"धूम्रपान": अवतरणों में अंतर

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=== शुरुआती उपयोग ===
 
[[Fileचित्र:Aztec feast 1.jpg|thumb|left|एज़्टेक महिलाओं को बैंकट में खाने के पहले फुल और स्मोकिंग ट्यूब्स पकड़ा दी जाते हैं, फ्लोरेंटाइन कोडेक्स, 1500]]
धूम्रपान का इतिहास लगभग 5000 ई.पू. शामानी वाद के समय का है.<ref>गेट्ली देखें; विल्बर्ट</ref> कई प्राचीन सभ्यताओं जैसे बेबीलोनियन, भारतीय और चीनी, धार्मिक अनुष्ठानों में धूप जलाते थे, जिस प्रकार इज़राइली और बाद में कैथोलिक और रूढ़िवादी ईसाई चर्च भी करने लगे थे. अमेरिका में धूम्रपान की शुरुआत संभवतः झाड़फूंक के समारोहों में धूप जलाने से शुरू हुई किन्तु बाद में इसे आनंद के लिए या सामजिक रस्म के रूप में स्वीकार कर लिया गया.<ref>रौबिच्सेक (1978), पृष्ठ 30</ref> तम्बाकू और अन्य कई अन्य नशीली दवाओं का प्रयोग समाधि में जाने तथा आत्माओं की दुनिया से संपर्क करने के लिए किया जाता था.
 
लगभग 2000 साल पहले भांग, मक्खन (घी), मछली के मांस, सांप की सूखी खाल और कई प्रकार के लेप अगरबत्तियों के चारों ओर मले जाते थे. धूनी ''(''धूप'' )'' और हवन ''(''होम'' )'' का वर्णन [[आयुर्वेद]] में चिकित्सा के प्रयोजन के लिए किया गया है और कम से कम 3000 साल पहले से इनका प्रयोग होता रहा है, जबकि ''धूम्रपान'' (अर्थात धुंआ पीना), कम से कम 2000 साल पहले से चला आ रहा है. आधुनिक समय से पहले ये पदार्थ विभिन्न लम्बाईयों के पाइपों या चिल्मों द्वारा ग्रहण किए जाते थे.<ref>पी. राम मनोहर, ''स्मोक'' में "धूम्रपान और भारत में धूम्रपान आयुर्वेदिक चिकित्सा", पीपी. 68-75</ref>
 
तम्बाकू के आगमन से पहले, मध्य पूर्व में भांग का धूम्रपान आम था तथा यह एक सामान्य सामाजिक गतिविधि थी जो एक पानी के पाइप के इर्द गिर्द केन्द्रित थी, जिसे हुक्का कहते थे. तंबाकू की शुरुआत के बाद विशेष रूप से, धूम्रपान, मुस्लिम समाज और संस्कृति का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन गया और यह कई महत्त्वपूर्ण रस्मों जैसी शादियों, ज़नाज़े के साथ जुड़ गया और इसकी अभिव्यक्ति वास्तुकला, कपड़ों, साहित्य तथा कविता द्वारा की जाने लगी.<ref>सैंडर एल गिलमैन और झोउ क्सुन, ''स्मोक'' में "परिचय", पृष्ठ 20-21</ref>
 
[[उप-सहारा अफ़्रीका|अफ्रीका के उप सहारा]] में भांग का धूम्रपान [[इथियोपिया]] और पूर्वी अफ्रीकी तट पर भारतीय या अरब व्यापारियों द्वारा 1200 के दशक में या इससे पहले शुरू हुआ, और यह उन मार्गों पर फ़ैल गया जिनके द्वारा कॉफ़ी का व्यापार किया जाता था, जो इथियोपिया के पहाड़ी इलाकों में उगाई जाती थी.<ref>फिलिप्स, पीपी 303-319</ref> यह धूम्रपान मिट्टी के कटोरे के साथ जुड़े कालाबाश पानी के पाइपों द्वारा किया जाता था, जो कि निश्चित तौर एक इथियोपियाई आविष्कार था जो बाद में पूर्वी, दक्षिणी तथा मध्य अफ्रीका में प्रचलित हुआ.
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तम्बाकू के वाणिज्यिक विकास के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में वाणिज्यिक तम्बाकू का इतिहास देखें।
 
[[Fileचित्र:Persian girl smoking.jpg|thumb|मुहम्मद कासिम द्वारा एक फारसी लड़की धूम्रपान.इसफाहन, 1600सक]]
 
जेम्सटाउन समझौते के छह साल बाद 1612 में, तम्बाकू को सफलतापूर्वक नकदी फसल के रूप में उगाने का श्रेय जॉन राल्फ को दिया गया. मांग तेज़ी से बढ़ी क्योंकि तम्बाकू, जो "सुनहरी फसल" के रूप में प्रसिद्ध हो गया था, ने वर्जीनिया को अपने सोने के अभियान में असफल होने के बाद पुर्नजीवित कर दिया था.<ref>[http://curry.edschool.virginia.edu/socialstudies/projects/jvc/overview.html जेम्सटाउन, वर्जीनिया: एक सिंहावलोकन]</ref> दुनिया भर से आने वाली मांगों को पूरा करने के लिए, तम्बाकू लगातार बोया गया जिससे भूमि तेज़ी से बंजर होने लगी. इसने पश्चिम को एक अज्ञात महाद्वीप में बसने के लिए प्रेरक का कार्य किया और इसी तरह तम्बाकू उत्पादन का एक विस्तार हुआ.<ref>कुलिकौफ़, पीपी. 38-39.</ref> बेकन के विद्रोह से पहले ठेके पर काम करने वाले मजदूर इसके प्राथमिक श्रमिक बने, जिसके बाद गुलामी पर ध्यान केन्द्रित किया गया.<ref>कूपर, विलियम जे, ''लिबर्टी एण्ड स्लेवरी: सदर्न पॉलिटिक्स टू 1860'' , दक्षिण केरोलिना प्रेस के विश्वविद्यालय, 2001, पृष्ठ 9.</ref> यह प्रवृत्ति अमेरिकी क्रांति के बाद कम हुई क्योंकि दासप्रथा लाभहीन मानी गई. हालांकि 1794 में सूत कातने वाली मशीनों के आविष्कार के साथ यह प्रथा फिर से जीवित हो गई.<ref>जेम्स ट्रेगर द्वारा द पीपल्स क्रोनोलॉजी, 1994</ref>
 
1560 में फ्रांस में जीन निकोट नाम के एक फ्रांसीसी (जिनके नाम से निकोटिन शब्द बना है) ने तम्बाकू का प्रयोग शुरू किया. फ्रांस से तम्बाकू इंग्लैंड में फैल गया. धूम्रपान करने वाले पहले अंग्रेज की सूचना 1556 में ब्रिस्टल के एक नाविक के बारे में है, जिसे "अपने नथुनों से धुआं छोड़ते हुए" देखा गया.<ref name="L&M" /> चाय, कॉफी और अफीम की ही तरह, तम्बाकू कई प्रकार के मादक पदार्थों में से एक था जिनका प्रयोग दवाई के तौर पर किया जाता था.<ref>तान्या पोलार्ड, ''स्मोक'' में "द प्लेज़र्स एण्ड पेर्लिस ऑफ़ स्मोकिंग इन अर्ली मॉडर्न इंग्लैण्ड", पृष्ठ 38</ref> 1600 के आसपास फ्रांसीसी व्यापारियों द्वारा उस जगह पर तम्बाकू की शुरुआत की गई जिसे आज के आधुनिक समय में जाम्बिया और [[सेनेगल]] के नाम से जाना जाता है. इसी समय [[मोरक्को]] के काफिले [[टिम्बकटू]] के आसपास के क्षेत्रों से तथा पुर्तगाली दक्षिणी अफ्रीका में वस्तु (और पौधे) ले कर आये, जिससे 1650 तक पूरे अफ्रीका में तम्बाकू लोकप्रिय हो गया.
 
प्राचीन दुनिया में शुरुआत के तुरंत बाद ही तम्बाकू की राज्य स्तर पर और धार्मिक नेताओं द्वारा आलोचना होने लगी. [[उस्मानी साम्राज्य|तुर्क साम्राज्य]], 1623-40, का सुल्तान मुराद चतुर्थ, यह कह कर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने वाले पहले व्यक्तियों में से एक था कि यह जनता की नैतिकता और स्वास्थ्य के लिए खतरा है. चीनी सम्राट चोंगझेन ने अपनी मृत्यु से दो साल पहले धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने और मिंग राजवंश को समाप्त करने का फतवा जारी किया. बाद में, किंग राजवंश के [[मांचू]], जो खानाबदोश घुड़सवार योद्धाओं का कबीला था, ने धूम्रपान के बारे में दावा किया कि "यह तीरंदाजी की उपेक्षा से अधिक जघन्य अपराध है". जापान में इडो काल के दौरान, सेनाध्यक्षों द्वारा तम्बाकू के कुछ शुरूआती पौधे यह कह कर बेकार घोषित कर दिए गए कि ये सैन्य अर्थ व्यवस्था के लिए खतरा हैं, क्योंकि, मूल्यवान भूमि को फसलों के पौधों की बजाए एक नशीली दवाई के रूप में प्रयुक्त किया जा रहा है.<ref name="Screech-Smoke">टिमोन स्क्रीच, ''स्मोक'' में "टोबैको इन एडो पीरियड जापान", पीपी. 92-99</ref>
 
[[Fileचित्र:Bonsack machine.png|thumb|left|अमेरिकी पेटेंट के रूपों में दिखाया गया बोंसैक सिगरेट के रोलिंग मशीन 238,640.]]
 
धार्मिक नेता अक्सर उन प्रमुख लोगों में से रहे हैं जिन्होनें धूम्रपान को अनैतिक या तिरस्कार के योग्य माना है. 1634 में मास्को के पैट्रिआर्क ने तम्बाकू की बिक्री पर रोक लगा दी और इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले स्त्री और पुरुषों के नाक काटने और उनकी चमड़ी उधड़ने तक चाबुक मारने की सज़ा सुनाई. कुछ इसी तरह पश्चिमी चर्च नेता अर्बन VII (सप्तम) ने 1590 के पोप सम्बंधी आदेश में धूम्रपान की निन्दा की. कई ठोस प्रयासों के बावजूद, प्रतिरोध और प्रतिबंध लगभग दुनियाभर में नजरअंदाज कर दिए गये. जब इंग्लैंड के एक कट्टर धूम्रपान विरोधी और ''ए काउंटरब्लास्ट टू टोबेको'' (A Counterblaste to Tobacco)के लेखक जेम्स प्रथम ने 1604 में तम्बाकू पर अप्रत्याशित 4000% कर लगा कर एक नई शुरुआत करने की कोशिश की, तो यह एक विफलता साबित हुई, क्योंकि 1600 के दशक की शुरुआत में लंदन में लगभग 7000 तम्बाकू विक्रेता थे. बाद में, होशियार शासकों को धूम्रपान प्रतिबंध की निरर्थकता का एहसास हुआ और तम्बाकू के व्यापार और खेती को आकर्षक सरकारी एकाधिकार में बदल दिया गया.<ref>सैंडर गिल्मैन और झोउ क्सुन, ''स्मोक'' में "परिचय", पृष्ठ 15-16</ref>
 
1600 के दशक के मध्य तक हर प्रमुख सभ्यता तम्बाकू के धूम्रपान से परिचित थी और बहुत से मामलों में इसे पहले ही देशी संस्कृति में शामिल कर लिया गया था, बावजूद इसके कि कई शासकों ने इसे रोकने के लिए सख्त दंड या जुर्माने का प्रावधान किया. तंबाकू, उत्पाद और पौधे, दोनों प्रमुख बंदरगाहों और बाजारों के प्रमुख मार्गों पर और इसके बाद आंतरिक इलाकों में फैले. अंग्रेजी भाषा का शब्द ''स्मोकिंग'' 1700 के दशक के अंत में गढ़ा गया था, जिससे पहले यह प्रक्रिया ''धुंआ पीने'' (drinking smoke) के नाम से जानी जाती थी.<ref name="L&M">लॉयड &amp; मिटचिन्सन</ref>
 
विश्व में किसी भी स्थान से कहीं ज्यादा अफ्रीका के उप सहारा में तंबाकू और भांग का प्रयोग ना केवल सामाजिक संबंधों की पुष्टि करने अपितु नए संबंध बनाने में भी किया गया. वर्तमान में [[कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य|कांगो]] के नाम से बुलाई जाने वाली जगह पर 1800 के दशक में लुबुको ("द लैंड ऑफ़ फ्रेंडशिप) में बेना दिएम्बा (Bena Diemba) ("पीपुल ऑफ़ कैनाबिस") नाम से एक संस्था गठित की गई थी. बेना दिएम्बा शांतिप्रिय समुदाय थे जिन्होनें भांग के पक्ष में शराब तथा हर्बल दवाओं को अस्वीकार कर दिया था.<ref>एलेन ऍफ़. रॉबर्ट्स, ''स्मोक'' में "स्मोकिंग इन सब-सहारन अफ्रीका", पीपी. 53-54</ref>
 
1860 के दशक के अमेरिकी नागरिक युद्ध तक विकास स्थिर रहा, जिसके बाद प्रमुख श्रमिक, दास से फसल के हिस्सेदार बन गए. इससे मांग में एक जटिल परिवर्तन हुआ जिसके कारण सिगरेट के साथ तंबाकू उत्पादन के औद्योगीकरण की शुरुआत हुई. 1881 में एक शिल्पकार जेम्स बोंसेक ने सिगरेट का उत्पादन बढ़ाने के लिए मशीन बनाई.<ref name="Burns 134–135">बर्न्स, पीपी. 134-135.</ref>
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{{Main|अफ़ीम}}
 
[[Fileचित्र:French opium den.jpg|thumb|ले पेटिट जर्नल के कवर पर एक अफीम गुफा का एक उदाहरण, 5 जुलाई 1903.]]
 
1800 के दशक में अफीम का धूम्रपान आम हो गया था. पहले यह केवल खाई जाती थी और वह भी मुख्य रूप से केवल अपने औषधीय गुणों के कारण. चीन में बड़े पैमाने पर अफीम के धूम्रपान में वृद्धि का मुख्य कारण चीनी राजवंश किंग द्वारा ब्रिटिश व्यापार घाटा था. इस समस्या को सुलझाने के लिए, ब्रिटिश लोगों ने भारतीय उपनिवेशों में बड़े पैमाने पर उगाई गई अफीम का निर्यात शुरू कर दिया. सामाजिक समस्याओं और मुद्रा में बड़ी गिरावट के कारण, आयात को रोकने के लिए चीन द्वारा कई प्रयास हुए जो अंततः [[अफ़ीम की लड़ाई|अफीम युद्ध]] में बदल गए.<ref name="Josh_ten_Berge">जॉस टेन बर्ज, ''स्मोक'' में "द ''बल्ले इपॉक'' ऑफ़ ओपियम", पृष्ठ 114</ref>
 
बाद में अफीम का धूम्रपान चीनी प्रवासियों के प्रसार के साथ फैला तथा दक्षिण व दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप के आसपास स्थित चीनी शहरों के अफीम के कुख्यात गुप्त अड्डों तक फैलता चला गया. 1800 के दशक के उत्तरार्द्ध में, अफीम धूम्रपान, यूरोप के कलात्मक समुदाय में लोकप्रिय हो गया था, विशेषकर पेरिस में कलाकारों के इलाके जैसे मोंटपार्नेस तथा मोंटमारट्रे आभासी "अफीम राजधानियां" बन गए थे. जबकि दुनिया भर के चीनी शहरों में स्थित अफीम के गुप्त ठिकानों ने प्रवासी चीनियों को आपूर्ति जारी रखी, प्रथम विश्व युद्ध के फैलने के बाद यूरोपीय कलाकारों में यह प्रवृत्ति बड़े पैमाने पर कम हुई.<ref name="Josh_ten_Berge" /> चीन में अफ़ीम की खपत 1960 और 1970 के दशक में सांस्कृतिक क्रांति के दौरान कम हुई.
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आधुनिक आंदोलन के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए धूम्रपान-विरोधी आंदोलन देखें।
{{सार्वजनिक पॉलिसी के विकास के लिए टोबैको पॉलिटिक्स देखें}}
[[Fileचित्र:German anti-smoking ad.jpeg|thumb|left|एक नाजी विरोधी धूम्रपान विज्ञापन शीर्षक "द चेन-स्मोकर" कहकर "ही डज़ नॉट डिवोर इट [द सिगरेट], इट डिवोर्स हिम"]]
 
[[१९२०|1920]] के दशक में जीवन में वृद्धि की संभावनाओं और सिगरेट निर्माण के आधुनिकीकरण के साथ, स्वास्थ्य के प्रतिकूल प्रभाव और अधिक परिलक्षित होने लगे. जर्मनी में, धूम्रपान विरोधी समूह, जो अक्सर शराब विरोधी समूहों के साथ जुड़े होते थे, ने 1912 और 1932 में ''देर तबकगेग्नेर'' (Der Tabakgegner) (तम्बाकू विरोधी) नामक एक पत्रिका में तम्बाकू की खपत के खिलाफ अपना पक्ष प्रकाशित किया.<ref name="NWC178">{{Harvnb|Proctor|2000|p=178}}</ref> 1929 में, ड्रेस्डेन जर्मनी के फ्रिट्ज लिकिंट ने फेफड़ों के कैंसर-तम्बाकू के संबंध में औपचारिक सांख्यिकीय प्रमाणों के साथ एक पत्र प्रकाशित किया. घनघोर अवसाद के दौरान, [[एडोल्फ हिटलर|एडॉल्फ हिटलर]] ने धूम्रपान करने की लत को पैसे की बरबादी कहकर इसकी निन्दा की थी और बाद में इस विषय पर उसने दृढ़ वक्तव्य दिये.<ref name="NWC219">{{Harvnb|Proctor|2000|p=219}}</ref> नाजी प्रजनन नीति के साथ इस आन्दोलन को और अधिक बढ़ावा मिला क्योंकि जर्मन परिवार में धूम्रपान करने वाली महिला पत्नी या मां बनने के लिए अनुपयुक्त मानी जाती थी.<ref name="NWC187">{{Harvnb|Proctor|2000|p=187}}</ref>
 
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी आंदोलन समाप्त हो गया क्योंकि धूम्रपान विरोधी समूहों ने जल्दी ही अपना समर्थन खो दिया था. द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक, अमेरिकी सिगरेट निर्माताओं ने जर्मन काले बाज़ार में फिर से प्रवेश कर लिया. तम्बाकू की अवैध तस्करी प्रचलित हो गई,<ref name="NWC245">{{Harvnb|Proctor|2000|p=245}}</ref> और धूम्रपान विरोधी अभियान के नेताओं की हत्या कर दी गई.<ref name="ADLNMPHP">{{Cite book|last=Proctor|first=Robert N.|title=Nazi Medicine and Public Health Policy|publisher=''Dimensions'', Anti-Defamation League|year=1996|url=http://www.adl.org/Braun/dim_14_1_nazi_med.asp|accessdate=2008-06-01}}</ref> मार्शल योजना के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका ने जहाजों द्वारा जर्मनी में मुफ्त में तम्बाकू भेजा जो 1948 में 24,000 टन और 1949 में 69,000 टन था.<ref name="NWC245" /> युद्ध के पश्चात् जर्मनी में प्रति व्यक्ति सिगरेट की वार्षिक खपत 1950 में 460 से बढ़ कर 1963 तक 1,523 हो गई.<ref name="NWC228">{{Harvnb|Proctor|2000|p=228}}</ref> 1900 के दशक के अंत तक, जर्मनी के धूम्रपान विरोधी अभियान नाजी युग के 1939-1941 के प्रभाव को बढ़ाने में असमर्थ थे और जर्मन तम्बाकू स्वास्थ्य अनुसन्धान संस्थान को रॉबर्ट एन प्रॉक्टर द्वारा "मौन" वर्णित किया गया था.<ref name="NWC228" />
 
[[Fileचित्र:Cancer smoking lung cancer correlation from NIH.svg|thumb|एक लंबा करने के लिए मजबूत कानूनी कार्रवाई के लिए आवश्यक सहयोग से स्थापित किए गए एक अध्ययन.]]
 
1950 में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध द्वारा रिचर्ड डौल ने धूम्रपान और फेफड़ों के कैंसर के बीच में संबंध दिखाया.<ref>{{cite journal|last=Doll|first=Rich|coauthors=and Hilly, A. Bradford|date=September 30, 1950|title=Smoking and carcinoma of the lung. Preliminary report|journal=British Medical Journal|volume=2|issue=4682|pages=739–48|pmid=14772469|doi=10.1136/bmj.2.4682.739|pmc=2038856}}</ref> चार साल बाद, 1954 में ब्रिटिश डॉक्टरों के एक अध्ययन, यह अध्ययन 40 हजार डॉक्टरों द्वारा 20 से भी अधिक वर्षों तक किया गया था, ने इस बात की पुष्टि की जिसके आधार पर सरकार ने सलाह जारी की कि धूम्रपान और फेफड़ों के कैंसर का आपस में संबंध था.<ref name="RichardHillyBMJ1954">{{cite journal|author=Doll Richard, Bradford Hilly A|date=June 26, 1954|title=The mortality of doctors in relation to their smoking habits. A preliminary report|journal=British Medical Journal|issue=4877|pages=1451–55|pmid=13160495|url=http://bmj.bmjjournals.com/cgi/reprint/328/7455/1529|doi=10.1136/bmj.328.7455.1529|volume=328|pmc=2085438}}</ref> कुछ इसी तरह 1964 में धूम्रपान और स्वास्थ्य पर अमेरिकन सर्जन जनरल ने धूम्रपान और कैंसर के बीच संबंध बताया, जिसकी पुष्टि 20 वर्षों बाद 1980 के दशक के बाद के वर्षों में की गई.
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जबकि 1980 के दशक में वैज्ञानिक साक्ष्य बढ़ने लगे, तम्बाकू कंपनियों ने आंशिक लापरवाही का दावा किया क्योंकि स्वास्थ्य के प्रतिकूल प्रभाव अज्ञात या अविश्वसनीय थे. 1998 तक स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन दावों का साथ दिया, जिसके बाद उन्होनें स्थिति पलट दी. संयुक्त राज्य अमेरिका की चार बड़ी तम्बाकू कंपनियों और 46 राज्यों के अटॉर्नी जनरल के बीच हुए टोबेको मास्टर सेटलमेन्ट एग्रीमेंट (Tobacco Master Settlement Agreement), जो बाद में अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा नागरिक समझौता बन गया, के तहत तम्बाकू के कई प्रकार के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया और स्वास्थ्य के लिए मुआवजे की मांग रखी गई.<ref name="WallStreetJournalTobaccoMastersSettlement">{{cite news|publisher=[[Wall Street Journal]]|title=Forty-Six States Agree to Accept $206 Billion Tobacco Settlement|date=November 23, 1998|author=Milo Geyelin}}</ref>
 
1965 से 2006 तक, संयुक्त राज्य अमेरिका में धूम्रपान की दर 42% से गिर कर 20.8% हुई है.<ref name="RockEtAlCDC2006">{{Cite web|url=http://www.cdc.gov/mmwr/preview/mmwrhtml/mm5644a2.htm|title=Cigarette Smoking Among Adults --- United States, 2006|accessdate=2009-01-01|author=VJ Rock, MPH, A Malarcher, PhD, JW Kahende, PhD, K Asman, MSPH, C Husten, MD, R Caraballo, PhD|last=|first=|authorlink=|coauthors=|date=2007-11-09|year=|month=|work=|publisher=United States Centers for Disease Control and Prevention|location=|pages=|language=|doi=|archiveurl=|archivedate=|quote=[...]In 2006, an estimated 20.8% (45.3 million) of U.S. adults[...]}}</ref> छोड़ने वालों में अधिकतर पेशेवर संपन्न आदमी थे. उपभोग में इस कमी के बावज़ूद, प्रति दिन प्रति व्यक्ति सिगरेट की औसत खपत संख्या 1954 में 22 से बढ़ कर 1978 में 30 हो गई. यह विरोधाभास बताता है कि छोड़ने वाले लोग कम थे, जबकि जारी रखने वाले हलकी सिगरेटों की ओर आकर्षित होने लगे.<ref>{{Cite book|last=Hilton|first=Matthew|title=Smoking in British Popular Culture, 1800-2000: Perfect Pleasures|url=http://books.google.com/?id=UjM8t6Ul73YC&printsec=frontcover&dq=Smoking+in+British+Popular+Culture#PPA229,M1|archiveurl=|archivedate=|format=|accessdate=2009-03-22|edition=|date=2000-05-04|origyear=|year=|month=|publisher=Manchester University Press|location=|language=|isbn=978-0719052576|oclc=|bibcode=|id=|pages=229–241|quote=}}</ref> यह प्रवृत्ति कई औद्योगिक देशों में समानान्तर चलती रही, भले ही उसकी दर बराबर रही या उसमें गिरावट आई. तथापि, विकासशील दुनिया में, 2002 में 3.4% की दर के साथ तम्बाकू की खपत में वृद्धि जारी है.<ref name="WHO2002FactSheet">{{Cite web|url=http://www.wpro.who.int/media_centre/fact_sheets/fs_20020528.htm|title=WHO/WPRO-Smoking Statistics|accessdate=2009-01-01|author=|last=|first=|authorlink=|coauthors=|date=2002-05-28|year=|month=|work=|publisher=World Health Organization Regional Office for the Western Pacific|location=|pages=|language=|doi=|archiveurl=|archivedate=|quote=}}</ref> अफ्रीका के कई क्षेत्रों में, धूम्रपान को आधुनिकता से जोड़ कर देखा जाता है और पश्चिम की कई मज़बूत सलाहों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है.<ref>{{Harvnb|Gilman|Xun|2004|pp=46–57}}</ref> आज [[रूस]] तम्बाकू का शीर्ष उपभोक्ता है और उसके बाद [[इण्डोनेशिया|इंडोनेशिया]], [[लाओस]], [[युक्रेन|यूक्रेन]], [[बेलारूस]], [[यूनान|ग्रीस]], [[जार्डन|जोर्डन]] और [[चीन]] हैं.<ref>''ग्लोबल टोबैको एपिडेमिक पर हु रिपोर्ट (WHO REPORT)'' 2008, पीपी 267-288</ref> विकासशील दुनिया में खपत की दर को कम करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तम्बाकू मुक्त पहल (Tobacco Free Initiative) (TFI) नामक कार्यक्रम की शुरुआत की है.
 
=== अन्य पदार्थ ===
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== पदार्थ और उपकरण ==
 
धूम्रपान में प्रयुक्त होने वाला सबसे लोकप्रिय पदार्थ तम्बाकू है. तम्बाकू की विभिन्न प्रजातियाँ मौजूद हैं जिन्हें कई प्रकार के मिश्रण और ब्रांडों की विविधता से बनाया जाता है. तंबाकू अक्सर सुगंधित कर के बेचा जाता है, जिसमे अक्सर विभिन्न फलों की खुशबू होती है, कुछ ऐसे रूप में जो पानी के पाइपों जैसे हुक्के के साथ अधिक लोकप्रिय है. धूम्रपान में प्रयुक्त होने वाला दूसरा सबसे आम पदार्थ भांग है, जिसे ''कैनाबिस सतिवा'' (Cannabis sativa) के फूलों या पत्तियों से बनाया जाता है. इस पदार्थ को दुनिया के अधिकतर देशों द्वारा अवैध माना जाता है, और वे देश जिनमे सार्वजनिक खपत बर्दाश्त की जाती है, यह केवल छद्म तौर पर वैध है. इस के बावजूद, कई देशों में वयस्क जनसंख्या का काफी बड़ा प्रतिशत इसका प्रयोग करने वालों की कोशिश करने वालों में से है जिनमे से एक छोटी संख्या इसका प्रयोग नियमित रूप से करती है. चूंकि तम्बाकू अवैध है या ज्यादातर क्षेत्रों में बर्दाश्त किया जाता है, सिगरेटों में इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन नहीं होता है जिसका अर्थ है कि धूम्रपान का सबसे प्रचलित प्रकार हाथ से मोड़ी गई सिगरेट, जिसे अक्सर जॉईंट(joints) कहा जाता है, या पाइप हैं. पानी के पाइप भी काफी आम है, और भांग के लिए इस्तेमाल करने पर अक्सर इन्हें बॉन्ग कहा जाता है.
 
कुछ अन्य मादक दवाओं का प्रयोग छोटे पैमाने पर होता है. इनमे से अधिकतर पदार्थ नियंत्रित हैं और कुछ तम्बाकू या भांग से कहीं अधिक नशीले हैं. इनमे क्रैक कोकीन, हेरोइन, मेथाम्फेटामाइन और पीसीपी (PCP) शामिल हैं. इनके साथ कम संख्या में दिमाग पर असर करने वाली दवाएं जैसे कि DMT, 5-Meo-DMT और सल्विया डिविनोरम शामिल हैं.
 
[[Fileचित्र:Fangspipe ubt.jpeg|thumb|200px|right|एक अलंकृत सजाया हुआ पाइप.]]
 
धूम्रपान के सबसे प्राचीन रूप के प्रदर्शन के लिए भी किसी तरह के उपकरण की आवश्यकता है. इसके परिणामस्वरूप दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के धूम्रपान उपकरण और सामग्रियां बनी हैं. चाहे तम्बाकू, भांग, अफीम या जड़ी बूटी हो, सभी प्रकारों के मिश्रण को जलाने के लिए आग के एक स्रोत की आवश्यकता होती है. अभी तक सबसे आम सिगरेट है, जो कस कर लपेटी गई कागज़ की ट्यूब से बना होता है, व जिसका निर्माण औद्योगिक रूप से किया जाता है, या फिर कागज़ को मोड़ कर खुले तम्बाकू से बनाया जाता है, जिसमे एक फ़िल्टर हो सकता है. अन्य लोकप्रिय धूम्रपान उपकरणों में विभिन्न प्रकार के पाइप और सिगार हैं. एक कम आम लेकिन तेजी से लोकप्रियता की ओर बढ़ता प्रकार वैपोराईज़र (vaporizer) है, जो गर्म हवा से संचालित होता है और जिसमे पदार्थ का दहन नहीं करना पड़ता, अतः फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए कम खतरनाक होता है.
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== शरीरविज्ञान ==
 
[[Fileचित्र:Blood nicotine graph.jpg|thumb|200px|right|एक ग्राफ जो एक निकोटिन अवशोषित मार्ग के रूप में धूम्रपान के सेवन से पता चलता है दक्षता के अन्य रूपों की तुलना है.]]
 
शिराओं में मादक पदार्थ को पहुंचाने का सबसे तीव्र और कारगर ढंग किसी पदार्थ के वाष्पित गैस रूप को फेफड़ों द्वारा अन्दर लेना है (क्योंकि गैसे सीधे फुफ्फुसीय शिरा में मिलती हैं, इसके बाद दिल में तथा यहां से दिमाग तक) और यह पहली सांस के एक सैकेंड से भी कम समय में उपयोगकर्ता को प्रभावित करती है. फेफड़े कई लाख छोटे बल्बों से मिलकर बने होते हैं, जिन्हें अल्वेओली (alveoli) कहा जाता है जो कि एक साथ मिलकर 70 मी² तक का क्षेत्र बनाते हैं (जोकि लगभग एक टेनिस कोर्ट के क्षेत्र के बराबर है). इसका प्रयोग उपयोगी औषधियां लेने के लिए किया जा सकता है जैसे एयरोसोल, जो कि दवाओं की छोटी बूंदों से मिल कर बने होते हैं, या फिर पत्तियां जला कर उसके द्वारा उत्पन्न गैस द्वारा, जिसमे मस्तिष्क को उत्तेजित करने वाले पदार्थ हैं, या फिर पदार्थ के शुद्ध रूप को ग्रहण करके. सभी दवाओं का धूम्रपान नहीं किया जा सकता, उदाहरण के लिए सल्फेट व्युत्पन्न (डेरिवेटिव) जो मुख्यतः सांस द्वारा नाक के अन्दर ली जाती है, हालांकि पदार्थ के अति शुद्ध रूप का धूम्रपान किया जा सकता है लेकिन इसके लिए ठीक से दवा लेने के लिए अत्याधिक कौशल की आवश्यकता होती है. यह विधि भी कुछ हद तक अकुशल है चूंकि सारा धुंआ सांस द्वारा अन्दर नहीं जाएगा.<ref>लेस्ली इवर्सन, ''स्मोक'' में "हम धूम्रपान क्यों करते हैं?: द साइकोलॉजी ऑफ़ स्मोकिंग", पृष्ठ 318</ref> सांस द्वारा अन्दर लिया गया पदार्थ तंत्रिकाओं के सिरों में रासायनिक प्रतिक्रियाएं करता है, क्योंकि यह एंडोरफिन्स और डोपामाइन जैसे प्राकृतिक उत्पादों जैसा होता है, जो ख़ुशी के एहसास से संबंधित हैं. परिणामस्वरूप प्राप्त होने वाले अनुभव को "हाई" (High) कहते हैं जो कि निकोटिन के कारण हुई हलकी उत्तेजना से लेकर हेरोइन, कोकीन और मेथाम्फेटामाइन के मामले में अत्याधिक उत्तेजना के बीच की स्थिति हो सकती है.<ref>लेस्ली इवर्सन, ''स्मोक'' में "हम धूम्रपान क्यों करते हैं?: द साइकोलॉजी ऑफ़ स्मोकिंग", पृष्ठ 320-321</ref>
 
चाहे पदार्थ जो भी हो, फेफड़ों में धुआं लेने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. ज्वलनशील पत्तियों की सामग्री जैसे तम्बाकू या भांग के अधूरे दहन से कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न होती है, जो फेफड़ों में रक्त द्वारा ले जाई जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा पर प्रभाव डालती है. इसके अलावा तम्बाकू में और भी कई विषाक्त यौगिक हैं जिनसे दीर्घ अवधि तक धूम्रपान करने वालों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जिनमे से कई संवहनी आसामान्यताएं जैसे स्टेनोसिस, फेफड़ों का कैंसर, दिल का दौरा, स्ट्रोक, नपुंसकता, धूम्रपान करने वाली माताओं द्वारा जन्मे गये शिशु का कम वज़न आदि शामिल हैं. दीर्घकालीन धूम्रपान करने वालों के चेहरे में एक विशेष परिवर्तन आता है जिसे डॉक्टरों द्वारा स्मोकर्स फेस (smoker's face) कहा जाता है.
 
== मनोविज्ञान ==
[[Fileचित्र:Sigmund Freud LIFE.jpg|thumb|upright|सिगमंड फ्रायड, जिसके डॉक्टर ने उसकी आत्महत्या सहायता की क्योंकि स्मोकिंग से ओरल कैंसर हुआref name=Gay>[65]</ref>]]
ज्यादातर धूम्रपान करने वाले वयस्कता या किशोरावस्था की शुरुआत में धूम्रपान आरम्भ करते हैं. धूम्रपान में जोखिम लेने और विद्रोह के तत्व है, जो अक्सर युवा लोगों को आकर्षित करते हैं. उच्च वर्ग के मॉडल और साथियों की उपस्थिति भी धूम्रपान को प्रोत्साहित कर सकती है. चूंकि किशोर वयस्कों की बजाए अपने साथियों से अधिक प्रभावित होते हैं, इसलिए माता पिता, स्कूल और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा उन्हें सिगरेट से बचाने की कोशिशें अक्सर असफल सिद्ध होती हैं.<ref>हेरिस, जे.आर. (1998). ''द नेचर असम्प्शन: वाई चिल्ड्रेन टर्न आउट द वे दे डु'' . न्यूयॉर्क: फ्री प्रेस.</ref>
 
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हालांकि, धूम्रपान करने वाले लोग ऐसी प्रक्रिया में लिप्त होते हैं जिसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, वे अपने व्यवहार को युक्ति संगत बताते हैं. दूसरे शब्दों में, वे समझाने के लिए, तर्क कला विकसित करते हैं कि उनके लिए धूम्रपान आवश्यक क्यों है, हालांकि जरूरी नहीं कि कारण तार्किक हों. उदाहरण के लिए, एक धूम्रपान करने वाला यह कह कर अपने व्यवहार को सही बता सकता है कि हर कोई मरता है और इसलिए, सिगरेट वास्तव में कुछ भी नहीं बदलती है. या एक व्यक्ति यह विश्वास कर सकता है कि धूम्रपान तनाव से छुटकारा दिलाता है या इसके कई अन्य लाभ हैं जो इसके जोखिम को सही ठहराते हैं. धूम्रपान करने वाले, जिनकी प्रत्येक सुबह सिगरेट से शुरुआत होती है, अक्सर सकारात्मक प्रभावों को व्यक्त करेंगे, किन्तु वे स्वीकार नहीं करेंगे कि उन्हें ख़ुशी की कमी महसूस हो रही है (डोपामाइन के कम स्तर के कारण) और ख़ुशी के "सामान्य" स्तर को पाने के लिए वे धूम्रपान करेंगे. (डोपामाइन का "सामान्य" स्तर).
 
=== धूम्रपान और बुद्धि ===
2010 में प्रकाशित 20,000 से अधिक इज़रायली सैन्य रंगरूटों पर किये गये एक अध्ययन के अनुसार, धूम्रपान करने वालों में धूम्रपान न करने वालों की तुलना में कम बुद्धि (I.Q.) होती है. जिन्होनें कभी धूम्रपान नहीं किया उनकी औसत बुद्धि 101 थी, जबकि एक पैकेट से अधिक धूम्रपान करने वालों की औसत बुद्धि 90 थी.<ref>[http://www.reuters.com/article/idUSTRE61M3UQ20100223 क्या धूम्रपान करने वाले धूम्रपान न करने वालों से होशियार होते हैं?], रायटर, 23 फ़रवरी 2010</ref>
 
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{{अधिक|Prevalence of tobacco consumption}}
 
[[Fileचित्र:Male Smoking by Country.png|thumb|300px|right|वैश्विक तम्बाकू महामारी, %, पुरुष<ref name=autogenerated1>डब्लूएचहु (WHO) रिपोर्ट ऑन द ग्लोबल टोबैको एपिडेमिक, 2008</ref>]]
 
मुख्य रूप से तम्बाकू का धूम्रपान एक ऐसी प्रक्रिया है जो 1.1 बिलियन लोगों द्वारा की जाती है, और इसका 1/3 भाग व्यस्क आबादी है.<ref>''स्मोक'' में सनेर एल. गिल्मैन और झोउ क्सुन, "परिचय"; पृष्ठ 26</ref> धूम्रपान करने वाले की छवि काफी अलग हो सकती है, किन्तु यह अक्सर कल्पना में स्वयं तथा अकेलेपन से जुड़ी होती है. फिर भी, तंबाकू और भांग का धूम्रपान एक सामाजिक गतिविधि हो सकते हैं, जो सामाजिक संरचनाओं का सुदृढीकरण करते हैं और कई और विविध सामाजिक और जातीय समूहों के सांस्कृतिक अनुष्ठान का हिस्सा हो सकते हैं. अधिकतर धूम्रपान करने वाले सामजिक परिवेश में धूम्रपान आरम्भ करते हैं और कई मामलों में सिगरेट पेश करना किसी बार, नाईट क्लब, काम करने की जगह या सड़क पर एक नई पहल को शुरू करने या अजनबी से बात करने का अच्छा बहाना हो सकता है. सिगरेट जलाना अक्सर आलस या आवारागर्दी से बचने का प्रभावशाली ढंग समझा जाता है. किशोरों के लिए, यह उनके बचपन की दुनिया से निकलने के पहले कदम या वयस्कों की दुनिया से विद्रोह के रूप में कार्य करता है. इसके अलावा, धूम्रपान सौहार्द के एक प्रकार के रूप में देखा जा सकता है. ऐसा देखा गया है कि सिगरेट का एक पैकेट खोलने या या अन्य लोगों को सिगरेट पेश करते समय, मस्तिष्क में डोपामाइन का स्तर बढ़ सकता है ("प्रसन्नता का अनुभव") और निःसंदेह धूम्रपान करने वाले अन्य धूम्रपान करने वालों के साथ इस तरीके से संबंध स्थापित कर लेते हैं जिनसे उनकी यह आदत बनी रहती है, विशेषकर उन देशों में जहाँ सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान वैध कर दिया गया है. मनोरंजक दवा के उपयोग के अलावा, यह अपनी पहचान स्थापित करने या धूम्रपान के अपने अनुभवों को अपनी छवि के विकास से जोड़ने का साधन हो सकता है. 19 वीं सदी में आधुनिक धूम्रपान विरोधी आंदोलन ने धूम्रपान के बारे में जागरुकता फ़ैलाने से भी कहीं अधिक किया. इसने धूम्रपान करने वाले की प्रतिक्रिया को उकसाया कि पहले क्या था और अब अक्सर क्या है, जो कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमले के रूप में माना जाता है और इसने धूम्रपान न करने वालों के बीच बागियों या बाहरी व्यक्तियों की छवि बना दी है.
 
{{cquote|देयर इज़ अ न्यू मार्लबोरो लैंड, नॉट ऑफ लोन्सम काउबॉय, बट ऑफ सोशियल-स्पिरीटेड अर्बनिटीज़, यूनाइटेड अगेंस्ट द पर्सीव्ड स्ट्रीकच्र्स ऑफ पब्लिक हेल्थ.<ref>Matthew Hilton, "Smoking and Sociability" in ''Smoke'', p. 133</ref>}}
 
सैनिकों के बीच तम्बाकू के महत्व को एक ऐसी चीज़ के रूप में देखा गया जिसे कमांडरों द्वारा अनदेखा नहीं किया जा सकता था. 17वीं सदी तक तम्बाकू भत्ता कई देशों के नौसैनिकों के राशन का सामान्य हिस्सा था और [[प्रथम विश्वयुद्ध]] तक, युद्ध क्षेत्र में लड़ने वाले सैनिकों के लिए कई सिगरेट निर्माताओं और सरकारों ने गठजोड़ किया. इस बात पर ज़ोर दिया गया था कि कारागार में तम्बाकू का नियमित उपयोग ना केवल सैनिकों को शांत रखेगा, बल्कि दबाव सहने में भी उनकी मदद करेगा.<ref>सोलमन, टोराल्ड. (1906) ''अ टेक्स्ट-बुक ऑफ़ फार्माकोलॉजी़ एण्ड सम एलिड साइंसेस'' . पश्चिम बंगाल सौण्डर्स कंपनी, फिलाडेल्फिया और लंदन. पीपी. 265.</ref> 20 वीं शताब्दी के मध्य तक, कई पश्चिमी देशों की अधिकांश व्यस्क आबादी धूम्रपान करने वालों की थी और धूम्रपान विरोधी कई कार्यकर्ताओं के दावों को यदि अनदेखा नहीं किया गया तो इन पर बहुत अधिक विश्वास भी नहीं किया गया. वर्तमान में आंदोलन का दावा और अधिक पुख्ता और प्रामाणिक है, लेकिन जनसंख्या के अनुपात में धूम्रपान करने वालों की संख्या काफी स्थिर बनी हुई है.<ref>मैथ्यू हिल्टन, ''स्मोक'' में "धूम्रपान और सुजनता", पीपी. 126-133</ref>
 
=== तंबाकू के स्वास्थ्य पर प्रभाव ===
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{{Main|तंबाकू के स्वास्थ्य पर प्रभाव}}
 
तंबाकू संबंधित बीमारियों आज दुनिया में सबसे बड़ी हत्यारों के रूप में से एक हैं और औद्योगिक देशों में इन्हें अकाल मृत्यु का सबसे बड़ा कारण कहा जाता है. संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रति वर्ष लगभग 500000 मौतें तम्बाकू संबंधित बीमारियों के कारण होती हैं और एक ताज़ा अध्ययन का अनुमान है कि चीन के पुरुषों के 1/3 भाग ने धूम्रपान के कारण अपना जीवनकाल घटा लिया है.<ref>लेस्ली इवर्सन, ''स्मोक'' में "क्यों हम धूम्रपान करते हैं:? द फिजियोलॉजी ऑफ़ स्मोकिंग" पृष्ठ 320</ref>
 
पुरुष और महिला धूम्रपान करने वाले अपने जीवन के क्रमशः 13.2 वर्ष और 14.5 वर्ष औसतन कम कर लेते हैं.<ref>(एम्एम्डब्लूआर) MMWR 12 अप्रैल 2002 / 5100(14); 300-3</ref>
 
आजीवन धूम्रपान करने वाले लगभग आधे लोग धूम्रपान के कारण समय से पहले मर जाते हैं.<ref>बीएम्जे (BMJ), एम् जे पब्लिक हेल्थ 1995:1223-1230 डोई:10.1136/bmj.38142.554479.[[Fileचित्र:50 ycs.pdf]]एई (प्रकाशित 22 जून 2004)</ref><ref>एम् जे पब्लिक हेल्थ 1995:1223-1230</ref>
 
फेफड़ों के कैंसर से मरने का खतरा 85 वर्ष की उम्र में धूम्रपान करने वाले एक पुरुष के लिए 22.1% और धूम्रपान करने वाली एक वर्तमान महिला के लिए 11.9% है, मृत्यु के प्रतिस्पर्धी कारणों की अनुपस्थिति में इसी से यह भी अनुमान लगाया गया कि 85 वर्ष की उम्र से पहले आजीवन धूम्रपान न करने वालों की फेफड़ों के कैंसर से मरने की सम्भावना यूरोपीय क्षेत्र के पुरुष के लिए 1.1%, और महिला के लिए 0.8% है<ref>थून एम्जे, हन्नान एलएम्, एडम्स-कैम्पबेल एलएल, बोफेट्टा पी, बरिंग जेई, एट अल. (2008) फेफड़े के कैंसर की घटना धूम्रपान करने वाले: 13 के विश्लेषण से साथियों और 22 कैंसर रजिस्ट्री अध्ययन करता है. PLoS मेड 5(9): e185. डोई:10.1371/journal.pmed.0050185</ref>.
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प्रतिदिन एक सिगरेट पीने से धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के लिए, धूम्रपान ना करने वाले व्यक्ति की अपेक्षा दिल के दौरे की संभावना पचास प्रतिशत है. अरैखिक खुराक प्रतिक्रिया को प्लेटलेट एकत्रीकरण प्रक्रिया पर धूम्रपान के प्रभाव से समझाया जाता है.<ref>बीएमजे (BMJ) 1997;315:973-80</ref>
 
धूम्रपान के कारण होने वाली बीमारियों और वेदनाओं के कारण संवहनी स्टेनोसिस, फेफड़ों के कैंसर<ref>अमेरिकी विरासत फाउंडेशन [http://www.americanlegacy.org/PDF/Lung_Cancer_Fact_Sheet.pdf कैंसर फेफड़ों पर तथ्यफैलाव]; उनके स्रोत उद्धृत है: <u>सीडीसी (रोग नियंत्रण के लिए केंद्र) धूम्रपान स्वास्थ्य: सर्जन जनरल</u> की एक रिपोर्ट.<u>2004</u>.</ref>, दिल का दौरा<ref name="Nyboe-1989">{{cite journal | author=Nyboe J, Jensen G, Appleyard M, Schnohr P. | title=Risk factors for acute myocardial infarction in Copenhagen. I: Hereditary, educational and socioeconomic factors. Copenhagen City Heart Study. | journal=Eur Heart J | year=1989 | volume=10 | issue=10 | pages=910–6 | pmid=2598948}}</ref> और क्रोनिक प्रतिरोधी फुफ्फुसीय रोग हो सकते हैं<ref name="dev">डेवरेक्स जी. ''एबीसी ऑफ़ क्रोनिक ऑब्सट्रकटिव पल्मोनरी डिज़ीज़'' .''परिभाषा, जानपदिक रोग विज्ञान, और जोखिम कारकों.'' बीएमजे (BMJ) 2006;332:1142-1144. PMID 16690673</ref>.
 
कई सरकारें मास मीडिया में धूम्रपान विरोधी अभियानों के साथ धूम्रपान के दीर्घकालीन खतरों के बारे में जोर देते हुए लोगों को लोगों को रोकने की कोशिश कर रही है. पैसिव धूम्रपान, या निष्क्रिय धूम्रपान, जो धूम्रपान करने वालों के आसपास के क्षेत्र में लोगों को तत्काल प्रभावित करता है, धूम्रपान पर प्रतिबंध लागू करने का एक प्रमुख कारण है. यह एक ऐसा कानून है जो कि किसी व्यक्ति को इनडोर सार्वजनिक स्थलों जैसे बार, पब और रेस्तरां में धूम्रपान करने से रोकने के लिए बनाया गया है. ऐसा करने के पीछे विचार यह है कि धूम्रपान को अत्याधिक असुविधाजनक बना कर इसे हतोत्साहित किया जाए तथा सार्वजनिक स्थानों पर खतरनाक धुएं पर रोक लगाई जाए. कानूनविदों के बीच चिंता का एक मुख्य कारण किशोरों को धूम्रपान के लिए हतोत्साहित करना है और कई राज्यों ने कम उम्र के लोगों को तम्बाकू पदार्थ बेचने के खिलाफ कानून पारित किये हैं. कई विकासशील देशों ने अभी धूम्रपान विरोधी नीतियां नहीं अपनाई हैं जिसके कारण कुछ देश धूम्रपान विरोधी अभियान और ETS (पर्यावरण तम्बाकू धूम्रपान) के बारे में शिक्षा दे रहे हैं.{{Citation needed|date=May 2009}}
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=== कला ===
 
[[Fileचित्र:Apothecary smoking pipe.jpg|thumb|150px|ऐड्रीएन वैन ऑस्टेड द्वारा एड्रीएं एपोथेकरी स्मोकिंग इन ऐन इंटिरियर, ऑइल ऑन पैनेल, 1646.]]
 
धूम्रपान के शुरूआती चित्रण 9वीं शताब्दी के प्राचीन मायन (Mayan) मिट्टी के बर्तनों पर पाए जा सकते हैं. कला मुख्य रूप से धार्मिक प्रकृति की थी और इसमें देवताओं या शासकों को सिगरेट के शुरूआती रूपों का धूम्रपान करते हुए दर्शाया गया था.<ref>रॉबीसेक (1978)</ref> अमेरिका के बाहर धूम्रपान की शुरुआत के तुरंत बाद इन्हें यूरोप तथा एशिया के चित्रों में देखा जाने लगा. डच गोल्डन युग के चित्रकार लोगों के चित्र बनाने वाले उन पहले चित्रकारों में से एक थे जो लोगों को धूम्रपान तथा पाइप और तम्बाकू के साथ चित्रित करते थे. 17 वीं सदी के दक्षिणी यूरोपीय चित्रकारों के लिए, ग्रीक और रोमन प्राचीन काल से पौराणिक कथाओं से प्रेरित हो कर रूपांकनों में सिगरेट को शामिल करना अधिक आधुनिक था. शुरुआत में धूम्रपान को नीचता माना गया था और इसे किसानों के साथ जोड़ा जाता था.<ref name="Lock">''ऐशेश टू ऐशेश'' पीपी. 78-81</ref> कई प्रारंभिक चित्र मद्यपान गृहों या वेश्यालयों के दृश्यों के थे. बाद में, जब डच गणराज्य ने काफी शक्ति और धन प्राप्त कर लिया तो धूम्रपान करने वाले संपन्न और शौक़ीन सज्जनों के सुन्दर चित्र बने जिसमे वे पाइप उठाते हुए प्रदर्शित किये जाते थे. धूम्रपान आनंद, क्षणस्थायता और सांसारिक जीवन की संक्षिप्तता का प्रतिनिधित्व करता है, क्योंकि ये सब धुएं में उड़ जाते हैं. धूम्रपान सूंघने तथा इसके स्वाद की भावना को प्रदर्शन से भी जुड़ा है.
 
18 वीं सदी की चित्रकला में धूम्रपान और अधिक विरल हो गया चूंकि सुरुचिपूर्ण रूप से सूंघना और लोकप्रिय बन गया. पाइप द्वारा धूम्रपान एक बार फिर निचले दर्जे के साधारण और देशी लोगों के चित्रों में में परिवर्तित हो गया तथा कटे हुए तम्बाकू को सूंघने के बाद सफाई से छींकना एक दुर्लभ कला था. जब धूम्रपान आया तो यह अक्सर पूर्व से प्रभावित विदेशी चित्रों से प्रभावित था. औपनिवेशिक-सिद्धांत के कई समर्थकों का विवादास्पद रूप से मानना है कि यह चित्रण यूरोप का अपने उपनिवेशों पर श्रेष्ठता का प्रभाव तथा नारीत्व पर पुरुष प्रभुत्व जताने का ढंग था.{{Citation needed|date=October 2009}} वे 19वीं सदी की विदेशी और "दूसरे" विषयों में विश्वास रखते थे, जो कि आत्मज्ञान के दौरान एथनोलॉजी की लोकप्रियता में वृद्धि के साथ प्रसिद्ध हुए थे.<ref>इवान डेविडसन कल्मार, ''स्मोक'' में "द ''हौकाह'' इन द हरेम: ऑन स्मोकिंग एण्ड ओरियांटलिस्ट आर्ट", पीपी 218-229</ref>
 
[[Fileचित्र:Van Gogh - Skull with a burning cigarette.jpg|thumb|150px|left|विन्सेन्ट वैन गोग्ह द्वारा जलती हुई सिगरेट के साथ खोपड़ी, कैनवास पर तेल, 1885.]]
 
19 वीं सदी में धूम्रपान साधारण आनंद के एक प्रतीक के रूप में आम था; पाइप का धूम्रपान करता हुआ "कुलीन दैत्य", प्राचीन रोमन खंडहरों में गंभीर चिंतन करते हुए, पाइप का कश लगाते हुए चित्र कलाकारों के दृश्यों में से एक बन गए. नव सशक्त मध्यम वर्ग ने भी स्मोकिंग सैलून तथा पुस्तकालयों में हानिरहित आनंद का एक नया आयाम ढूंढ लिया. सिगरेट धूम्रपान या सिगार बोहेमियन (bohemian) से भी जुड़ गया, कोई ऐसा जिसने रूढ़िवादी मध्य वर्ग को त्यागा तथा रूढ़िवाद के प्रति अपमान प्रदर्शित किया. लेकिन यह ऐसी ख़ुशी थी जो केवल पुरुषों की दुनिया तक ही सीमित थी; धूम्रपान करने वाली महिला को वेश्यावृति के साथ जोड़ कर देखा जाता था और यह ऐसी क्रिया नहीं मानी जाती थी जिसमे सही महिलाएं खुद को शामिल करें.<ref>ग्रीव्स, पृष्ठ 266</ref> ऐसा सदी के अंत तक नहीं हुआ कि धूम्रपान करने वाली महिलाएं चित्रों और फोटो में ठाठ से और आकर्षक रूप से दिखाई दें. [[विन्सेंट वैन गो|विन्सेन्ट वैन गॉग,]] जैसे प्रभाववादी, जो खुद पाइप धूम्रपान करते थे, उदासी और ''fin-du-siècle'' भाग्यवाद से प्रेरित हो कर धूम्रपान से जुड़ गए.
 
जबकि सिगरेट, पाइप और सिगार के प्रतीकों को क्रमशः 19वीं सदी तक एक ही समझा जाता था, 20 वीं सदी तक कि कलाकारों के लिए इसका पूरी तरह से उपयोग शुरू नहीं हुआ था; एक पाइप सावधानी और शान्ति का प्रतीक था, सिगरेट आधुनिकता, ताकत और यौवन का प्रतीक था, किन्तु यह बेचैनी का भी प्रतीक था; सिगार अधिकार, धन और सत्ता का प्रतीक था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के दशकों के दौरान, जब धूम्रपान अपने चरम पर था किन्तु अभी इसका धूम्रपान विरोधी आन्दोलनों से पाला नहीं पड़ा था, लापरवाही से होठों के बीच रखी एक सिगरेट युवा विद्रोह को दर्शाती थी, जो [[मार्लन ब्रैंडो|मार्लोन ब्रांडो]] तथा जेम्स डीन या मार्लबोरो व्यक्ति जैसे विज्ञापन के आधार की प्रतीक थी. धूम्रपान के नकारात्मक पहलू 1970 के दशक तक प्रकट होने लगे थे; अस्वास्थ्यकर निचले वर्ग, जो सिगरेट का धुंआ छोड़ते थे, विशेषकर धूम्रपान विरोधी अभियानों से प्रेरित या उनके द्वारा लगाये गए चित्रों से प्रेरणा तथा उत्साह की कमी महसूस करते थे.<ref>बेन्नो टेम्पल, ''स्मोक'' में "प्रतीक और फ़ाइल: सत्रह सदी से धूम्रपान की कला" पीपी. 206-217</ref>
 
=== फ़िल्म ===
 
[[Fileचित्र:Humphrey Bogart by Karsh (Library and Archives Canada).jpg|thumb|150px|फिल्म स्टार और इकॉनिक धूम्रपान न करने हम्फ्रे बोगर्ट.]]
 
मूक फिल्मों के युग से ही, धूम्रपान फिल्म प्रतीकों का एक मुख्य हिस्सा रहा है. रोमांचक ''फिल्म नोयर'' जैसी फिल्मों में, सिगरेट का धुआँ अक्सर चरित्र को दर्शाता है तथा यह अक्सर रहस्य का आवरण या शून्यवाद दर्शाने के लिए भी प्रयुक्त होता है. इनमे से एक अग्रणी प्रतीक फ्रिट्ज़ लैंग की वेइमार एरा ''डॉ माब्यूस, देर स्पाइलर'' , (Weimar era Dr Mabuse, der Spieler) 1922 (''डॉ माब्यूस, द गैम्बलर'' ) में देखा जा सकता है, जब लोग जुआ खेलते के दौरान पत्ते खेलने के साथ धूम्रपान करते हुए जुआरी को देख कर चकित हो जाते हैं. शुरुआत में फिल्म में धूम्रपान करने वाली महिलाओं को भी उत्तेज़कता तथा मोहक कामुकता से जोड़ कर देखा जाता था, जिनमे से सबसे विशेष जर्मन फिल्म स्टार मार्लीन डाईट्रिच थीं. इसी तरह, हम्फ्रे बोगार्ट और [[आड्री हेपबर्न|ऑड्री हेपबर्न]] जैसे अभिनेताओं का उनकी धूम्रपान वाली छवि के साथ बारीकी से चित्रित किया गया है और उनके कुछ सबसे प्रसिद्ध चित्रों तथा भूमिकाओं में सिगरेट के धुएं की एक घनी धुंध दिखाई देती है. हेपबर्न ने एक सिगरेट धारक के रूप में, विशेषकर ब्रेकफास्ट एट टिफ़नी'स (Breakfast at Tiffany's) नामक फिल्म में, अक्सर ग्लैमर बढ़ाया. धूम्रपान सेंसरशिप को ख़त्म करने के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता था, क्योंकि दो सिगरेटों का एक ऐश ट्रे में जलना अक्सर यौन गतिविधि को 'दर्शाता' था.
 
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से, स्क्रीन पर धूम्रपान के दृश्य धीरे-धीरे कम हो गए, चूंकि धूम्रपान के स्पष्ट स्वास्थ्य खतरे अब व्यापक हो गए थे. धूम्रपान विरोधी अभियान को अधिक से अधिक सम्मान और प्रभाव मिलने के कारण, स्क्रीन पर धूम्रपान को नहीं दिखने के जागरुक प्रयास किये जा रहे हैं ताकि धूम्रपान कि प्रोत्साहन न मिले, विशेषकर पारिवारिक फिल्मों में या फिर इसे सकारात्मक रूप से दिखाया जाता है. आज के दौर में स्क्रीन पर धूम्रपान करने वाले चरित्र अक्सर असामाजिक या आपराधिक होते हैं.<ref>नूह इसर्बर्ग, ''स्मोक'' में "सिनेमैटिक स्मोक: वेइमार से हॉलीवुड तक", पीपी. 248-255</ref>
 
=== साहित्य ===
 
सिर्फ कल्पना के अन्य प्रकार के रूप में, धूम्रपान का साहित्य में महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है और धूम्रपान करने वाले चरित्रों को अक्सर महान व्यक्तित्व, या सनकी, या विशेष रूप से सबसे प्रमुख व्यक्ति जैसे [[शर्लक होम्स, एस॑क्वायर|शर्लक होम्स]] के रूप में दिखाया जाता था. छोटी कहानियों और उपन्यासों का एक हिस्सा बनने के अलावा, धूम्रपान साहित्य अंतहीन प्रशंसाओं तक फैला हुआ है, जिसमे इसके गुणों तथा एक समर्पित धूम्रपान करने वाले के रूप में लेखक की पहचान की पुष्टि की जाती है. विशेष रूप से 19वीं शताब्दी के अंत और शुरुआती 20 वीं सदी में, धूमधाम से ''टोबेको : इट्स हिस्टरी एंड एसोसिएशंज़'' (Tobacco: Its History and associations) (1876), ''सिगरेट्स इन फैक्ट एंड फैंसी'' (Cigarettes in Fact and Fancy) (1906) और ''पाइप एंड पाउच: द स्मोकर्स ओन बुक ऑफ़ पोइट्री'' (Pipe and Pouch: The Smokers Own Book of Poetry) (1905) जैसी किताबें अमेरिका और ब्रिटेन में लिखी गई थीं. शीर्षकों को पुरुषों द्वारा अन्य पुरुषों के लिए लिखा गया था और इसमें सामान्य गपशप व धूम्रपान के प्रति प्रेम के काव्य चिंतन और इससे संबंधित सभी चीज़ें शामिल हैं, तथा साथ ही परिपक्व अविवाहित जीवन की निरंतर सराहना की गई है. ''द फ्रेगरेन्ट वीड: सम ऑफ़ द गुड थिंग्स विच हैव बीन सेड ओर संग अबाउट टोबेको'' , (The Fragrant Weed: Some of the Good Things Which Have been Said or Sung about Tobacco) 1907 में प्रकाशित हुई, इसके साथ और बहुत सी पुस्तकों के अलावा, टॉम हाल द्वारा लिखी गई ''ए बैचलर्स व्यू'' (A Bachelor's Views) नामक कविता की निम्न पंक्तियां बाकी सभी पुस्तकों से कुछ विशिष्ट हैं:
 
[[Fileचित्र:My Lady Nicotine.jpg|thumb|150px|द कवर ऑफ़ माई लेडी निकोटाइन: जे.एम. बारिए द्वारा अ स्टडी इन स्मोक (1896), अन्यथा सर्वोत्तम उनके खेलने के लिए जाना जाता पीटर पेन.]]
 
{{cquote|सो लेट अस ड्रिंक<br />टू हर, – बट थिंक<br />ऑफ हिम हू हैज टू कीप हर;<br />एंड ''संस'' अ वाइफ<br />लेट्स स्पेंड ऑर लाइफ<br />इन बेचेलोरडम, – इट्स चीपर.|||Eugene Umberger<ref>Eugene Umberger, "In Praise of Lady Nicotine: A Bygone Era of Prose, Poetry... and Presentation" in ''Smoke'', p. 241</ref>}}
 
ये सभी कार्य एक युग में प्रकाशित किये गए थे जिससे बाद, सिगरेट तम्बाकू की खपत का प्रमुख साधन बन गया तथा पाइप, सिगार ओर तम्बाकू चबाना अभी भी सामान्य बात थी. ज्यादातर पुस्तकें उपन्यास पैकेजिंग के रूप में प्रकाशित हुईं जो पढ़े लिखे सज्जनों को आकर्षित करती थी. ''पाइप एंड पाउच'' (Pipe and Pouch ) तम्बाकू की थैली से मिलते जुलते चमड़े के बैग में आई तथा ''सिगरेट्स इन फैक्ट एंड फैंसी'' (Cigarettes in Fact and Fancy) (1901) पुस्तक के कवर पर चमड़ा मढ़ा हुआ था जो एक नकली सिगारनुमा डिब्बे में पैक की गई थी. 1920 के दशक के अंत में, साहित्य के इस प्रकार के प्रकाशन बड़े पैमाने पर घटते चले गए और बाद में केवल 20 वीं शताब्दी में अनियमित अवधियों में पुनर्जीवित किये जा सके.<ref>यूजीन अम्बेर्जर, ''स्मोक'' में "इन प्रेज़ ऑफ़ लेडी निकोटाइन: अ बाइजों एरा ऑफ़ प्रोज़, पोएट्री...एण्ड प्रेजेंटेशन", पीपी 236-247.</ref>
 
=== संगीत ===
 
शुरूआती आधुनिक समय के में संगीत में तम्बाकू के कुछ उदहारण हैं, हालांकि वे टुकड़ों में खास मौकों पर प्रदर्शित किये गये हैं जैसे [[योहान सेबास्तियन बाख़|जोहान्न सेबेस्टियन बाक]] का ''एडीफाइंग थोट्स ऑफ़ ए टोबैको-स्मोकर'' (Edifying Thoughts of a Tobacco-Smoker).<ref>[http://findarticles.com/p/articles/mi_qn4158/is_20041127/ai_n12813943 ऐशेश टू ऐशेश], ''द इंडिपेंडेंट'' , 27 नवंबर 2004. 2008 को पुनःप्राप्त.</ref> हालांकि, शुरुआती 20 वीं सदी और उसके बाद से धूम्रपान लोकप्रिय संगीत के साथ जुड़ा रहा है. शुरुआत में [[जैज़]] उन स्थानों पर धूम्रपान से अत्याधिक जुड़ा हुआ था जहां यह बजाया जाता था, जैसे कि बार, डांस हाल, जैज़ क्लब और यहां तक कि वेश्यालयों में भी. आधुनिक तम्बाकू उद्योग में विस्तार के साथ जैज़ की भी लोकप्रियता बढ़ती चली गई, और इसने संयुक्त राज्य अमेरिका में भी भांग के प्रसार में योगदान दिया. बाद वाले को जैज़ समुदाय में "चाय", "मग्गल" और "रीफर" के नाम से जाना गया और यह 1920 से 1930 के दशक तक इतना प्रभावी था कि इसने उस समय रचे गये गीतों में अपनी जगह बना ली जैसे कि [[लुईस आर्मस्ट्रांग|लुईस आर्मस्ट्रॉंग]] का "''मग्गल्स'' " (Muggles), लैरी एडलर का ''स्मोकिंग रीफर्स'' (Smoking Reefers) और डॉन रेडमैन का "''चैंट ऑफ़ द वीड'' " (Chant of The Weed). 1940 और 50 के दशक में जैज़ संगीतकारों में मारिजुआना की लोकप्रियता बनी रही, जब तक कि इसका स्थान हेरोइन के प्रयोग ने नहीं ले लिया.<ref>स्टीफन कॉट्रेल, स्मोक में "धूम्रपान और ऑल दैट जैज़", पीपी. 154-59</ref>
 
आधुनिक लोकप्रिय संगीत का एक और प्रकार जो गांजे के धूम्रपान के साथ बहुत अधिक जुड़ा है, रेगे नामक संगीत की एक शैली है जो [[जमैका|जैमेका]] में 1950 के अंतिम और 60 के आरंभिक दशक में पनपी. माना जाता है कि 19 वीं शताब्दी के मध्य में भांग, या ''गांजे,'' का प्रयोग आप्रवासी भारतीय श्रमिकों द्वारा शुरू किया गया और मुख्य रूप से यह भारतीय श्रमिकों से जुड़ा था जब तक कि इसे 20 वीं सदी के मध्य में रस्ताफारी आंदोलन द्वारा विनियोजित नहीं किया गया.<ref>जे एडवर्ड चेंबरलीन और बैरी चेवंनेस, स्मोक में "जमैका में गंजा", पीपी. 148</ref> रस्ताफारी गांजे के धूम्रपान को भगवान या जाह के पास आने का साधन मानते हैं, एक संगठन जिसे रेगे के प्रतीकों जैसे कि [[बॉब मार्ले|बॉब मारले]] और पीटर तोश ने 1960 और 70 के दशक में अत्याधिक लोकप्रिय बनाया.<ref>जे. एडवर्ड चेम्बर्लिन और बैरी चेवनेस, स्मोक में "जमैका में गंजा", पीपी. 144-53</ref>
 
== इन्हें भी देखें ==
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== संदर्भ ==
* ''ऐशेश टू ऐशेश: एस. लॉक, एल.ए रेनौल्ड्स और इ.एम् टेनसे द्वारा द हिस्ट्री ऑफ़ स्मोकिंग एण्ड हेल्थ '' (1998) 2 संपादित. रोडोपि. ISBN 904200396090-420-0396-0
* कोए, सोफी डी. (1994) ''अमेरिका'स फर्स्ट क्विज़ीन'' ISBN 0-292-71159-X
* गेट्ली, आइयन (2003) ''टोबैको: अ कल्चरल हिस्ट्री ऑफ़ हाउ ऐन एक्ज़ोटिक प्लांट सिद्युस्ड सिविलाइज़ेशन'' ISBN 0-802138021-9603960-4
* गोल्डवर्ग, रे (2005) ''ड्रग्स ऐक्रॉस द स्पेक्ट्रम'' . 5 एड. थॉमसन ब्रूक्स/कोल. ISBN 04950134550-495-01345-5
* ग्रीव्स, लोराइन (2002) एन्ना एलाक्ज़न्डर और मार्क एस. रॉबर्ट्स द्वारा ''हाई कल्चर: रिफ्लेक्शन ऑन एडिशन एण्ड मॉडर्नटी'' . न्यूयॉर्क राज्य विश्वविद्यालय के प्रेस. ISBN 079145553X0-7914-5553-X
* इंग्लैंड के जेम्स I, ''[http://www.la.utexas.edu/research/poltheory/james/blaste/ अ काउंटरब्लेस्ट टू टोबैको]''
* लॉयड, जे & मिचिंनसन, जे: "द बुक ऑफ जनरल इग्नोरेंस". फैबर और फैबर, 2006
* ''मरिहुआना एण्ड मेडिसीन'' (1999), संपादक: गाब्रिएल नहस ISBN 0-89603-593-X
* फिलिप्स, जे. ई. ''अफ्रीकन स्मोकिंग एण्ड पाइप्स'' , ''द जर्नल ऑफ़ ऐफ्रिकन हिस्ट्री'' , खंड 24, नं. 3.
* रोबिच्शेक, फ्रांसिस (1978) ''द स्मोकिंग गॉड्स: टोबैको इन माया आर्ट, हिस्ट्री एण्ड रिलीजियन'' ISBN 0-806118061-5111511-4
* {{Cite book|last=Gilman|first=Sander L.|last2=Xun|first2=Zhou|date=2004-08-15|title=Smoke: A Global History of Smoking|url=http://books.google.com/?id=mM5bYb_uVcwC&printsec=frontcover&dq=smoke|publisher=Reaktion Books|accessdate=2009-03-22|isbn=978-1861892003|oclc=|doi=|doi_brokendate=|bibcode=|id=}}
* विल्बर्ट, जोहानिस (1993) ''टोबैको एण्ड शमानिज्म इन साउथ अमेरिका'' ISBN 03000579030-300-05790-3
* बर्न्स, एरिक. द स्मोक ऑफ़ द गॉड्स: तम्बाकू का एक सामाजिक इतिहास. फिलाडेल्फिया: मंदिर यूनिवर्सिटी प्रेस, 2007.
* कुलिकोफ़, एलन. तम्बाकू और दास: चेसापीक में दक्षिणी संस्कृति के विकास. उत्तरी केरोलिना: उत्तरी केरोलिना प्रेस के विश्वविद्यालयों, 1986.
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{{Commons category|Smoking}}
* [http://www.bbc.co.uk/headroom/emotional_health/smoking.shtml बीबीसी हेडरूम] - धूम्रपान की सलाह
* [http://www.cancer.gov/cancertopics/factsheet/Tobacco/cancer सिगरेट धूम्रपान और कैंसर] - राष्ट्रीय कैंसर संस्थान
* [http://www.cdc.gov/tobacco धूम्रपान और तंबाकू का प्रयोग] - रोग नियंत्रण के लिए केंद्र
* [http://www.ahrq.gov/path/tobacco.htm तम्बाकू का प्रयोग और निर्भरता का इलाज] - अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग और मानव सेवाएं
* [http://www.nhs.uk/livewell/smoking/Pages/stopsmokingnewhome.aspx धूम्रपान को कैसे रोकें] - राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ब्रिटेन
 
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