"हिन्दू मापन प्रणाली": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो Robot: Removing pl,lt (strongly connected to hi:कल्प),fr,en,ta (strongly connected to hi:हिन्दू काल गणना) |
छो Bot: अंगराग परिवर्तन |
||
पंक्ति 4:
[[संस्कृत]] कें '''शुल्ब''' शब्द का अर्थ '''नापने की रस्सी''' या डोरी होता है। अपने नाम के अनुसार [[शुल्ब सूत्र|शुल्ब सूत्रों]] में यज्ञ-वेदियों को नापना, उनके लिए स्थान का चुनना तथा उनके निर्माण आदि विषयों का विस्तृत वर्णन है।
== समय ==
{{मुख्य|हिन्दू काल गणना}}
पंक्ति 38:
हिन्दू समय मापन, ('''काल व्यवहार''') का सार निम्न लिखित है:
[[
=== नाक्षत्रीय मापन ===
* एक '''परमाणु''' = मानवीय चक्षु के पलक झपकने का समय = लगभग 4 सैकिण्ड
* एक '''विघटि''' = ६ परमाणु = (विघटि) is २४ सैकिण्ड
* एक '''घटि या घड़ी''' = 60 विघटि = २४ मिनट
* एक '''[[मुहूर्त]]'''
* एक '''नक्षत्र अहोरात्रम''' या नाक्षत्रीय दिवस = 30 मुहूर्त (दिवस का आरम्भ सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक, ना कि अर्धरात्रि से)
[[विष्णु पुराण]] में दिया गया अक अन्य वैकल्पिक पद्धति [http://www.sacred-texts.com/hin/vp/vp037.htm समय मापन पद्धति अनुभाग, विष्णु पुराण, भाग-१, अध्याय तॄतीय] निम्न है:
* 10 पलक झपकने का समय = 1 काष्ठा
* 35 काष्ठा= 1 कला
* 20 कला= 1 मुहूर्त
* 10 मुहूर्त= 1 दिवस (24 घंटे)
* 50 दिवस= 1 मास
* 6 मास= 1 अयन
* 2 अयन= 1 वर्ष, = १ दिव्य दिवस
=== छोटी वैदिक समय इकाइयाँ ===
* एक '''तॄसरेणु'''
* एक '''त्रुटि'''
* एक '''वेध'''
* एक '''लावा'''
* एक '''निमेष''' = 3 ''लावा'', या पलक झपकना
* एक '''क्षण'''
* एक '''काष्ठा''' = 5 ''क्षण'', = 8 सैकिण्ड
* एक '''लघु''' =15 ''काष्ठा'', = 2 मिनट.[http://vedabase.net/sb/3/11/7/en1]
* 15 '''लघु''' = 1 ''नाड़ी'', जिसे ''दण्ड'' भी कहते हैं. इसका मान उस समय के बराबर होता है, जिसमें कि छः पल भार के (चौदह आउन्स) के ताम्र पात्र से जल पूर्ण रूप से निकल जाये, जबकि उस पात्र में चार मासे की चार अंगुल लम्बी सूईं से छिद्र किया गया हो. ऐसा पात्र समय आकलन हेतु बनाया जाता है.
* 2 '''दण्ड''' = 1 ''[[मुहूर्त]]''.
* 6 या 7 '''मुहूर्त''' = 1 ''याम'', या एक चौथाई दिन या रत्रि. [http://vedabase.net/sb/3/11/8/en1]
* 4 '''याम या प्रहर''' = 1 दिन या रात्रि. [http://vedabase.net/sb/3/11/10/en1]
=== चाँद्र मापन ===
* एक ''[[तिथि]]'' वह समय होता है, जिसमें [[सूर्य]] और [[चंद्र]] के बीच का देशांतरीय कोण बारह अंश बढ़ जाता है। तुथियां दिन में किसी भी समय आरम्भ हो सकती हैं, और इनकी अवधि उन्नीस से छब्बीस घंटे तक हो सकती है.
* एक ''पक्ष'' या पखवाड़ा = पंद्रह तिथियां
* एक मास = २ पक्ष ( [[पूर्णिमा]] से [[अमावस्या]] तक [[कॄष्ण पक्ष]]; और [[अमावस्या]] से [[पूर्णिमा]] तक [[शुक्ल पक्ष]])[http://www.sanskrit.org/www/Astronomy/HinduCalendar.html]
* एक ''[[ॠतु]]'' = २ मास
* एक ''अयन'' = 3 '''ॠतुएं'''
* एक ''[[वर्ष]]'' = 2 '''अयन''' [http://vedabase.net/sb/3/11/11/en1]
=== ऊष्ण कटिबन्धीय मापन ===
* एक '''याम''' = 7½ ''घटि''
* 8 ''याम'' अर्ध दिवस = दिन या रात्रि
* एक '''अहोरात्र''' = नाक्षत्रीय दिवस (जो कि सूर्योदय से आरम्भ होता है)
=== अन्य अस्तित्वों के सन्दर्भ में काल-गणना ===
;[[पितॄ|पितरों]] की समय गणना
पंक्ति 112:
;ब्रह्मा की काल गणना
* 1000 महायुग= 1 कल्प =
(दो ''कल्प'' ब्रह्मा के एक दिन और रात बनाते हैं)
* 30 ब्रह्मा के दिन = 1 ब्रह्मा का मास (दो खरब 59 अरब 20 करोड़ मानव वर्ष)
पंक्ति 122:
<table border="1" cellspacing="0">
<caption> '''चारों युग''' </caption>
<tr><td> 4 चरण (1,728,000
<tr><td> 3 चरण (1,296,000 सौर वर्ष) </td><td>[[त्रेता युग]] </td></tr>
<tr><td> 2 चरण (864,000 सौर वर्ष)</td><td>[[द्वापर युग]] </td></tr>
पंक्ति 131:
:* एक उपरोक्त युगों का चक्र = एक महायुग (43 लाख 20 हजार सौर वर्ष)
:* [[श्रीमद्भग्वदगीता]] के अनुसार "सहस्र-युग अहर-यद ब्रह्मणो विदुः", अर्थात ब्रह्मा का एक दिवस = 1000 महायुग. इसके अनुसार ब्रह्मा का एक दिवस = 4 अरब 32 खरब सौर वर्ष. इसी प्रकार इतनी ही अवधि ब्रह्मा की रात्रि की भी है.
:* एक '''मन्वन्तर''' में 71 महायुग (306,720,000 सौर वर्ष) होते हैं. प्रत्येक मन्वन्तर के शासक एक मनु होते हैं.
:* प्रत्येक मन्वन्तर के बाद, एक संधि-काल होता है, जो कि कॄतयुग के बराबर का होता है (1,728,000 = 4 चरण) (इस संधि-काल में प्रलय होने से पूर्ण पॄथ्वी जलमग्न हो जाती है.)
:*
:* ब्रह्मा का एक दिन बराबर है:
::(14 गुणा 71 महायुग)
::= 994 महायुग +
::= 994 महायुग + (6 x 10) चरण
पंक्ति 147:
::= 1,000 महायुग
=== पाल्या ===
एक पाल्य समय की इकाई है, यह बराबर होती है, भेड़ की ऊन का एक योजन ऊंचा घन बनाने में लगा समय, यदि प्रत्येक सूत्र एक शताब्दी में चढ़ाया गया हो। इसकी दूसरी परिभाषा अनुसार, एक छोटी चिड़िया द्वारा किसी एक वर्ग मील के सूक्ष्म रेशों से भरे कुंए को रिक्त करने में लगा समय, यदि वह प्रत्येक रेशे को प्रति सौ वर्ष में उठाती है।
यह इकाई भगवान आदिनाथ के अवतरण के समय की है। यथार्थ में यह 100,000,000,000,000 पाल्य पहले था।
=== वर्तमान तिथि ===
कोई भी शुभ कार्य करने के पहले हिन्दुओं में जो संकल्प लिया जाता है उसमें भारतीय कालगणना की महानता दृष्टिगत है -
...श्री ब्रह्मणो
हम वर्तमान में वर्तमान ब्रह्मा के इक्यावनवें वर्ष में सातवें मनु, वैवस्वत मनु के शासन में श्वेतवाराह कल्प के द्वितीय परार्ध में, अठ्ठाईसवें कलियुग के प्रथम वर्ष के प्रथम दिवस में विक्रम संवत २०६४ में हैं। इस प्रकार अबतक पंद्रह शंख पचास खरब वर्ष इस ब्रह्मा को सॄजित हुए हो गये हैं।
पंक्ति 161:
वर्तमान कलियुग दिनाँक [[17 फरवरी]] / [[18 फरवरी]] को [[32 वीं शताब्दी ई.पू.|3102]] ई.पू. में हुआ था, ग्रेगोरियन कैलेण्डर के अनुसार।
== लम्बाई की इकाइयाँ ==
{{मुख्य|हिन्दू लम्बाई गणना}}
[[पृथ्वी]] की लम्बाई हेतु सर्वाधिक प्रयोगित इकाई है '''योजन''' । धार्मिक विद्वान [[भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद]] द्वारा उनके पौराणिक अनुवादों में सभी स्थानों पर योजन की लम्बाई को 8 मील (13 कि.मी.)
=== छोटी इकाइयां ===
इसकी अन्य इकाइयां इस प्रकार हैं:
[[चित्र:हिन्दू हस्त परिमाण.JPG|right|250px|thumb|हिन्दू हस्त परिमाण- अंगुष्ठ से विभिन्न अंगुलियों की दूरियां]]
* 8 यव = 1 अंगुल
* 1 अंगुल = 16 मिमी से 21 मिमी (mm)
* 4 अंगुल = एक धनु ग्रह = 62 मिमी से 83 मिमी;
* 8 अंगुल = एक धनु मुष्टि (अंगुष्ठ उठा के) = 125 mm से 167 mm ;
* 12 अंगुल = 1 वितस्ति (अंगुष्ठ के सिरे से पूरे हाथ को खोल कर कनिष्ठिका अंगुली के सिरे तक की दूरी) = 188 mm से 250 mm
* 2 वितस्ति = 1 अरत्नि (हस्त) = 375 mm से 500 mm
* 4 अरति = 1 दण्ड = 1.5 से 2.0 m
* 2 दण्ड = 1 धनु = 3 से 4 m
* 5 धनु = 1 रज्जु = 15 m से 20 m
* 2 रज्जु = 1 परिदेश = 30 m से 40 m
* 100 परिदेश = 1 क्रोश या कोस (या गोरत) = 3 किमी (km) से 4 किमी
* 4 कोस या कोश = 1 योजन = 13 km से 16 km
* 1,000 योजन = 1 महायोजन = 13,000 Km से 16,000 Km
=== रज्जु या रजलोक ===
एक रजलोक होता है - एक देवता द्वारा 2,057,152 योजन प्रति समय की गति से छः मास में तय की दूरी।
* 7 रज्जु = 1 जगश्रेणी
=== क्षेत्रफ़ल की इकाइयाँ ===
;बीघा (भारत में)
एक बीघा बराबर है:
* 2500 वर्ग मीटर (राजस्थान) में
* 1333.33 वर्ग मीटर (बंगाल)में
* 14,400 वर्ग फ़ीट (1337.8 m²) या 5 कथा (आसाम) में, एक कथा = 2,880 वर्ग फ़ीट (267.56 m²).
* एक कठ्ठा= 720
; बीघा (नेपाल में)
*
*
*
*
*
*
== भार की इकाइयाँ ==
{{मुख्य|हिन्दू भार मापन}}
=== रत्ती ===
एक '''रत्ती ''' भारतीय पारंपरिक भार मापन इकाई है, जिसे अब 0.12125 ग्राम पर मानकीकृत किया गया है। यह रत्ती के बीज के भार के बराबर होता था।
* 1 तोला = 12 माशा
* 1 माशा = 8 रत्ती
* 1 धरनी = 2.3325 किलोग्राम (लगभग 5.142 पाउण्ड) = 12 पाव (यह [[नेपाल]] में प्रयोग होती थी)।
पंक्ति 217:
* १ सेर = ८० तोला चावल का भार
== इन्हें भी देखें ==
{|
|-valign=top
पंक्ति 226:
|
* [[भारतीय गणित]]
* [[हिन्दू गणना महत्ता के क्रम]]
|-
|<br />'''हिन्दू शास्त्र
|-valign=top
|
पंक्ति 242:
|}
== टिप्पणी ==
{{reflist}}
== सन्दर्भ ==
* Ebenezer Burgess. "Translation of the Surya-Siddhanta, a text-book of Hindu Astronomy", ''Journal of the American Oriental Society'' '''6''' (1860): 141–498.
* Victor J. Katz. ''A History of Mathematics: An Introduction'', 1998.
* Dwight William Johnson. ''[http://www.aaronsrod.com/time-cycles Exegesis of Hindu Cosmological Time Cycles]'', 2003.
* Alaska Mark. ''[http://www.thearchimedeandual.com/platonic/Eastern/surya_siddanta_commentary/surya_siddhanta.htm Surya Siddhanta, Chapter I with Commentary and Illustrations]'', 2005.
== बाहरी कड़ियां ==
* [http://www.sacred-texts.com/hin/vp/vp037.htm विष्णु पुराण भाग एक, अध्याय तॄतीय का काल-गणना अनुभाग]
* [http://www.geocities.com/profvk/gohitvip/41.html
* [http://vinaymangal.googlepages.com/VedicTimeTravel.pdf वैदिक समय यात्रा, विनय मंगल द्वारा विस्तॄत वर्णन]
* [http://texts.00.gs/28_Maha-yuga-s.htm '''महायुग''']
* [http://infovinity.wordpress.com/2008/12/15/हिन्दु-कालगणना-सुक्ष्मतम/ हिन्दु कालगणना : सुक्ष्मतम से विराट तक]
<!--Categories-->
<!--Interwiki-->▼
[[श्रेणी:खगोलशास्त्र पुस्तकें]]
[[श्रेणी:हिन्दू खगोलशास्त्र]]
Line 272 ⟶ 274:
[[श्रेणी:हिन्दू शिक्षा]]
▲<!--Interwiki-->
[[de:Kalpa]]
|