]] के वीरांगना चरित्र को चित्रित करने के उद्देश्य को लेकर लिखा था<ref name=skdhil>Das, Sisir Kumar, "A Chronology of Literary Events / 1911&ndash;1956", in Das, Sisir Kumar and various, [http://books.google.com/books?id=sqBjpV9OzcsC&printsec=frontcover ''History of Indian Literature: 1911-1956: struggle for freedom: triumph and tragedy, Volume 2''], 1995, published by [[Sahitya Akademi]], ISBN 978-81-7201-798-9, retrieved via Google Books on December 23, 2008</ref>।.
 
== कृतियाँ ==
* [[हल्दीघाटी (काव्य)|हल्दीघाटी]]
* [[जौहर(काव्य)|जौहर]]
* [[तुमुल]]
* [[रूपान्तर]]
* [[आरती(काव्य)|आरती]]
* [[जय-पराजय]]
* [[गोरा-वध]]
* [[जय हनुमान]]
* [[शिवाजी |शिवाजी (महाकाव्य)]]
 
== उदाहरण ==
श्याम नारायण पाण्डेय की वीर रस [[शैली]] का एक उदाहरण उनके प्रसिद्ध खण्डकाव्य ''जय हनुमान'' से-
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कपीश के शरीर में प्रभा स्वयं समा गयी।
 
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
== इन्हें भी देखें ==
* [[कवि सम्मेलन]]
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%B9%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%98%E0%A4%BE%E0%A4%9F%E0%A5%80_/_%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A3_%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A3%E0%A5%8D%E0%A4%A1%E0%A5%87%E0%A4%AF '''हल्दीघाटी'''] - यहाँ सभी सर्ग उपलब्ध हैं।
* [http://www.bharatdarshan.co.nz/hindi/index.php?page=Hindi_poetry_during_freedom भारत का स्वाधीनता यज्ञ और हिन्दी काव्य]
* [http://www.geeta-kavita.com/hindi_sahitya.asp?id=170 हल्दीघाटी का युद्ध और पुस्तक के अंश]
{{भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के कवि}}