"श्रीधर व्यंकटेश केतकर": अवतरणों में अंतर

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डॉ. '''श्रीधर व्यंकटेश केतकर''' ([[०२ फरवरी, १८८४ - १० अप्रैल, १९३७]]) [[मराठी भाषा]] के प्रथम ज्ञानकोश के जनक-संपादक, समाजशास्त्रज्ञ, कादंबरीकार, इतिहास-संशोधक व विचारवंत थे। [[मराठी ज्ञानकोश]] के महनीय कार्य के कारण उन्हें 'ज्ञानकोशकार केतकर' नाम से पुकारा जाता है।
 
== परिचय ==
श्रीधर वेंकटेश केतकर [[मराठी विश्वकोश]] (ज्ञानकोश) के सुविख्यात संपादक। उनकी प्रारंभिक शिक्षा बड़े अनियमित ढंग से चली। विविध विषयों का ज्ञान प्राप्त करने में उन्होंने अच्छी रुचि दिखलाई और साहित्य संबंधी अनेक क्रियाकलापों में उत्साहपूर्वक दिलचस्पी ली, फिर भी वे यहाँ विश्वविद्यालय की कोई उपाधि प्राप्त न कर सके। सन्‌ 1906 में वे अमरीका चले गए। कॉर्नेल विश्वविद्यालय में पाँच वर्ष बिताने के बाद 1911 में उन्होंने पी-एच. डी. वी उपाधि प्राप्त की। उनके शोधप्रबंध का शीर्षक था 'भारत में जातियों का इतिहास'। इसमें उन्होंने मनुस्मृति में परिलक्षित सामाजिक स्थितियों का विवेचनात्मक विश्लेषण किया (मनुस्मृति का रचनाकाल उन्होंने 227 से 320 ई. के बीच में माना है)। इसके परिशिष्ट रूप में दिए गए लेख 'जाति और मानव-जाति-विज्ञान' में उन्होंने 'वर्ण' तथा 'जाति' के मौलिक भेद पर बल दिया। अमरीका में उन्होंने अपना समय विविध विषयों का ज्ञान प्राप्त करने में बिताया जो उनके जीवन के मुख्य ग्रंथ मराठी ज्ञान कोश के निर्माण में सहायक हुअ। लौटते समय एक वर्ष तक वे लंदन में रुके और वहाँ भी सामाजिक विषयों संबंधी अध्ययन एवं गवेषण कार्य जारी रखा। यहाँ उन्होंने जातियों के इतिहास का दूसरा खंड 'हिंदुत्व पर निबंध' नाम से प्रकाशित किया।