"टाँका लगाना": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Lotkegel.svg|right|200px|thumb|एक प्रतिरोधक को टाँका लगाकर पीसीबी पर स्थापित किया गया है।]]
'''टाँका लगाना''' (Soldering), झालना, या राँजना, धातु के दो टुकड़ों को जोड़ने की एक विधि है। अनेक मिश्रधातुएँ, जो जोड़ लगाने में काम आती हैं, "टाँका" या "झाल" कहलाती हैं। टाँका देने की क्रिया केवल यांत्रिक ही नहीं हैं, क्योंकि जोड़ी जानेवाली धातुओं से झाल मिल जाती है और परिणामस्वरूप कोई नई [[मिश्रधातु]] बन जाती है।
 
परिस्थितियों के अनुसार टाँके की रचना भिन्न-भिन्न होती है। उसे जोड़ी जानेवाली धातुओं की अपेक्षा अधिक गलनीय अवश्य होना चाहिए।
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जोड़ी जानेवाली धातुओं का संपर्क में आनेवाला भाग बहुधा मैल या आक्साइड के आवरण से ढका होता है। अत: टाँका लगाते समय प्राय: कुछ रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करना पड़ता है, जिनके बिना टाँका लगाना असंभव होता है। ये द्रावक कहलाते हैं। पक्के टाँके में सुहागा काम आता है। कच्चे टाँके में विभिन्न धातुओं के लिये प्राय: सुहागा, नौसादर, यशद क्लोराइड, रेजिन, या चरबी का प्रयोग किया जाता है ।
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[वेल्डन]]
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.solderinguide.com/ Basic soldering guide]
* [http://www.epemag.wimborne.co.uk/desolderpix.htm Desoldering guide]